पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल 18 दिसंबर 2024 तिरुपति से कांचीपुरम पहुंचेंगे। 19 दिसंबर 2024 से श्रीमठ, कांचीपुरम में पूजा होगी
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जगद्गुरु पूज्यश्री कांची महास्वामीजी का 31वां आराधना महोत्सव- 25-27 दिसंबर 2024 तक
श्री कांची कामकोटि पीठम के 68वें आचार्य परम पूज्य जगद्गुरु पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीगल का 31वां आराधना महोत्सव 25 से 27 दिसंबर 2024 तक श्रीमटम, कांचीपुरम में होगा।
25 दिसंबर से वेद पारायण,विद्वत सदास, प्रवचन और भजन होंगे। एकादश रुद्र जप हवन 27 दिसंबर - आराधना दिवस पर सुबह 7 बजे शुरू होगा। बृंदावन में वसोरधारा, पूर्णाहुति और महाभिषेक दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच होगा। सुबह 9 बजे से पंचरत्न कृतियों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा।
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तिरुमला में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी - दर्शन एवं मंदिर से सम्मान प्रदान किया गया
8 दिसंबर 2024- भानुवसारम
पूज्य श्री शंकराचार्य स्वामीजी, जो तिरुपति में श्री शंकर मटम पादुका मंडप में हैं,उन्होंने 8 दिसंबर 2024 को तिरुमला का दौरा किया।
तिरुमला श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थानम में पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल को मंदिर सम्मान प्रदान किया गया। मेट्टू मंडपम में आचार्य का स्वागत किया गया। चलते हुए पूज्यश्री आचार्य ने बेदी आंजनेयस्वामी के दर्शन किये। श्री सडारी को श्रीवारी मंदिर से एक जुलूस के रूप में लाया गया और वैदिक मंत्रोच्चार और मंगलवाद्य के साथ स्वामीजी को अर्पित किया गया। स्वामीवरु को श्री वारी दर्शन हुए, जिसके दौरान मापी आरती किया गया। स्वामीजी ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी को विंचमारा सेवा प्रदान की। प्रसाद चढ़ाया गया। इसके बाद आचार्य मुख्य सन्निधि की परिक्रमा करके मद वेधी से होते हुए मंदिर की छतरी और अन्य सम्मानों के साथ तिरुमला में श्री शंकर मट पहुंचे। बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया और गुरु और श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन किए। पुजारियों के साथ टीटीडी अधिकारियों ने भी उनका स्वागत किया और स्वीमीजी ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
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कामकोटि वाणी- कांची वृत्तपत्रिका-कामकोटि वाणी - श्री कांची कामकोटि पीठम की गतिविधियों को कवर करने वाला मराठी में एक मासिक समाचार पत्र - अक्टूबर-नवंबर। 2024 संस्करण- अब https://kamakoti.org/kamakoti/Marthi/Newsletter/ पर उपलब्ध है
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने जयेन्द्रम एवं संविधान लॉन का उद्घाटन श्री कांची महा स्वामी ट्रस्ट में किया |
श्री कांची कामकोटि पीठम के 69वें शंकराचार्य परम पूज्य जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के जीवन एवं समय पर जयेन्द्रम प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संविधान लॉन का उद्घाटन रविवार, 1 दिसंबर, 2024 को शाम 4:25 बजे श्री कांची महा स्वामी ट्रस्ट ,नंबर एक ,शंकर नगर राजाकिलपक्कम ,ताम्बरम ईस्ट ,चेन्नई में किया गया।
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दिसंबर 2024 में श्रीमटम में विशेष पूजा और कार्यक्रम
13 दिसंबर, शुक्रवार- प्रदोष पूजा
14 दिसंबर, शनिवार- पूर्णिमा पूजा, कार्तिगई दीपम, त्रिपुरोत्सव पूजा
16 दिसंबर, सोमवार- धनुर मास्य पूजा प्रारंभ
21 दिसंबर, शनिवार- मकरायण पुण्यकालम्
27 दिसंबर, शुक्रवार- परम पूज्य श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीगल आराधना
28 दिसंबर, शनिवार- प्रदोष पूजा
30 दिसंबर, सोमवार- हनुमत जयंती
रथोत्सव - 28 अनुषम, 2 और 30 मूलम, 6 अवित्तम, 4 उथराडम
शुक्रवर पूजा - 6, 13, 20, 27
लाइव अपडेट के लिए www.kamakoti.tv और दान करने के लिए www.kanchimuttseva.org पर जाएं ऑनलाइन
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विजय यात्रा अपडेट - 24 नवंबर 2024 को तीर्थहल्ली श्री रामचंद्रपुरा मटम में धर्म सभा आयोजित की गई।
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विजय यात्रा अपडेट- 23 नवंबर 2024 को शक्तिपुरम श्रीविद्या पीठम में चंडी होम पूर्णाहुति का आयोजन किया गया
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पूज्यश्री कांची शंकराचार्य स्वामीजी ने 19/12/24 को श्री कतील दुर्गा अम्मावरुदेवस्थान का दौरा किया। पूज्य आचार्य ने भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया I
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने कासरगोड जिले के मुलेरिया में श्री कांची कामकोटि दुर्गा परमेश्वरी भजन मंडप को आशीर्वाद दिया और भूमि पूजन किया-18/11/2024
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने 18-नवंबर-2024 को सुलिया में श्री चेन्नकेशव पेरुमल मंदिर का दौरा किया- विशेष पूजा की गई। पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का एडनीर मठ का दौरा - गुरु वंदना कार्यक्रम ,शाम (17 नवंबर 2024) को आयोजित किया गया था। एडनीर मठ के पूज्य सचिदानंद स्वामीजी ने अभिनंदन किया। पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने सभा को अनुग्रह भाषण दिया।
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने धर्मस्थल, कर्नाटक में श्री मंजुनाथस्वामी मंदिर का दौरा किया - 11 नवंबर 2024
श्री कांची कामकोटि पीठाधिपति जगद्गुरु पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री मंजूनाथ स्वामी देवस्थानम का दौरा किया और श्री मंजूनाथस्वामी और श्री अम्मानावरु के दर्शन किए। विशेष आरती किया गया। मंदिर के प्रवेश द्वार पर श्री वीरेंद्र हेगड़े द्वारा पूर्ण कुंभ स्वागत के साथ स्वामीजी का स्वागत किया गया। स्वामीजी ने श्री मंजुनाथ स्वामी और श्री अम्मनवारु सन्निधि के सामने गहन चिंतन में कई मिनट बिताए।
तत्पश्चात् , श्री हेगड़े के आवास पर स्वामीजी का स्वागत किया गया और पाद पूजा की गई। स्वामीजी ने श्री वीरेंद्र हेगड़े और परिवार को शॉल और शेष वस्त्र से आशीर्वाद दिया।
पहले दिन में स्वामीजी ने कार्तिक सोमवार पूजा की, जो सुबह 9:30 बजे शुरू हुई और शाम 6 बजे समाप्त हुई, उसके बाद वे श्रीमटम शिविर के स्थान वसंत महल से श्री मंजूनाथस्वामी मंदिर गये।
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने मंजूषा संग्रहालय का दौरा किया 10/11/2024
पूज्य श्री शंकराचार्य स्वामीजी ने धर्मस्थल में मंजूषा संग्रहालय का दौरा किया, जिसमें प्रागैतिहासिक औजारों, जीवाश्म वस्तुओं, पत्थर और कांस्य मूर्तियों, ताड़ के पत्तों की पांडुलिपियों, तांबे की प्लेटों, सिक्कों, प्राचीन चित्रों, लकड़ी के शिल्प, कैमरों, घड़ियों, विशाल खाना पकाने के बर्तन, संगीत वाद्ययंत्र, फोटो संग्रह आदि से लेकर कलाकृतियों का सबसे बड़ा एकल व्यक्ति संग्रह है।
धर्मस्थल के धर्माधिकारी श्री वीरेंद्र ने स्वामीजी का स्वागत किया, पूरे संग्रह को देखा और बारीकियों को समझाया
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने 10 नवंबर 2024 को धर्मस्थल में अमृतवाणी महल का दौरा किया और यक्षगान प्रदर्शन की शोभा बढ़ाई - एक भक्तिपूर्ण पारंपरिक नृत्य-नाटिका प्रस्तुत की गयी।
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9 नवंबर 2024- पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी को धर्माधिकारी डॉ. वीरेंद्र हेगड़े के नेतृत्व में धर्मस्थल, दक्षिण कन्नड़, कर्नाटक में भव्य और पारंपरिक स्वागत दिया गया। हाथियों से लेकर रंगारंग सांस्कृतिक प्रदर्शनों तक, कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी के आगमन की घोषणा करते हुए की गयी थी। एक भव्य शोभा यात्रा आयोजित की गई जिसके बाद स्वागत सभा हुई जिसमें स्वामीजी ने सभा को भाषण दिया ।
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने 7 नवंबर 2024 अरिशिनाकुंटे में श्री आंजनेय स्वामी मंदिर का दौरा किया। विशेष पूजाएँ की गईं। पूज्य स्वामीजी ने सभा को अनुग्रह भाषण दिया।
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विजय यात्रा - पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी 7 नवंबर 2024 को हसन पहुंचे। हसन के SDM कॉलेज ऑडिटोरियम में स्वागत सभा आयोजित की गई, जहाँ विद्वानों, कॉलेज प्रबंधन,हसन के मेयर और अन्य गणमान्य नागरिकों, ब्राह्मण सभा के सदस्यों और अन्य भक्तों द्वारा स्वामीजी का पारंपरिक स्वागत किया गया। पूज्य स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण के साथ सभा को आशीर्वाद दिया।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने आज शाम (2 नवंबर 2024) तिरुपति में तिरुमाला पहाड़ियों की तलहटी में स्थित भारतीय विद्या भवन के श्री वेंकटेश्वर विद्यालय का दौरा किया और प्रबंधन, शिक्षकों और छात्रों को आशीर्वाद दिया। स्वामीजी ने अनुग्रह भाषन दिया और छात्रों को आशीर्वाद दिया। विद्यालय प्राचीन भारत की विरासत, संस्कृति, मूल्यों और ज्ञान को आधुनिक समाज की निरंतर बदलती जरूरतों और आकांक्षाओं के साथ मिलाने का प्रयास करता है।
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नवंबर 2024 में श्रीमटम में होने वाले विशेष पूजा और कार्यक्रम
1 नवंबर, शुक्रवार- लक्ष्मी पूजा
4 नवंबर, सोमवार- कृतिका सोमवार पूजा
7 नवंबर, गुरुवार- स्कंद षष्ठी
11 नवंबर, सोमवार- कृतिका सोमवार पूजा
13 नवंबर, बुधवार- तुलसी विवाह, बृंदावन द्वादशी, प्रदोष पूजा
15 नवंबर, शुक्रवार- अन्नाभिषेक, पूर्णिमा पूजा
18 नवंबर, सोमवार- कृतिका सोमवार पूजा
25 नवंबर, सोमवार- कृतिका सोमवार पूजा
28 नवंबर, गुरुवार- प्रदोष पूजा
रथोत्सव -3 -अनुषम, 5-मूलम, 9-अविट्टम,7-उथराडम
शुक्रवरा पूजा - 1, 8, 15, 22, 29
अपडेट के लिए www.kamakoti.org पर जाएँ और ऑनलाइन योगदान देने के लिए www.kanchimuttseva.org पर जाये। श्रीमटम शिविर वर्तमान में तिरुपति, आंध्रप्रदेश में है
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दीपावली - पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थानम का दौरा किया, जहां विशेष पूजा और सेवा की गई।
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दीपावली - तिरुपति में, सुबह-सुबह, पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने भक्तों को विश्वरूप दर्शन दिया, जिसके बाद श्री त्रिपुरसुंदरी सहित श्री चंद्रमौलीश्वर स्वामी की सुबह-सुबह विशेष दीपावली पूजा की गई। इसके बाद, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी श्री वेंकटेश्वर स्वामी के निवास ,तिरुमलाके लिए रवाना हो गए। तिरुमला पहुंचकर, स्वामीजी ने पवित्र पुष्करिणी तीर्थ में अनुष्ठानकिया, और श्री भू वराहस्वामी मंदिर का दौरा किया, जहां विशेष पूजा की गई।
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श्री श्रीदेवी भूदेवी समेत श्री महाविष्णु स्वामी, विनायक, सरस्वती नवग्रह विमान शिखर अष्टबंधन महोत्सव का महासंप्रोक्षण श्री वैकुंठपुरम गांव, कलिगिरि कोंडा, आदिविपल्ले, पेनुमुरु मंडल, चित्तूर जिला, आंध्र प्रदेश में 28 अक्टूबर 2024 को श्री कांची कामकोटि पीठाधिपति पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति के साथ किया गया था।। पूज्य स्वामीजी ने भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया।
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श्री श्रीदेवी भूदेवी समेत श्री महाविष्णु स्वामी, विनायक, सरस्वती नवग्रह विमान शिखर अष्टबंधन महोत्सव का महासंप्रोक्षण श्री वैकुंठपुरम गांव, कलिगिरि कोंडा, आदिविपल्ले, पेनुमुरु मंडल, चित्तूर जिला, आंध्रप्रदेश में 28-10-2024 सोमवार को सुबह 9 से सुबह 10.22 बजे तक पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति के साथ आयोजित किया गया।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने 23 अक्टूबर 2024 की शाम को धर्मगिरि श्री वेंकटेश्वर वेद विज्ञान पीठम, तिरुमला का दौरा किया और अपना आशीर्वाद दिया। वेद अध्यापकों और विद्यार्थियों को अपने अनुग्रह भाषन में पूज्य स्वामीजी ने वैदिक शिक्षा के विभिन्न पहलुओं और महत्व के बारे में विस्तार से बात की और बताया कि कैसे वेद विद्यार्थी हमारे धर्म और वैदिक संस्कृति के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने बच्चों को वैदिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करने और उनका नामांकन कराने वाले माता-पिता की सराहना की और उन्हें आशीर्वाद दिया। इससे पहले, वेद विज्ञान पीठम के प्रधानाचार्य और अध्यापकों ने पूज्य आचार्य का पूर्णकुंभम से स्वागत किया और सभागार में श्री वेंकटेश्वर स्वामी की विशेष पूजा की। बाद में, तिरुपति के रास्ते में, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने तिरुमाला में श्री कांची कामकोटि पीठम शंकर मटम का दौरा किया - श्री महागणपति और श्री आदि शंकराचार्य सन्निधि में आरती की।
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पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने 20 अक्टूबर 2024 को वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, माँ विसालाक्षी- अन्नपूरनी और काल भैरव मंदिर का दौरा किया- विशेष पूजा और आरती की।
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*परशुराम कुंड यात्रा 2025* श्री कांची कामकोटि पीठाधिपति पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद से, 8वीं वार्षिक परशुराम कुंड यात्रा (अरुणाचलप्रदेश और असम) 11 से 17 जनवरी 2025 तक शुभ मकर संक्रांति के दौरान की जाएगी। परशुराम कुंड, अरुणाचल में - मकर संक्रांति, लोहिता नदी उत्तरायण पुण्य स्नान, हवन, वेद पारायणम, श्लोक पारायणम एवं गुवाहाटी, असम में - शक्ति पीठ कामाख्या मंदिर और श्री पूर्व तिरूपति बालाजी मंदिर के दर्शन शामिल हैं।
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आरजे शंकर नेत्र चिकित्सालय का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 अक्टूबर 2024 को अस्पताल में आयोजित एक कार्यक्रम में परम पूज्य श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति में उत्तरप्रदेश के वाराणसी में किया। पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने अनुग्रह भाषन से उपस्थित लोगों को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और पद्मश्री डॉ. आर वी रमानी ने भी अपने विचार रखे। आरजे शंकर नेत्र चिकित्सालय में 225 बिस्तरों की क्षमता है। इसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश के रोगियों की सेवा के लिए बनाया गया है। अस्पताल का उद्देश्य उन्नत नेत्र देखभाल प्रदान करना और एक व्यापक क्षेत्र की सेवा करना है, जिससे इन क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच में उल्लेखनीय वृद्धि हो।
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*श्री कामकोटि वाणी - कन्नड़ में समाचार पत्र - अक्टूबर 2024 अंक* अब https://kamakoti.org/kamakoti/Kannada/Newsletter/ पर उपलब्ध है। समाचार पत्र के इस संस्करण में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की विश्वरूप यात्रा पर एक रिपोर्ट है, साथ ही तस्वीरें और अनुग्रह भाषन भी शामिल हैं। श्री मंजूनाथ भट्ट द्वारा लिखित मूक पंचशती का अर्थ भी प्रस्तुत किया गया है। काव्यों का परिचय और अन्य रोचक लेख प्रस्तुत किए गए हैं। हाल ही में श्री कांची कामकोटि पीठम शंकर मठ, मल्लेश्वरम, बैंगलोर में आयोजित देवी नवरात्रि समारोह को भी कवर किया गया है
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श्री कामकोटि प्रदीप- मासिक आध्यात्मिक पत्रिका - अक्टूबर 2024 - पोस्ट की इलेक्ट्रिक कॉपी - https://kamakoti.org/kamakoti/books/Kamakoti-Pradeepam-Magazine.html
श्री कामकोटि प्रदीप- तमिल में मासिक आध्यात्मिक पत्रिका - अक्टूबर 2024 की ई-कॉपी अब https://kamakoti.org/kamakoti/books/Kamakoti-Pradeepam-Magazine.html पर उपलब्ध है
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विजय यात्रा अपडेट - 14 अक्टूबर 2024 तक - श्रीमटम शिविर शंकर कॉलेज फॉर नर्सिंग ,कॉलेज इमारत, नल्लूर, कांचीपुरम के पास होगा (देवी नवरात्रि यहां मनाई जाएगी) 15 अक्टूबर 2024 से -श्री कांची कामकोटि पीठम पादुका मंडप,तिरुपति में होगी।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल की विजय यात्रा के पश्चात् श्रीमठम शिविर 19 सितंबर 2024 से कांचीपुरम के पास नल्लूर गांव में नवनिर्मित शंकर कॉलेज फॉर नर्सिंग में रहेगा।
स्थान -https://maps.app.goo.gl/66ziyRtfVpj45zr5A
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श्री कामाक्षी अंबाल देवस्थान, कांचीपुरम क्रोधी वर्ष श्री देवी नवरात्रि महोत्सव - 2 से 14 अक्टूबर 2024 श्री कांची कामकोटि पीठाधिपति जगद्गुरु पूज्यश्री के आशीर्वाद से क्रोधी वर्ष श्री देवी नवरात्रि महोत्सव 2 से 14 अक्टूबर 2024 तक श्री कांची कामाक्षी अंबाल देवस्थान में शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से आयोजित किया जाएगा।। सुबह विशेष अभिषेक, पूजा, नववर्ण पूजा, कन्या पूजा, सुवासिनी पूजा की जाएगी, और शाम को, श्री कामाक्षी अंबाल उत्सव, सूरसम्हार और संगीत सेवा नवरात्रि मंडपम में किया जाएगा। लक्षार्चना,चतुर्वेद पारायण, चंडी सप्तशती पारायण किए जाएंगे।
#कामकोटि
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी (13-14 सितंबर 2024) के आशीर्वाद और उपस्थिति में ओरिक्कई में पूज्यश्री महास्वामीगल मणिमंडप में सहस्र सुवासिनी पूजा की गई।
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चातुर्मास्य व्रत पूर्ति के उपलक्ष्य में विश्वरूप यात्रा 18 सितंबर 2024 - बुधवार शाम 4 बजे पूज्य महास्वामीगल मणिमंडप, ओरिक्काई से श्री कांची कामाक्षी अंबाल देवस्थान वसंत मंडप तक श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा की जाएगी।
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शुभ भद्रपाद माह के दौरान, विभिन्न स्थानों से भक्त गुजरात के अंबाजी माता (51 शक्तिपीठों में से एक) के मंदिर में दर्शन करने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। इस मंदिर के रास्ते में अंबाजी में "इक्कावन शक्ति पीठ मंदिर" है, जिसे श्री कांची कामकोटि पीठम के जगद्गुरु शंकराचार्यों द्वारा प्रतिष्ठित किया गया है। मंदिर में एक ही स्थान पर सभी 51 शक्तिपीठों की देवियों के सन्नन्धि हैं। पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, इस भद्रपाद माह के दौरान अंबाजी माता मंदिर, अंबाजी, गुजरात में आने वाले पदयात्रियों के लिए भोजन प्रसाद और विश्राम स्थल की व्यवस्था की जाती है।
मंदिर के बारे में अधिक जानकारी के लिए : https://www.kamakoti.org/kamakoti/details/Sri%20Kanchi%20Kamakoti%20Peetam%20Ambaji.html
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सहस्र मोदक गणपति होम पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद और उपस्थिति में 7 सितंबर 2024 सुबह विनायक चतुर्थी - को ओरिक्कई कामकोटि के श्रीमटम शिविर में किया गया।
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विनायक चतुर्थी पूजा - एकविंशति पत्र पूजा- अर्चना के लिए 21 प्रकार के पत्तों का उपयोग किया जाएगा
विनायक चतुर्थी पूजा के हिस्से के रूप में, श्रीमठम में विनायक को एकविंशति पत्र पूजा (21 प्रकार के पत्तों से अर्चना) की जाती है।
संस्कृत, तमिल, तेलुगु और अंग्रेजी में कैप्शन के साथ पत्तों की तस्वीरें दी गई हैं।
https://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2020/vinayaka-chaturti-7164-20210908.html
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सितंबर 2024 में श्रीमठम में होने वाली विशेष पूजाएँ और कार्यक्रम
5 सितंबर, गुरुवार - साम वेद उपाकर्म
7 सितंबर, शनिवार - विनायक चतुर्थी
8-9 सितंबर - अद्वैत सभा
10-12 सितंबर - वेद भाष्य सदन
12 सितंबर, गुरुवार - आवनी मूलम
15 सितंबर, रविवार - प्रदोष पूजा
17 सितंबर, मंगलवार - पूर्णिमा पूजा
18 सितंबर, बुधवार - चातुर्मास्य समाप्त, विश्वरूप पूजा
29 सितंबर, रविवार - यति महाआलयम
30 सितंबर, सोमवार - प्रदोष पूजा
रथोत्सव - 10वां-अनुषम, 12वां-मूलम, 15वां- अविट्टम, 14वां- उथराडम
शुक्रवारा पूजा - 6,13, 20, 27 अपडेट के लिए kamakoti.org पर जाएं और ऑनलाइन दान करने के लिए www.kanchimuttseva.org
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9 से 11 अगस्त 2024 तक श्री कांची कामकोटि पीठाधिपति पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से सार्वभौमिक शांति और कल्याण की प्रार्थना करते हुए उत्तरप्रदेश के नैमिषारण्य क्षेत्र में 3 दिवसीय वेद सम्मेलन आयोजित किया गया। ऋग्वेद, कृष्ण यजुर वेद, शुक्ल यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद के विद्वान तमिलनाडु और अन्य स्थानों से भाग लिये।
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श्री कांची कामकोटि पीठम एनआरआई न्यूज़लेटर - खंड VI- अंक III (अगस्त 2024) अब ऑनलाइन उपलब्ध है और इसे https://kamakoti.org/kamakoti/newsletter/ पर देखा जा सकता है
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2 अगस्त 2024 को आडी पेरुक्कु मनाया गया
तमिल महीने आडी / आषाढ़ का 18वां दिन आडी पेरुक्कु के रूप में मनाया जाता है। इस दिन तमिलनाडु में पवित्र कावेरी नदी की विशेष पूजा करने की प्रथा है।
दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार, भले ही कोई कावेरी नदी के किनारे न रहता हो, वह पास के किसी जल निकाय (तालाब, मंदिर की टंकी, झील आदि) में जाकर उसमें दिव्य नदी का आह्वान कर सकता है और पूजा कर सकता है। कावेरी अष्टोत्तर या लक्ष्मी अष्टोत्तर अर्चना के बाद षोडशोपचारम, नैवेद्यम और दीपदान किया जाता है।
इस प्रथा के अनुसार, श्री कांची कामकोटि पीठम के पंडित हर साल श्रीमट शिविर के स्थान पर विशेष पूजा करते हैं।
सुबह पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद और उपस्थिति में, पंडित भक्तों के साथ ओरिक्कई में पूज्य कांची महास्वामीगल मणिमंडपम के समीप पालार नदी (क्षीर-नदी के रूप में प्रतिष्ठित) गए और कावेरी पूजा की। पवित्र जल से भरे कलश को श्रीमट शिविर में लाया गया और पूज्य स्वामीगल को अर्पित किया गया। इस अवसर पर विशेष नैवेद्य प्रसाद वितरित किए गए।
काकारो कलुषं हन्ति वेकारो वाञ्चित प्रदः । रीकारो मोक्षदं नाॄनां कावेरीत्यवधारय॥
कावेरी में "क" शब्द का अर्थ है सभी पापों को दूर करना, "वे" का अर्थ है हमारी इच्छा को पूरा करना, और "रय" का अर्थ है जन्म के चक्र से मुक्ति प्रदान करना। कावेरी नदी की ऐसी महानता है।
कावेरी त्रिजन्मानः कावेरी सलिलाप्लुता। कावेरि वाताद्यै सृजा यान्ति हरेःपदम्।
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वार्षिक वेदिक समष्टि दीक्षावंदन 1 अगस्त 2024 ओरिकाई में श्रीमट शिविर में किया जा रहा है। हर साल, वैदिक दीक्षावंदनम चातुर्मास के दौरान किया जाता है।
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अगस्त 2024 में श्रीमट में होने वाली विशेष पूजाएँ
1 अगस्त, गुरुवार- द्वादशी, प्रदोष पूजा
2 अगस्त, शुक्रवार- आडी पेरुक्कु
7 अगस्त, बुधवार- आडी पूरम
9 अगस्त, शुक्रवार- गरुड़ पंचमी
9-11 अगस्त ,शुक्रवार-रविवार ,अग्निहोत्र सदा
11 अगस्त, रविवार- बानु सप्तमी, आडी- स्वाति
12-14 अगस्त, सोमवार-बुधवार, पंचांग सदा
14 अगस्त, बुधवार - बुध अनुराधा पुण्य काल
17 अगस्त, शनिवार- प्रदोष पूजा
19 अगस्त ,सोमवार- पूर्णिमा पूजा, ऋग उपकर्म , यजुर उपकर्म ,सोम श्रवण पुण्य काल
20 अगस्त, मंगलवार- गायत्री जप
23 अगस्त, शुक्रवार - ब्रुगु रेवती
25 अगस्त, रविवार - बानू सप्तमी
26 अगस्त, सोमवार- श्री जयंती- गोकुलाष्टमी
31 अगस्त, शनिवार- प्रदोष पूजा
रथोत्सव- 13-अनुष, 15-मूलम्, 19- अविट्टम, 17-उत्तराडम, शुक्रवार पूजा -2, 9,16, 23, 30
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कामकोटि वाणी - श्री कांची कामकोटि पीठम की गतिविधियों को कवर करने वाला तेलुगु में एक मासिक समाचार पत्र - जून-जुलाई 2024 संस्करण अब https://kamakoti.org/telugu/newsletter/kamakoti-vani-telugu-newsletter.html पर लाइव है।
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शुक्रवार -26 जुलाई 2024 को कांचीपुरम में श्री कांची कामाक्षी अंबाल को स्वर्ण रथोत्सव मनाया गया
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श्रीमट शिविर ओरिक्कई पहुंचे रामेश्वरम और तिरुवनाइकोइल की यात्रा के बाद, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल 24 जुलाई 2024 ओरिक्कई पहुंचे, जहाँ उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया। पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल श्री चंद्रमौलीश्वर स्वामी पूजा मंडप, पूज्य महास्वामी ममीमंडप, ओरिक्काई, कांचीपुरम के पास, चातुर्मास्य व्रत का पालन करेंगे।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने श्री शंकर मट जगद्गुरु विद्यास्थान के पिछले छोर पर स्थित तिरुवनाइकावल में श्री पंच मुखेश्वर स्वामी मंदिर का दौरा किया। विशेष पूजाएँ की गईं। पहले एक अनुग्रह भाषण में, पूज्य स्वामीगल ने इस क्षेत्र के मंदिरों पर बोलते हुए उल्लेख किया था कि यह पंचमुखेश्वर स्वामी काठमांडू, नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर के समान है।
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जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल का जयंती महोत्सव - स्वर्ण रथोत्सव राजा विधियों के आसपास कांचीपुरम में आयोजित किया गया था। बृंदावन मंडप में संगीत समर्पण किया गया। अन्य कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। श्रीमट में आयोजित एक कार्यक्रम में जरूरतमंदों को व्हीलचेयर, खाना पकाने के बर्तन और अन्य किट सौंपी गईं।
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पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल का जयंती महोत्सव - स्वर्ण रथोत्सव 23 जुलाई 2024 श्री कांची कामाक्षी अंबल देवस्थानम, कांचीपुरम में आयोजित किया गया।
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श्रीमट शिविर विल्लुपुरम पहुंचा
तिरुवनाइकावल में पांच दिवसीय शिविर, जहां पूज्य शंकराचार्य स्वामीगल ने इस वर्ष व्यास पूजा की थी,23 जुलाई 2024 पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल की जयंती समारोह के साथ संपन्न हुआ और विल्लुपुरम के लिए रवाना हुआ। विल्लुपुरम शंकरा मट में रात्रि विश्राम के बाद, यात्रा सुबह ओरिक्काई (कांचीपुरम के पास) में वापसी के साथ समाप्त हुई।
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व्यास पूजा-पुन: पूजा 22-जुलाई-2024 को की गई ।व्यास पूजा-पुन: पूजा परम पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा जगद्गुरु विद्यास्थान, तिरुवनाइकावल में की गई। पूजा के बाद, पूज्य स्वामीगल ने सभी एकत्रित भक्तों को व्यक्तिगत रूप से व्यासाक्षत दिया। इससे पहले सुबह, पूज्य आचार्य ने नित्य चंद्रमौलेश्वर स्वामी पूजा की।
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श्री कांची कामकोटि पीठाधिपति पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी काशी यात्रा के समापन पर 18-जुलाई-2024 (गुरुवार) को लगभग 8 बजे रामेश्वरम से श्री कांची कामकोटि पीठम जगद्गुरु विद्यास्थान (श्री कांची शंकर मठ, 67, उत्तर, इनर रोड, थिरुवनाइकोविल, तिरुचिरापल्ली 620005, तमिलनाडु) श्री महा त्रिपुरसुंदरी अंबा समिता श्री चंद्रमौलेश्वर स्वामी पूजा के साथ पहुंचेंगे।
विशेष पूजा: 19 जुलाई- शुक्रवार- प्रदोष पूजा
20 जुलाई- शनिवार- पूर्णिमा पूजा
21 जुलाई- रविवार- श्री व्यास पूजा https://maps.app.goo.gl/2TZbpyBzDggh8PQV7
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काशी यात्रा के समापन पर पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने रामेश्वरम में श्री रामनाथ स्वामी का गंगााभिषेक किया - 17 जुलाई 2024 ,पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने 17 जुलाई 2024 सुबह 10:30 बजे रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी देवस्थान का दौरा किया और गंगााभिषेक किया। जून 2023 में प्रयागराज और वाराणसी की यात्रा के दौरान लाए गए गंगा के पवित्र जल से श्री पर्वतवर्धिनी देवी समेथ श्री रामनाथस्वामी की षोडशोपचार पूजा, काशी-रामेश्वरम यात्रा की ।यह सदियों पुरानी परंपरा के पूर्ण करता है।श्री कांची कामकोटि पीठम के 68वें आचार्य पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल और श्री कांची कामकोटि पीठम के 69वें आचार्य पूज्य श्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल ने 1921-1943 और 1963-1977 तक पैदल काशी-रामेश्वरम यात्रा की थी।स्वामीजी का अग्नितीर्थ से कांची मठ में स्वागत किया गया और उन्हें मंदिर ले जाया गया। प्रवेश द्वार पर रामनाथस्वामी मंदिर के कार्यकारी कार्यालय श्री शिवरामकुमार और ठक्कर श्री पलनी कुमार ने स्वामीजी का स्वागत किया।
2021 की काशी रामेश्वरम यात्रा और 2023 में प्रयागराज में सैकत लिंग पूजा की शुरुआत, पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल ने 29/6/2023 को धनुषकोडी, रामेश्वरम से दशाश्वमेध घाट पर गंगा में ले जाए गए सैकत परमेश्वर लिंग की प्रतिष्ठा की सदियों पुरानी परंपरा को पूरा किया। धनुषकोडी की यात्रा के लगभग 28 महीने बाद, पवित्र सिकता को उपरोक्त प्रथा के अनुसार गंगा नदी में विसर्जित किया गया और फिर से गंगा जल लिया गया। पवित्र सिकता को स्वामीजी की रामेश्वरम यात्रा के दौरान भीष्माष्टमी -19/2/2021 के बाद शुभ रथ सप्तमी पर धनुषकोडी में ले जाया गया था।
संयोग से, आज आषाढ़ एकादशी थी, उसी दिन सैकत लिंग प्रतिष्ठा की गई थी और रामनाथ स्वामी के अभिषेक के लिए प्रयागराज में शुद्ध गंगा से गंगाजल लिया गया था।
प्रतीक्षारत प्रेस से बात करते हुए स्वामीजी ने हमारे देश की प्राचीन विरासत की सराहना की, पूर्वाचार्यों की यात्राओं को याद किया, सभी से धर्म के सिद्धांतों का पालन करने, समाज की सेवा करने और शांतिपूर्ण, समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण जीवन जीने की अपील की। स्वामीजी ने यह भी कहा कि रामेश्वरम में कांची मठ की शिक्षा के क्षेत्र में गतिविधियों का विस्तार किया जाएगा।
इससे पहले दिन में, श्री आचार्य ने रामेश्वरम के अग्नितीर्थ में श्री कांची कामकोटि पीठम शंकरा मठ में श्री चंद्रमौलेश्वर पूजा की। कांची मठ में सरस्वती सन्निधि में गंगाजल से एकादश रुद्रम और हवन किया गया।
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आडी मास का शुभारंभ - 16 जुलाई 2024 कांचीपुरम में श्री कामाक्षी अम्बाल में स्वर्ण रथोत्सव मनाया गया
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दिलीप - हमारी विरासत और संस्कृति पर एक त्रैमासिक पत्रिका और श्री कांची कामकोटि पीठम की गतिविधियों और कार्यक्रमों को कवर करती है - जुलाई-सितंबर संस्करण अब https://www.kamakoti.org/kamakoti/books/dilip/newsletter-dilip.html पर उपलब्ध है
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क्रोधी संवत्सर चातुर्मास्यं ओरिक्काई में 21-07-2024
जगद्गुरु पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी 21 जुलाई 2024 को व्यास पूजा करेंगे और 21 जुलाई से 18 सितंबर 2024 तक कांचीपुरम के पास ओरिक्काई में चातुर्मास्य व्रत (विश्वरूप यात्रा) करेंगे।
चातुर्मास्य के दौरान विशेष पूजा, अन्य आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। परम पूज्य जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव 23 जुलाई 2024 को विशेष पूजा, हवन और वेद पारायण के साथ किया जाएगा। चातुर्मास्य समर्पण ई-सेवा पोर्टल www.kanchimuttseva.org के माध्यम से किया जा सकता है
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ओरिक्काई में क्रोधी संवत्सर चातुर्मास्य - ओरिक्काई में चातुर्मास्य 2024 के दौरान विशेष पूजा और कार्यक्रमों का कैलेंडर
(21 जुलाई - 18 सितंबर 2024) कामकोटि चातुर्मास्य
https://kamakoti.org/kamakoti/news/2024/visesha-pujas-68413-20240709.html
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जुलाई 2024 में श्रीमठ में विशेष पूजाएँ
3 जुलाई, बुधवार- प्रदोष पूजा
16 जुलाई, मंगलवार- दक्षिणायन पुण्यकाल
19 जुलाई, शुक्रवार- प्रदोष पूजा
20 जुलाई, शनिवार- पूर्णिमा पूजा
21 जुलाई, रविवार- व्यास पूजा, चातुर्मास्य आरंभ
23 जुलाई, मंगलवार- परम पूज्य जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल जयंती
रथोत्सव-17-अनुषम, 19-मूलम, 23-अविट्टम, 21-उत्तराडम
शुक्रवार पूजा- 5,12,19, 26
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ओरिक्कई में श्रीमट शिविर
जगद्गुरु पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल मंगलवार, 25 जून 2024 से ओरिक्काई (कांचीपुरम के पास) स्थित नए श्री चंद्रमौलीश्वर स्वामी पूजा मंडप के शिविर में रहेंगे और नित्य पूजा करेंगे।
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श्री अनुगना गणपति- श्री आदि शंकराचार्य एवं श्री सुरेश्वर्या सन्निधि की मंडला अभिषेक पूर्ति 21/6/2024 को श्रीमठम, कांचीपुरम में की गई। पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने अभिषेक और दीपआराधना की।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने (16 जून 2024) जय जय शंकर इंटरनेशनल स्कूल के नए स्कूल भवन और नाज़रेथपेट, पूनमल्ली में श्री जयेंद्र सरस्वती आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल के नए सामान्य वार्ड का दौरा किया और आशीर्वाद दिया। स्वामीजी ने दोनों संस्थानों के छात्रों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को आशीर्वाद दिया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने 16 जून 2024 को चेन्नई के तिरुवोत्रियूर स्थित शंकरा स्कूल का दौरा किया और छात्रों, कर्मचारियों और प्रबंधन को आशीर्वाद दिया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने तिरुवोटियूर में शंकराचार्य कॉलोनी में श्री कांची कामकोटि पीठम के 61वें आचार्य पूज्यश्री महादेवेंद्र सरस्वती (चतुर्थ) शंकराचार्य स्वामीगल के अधिष्ठान का दौरा किया। स्वामीजी ने सुबह शंकराचार्य कॉलोनी में श्री विनायक मंदिर के कुंभाभिषेक अनुष्ठान के शुभारंभ को आशीर्वाद दिया - 16/6/2024
61वें आचार्य श्री महादेवेंद्र सरस्वती चतुर्थ ने चक्रीय वर्ष क्रोथाना (1746 ई.) के ज्येष्ठ महीने में शुक्ल नवमी को तिरुवोटियूर, जो अब चेन्नई का हिस्सा है, में मुक्ति प्राप्त की। शंकर कॉलोनी में स्थित अधिष्ठान में नित्य पूजा की जाती है, जो प्रसिद्ध श्री वदिवुदयाम्मन सहित श्री त्यागराज स्वामी मंदिर से लगभग आधा किलोमीटर की दूरी पर है, जिसमें श्री आदि शंकराचार्य की एक सन्निधि है
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने 16 जून 2024 को चेन्नई के टोंडियारपेट में अगस्त्य टीएनके परिवार - शंकरा नेत्रालय के प्रस्तावित निर्माण के भूमिपूजन को आशीर्वाद दिया।
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कांचीपुरम में श्री कालीकांबाल मंदिर का कुंभाभिषेक -13 जून 2024 को किया गया। शाम को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने मंदिर का दौरा किया और विशेष पूजा के बाद भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया।
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2 जून 2024,पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद और उपस्थिति में कांचीपुरम में श्री तिरुवीरत्तनेश्वर स्वामी मंदिर का कुंभाभिषेक किया गया। पूज्य स्वामीगल ने भक्तों को अनुग्रह भाषनम से आशीर्वाद दिया।
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जून 2024 में श्रीमट में विशेष पूजा
4 जून, मंगलवार - प्रदोष पूजा
19 जून, बुधवार - प्रदोष पूजा
21 जून, शुक्रवार - पूर्णिमा पूजा
रथोत्सव- 19 -अनुषम, 21-मूलम, 25-अविट्टम, 23-उत्तराडम
शुक्रवार पूजा- 7, 14, 21, 28
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श्री कांची कामकोटि पीठम जगद्गुरु विद्यास्थान (श्री कांची शंकर मठ), थिरुवनैक्का / जम्बूकेश्वरम, तिरुचिरापल्ली में 29 मई, 2024 (बुधवार) को वैकासी मास के अविट्टम (पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल का नक्षत्र) महोत्सव को मनाया गया।
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कांची मठ में श्री सुरेश्वराचार्य सन्निधि का कुंभाभिषेक महोत्सव पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा किया गया
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वेद पाठशाला- श्री कांची कामकोटि सेवा समिति, रानीपुल, सिक्किम के विद्यार्थियों ने कांचीपुरम के विभिन्न मंदिरों और श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती विश्व महाविद्यालय (कांची विश्वविद्यालय) में ताड़-पत्र पांडुलिपि पुस्तकालय का दौरा किया।
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जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जयंती 12 मई 2024 को श्री शंकर मंदिर, अमृतसर, पंजाब में पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से रुद्राभिषेक, हवन, विशेष पूजा, श्री आदिशंकराचार्य पर व्याख्यान और भजन एवं कीर्तन के साथ मनाई जाएगी।
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जगद्गुरु पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, श्री सुरेश्वराचार्य सन्निधि का जीर्णोद्धार महोत्सव शुक्रवार, 3 मई 2024 - श्री क्रोधी चैत्र कृष्ण दशमी - शंकर संवत 2532 - को मनाया जाएगा, जिसकी पूजा 1 मई 2024 से शुरू होगी।
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शंकर जयंती महोत्सव गुवाहाटी में मनाया जाएगा 12-05-2024
श्री शंकर जयंती महोत्सव (अभिषेक एवं आराधना) 12 मई 2024 को आदि शंकराचार्य पीठ (दुर्गा मंदिर), श्री कांची कामकोटि प्राग्ज्योतिषपुर वेद पाठशाला - पूर्व तिरुपति श्री बालाजी मंदिर परिसर, एन.एच.-37, बेतकुची, पी.ओ. गरचुक, गुवाहाटी, असम - 781035 में परम पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से मनाया जाएगा। श्री शंकरदेव नेत्रालय एवं आदि गुरु शंकराचार्य धाम, कामाख्या मंदिर में अलंकार एवं पूजा की जाएगी। कार्यक्रम के दौरान वेद पारायण का आयोजन किया जाएगा।
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मई 2024 में श्रीमठम में विशेष पूजा और कार्यक्रम
5 मई, रविवार- प्रदोष पूजा
10 मई, शुक्रवार- अक्षय तृतीया
12 मई, रविवार- 2533वीं श्री आदि शंकर भगवथपाडल जयंती
18 मई, शनिवार- 2500वीं श्री आदि शंकर भगवथपाडल आराधना
20 मई, सोमवार-प्रदोष पूजा
22 मई, बुधवार- नृसिंह जयंती, पूर्णिमा पूजा
24 मई, शुक्रवार- परम पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीजी जयंती
26 मई, रविवार- परम पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का संन्यास सप्ताह दिवस (नक्षत्र के अनुसार)
रथोत्सव- 23वां -अनुष,25वां -मूलम, 2 और 29वां -अविट्टम, 27वां - उतराडम
शुक्रवार पूजा - 3,10,17,24,31
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, 27 और 28 अप्रैल 2024 को केरल के अंगदीपपुरम में थली महादेव क्षेत्र में वेद परायण,स्तोत्र परायणम और विशेष पूजा की जाएगी।
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कामकोटि वाणी- कांची वृत्तपत्रिका- कामकोटि वाणी - श्री कांची कामकोटि पीठ की गतिविधियों को कवर करने वाला मराठी में मासिक समाचार पत्र -अप्रैल 2024 संस्करण- अब यहाँ उपलब्ध है
https://kamakoti.org/kamakoti/Marathi/Newsletter/
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श्री कांची कामकोटि पीठम के आचार्यों ने हमारे वेदों, धर्मशास्त्रों, हमारी संस्कृति और मूल्य प्रणालियों के अध्ययन और अभ्यास को बढ़ावा देने, हमारी विभिन्न पूजाओं और अनुष्ठानों का पालन करने और सभी तक हमारे धर्म का प्रसार करने के लिए पूरे देश में शंकर मठों की स्थापना के लिए आशीर्वाद दिया है। ये शंकर मठ भक्ति केंद्र और ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। केरल में श्री कांची कामकोटि पीठम की गतिविधियों में कालडी में आदि शंकर कीर्ति स्तंभ, कांजीकोड में शिव मंदिर, करमना, त्रिवेंद्रम में शंकर मठ, रामनाथपुरम, इरिंजालकुडा में वेद पाठशालाएं, अन्य क्षेत्रों में वैदिक शिक्षा का समर्थन करना, वेद पारायण आयोजित करना, दुर्लभ अन्योन्यम परंपराओं को बढ़ावा देना, कालडी में शंकर स्कूल, ग्रामीण मंदिरों में सेवा करने वाले पुजारियों के लिए मासिक सहायता प्रदान करना और ऐसी कई गतिविधियाँ शामिल हैं। अपनी विजय यात्राओं के दौरान, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री चंद्रमौलीश्वर स्वामी पूजा के साथ-साथ चतुपुरम को अपने प्रवास का आशीर्वाद दिया है। परम पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, हमारे धर्म और संस्कृति के अध्ययन और अभ्यास को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए, चटापुरम, कलपथी, पालक्कड़, केरल में श्री शंकरा मठ की स्थापना की योजना बनाई गई है। मठ का निर्माण श्री कांची कामकोटि पीठम श्री शंकराचार्य सेवा समिति ट्रस्ट, पालक्कड़ द्वारा किया जा रहा है।
सार्वजनिक सूचना/अपील इसके साथ संलग्न है। सभी आस्तिक इस महान प्रयास में भाग लेने और जगद्गुरुओं और श्री चंद्रमौलीश्वर स्वामी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आमंत्रित हैं।
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीगल ने 18 अप्रैल 2024 कांचीपुरम के पास वेदाल में श्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीगल अर्थ शास्त्र पाठशाला में आयोजित श्री सीता कल्याण को आशीर्वाद दिया
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श्री राम नवमी महोत्सव - श्री राम पट्टाभिषेक सम्पन्न हुआ
18-04-2024
वसंत नवरात्रि उगादि- 9 अप्रैल 2024 को आरम्भ हुई। उगादि पर - पंचांग पूजा और पंचांग पठन सम्पन्न हुआ। नवरात्रि संकल्प और यज्ञशाला प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई। श्रीविद्या हवन, अवरण पूजा हवन, श्री राम षडक्षरी हवन, श्रीमद वाल्मीकि रामायण मूल परायण, दमनोत्सव वसंत नवरात्रि के दौरान 9 से 18 अप्रैल 2024 तक प्रतिदिन किया गया।
आज पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा समापन दिवस पर पूर्णाहुति और श्री राम पट्टाभिषेक किया गया। रामायण के युद्धकाण्ड से "पट्टाभिषेक सर्ग" का पारायण किया गया।
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कामकोटि वाणी- కామకోటి వాణి - श्री कांची कामकोटि पीठम की गतिविधियों को कवर करने वाला तेलुगु में मासिक समाचार पत्र - मार्च 2024 संस्करण अब https://kamakoti.org/telugu/newsletter/kamakoti-vani-telugu-newsletter.html पर उपलब्ध है।
शुभ राम नवमी के दिन जारी किए गए इस संस्करण में अयोध्या से संबंधित और श्री राम के बारे में स्वामीजी के अनुग्रह भाषन शामिल हैं। कांचीपुरम में विजय यात्रा का समापन और पूज्य जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना महोत्सव को रिपोर्ट और तस्वीरों के साथ कवर किया गया है।
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श्री रामनवमी समारोह
राम नामसंकीर्तन:
श्री रामनवमी के अवसर पर, वीएसएस भजन मंडली, नोएडा द्वारा रविवार, 28 अप्रैल को सुबह 9.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक श्री कांची कामकोटि पीठम सांस्कृतिक केंद्र, सेक्टर 1, अयप्पा मंदिर मार्ग, आर के पुरम, नई दिल्ली 110022 में नामसंकीर्तन प्रस्तुत किया जाएगा।
भजन के दौरान श्री राम पर कृतियाँ प्रस्तुत की जाएँगी, जिसमें थोडायमंगलम, गुरुध्यानम, पूजा, मंगल आरती और उसके बाद प्रसाद शामिल होगा।
भक्तगण इसमें भाग लेने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए स्वागत हैं।
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अप्रैल 2024 में श्रीमट मे होने वाली विशेष पूजाएँ
14 अप्रैल, रविवार- तमिल (क्रोधी) तमिल नववर्ष दिवस
17 अप्रैल, बुधवार- श्री राम नवमी
18 अप्रैल, गुरुवार- श्री राम पट्टाभिषेक
21 अप्रैल, रविवार- प्रदोष पूजा
23 अप्रैल, मंगलवार- पूर्णिमा पूजा
रथोत्सव- 26-अनुषम, 28-मूलम, 4- अविट्टम , 30- उत्तराडम
शुक्रवार पूजा- 5, 12, 19, 26
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने 30 मार्च 2024 को चेन्नई के पूर्वी तांबरम के पास राजाकिलपक्कम में श्री कांची महास्वामी विद्या मंदिर का दौरा किया। स्वामीजी का पूर्णकुंभ के साथ स्वागत किया गया। अनुषा नक्षत्र होने के कारण, पूज्यश्री कांची महास्वामीजी के लिए विशेष पूजा और स्वर्ण रथोत्सव का आयोजन किया गया। पूज्य स्वामीजी ने स्कूल परिसर में "ऐक्यम" - एक प्रदर्शनी और "परमवीर चक्र उद्यान" के उद्घाटन को आशीर्वाद दिया। यह उद्यान 21 परमवीर चक्र पुरस्कार विजेताओं को श्रद्धांजलि है, और उनकी मूर्तियों के साथ उनके इतिहास को प्रदर्शित करता है। तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर एन रवि ने सुबह आयोजित एक कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल करणबीर सिंह बरार (एवीएसएम), जनरल ऑफिसर कमांडिंग (दक्षिण भारत क्षेत्र) और श्री कांची महास्वामी ट्रस्ट के अध्यक्ष वी.शंकर के साथ प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में सब मेजर और कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव, परमवीर चक्र, सब मेजर संजय कुमार, परमवीर चक्र, और दिवंगत मेजर आर.परमेश्वरन, परमवीर चक्र के परिजनों के साथ-साथ सशस्त्र बलों के कई कर्मियों ने भाग लिया। पूज्य स्वामीजी ने बगीचे का भ्रमण किया और प्रत्येक परमवीर चक्र विजेता के बारे में पढ़ा। स्वामीजी ने अनुग्रह भाषन के साथ सभा को आशीर्वाद दिया जिसमें उन्होंने उल्लेख किया कि युवा पीढ़ी में अच्छे गुणों को स्थापित करना महत्वपूर्ण है, और इस तरह की प्रदर्शनियाँ एक जीवंत माध्यम हैं जिसके माध्यम से इसे प्राप्त किया जा सकता है। स्वामीजी ने जोर देकर कहा कि हमें अपने देश और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए और देशभक्त होना चाहिए। वेद पाठशाला के छात्रों ने वैदिक प्रार्थनाएँ कीं, और छात्रों की एक टीम ने भक्ति गीत और भजन प्रस्तुत किए। सुबह, पूज्य स्वामीजी कांचीपुरम लौट आए।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने 30 मार्च 2024 श्री शंकर विद्यालय मैट्रिक स्कूल, ईस्ट तांबरम, #चेन्नई का दौरा किया और शिक्षकों, छात्रों और अन्य भक्तों की सभा को आशीर्वाद दिया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने अपने पुरस्कार और ट्रॉफी प्रदर्शित की और आशीर्वाद प्राप्त किया।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद से, 24 मार्च 2024 को तमिलनाडु के तिरुवरुर में श्री मुथुस्वामी दीक्षितार के जन्मस्थल पर कुंभाभिषेक किया गया। इससे पहले, यज्ञशाला पूजा पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुई। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। श्री कांची कामकोटि पीट कर्नाटक संगीत सेवा ट्रस्ट संगीता मुमूर्ति के जन्म स्थान की दैनिक पूजा और रखरखाव की देखभाल कर रहा है, और विभिन्न संगीत समारोहों का भी आयोजन करता है।
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22 मार्च 1954 - पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल का संन्यास प्रवेश दिवस
इसी दिन 70 साल पहले 1954 में पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी को परमपूज्य पूज्य श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीजी ने संन्यास की दीक्षा दी थी।
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पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना महोत्सव - वेद पारायण, हवन और विद्वत सदस श्रीमट, कांचीपुरम में 21 मार्च 2024 से आयोजित किया गया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने 20 मार्च 2024 को विजया यात्रा के समापन के बाद श्रीमठ आगमन पर श्री अनुगना गणपति सन्निधि, श्री आदि शंकराचार्य और पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी और पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के अधिष्ठान में विशेष पूजा और दीपराधना की।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल 20 मार्च 2024 को तिरूपति से अराक्कोनम होते हुए कांचीपुरम पहुंचे, जो लगभग दो वर्षों की विजय यात्रा के समापन पर था, यह रामेश्वरम से काशी और अयोध्या तक के स्थानों को कवर करती थी। कांचीपुरम की सीमाओं में माने जाने वाले सर्वतीर्थ कुलम (टैंक) में, स्वामीजी को वैदिक पाठ के साथ पूर्णकुंभ दिया गया। श्री कामाक्षी अंबाल देवस्थान, श्री एकंबरनाथ स्वामी मंदिर और विभिन्न मंदिरों से प्रसाद दिया गया। इसके बाद,स्वामीजी फूलों से सुसज्जित वैन पर जुलूस में आये। वेदघोष, मंगल वाद्य ने जुलूस का नेतृत्व किया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी 16 मार्च २०२४ तिरुमला श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थान का दौरा किया।
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श्री कांची कामकोटि पीठ के 67वें पीठाधिपति जगद्गुरु पूज्यश्री महादेवेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना 10/03/2024 को तिरूपति के श्रीमठ शिविर में की गई
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अयोध्या में जयंती समारोह - एक रिपोर्ट - https://kanchimuttayodiya.in/56th-jayanti-celebration-of-sri-sankara-vijayenda-sarasmati-swamigal
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने 02/03/2024 को कडप्पा में बन रहे श्री कामाक्षी मंदिर स्थल का दौरा किया और आशीर्वाद दिया
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पूज्यश्री चन्द्रशेखर सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी - श्री कांची कामकोटि पीठम के 66वें आचार्य की आराधना 03/02/2024 को तिरूपति के श्रीमट शिविर में की गई
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव 6 और 7 मार्च 2024 को श्री शंकर मठ, अयोध्या में मनाया जाएगा। इस अवसर पर श्री राम कार्य नामक पुस्तक का विमोचन किया जाएगा। पूज्य पेजावर स्वामीजी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अनुग्रह भाषण देंगे।
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मार्च 2024 में श्रीमठ में विशेष पूजा
3 मार्च, रविवार- कलवै पराथपर गुरु आराधना
7 मार्च, गुरुवार- परम पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती स्वामीजी जयंती
8 मार्च, शुक्रवार- प्रदोष पूजा, महाशिवरात्रि
10 मार्च, रविवार- कलावै परमेष्ठि गुरु आराधना
22 मार्च, शुक्रवार - परम पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीजी गुरु आराधना, प्रदोष पूजा
24 मार्च, रविवार- पूर्णिमा पूजा
रथोत्सव- 2 और 30 मार्च (अनुषम), 4 मार्च (मूलम), 8 मार्च (अवित्तम), 6 मार्च (उथरादम)
शुक्रवर पूजा- 1, 8, 15, 22, 29
अपडेट के लिए www.kamakoti.org और www.kamakoti.tv पर जाएं, और ऑनलाइन योगदान देने के लिए www.kanchimuttseva.org पर जाएं
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने 24 फरवरी 2024 को श्री पार्वती सहित श्री त्रिपुरांतकेश्वर स्वामी मंदिर का दौरा किया। पूजा के बाद, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया।
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विजय यात्रा अपडेट - पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी महानंदी पहुंचे। श्रीमट शिविर 25 और 26 फरवरी 2024 को श्री महानंदेश्वर स्वामी देवस्थान महानंदी, आंध्रप्रदेश में रहेगा।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने कोलुकुला गाँव का दौरा किया 24/2/24
शाम को श्रीशैलम के बाद, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने विश्व हिंदू परिषद के श्री राघवुलु के निमंत्रण पर कोलुकुला गांव में शिव मंदिर का दौरा किया। यह श्री राघवुलु का पैतृक गांव है, जो येरागोंडापलेम के पास त्रिपुरांतकम शहर से लगभग एक घंटे की दूरी पर स्थित है। इसमें धार्मिक मूल्यों की आवश्यकता, भक्ति, वृक्षारोपण आदि कुछ मुद्दे शामिल थे। स्वामीजी ने श्री राघवुलु की सेवाओं के बारे में भी बात की और धर्म और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने 23 फरवरी 2024 श्रीशैलम में श्री हठकेश्वर स्वामी शिव मंदिर का दौरा किया- यह एक प्राचीन मंदिर है। जगद्गुरु आदि शंकराचार्य के शिवानंदलहरी के श्लोकों का जाप किया गया।
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी श्रीशैलम पहुंचे और उन्होंने मंदिर में यज्ञशाला पूजा का आशीर्वाद दिया। श्रीमट शिविर श्री शंकर मठ, श्रीशैलम में है।
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विजया यात्रा अपडेट - श्रीमट शिविर दो दिनों (14 और 15 फरवरी 2024) के लिए शोलापुर, महाराष्ट्र में है। अगले शिविर का स्थान - ज़हीराबाद, तेलंगाना (16 और 17 फरवरी 2024)
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श्री कामकोडी प्रदीपम - मासिक आध्यात्मिक पत्रिका - जनवरी 2024 - पोस्ट की इलेक्ट्रिक कॉपी - https://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Kamakoti-Pradepam-Magazine.html
श्री कामकोटि प्रदीपम - तमिल में मासिक आध्यात्मिक पत्रिका - जनवरी 2024 की ई-प्रति अब https://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Kamakoti-Pradepam-Magazine.html पर उपलब्ध है
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विजय यात्रा अपडेट - वेद भवन (वेदाचार्य घैसास गुरुजी वेद पाठशाला), पुणे, महाराष्ट्र में श्रीमटम शिविर 12वीं शाम से 13वीं फरवरी 2024 तक।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने 6 फरवरी 2024 “गीताभक्ति अमृत महोत्सव", आंदी, पुणे, महाराष्ट्र- गीता भक्ति अमृत महोत्सव की शोभा बढ़ाई और सभा को अनुग्रह भाषण दिया। श्री गोविंददेव गिरिजी ने अपने 75वें जयंती उत्सव में भाग लिया, जिसमें विभिन्न राज्यों के कई संतों और साधुओं ने भाग लिया। अपने अनुग्रह भाषण में, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने महाराष्ट्र की दिव्य स्थिति पर बात की, जो गणपत्यम से शैवम तक शान्मातों के कई क्षेत्रों का घर है और वहाँ कई संतों और साधुओं का जन्म हुआ है। स्वामीजी ने श्री गोविंददेव गिरिजी की लंबी आध्यात्मिक यात्रा और श्रीमटम के साथ जुड़ाव को याद किया, और इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि श्री गोविंददेव गिरिजी ने भगवद गीता को 100 से अधिक देशों में ले जाकर इसे विश्व गीता बना दिया है, और इसका कई भाषाओं में अनुवाद भी किया जा रहा है। पूज्य स्वामीजी ने इस बात पर जोर दिया कि हमारा वैदिक हिंदू धर्म देश भर के लोगों को एकजुट करने वाला कारक है, यह हम सभी को धार्मिक जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है और भगवदगीता एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करती है। स्वामीजी ने स्मरण किया कि कैसे पूज्य कांची महास्वामीजी ने ज्ञानेश्वरी का तमिल में अनुवाद करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया था। सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रम के तहत वेद सभा, शास्त्र सभा, भजन आदि कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
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श्री कांची कामकोटि पीट - एनआरआई न्यूज़लैटर - जनवरी 2024 संस्करण अब ऑनलाइन है।
वर्तमान संस्करण: https://connect.kamakoti.org/newsletter
#न्यूज़लेटर के पिछले संस्करण यहां देखे जा सकते हैं - https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter
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श्री कांची कामाक्षी अंबाल देवस्थान- 2024- शोभाकृत वर्ष- ब्रह्मोत्सव
श्री कामाक्षी अंबाल देवस्थान, कांचीपुरम - शोभाकृत वर्ष के लिए वार्षिक ब्रह्मोत्सव, श्री कांची कामकोटि पीठाधिपति पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से 14 फरवरी 2024 से द्वजरोहणम और मूशिका वाहन के साथ शुरू किया जाएगा, इसके बाद अन्य उत्सव (विस्तृत कार्यक्रम संलग्न) होंगे। 25 फरवरी को सुबह विश्वरूप दर्शन के बाद शाम को विद्यारात्रि उत्सव शुरू होगा। श्री आदि शंकराचार्य की शोभा यात्रा 17 से 21 फरवरी 2024 तक प्रतिदिन शाम को निकलेगी।
ब्रह्मोत्सवम के भाग के रूप में, नित्य वेद पारायण मंदिर में किया जाएगा। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण kamakoti.TV पर किया जाएगा
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शुभ तई-शुक्रवार को स्कंदगिरि, सिकंदराबाद में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति में दीप पूजा की गई। लगभग 300 लोगों ने भाग लिया। पूज्य स्वामीजी ने भक्तों को अनुग्रह भाषण और उसके बाद तीर्थ प्रसाद का आशीर्वाद दिया
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तई पूसम - 25 जनवरी 2024 पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीग की उपस्थिति में स्कंदगिरि में श्री सुब्रह्मण्य स्वामी की विशेष पूजा की गई ।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, श्री राम जन्म भूमि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के भाग के रूप में आज सुबह (23 जनवरी 2024) *श्रीमद रामायण नवाहम परायणम* शुरू हुआ। आज 45 दिनों से अधिक प्रभावी पंच नवाहम्स, 7 मार्च तक *जगदगुरु विद्यास्थान (श्री कांची शंकर मठ), में किए जाएंगे।
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श्री रामजन्मभूमि पर श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अमरकंटक पाठशाला के विद्यार्थियों द्वारा विशेष पूजा की गई, जिसके बाद राम धुन गाते हुए शहर के चारों ओर परिक्रमा की गई।
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श्री सीताराम कल्याण महोत्सव 22 जनवरी 2024 श्री शंकर मठ, स्कंदगिरि, सिकंदराबाद में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति में आयोजित किया गया। पूज्य स्वामीजी द्वारा श्री राम दरबार में विशेष पूजा और अभिषेक किया गया।
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21/1/2024
पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की अयोध्या यात्रा
श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर, राम जन्म भूमि क्षेत्र में यज्ञशाला पूजा और प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठानों को आशीर्वाद दिया। पूर्वाह्न 10:45 बजे अयोध्या पहुंचने पर स्वामीजी का हवाई अड्डे पर स्वागत किया गया और वे सीधे देवकाली मंदिर गए। देव काली मंदिर भगवान श्री राम का कुल देवता है। वहां पूजा करने के बाद स्वामीजी शंकर मठ, प्रमोदवन पहुंचे। श्री कृष्ण गोपालजी ने हवाई अड्डे पर स्वामीजी का स्वागत किया और शंकर मठ तक उनके साथ गए जहाँ वे श्री भैया जी जोशी से मिले। स्वामीजी ने मठ में श्री राम सन्निधि में कलशाभिषेक किया, जहाँ राम षडाक्षरी हवन आयोजित किए गए थे। स्वामीजी श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने शंकर मठ में राम सन्निधि की प्रतिष्ठा की है। अयोध्या शंकर मठ के लिए एक नई वेबसाइट www.kanchimuttayodiya.in लॉन्च की गई।
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राम जन्म भूमि पर
स्वामीजी राम जन्म भूमि पर पहुंचे और यज्ञशाला में श्री गोविंददेवजी महाराज, कोषाध्यक्ष, रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, श्री गणेश्वर द्रविड़ और श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित सहित अन्य वेद विद्वानों द्वारा पूर्ण कुंभ स्वागत के साथ उनका स्वागत किया गया। स्वामीजी ने यज्ञशाला की परिक्रमा की तथा सभी कलशों में पुष्प अर्पित किये। बाद में स्वामीजी केंद्रीय कलश में आए और मंत्रोच्चार के बीच आरती किया। स्वामीजी ने राम भगवान पर विशेष मंत्रों का जाप किया और फिर मंदिर की ओर प्रस्थान किया।
प्रवेश करने से ठीक पहले, मंदिर के पहले चरण में नारियल तोड़ा गया, उसके बाद पहले दो स्तंभों के सामने दो और नारियल फोड़े गए, जिन पर गणेश जी अंकित थे। बाद में स्वामीजी महामंडप, अर्ध मंडप के अंदर गए और फिर गर्भ गृह में प्रवेश किया।
श्री गोविंददेवजी महाराज कोषाध्यक्ष और ट्रस्ट के सचिव श्री चंपत राय ने स्वामीजी की अगवानी की। विग्रह के न्यास के बाद नेट्रोनमीलन शुरू हुआ। स्वामी जी ने न्यास का आयोजन किया और भगवान को विशेष अभारणम् प्रस्तुत किये। फिर, स्वामीजी को अर्ध मंडप में शॉल और अन्य सम्मान दिए गए जहां वैदिकों का अभिनंदन किया गया। इसके बाद स्वामीजी यज्ञशाला वापस आए और फिर वापस हवाई अड्डे पर लौट आए।
मंदिर जाते समय अपने संदेश में स्वामीजी ने श्री गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और श्री लक्ष्मी कंठ दीक्षित के नेतृत्व में चल रहे अनुष्ठानों और प्राण प्रतिष्ठा के आगामी महत्वपूर्ण अवसर के बारे में बात की। इस शुभ अवसर पर स्वामीजी ने भगवान राम के आशीर्वाद से सभी लोगों के लिए सुरक्षा, सुभिक्षा और सुविद्या की प्रार्थना की।
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16 जनवरी 2024 - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने आज सुबह शंकर मठ हनुमान मंदिर, स्कंदगिरि, सिकंदराबाद के श्रीमट शिविर में लोक क्षेम के लिए किए जा रहे इष्टि होम को आशीर्वाद दिया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम जन्म भूमि की प्रतिष्ठा के अवसर पर तमिलनाडु के वडुवुर क्षेत्र में श्री कोदंण्डराम स्वामी मंदिर में विशेष तिरुमंजन और अन्नदान किया जाएगा।
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मकर संक्रांति-पोंगल के शुभ अवसर पर, 15 जनवरी 2024 पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा सिकंदराबाद के श्रीमट शिविर में श्री सूर्यनारायण स्वामी की विशेष पूजा की गई।
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से अविट्टम (13-1-2024) को स्वामीमलई में श्री स्वामीनाथ स्वामी मंदिर-श्री दक्षिणामूर्ति सन्निधि में वेद पारायण किया गया।
अगला पारायण: 16-01-2024 शुक्ल षष्ठी, 20-01-2024 कृतिकई, 29-01-2024 संकट हारा चतुर्थी
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विजया यात्रा अपडेट- श्रीमट शिविर 31 जनवरी 2024 तक श्री शंकर मठ, स्कंदगिरि, सिकंदराबाद में वर्तमान शिविर स्थल पर रहेगा
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परशुराम कुंड यात्रा
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, अरुणाचलप्रदेश और असम में परशुराम कुंड यात्रा की जा रही है। 12 से 18 जनवरी 2024 तक शुभ मकर संक्रांति के दौरान ,गुवाहाटी में पूर्व तिरूपति बालाजी मंदिर और कामाख्या के दर्शन के साथ उत्तरायण स्नान, मकर संक्रांति, परशुराम कुंड मेला,हवन, वेद पारायण,श्लोक पारायण की जा रहीं हैं ।
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स्कंदगिरि सुब्रह्मण्य स्वामी देवालय में सुब्बाराय षष्ठी
सिकंदराबाद
18/12/2023
कार्तिक मास शष्टि को तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में सुब्बाराय शष्टि के रूप में मनाया जाता है। आज पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के सान्निध्य में एकादश रुद्राभिषेक एवं सहस्रनाम अर्चना की गई।
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17-12-2023 को स्वामीमलई में वेद पारायण किया गया - श्री स्वामीनाथ स्वामी देवस्थान में शुक्ल शष्टि और अविट्टम, जिसमें ऋग्वेद , कृष्ण यजुर वेद, कौथम साम वेद,जैमिनी साम वेद से संबंधित 21 वेद विदवानों की भागीदारी थी।
अगला पारायण: 24-12-2023 कृतिकै, 30-12-2023 संकट हर चतुर्थी
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, 22 से 27 दिसंबर 2023 तक उत्तर चिदंबरम श्री नटराज मंदिर, सतारा, महाराष्ट्र में अरुद्र दर्शन और रथोत्सव आयोजित किया जाएगा।
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विजया यात्रा अपडेट- कैंप निज़ामाबाद- 13/12 और 14/12
पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी का 12 दिसंबर (रात) को आदिलाबाद से निज़ामाबाद में आगमन पर भक्तों द्वारा स्वागत किया गया। 13 दिसंबर को, भक्तों को दर्शन देने के बाद, त्रिकाल पूजा के बाद, पूज्य स्वामीजी लगभग 4 बजे तेलंगाना-महाराष्ट्र सीमा के तेलंगाना किनारे पर स्थित एक शहर बसारा के लिए रवाना हुए। शहर में ज्ञान सरस्वती देवी का एक सुंदर मंदिर है।
2002/03 में, पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी और पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने मंदिर का दौरा किया और कुंभाभिषेक किया।
मंदिर में अर्चनादि पूजा और आरती करने के बाद, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने मंदिर मंडप में ज्ञान और अच्छी वाणी के महत्व और दक्षिणी भारत में सरस्वती के विभिन्न मंदिरों के बारे में बात की।
पूज्य स्वामीजी ने 1980 के दशक के अंत में पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा निर्मित और पवित्र किए गए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में सरस्वती मंदिर का स्मरण किया।
बाद में, पूज्य स्वामीजी ने बाहरी सड़क पर ब्राह्मण छत्रम को आशीर्वाद दिया और निज़ामाबाद के लिए प्रस्थान किया।
वापसी पर पूज्य स्वामीजी ने उत्तरा तिरूपति मंदिर में एक विशेष स्वागत सभा को संबोधित किया जो रात 10:30 बजे समाप्त हुई।
14 दिसंबर 2023
पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने दर्शन दिए, त्रिकाल पूजा की और भक्तों को तीर्थ प्रसाद दिया। फिर स्वामीजी ने भक्तों को संबोधित किया और निज़ामाबाद में कुछ यात्राओं के बाद, सिकंदराबाद के रास्ते पर हैं।
पूज्य स्वामीजी धनुर मास पूजा का अवलोकन करते हुए एक महीने तक शंकर मठ, सुब्रह्मण्य स्वामी देवालय, पद्मा राव नगर, सिकंदराबाद में रहेंगे।
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विजय यात्रा अद्यतन - निज़ामाबाद में आगमन
12/12/2023
पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी रात्रि 9 बजे श्री उत्तरा तिरूपति वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, दत्त पीठम, निजामाबाद, तेलंगाना पहुंचे। स्वामीजी ने त्रिकाल पूजा के बाद शाम 5 बजे आदिलाबाद से प्रस्थान करके, राम रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और अनुग्रह भाषण दिया ।रास्ते में कुछ यात्राएँ करने के बाद उनका दल निज़ामाबाद पहुँचा जहाँ शहर में भक्तों और आश्रम प्रबंधन द्वारा स्वामीजी का स्वागत किया गया। बाद में, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी श्रीमट शिविर पहुंचे और मंदिर में श्री वेंकटेश्वर स्वामी और अन्य तीर्थस्थलों के दर्शन किए। मंदिर को रोशनी से खूबसूरती से सजाया गया था जो इसकी स्थापत्य सुंदरता को बढ़ा रहा था।
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आदिलाबाद में कार्तिका सोमवार
विजय यात्रा
11/12/2023
आज चौथा कार्तिक सोमवार है। प्रत्येक कार्तिक सोमवार पर पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा सूर्यास्त से पहले अर्घ्य प्रदान के साथ विशेष अभिषेक पूजा की जाती है। पूजा सुबह 10 बजे शुरू हुई और शाम 6 बजे समाप्त हुई। तीसरा सोमवार एकादश रुद्राभिषेक के साथ किया गया।
चार राज्यों में कार्तिक सोमवार
इस वर्ष विजय यात्रा के साथ, पूज्य शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा चार सोमवार चार राज्यों में किए गए हैं - पहला प्रयागराज उत्तरप्रदेश में, दूसरा जबलपुर मध्यप्रदेश में ,तीसरा नागपुर महाराष्ट्र में और अंतिम आदिलाबाद तेलंगाना में।
वर्तमान में शिविर स्थल आदिलाबाद के राम मंदिर में स्वागत सभा को संबोधित करते हुए, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने वेद पाठशाला शुरू करने के लिए ब्राह्मण समाज, आदिलाबाद के संकल्प की सराहना की और कहा कि यह प्रस्ताव अनुराधा नक्षत्र के साथ इस शुभ कार्तिक सोमवार पर प्रस्तावित किया गया है जो वैदिक शिक्षा के लिए अच्छा संकेत है।
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विजय यात्रा अपडेट - प्रयागराज में शिविर (16 से 23 नवंबर) - मुख्य बातें - भाग -5 - 21 नवम्बर 2023
सुबह दर्शन और अपराह्न 3 बजे संपन्न हुई त्रिकाल पूजा के बाद पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने ब्राह्मण सभा की बैठक को संबोधित किया और फिर प्रयागराज के मेयर श्री गणेश केसरवानी द्वारा आयोजित श्री रामायण सत्संग में गए। पूज्य स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण के साथ सभा को संबोधित किया और फिर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त कुलपति श्री गिरीश चंद्र त्रिपाठी के आवास का दौरा किया, और उनके लगभग 96 वर्षीय पिता को विशेष रूप से आशीर्वाद दिया, जिन्होंने पद पूजा के दौरान श्लोकों का उच्चारण किया था।स्वामीजी रात्रि 10:30 बजे शिविर में लौटे।
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विजय यात्रा अपडेट - प्रयागराज में शिविर (16 से 23 नवंबर) - मुख्य बातें - भाग-6 - 23 नवम्बर 2023
पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने सुबह 8:30 बजे श्री वेंकटेश्वर भगवान की प्राण प्रतिष्ठा की। महाभिषेकम और हरथी का प्रदर्शन किया गया। श्रीमठ शिविर में त्रिकाल पूजा के बाद, पूज्य स्वामीजी ने वाज्यपीस के मिंटो पार्क निवास के लॉन में अनुग्रह भूषण के साथ एक बड़ी सभा को आशीर्वाद दिया। वाजपेयी परिवार की ओर से भक्तों के लिए एक विशाल प्रसाद भंडारा आयोजित किया गया।स्वामीजी ने इस यादगार शाम के साथ प्रयागराज यात्रा का समापन किया और शाम लगभग 7 बजे रीवा, मध्य प्रदेश की ओर यात्रा शुरू की, जो लगभग 9 बजे रीवा विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राजकुमार आचार्य के आवास पर पहुंची। कुलपति के परिवार और विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने स्वामीजी का स्वागत किया। एक संक्षिप्त अनुग्रह भाषण के बाद, पूज्य स्वामीजी ने प्रसाद के साथ सभा को आशीर्वाद दिया। #कामकोटि
काशी चातुर्मास्य की यात्रा आषाढ़ शुक्ल एकादश जिसे शयन एकादश के नाम से जाना जाता है, को प्रयागराज में शुरू हुई जब स्वामीजी ने धनुषकोडी की रेत को दशाश्वमेध घाट पर शुद्ध गंगा नदी में विसर्जित किया। बिल्कुल त्रिवेणी संगम पर व्यास पूजा, अधिक श्रावण के साथ चातुर्मास्याम और पवित्र शहर काशी में दशमी तक, रामजन्मभूमि अयोध्या में चंद्र ग्रहण के साथ नवरात्रि और अश्वयुज पूर्णिमा, फिर यूपी की राजधानी लखनऊ में थोड़े समय के प्रवास के साथ सीतापुर और नैमिषारण्य की यात्रा, उसके बाद दीपावली दीपोत्सव और अन्नपूर्णा उत्सव के लिए काशी विश्वनाथ धाम में वापसी, फिर से एक सप्ताह के शिविर के लिए प्रयागराज में शुभ देवोत्थान एकादशी पर श्री वेंकटेश्वर स्वामी प्रतिष्ठा में वापस आना, स्वामीजी की गंगा तीर्थ यात्रा एक बहुत ही घटनापूर्ण, दिव्य, आनंदमय और एक बहुत ही यादगार समय था। यह उन भक्तों के लिए एक महान अवसर था जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में स्वामीजी के दर्शन किए और सभी कार्यक्रमों में भाग लिया।
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विजया यात्रा अपडेट - प्रयागराज में शिविर (16 से 23 नवंबर) - मुख्य बातें - भाग -6 - 22 नवम्बर 2023
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने वेंकटेश्वर प्रतिष्ठा स्थल का दौरा किया और अधिवासम प्रक्रियाओं को आशीर्वाद दिया, इसके बाद श्री आदि शंकर विमान मंडप और संगम का दौरा किया। काशी राजा और रानी ने स्वामीजी के दर्शन किये। फिर पूज्य स्वामीजी भारत रत्न श्री मदन मोहन मालवीय के पोते, न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय के आवास पर गए और वृद्ध दंपत्ति को आशीर्वाद दिया।
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विजय यात्रा अपडेट - प्रयागराज में शिविर (16 से 23 नवंबर) - मुख्य बातें - भाग -4 - 20 नवंबर 2023 - प्रयागराज में शोभा यात्रा
पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने कार्तिक सोमवार पूजा सुबह 8:30 बजे शुरू करके शाम 4 बजे समाप्त की। इसके बाद मिंटो पार्क हाउस ऑफ वाजपेई से राजर्षि टंडन मंडप तक एक भव्य जुलूस "शोभा यात्रा" निकाली गई। पूरे रास्ते में लोगों ने स्वामीजी का स्वागत करने के लिए उत्साह के साथ भाग लिया, जिन्होंने सभी को प्रसाद देकर आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर पूज्य स्वामीजी का प्रयागराज के तीन विधायकों, मेयर और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों ने स्वागत किया। प्रयागराज के प्रत्येक समाज ने स्वामीजी को श्रद्धासुमन अर्पित किये। कार्यक्रम के संयोजक और प्रयागराज के विधायक श्री हर्षवर्द्धन वाजपेयी ने समुदायों का परिचय कराया और उन्होंने अपना सम्मान प्रस्तुत किया। मेयर ने शील्ड में अंकित हिंदी की सुंदर कविता से स्वागत किया। पूज्य स्वामीजी ने लगभग एक घंटे तक अनुग्रह भाषण दिया, उसके बाद सभी भक्तों को प्रसाद दिया, और रात 10:30 बजे शिविर में लौट आए।
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विजय यात्रा अपडेट प्रयागराज में शिविर (16 से 23 नवंबर) - मुख्य बातें भाग 3 19 नवंबर 2023 श्रृंगवेरपुरम की यात्रा
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने त्रिकाल पूजा की और श्रृंगवेरपुरम का दौरा किया। पूज्य स्वामीजी ने गंगा के तट पर विशेष आरती का किया और अनुग्रह भाषण में गंगा महात्म्य, रामायण की महानता और हमारी भारतीय संस्कृति के बारे में बात की। श्रृंगवेरपुरम संगम क्षेत्र से लगभग 40 किलोमीटर दूर है।
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विजय यात्रा अपडेट - प्रयागराज में शिविर (16 से 23 नवंबर) - मुख्य बातें - भाग -3 - 19 नवंबर 2023 - श्रृंगवेरपुरम की यात्रा
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने त्रिकाल पूजा की और श्रृंगवेरपुरम का दौरा किया। पूज्य स्वामीजी ने गंगा के तट पर विशेष आरती का किया और अनुग्रह भाषण में गंगा महात्म्य, रामायण की महानता और हमारी भारतीय संस्कृति के बारे में बात की। श्रृंगवेरपुरम संगम क्षेत्र से लगभग 40 किलोमीटर दूर है।
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विजय यात्रा अपडेट - प्रयागराज में शिविर (16 से 23 नवंबर) - मुख्य अंश - भाग -1
16 नवंबर 2023- विंध्यवासिनी के दर्शन एवं प्रयागराज आगमन
पूज्य शंकराचार्य स्वामी जी 16/11/2023 विंध्यवासिनी मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद देर रात प्रयाग पधारे। विंध्यवासिनी मंदिर मिर्ज़ापुर जिले में और वाराणसी से लगभग 75 किलोमीटर दूर स्थित है। यह एक प्राचीन शक्ति पीठ है और इसका उल्लेख ललिता सहस्रनाम स्तोत्रम् में मिलता है। पूज्य श्री शंकराचार्य स्वामीजी ने पूजा की और फिर श्री कांची कामकोटि पीठम काशी वेद पाठशाला के पूर्व छात्रों द्वारा संचालित वेद पाठशाला का दौरा किया और विद्यार्थियों को आशीर्वाद दिया। फिर स्वामीजी ने प्रयागराज की ओर प्रस्थान किया और रात्रि 9:30 बजे पहुँचे।स्वामीजी का पूर्व मंत्री श्री अशोक वाजपेयी, उनके पुत्र श्री हर्षवर्द्धन वाजपेयी एवं भक्तों ने स्वागत किया। शिविर का आयोजन संगम क्षेत्र के यमुना किनारे मिंटो पार्क में वाजपेई के आवास पर किया गया था। यद्यपि प्रयागराज प्रसिद्ध संगम क्षेत्र है, स्थानीय पंडितों ने उल्लेख किया है कि कार्तिक मास के दौरान यमुना के तट पर रहना शुभ है।
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विजय यात्रा- शिविर अपडेट- 5 नवंबर 2023
श्रीमठ शिविर आज लखनऊ चला गया। कल दोपहर में चंद्रमौलीश्वर पूजा संपन्न करने के बाद पूज्यश्री आचार्य नैमिशरन्या धाम के दर्शन के लिए सीतापुर से रवाना हुए।स्वामीजी ने दधीची कुंड, रुद्र व्रत में गोमती नदी, काली पीठ, ललिता मंदिर, चक्रतीर्थ, श्री नारदानंद स्वामीजी के आश्रम एवं व्यास गद्दी का दौरा किया।
श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवालय में आंध्र प्रदेश के वैखानस पंडितों की एक सभा को आशीर्वाद दिया और श्री त्रिशक्ति धाम का भी दौरा किया और तमिलनाडु के भक्तों के एक समूह को, जो श्रीमद्भागवत सप्ताह का पालन कर रहे थे, अनुग्रह भाषण देकर आशीर्वाद दिया।
शिविर आज लखनऊ चला गया है और 8 नवंबर तक लखनऊ के श्रीनाथजी भवन में आयोजित रहेगा।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने 4 नवंबर 2023 को नैमिषारण्य में चक्र तीर्थ मंदिर का दौरा किया।
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04-11-2023
पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने 4 नवंबर 2023 को नैमिषारण्य में श्री सत्यनारायण स्वामी मंदिर का दौरा किया
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने 4 नवंबर 2023 को नैमिषारण्य में श्री बालाजी मंदिर का दौरा किया। पूजा, सेवा और आरती के बाद, पूज्य स्वामीजी ने भक्तों को अनुग्रह भाषण का आशीर्वाद दिया।
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विजय यात्रा अपडेट - अयोध्या में शिविर के बाद जहां नवरात्रि उत्सव और अन्य विशेष पूजाएं की गईं, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी 2 नवंबर 2023 की शाम को सीतापुर, उत्तरप्रदेश पहुंचे, जहां भक्तों ने पूर्णकुंभ के साथ स्वागत किया। श्रीमठ शिविर 5 नवंबर 2023 तक गुरुकुल विद्यालय में है।
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नवंबर 2023 में श्रीमट में विशेष पूजा
10 नवंबर, शुक्रवार- प्रदोष पूजा
12 नवंबर, रविवार- दीपावली
18 नवंबर, शनिवार- स्कंद षष्ठी
20 नवंबर, सोमवार - कृतिका सोमवार पूजा
24 नवंबर, शुक्रवार- बृंदावन द्वादशी, तुलसी विवाह, प्रदोष पूजा
26 नवंबर, रविवार- कार्तिगई दीप, पूर्णिमा पूजा
27 नवंबर, सोमवार- कृतिका सोमवार पूजा
रथोत्सव - 14वां- अनुषम, 16वां- मूलम, 20वां- अविट्टम, 18वां- उथराडम
शुक्रवर पूजा- 3, 10, 17, 24
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वेद पूर्ति परीक्षा प्रमाणपत्र वितरित- पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने शुभ विजयदशमी के दिन 24 अक्टूबर 2023 के अयोध्या में आयोजित एक कार्यक्रम में विद्यार्थियों को वेद पूर्ति परीक्षा प्रमाणपत्र वितरित किए और विद्यार्थियों और उनके गुरुओं को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। आयोजित परीक्षाओं में वेदों की विभिन्न शाखाओं में अध्ययन कर रहे विभिन्न वेद पाठशालाओं के विद्यार्थियों ने भाग लिया था। हर साल, प्रमाणपत्र वितरण दो बार होता है - शंकर जयंती के दिन और विजयादशमी के दिन।
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वेद पूर्ति परीक्षा प्रमाणपत्र वितरित- पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने शुभ विजयदशमी के दिन 24 अक्टूबर 2023 के अयोध्या में आयोजित एक कार्यक्रम में विद्यार्थियों को वेद पूर्ति परीक्षा प्रमाणपत्र वितरित किए और विद्यार्थियों और उनके गुरुओं को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। आयोजित परीक्षाओं में वेदों की विभिन्न शाखाओं में अध्ययन कर रहे विभिन्न वेद पाठशालाओं के विद्यार्थियों ने भाग लिया था। हर साल, प्रमाणपत्र वितरण दो बार होता है - शंकर जयंती के दिन और विजयादशमी के दिन।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने 30 सितंबर 2023 सप्तऋषि पूजा के दौरान श्री काशी विश्वनाथ स्वामी मंदिर का दौरा किया। इसके बाद, पूज्य स्वामीजी ने अभिषेक और आरती की, और श्री विश्वनाथ स्वामी को स्वर्ण बिल्व अर्पण किया। इसके बाद श्री विशालाक्षी मंदिर में पूजा की ।
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कश्मीर स्थापना - परमपूज्य पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से प्रकाशित पुस्तक।
386 पृष्ठों की यह पुस्तक महान कार्यों का सारांश प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:
* राजतरंगिणी-कश्मीर के राजाओं के शासनकाल के धार्मिक और सांस्कृतिक पहलुओं का अवलोकन
* भृंगिसा संहिता-पार्वती के साथ कश्मीर की महानता पर शिव की बातचीत के विवरण वाला एक स्थलपुराण
नीलमत पुराण-नीला नामक नागा प्रमुख द्वारा 1613 श्लोकों में दिया गया उपदेश है। इसमें कश्मीर के विभिन्न तीर्थों और क्षेत्रों और कश्मीर में मनाए जाने वाले त्योहारों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
* जम्मू और कश्मीर के मंदिरों पर एक संकलन
* कांची और कश्मीर - श्री कांची कामकोटि पीठ और कश्मीर के बीच ऐतिहासिक संबंध का एक इतिहास, साथ ही वार्षिक शंकर जयंती समारोह और कश्मीर सांस्कृतिक विरासत जागरूकता श्रृंखला के हिस्से के रूप में साप्ताहिक व्याख्यान सहित समकालीन गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
यह पुस्तक तस्वीरों से भरपूर है, जो पाठक को कश्मीरी सांस्कृतिक विरासत की आनंददायक सुंदरता का एक गहन अनुभव प्रदान करती है।
प्रतियों के लिए अनुरोध www.kanchimuttseva.org/books पर किया जा सकता है
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शंकर नेत्र अस्पताल परियोजना स्थल और वाग्देवी मंदिर, संपूर्णानंद विश्वविद्यालय परिसर का दौरा 2/10/2023
पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने वाराणसी के बाहरी इलाके में रिंग रोड पर शंकर नेत्र अस्पताल के परियोजना स्थल का दौरा किया और परियोजना को आशीर्वाद दिया। निर्माण कार्य जारी है और भूतल स्तर तक पहुंच गया है। इस परियोजना के 2024 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है। कांची कामकोटि मेडिकल ट्रस्ट के संस्थापक ट्रस्टी डॉ. रमनी , ट्रस्टी श्री भरत, वाराणसी के संयुक्त पुलिस आयुक्त श्री एज़िलरसन, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. पिंकी जोवेल, यूपी सरकार, दानकर्ता, यात्रा के दौरान वाराणसी के स्वयंसेवकों और नागरिकों ने भाग लिया।स्वामिनी ने वेद, विद्या और वैद्य को श्री कांची कामकोटि पीठ की मुख्य सेवा गतिविधियाँ बताया और कहा कि आदि शंकराचार्य की अच्छी चिकित्सा - सदऔषधि प्रदान करने का संदेश ऐसी परियोजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित किया गया है। स्वामीजी ने डॉ. रमनी और डॉ. राधा रमनी, ट्रस्टी, स्वर्गीय राकेश झुनझुनवाला के परिवार, जिन्होंने परियोजना के लिए योगदान दिया है और अन्य विदेशी और भारतीय दानदाताओं को भी आशीर्वाद दिया। पूज्य स्वामीजी ने वाराणसी और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले समाज के सभी वर्गों तक परियोजना का लाभ पहुंचाने के लिए ऐसे कार्यों में सक्रिय स्थानीय भागीदारी की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
बाद में, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में स्थित वाग्देवी मंदिर का दौरा किया। मंदिर का निर्माण और पवित्रीकरण अस्सी के दशक के अंत और नब्बे के दशक की शुरुआत में स्वर्गीय काशी राजा विभूति नारायण सिंह के अनुरोध पर जगद्गुरु पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा किया गया था। यह मंदिर दक्षिणी और उत्तरी मंदिर वास्तुकला का एक सुंदर मिश्रण है। यह काशी में विद्या की देवी सरस्वती को समर्पित एकमात्र मंदिर है। मंदिर के अर्ध मंडप में देवी के अन्य दिव्य रूपों को खूबसूरती से चित्रित किया गया है और गर्भ गृह में वाग्देवी पहलू है। मंदिर के परिसर में जगद्गुरु आदि शंकराचार्य के लिए एक अलग सन्नधि है। यह श्री कांची कामकोटि पीठ द्वारा आशीर्वादित बेहतरीन प्रतिष्ठित संरचनाओं में से एक है।
विश्वविद्यालय के वरिष्ठ संकाय सदस्यों और डीन ने स्वामीजी का स्वागत किया और उन्हें मंदिर ले गए। विशेष दीपाराधना की गई। स्वामीजी की पाद पूजा की गई और वेद स्वस्ति का उच्चारण किया गया। अपने अनुग्रह भषण में, स्वामीजी ने कहा कि जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, संस्कृत भाषा केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि इसमें मानव जाति के विचारों को शुद्ध करने की शक्ति है। स्वामीजी ने छात्रों को समर्पण के साथ भाषा का अध्ययन करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि खजाने को बड़ी आबादी तक साझा किया जा सके। पूज्य स्वामीजी ने कहा कि संस्कृत भाषा मानव जाति की भावना-विचार प्रक्रिया को आकार देती है और उसे सात्विक स्वभाव की ओर ले जाती है, जो समाज में सद्भाव लाएगी। स्वामीजी ने संस्कृत में भाषण दिया और हिंदी में बोलते रहे। भक्तों को प्रसाद का आशीर्वाद देने के बाद पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी हनुमान घाट स्थित श्रीमठ शिविर में लौट आए।
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का दौरा किया 3/10/2023
पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल ने 3 अक्टूबर को शाम को बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का दौरा किया। प्रोफेसर वीके शुक्ला, रेक्टर, बीएचयू के नेतृत्व में पूरे संस्कृत विभाग ने स्वामीजी का स्वागत किया। श्री शुक्ल द्वारा परम पावन का स्वागत किया गया तथा अन्य प्रोफेसरों ने परम पावन को स्वागत अभिनन्दन प्रस्तुत किया। प्रो.कमलेश पांडे ने पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल पर श्लोक पढ़े। प्रोफेसर डॉ. राजाराम शुक्ल ने पूज्य श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा 1934 में बी.एच.यू. में दिए गए भाषण का हिंदी अनुवाद पढ़ा। इसके बाद परम पावन ने कांची महास्वामी के भाषण को दोहराते हुए सभा को संबोधित किया और वर्तमान समय में भी इसकी प्रासंगिकता पर जोर दिया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने 30 सितंबर 2023 सप्तऋषि पूजा के दौरान श्री काशी विश्वनाथ स्वामी मंदिर का दौरा किया। इसके बाद, पूज्य स्वामीजी ने अभिषेक और आरती की, और श्री विश्वनाथ स्वामी को स्वर्ण बिल्व अर्पण किया। इसके बाद श्री विशालाक्षी मंदिर में पूजा की गई।
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दिलीप हमारी विरासत और संस्कृति पर एक त्रैमासिक पत्रिका और श्री कांची कामकोटि पीठ की गतिविधियों और घटनाओं को कवर करती है - अक्टूबर-दिसंबर। 2023 संस्करण अब https://kamakoti.org/kamakoti/books/dilip/newsletter-dilip.html पर उपलब्ध है
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अक्टूबर 2023 में श्रीमठ में होने वाली विशेष पूजाए 11 अक्टूबर, बुधवार- यति महालय
12 अक्टूबर, गुरुवार- प्रदोष पूजा
14 अक्टूबर, शनिवार- महालय अमावस्या
15 अक्टूबर, रविवार-शारदा नवरात्रि आरंभ
20 अक्टूबर, शुक्रवार - सरस्वती आवाहन
23 अक्टूबर, सोमवार- सरस्वती पूजा
24 अक्टूबर, मंगलवार- विजयदशमी
26 अक्टूबर, गुरुवार- प्रदोष पूजा
28 अक्टूबर, शनिवार- अन्नाभिषेक, पूर्णिमा पूजा
रथोत्सव- 18 अक्टूबर -अनुषम, 20 अक्टूबर- मूल
23 अक्टूबर- अविट्म, 22 अक्टूबर- उथराड
शुक्रवर पूजा- 6, 13, 20, 27 अक्टूबर
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श्री काशी विश्वनाथ जी मंदिर में की गई विशेष पूजा पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री काशी विश्वनाथ जी मंदिर का दौरा किया और रुद्राभिषेक और विशेष पूजा की। विश्व-शांति महायज्ञ से 35 कलशों में कलश-तीर्थ लाए गए और अभिषेक किया गया। आरती के बाद, पूज्य स्वामीजी ने माँ अन्नपूर्णेश्वरी मंदिर का दौरा किया और विशेष पूजा की।
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विश्वरूप यात्रा पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने हनुमान घाट के श्रीमठ से असि नदी के पार संकट मोचन हनुमान मंदिर तक विश्वरूप यात्रा की, जो इस वर्ष के चातुर्मास्य व्रत के समापन का प्रतीक है। श्री हनुमान जी सन्निधि और श्री राम दरबार में प्रार्थना के बाद, भगवद गीता में वर्णित भगवान के विश्वरूप दर्शन का पाठ किया गया और श्री कृष्ण पूजा की गई। पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने उपस्थित भक्तों को अनुग्रह भूषण दिया।
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विश्व शांति महायज्ञ - 28 सितंबर 2023 को सहस्र चंडी यज्ञ की पूर्णाहुति चेत सिंह किला, वाराणसी में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति में की गई । इसके बाद, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने इसमें भाग लेने वाले सभी ऋत्विकों और वेद पंडितों को आशीर्वाद दिया। हवन और संभावना दी गई।
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गणपति विसर्जन
गणेश चतुर्थी (विनायक चतुर्थी) महोत्सव का समापन गणेश विसर्जन के साथ हुआ। पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने आरती की, जिसके बाद गणेश की मिट्टी की मूर्ति को वाराणसी के श्रीमठ शिविर से एक औपचारिक जुलूस के रूप में शिवाला घाट पर पवित्र गंगा नदी तक ले जाया गया और आरती के बाद उसके जल में विसर्जित कर दिया गया। वैदिक मंत्रोच्चार एवं गणेश स्तोत्र प्रस्तुत किये गये।
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विश्व शांति महायज्ञ - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति में 26 सितंबर 2023 को अतिरुद्र हवन की पूर्णाहुति दी गई
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लक्ष मोदक महागणपति हवन संहिता - अतिरुद्र-सहस्र चंडी हवन 21 सितंबर 2023 को वाराणसी में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से शुरू हुआ। कार्यक्रम में देशभर से वेद पंडित और श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। विश्वशांति यज्ञ का संकल्प किया गया। श्री अखिलंदेश्वरी मंदिर, तिरुवनैकोविल और श्री नटराज स्वामी मंदिर, चिदंबरम से प्रसाद दिया गया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने 21 सितंबर 2023 को वारणसी के श्रीमठ शिविर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर के एकात्म धाम में स्टैच्यू ऑफ वननेस का अनावरण और शिलान्यास समारोह का आशीर्वाद दिया।श्रीमठ के विद्वानों ने शंकरवतारण दशकम (घटना और उसके महत्व का वर्णन करने वाले 10 काव्य छंद) प्रस्तुत किए।
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पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के पीठारोहण की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए पुनर्निर्मित स्तूप को 20 सितंबर 2023 कांचीपुरम के पास एनाथुर में श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती विश्व महाविद्यालय में तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आरएन रवि द्वारा पुनः समर्पित किया गया। वाराणसी में चातुर्मास्य व्रत कर रहे पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा दिए गए आशीर्वाद का वीडियो संदेश प्रस्तुत किया गया। श्री रवि ने ताड़ के पत्ते की पांडुलिपियों के पुस्तकालय का दौरा किया और सभा को संबोधित किया।
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वाराणसी के श्रीमठ शिविर में विनायक चतुर्थी मनाई गई - 19 सितंबर 2023
19 सितंबर 2023 को वाराणसी के श्रीमठ शिविर में विनायक चतुर्थी (गणेश चतुर्थी) मनाई गई। श्री चंद्रमौलीश्वर पूजा के तुरंत बाद, पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने गणेश पूजा की।
श्री कामकोटेश्वर मंदिर के विनायक सन्नधी में पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की तत्काल उपस्थिति में भगवान गणेश को 108 नारियल की पारंपरिक पूजा की गई। श्री चंद्रमौलेश्वर पूजा मंडप में स्यमंतक मणि उपाख्यान परायण किया गया।
कांचीपुरम में, श्रीमठ में श्री अनुज्ञा गणपति की विशेष पूजा की गई।
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विनायक चतुर्थी - आरती
https://m.youtube.com/shorts/LXNUc4Yb6v0?si=gKTnc2bsN5w3MEEQ #कामकोटि #गणेशचतुर्थी #विनायकचतुर्थी
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सितंबर 2023 में श्रीमठ में विशेष पूजा
6 सितंबर, बुधवार- गोकुलाष्टमी
12 सितंबर, मंगलवार- प्रदोष पूजा
16 सितम्बर, शनिवार- सामवेद उपकर्म
19 सितंबर, मंगलवार- विनायक चतुर्थी
27 सितंबर, बुधवार- प्रदोष पूजा
28 सितंबर, गुरुवार-पूर्णिमा पूजा
29 सितंबर, शुक्रवार- विश्वरूप यात्रा, चातुर्मास्य समाप्त
20वां-अनुषम मे रथोत्सव ,22- मूल
26वां-धनिष्ठा, 24वां- उत्तराषाढा
शुक्रवर पूजा- 1, 8, 15, 22, 29
21-28 सितंबर - वाराणसी में लक्ष मोदक गणपति होम, अतिरुद्र और सहस्र चंडी यज्ञ
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सितंबर 2023 में श्रीमठ में विशेष पूजा
6 सितंबर, बुधवार- गोकुलाष्टमी
12 सितंबर, मंगलवार- प्रदोष पूजा
16 सितम्बर, शनिवार- सामवेद उपकर्म
19 सितंबर, मंगलवार- विनायक चतुर्थी
27 सितंबर, बुधवार- प्रदोष पूजा
28 सितंबर, गुरुवार-पूर्णिमा पूजा
29 सितंबर, शुक्रवार- विश्वरूप यात्रा, चातुर्मास्य समाप्त
20वां-अनुषम मे रथोत्सव ,22- मूल
26वां-धनिष्ठा, 24वां- उत्तराषाढा
शुक्रवर पूजा- 1, 8, 15, 22, 29
21-28 सितंबर - वाराणसी में लक्ष मोदक गणपति होम, अतिरुद्र और सहस्र चंडी यज्ञ
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अगस्त 2023 में श्रीमठम के विशेष पूजाएँ 1 अगस्त, मंगलवार- पूर्णिमा पूजा
3 अगस्त, गुरुवार-श्रद्देय पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीजी जयंती
13 अगस्त, रविवार- प्रदोष पूजा
16 अगस्त, बुधवार- आधीक श्रवण मास समाप्त
26 अगस्त, शनिवार-आवणी मूलम्
28 अगस्त, सोमवार- प्रदोष पूजा
29 अगस्त, मंगलवार- ऋग उपकर्म
30 अगस्त, बुधवार-यजुर उपकर्म
रथोत्सव - 24वां अनुषम एवं 26वां मूलम,
२ और 30वां- अविट्टम, 28वां- उथराडम
शुक्रवर पूजा - 4, 11, 18, 25
परम पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी वाराणसी में चातुर्मास्य व्रत का पालन कर रहे हैं (शुक्रवार, 29 सितंबर 2023 तक)
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चातुर्मास्य व्रत - वाराणसी में विशेष कार्यक्रम
* पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीजी जयंती महोत्सव कार्यक्रम -सरस्वत महोत्सव सप्ताह - 28 जुलाई - 3 अगस्त (ऋग्वेद संहिता हवन, चतुर्वेद पारायण)
* जयंती दिवस - पूर्णाहुति एवं वेद सभा - 5-7 अगस्त।
* अग्निहोत्र सभा - 5-7 अगस्त।
* पंचांग सभा - 8-11 अगस्त।
* अद्वैत सभा, वेद भाष्य सभा, विशेष शास्त्र सभा - 12-14 अगस्त।
*वैदिका दीक्षावंदन- 13 अगस्त।
* वेद लक्षणा सभा - 15-17 अगस्त।
* ऋग्वेद संहिता हवन, दशग्रन्थ पारायण - 23-30 अगस्त।
* सांस्कृतिक कार्यक्रम - संगीत (कर्नाटक और हिंदुस्तानी), भजन, कीर्तन, हरिकथा -हर शाम
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी को श्री महाराण्यम मुरलीधर स्वामी द्वारा हाथ से लिखे गए विश्वनाथाष्टकम्, अन्नपूर्णाष्टकम और कालभैरवष्टकम से युक्त अहिंसा रेशम शॉल से सुसज्जित किया गया, जो आज सुबह श्री कांची कामकोटि पीठम वाराणसी के श्रीमठम शिविर में भक्तों द्वारा प्रस्तुत किया गया (15 जुलाई 2023)
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मराठी में कामकोटि वाणी-न्यूज़लेटर-कांची-वृत्तपत्रिका - जुलाई 2023 अंक अब https://www.kamakoti.org/kamakoti/Marthi/Newsletter/ पर उपलब्ध है।
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16 जुलाई, रविवार - वाराणसी
चातुर्मास्य संगीत समर्पण कार्यक्रम के भाग के रूप में श्री रघुनाथदास द्वारा 3 दिवसीय हरिकीर्तन का समापन आज शाम श्री कांची कामकोटि पीठाधिपति पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य की सौम्य उपस्थिति में गंगा नदी के तट पर चेत सिंह किले में आयोजित एक सत्र में हुआ। स्वामीजी. श्रीरघुनाथदास एवं टीम को प्रसाद दिया गया एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। काशी महाराष्ट्र सेवा समिति के सदस्यों और वाराणसी के महाराष्ट्र समुदाय के अन्य सदस्यों ने बड़ी संख्या में कार्यक्रम में भाग लिया और परम पावन को अभिनंदन पत्र भेंट किया। सभा को दिए गए अनुग्रह भूषणम में पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने उल्लेख किया कि भाषाएँ पुल बनाने के लिए हैं, न कि लोगों के बीच बाधाएँ पैदा करने के लिए। उन्होंने #महाराष्ट्र में श्री कांची कामकोटि पीठम के आचार्यों द्वारा पैठन और पुणे (पुण्य पाठन) सहित विभिन्न स्थानों पर किए गए पिछले चातुर्मास्यों को याद किया और महाराष्ट्र के लोगों की समृद्ध संस्कृति, भक्ति और भक्ति के बारे में बताया। इसके बाद, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी दक्षिणायन पुण्य कालम की शुरुआत के दौरान गंगा नदी में स्नान करने के लिए शिवाला घाट पर गए।
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रविवार, 16 जुलाई 2023 - वाराणसी
शाम 7.30 बजे
श्री कांची कामकोटि पीठाधिपति पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने दक्षिणायन पुण्य काल के प्रारंभ मे वाराणसी के शिवाला घाट पर गंगा नदी में स्नान किया।
स्नान के बाद, अनुष्ठान और गंगा की विशेष पूजा की गई। काशी क्षेत्र के विद्वानों को विभिन्न प्रकार के दान दिये गये। गंगा आरती की गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को इन दिव्य क्षणों में शामिल होने का आनंद मिला।
365 दिनों वाला मानव वर्ष देवताओं का एक दिन माना जाता है। दक्षिणायन (तमिल महीने आडि से मार्गली के अंत तक) देवताओं के लिए रात है और उत्तरायण (तमिल महीने थई से आनी के अंत तक) उनके लिए दिन का समय है।
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श्री कांची कामकोटि पीठ- जुलाई 2023 - एनआरआई न्यूज़लैटर अब ऑनलाइन है।
यह संस्करण मुख्य रूप से स्वामीजी की यात्रा, गुरु पूर्णिमा समारोह और अन्य नियमित वर्गों के विषय मे है।
वर्तमान संस्करण: https://kamakoti.org/kamakoti/newsletter/data/Sri-Kanchi-Kamakoti-Peetam-NRI-Newsletter-जुलाई-2023.pdf
पिछले संस्करण - https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी में पूजा की -
6/7/2023
पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने आज सुबह काशी विश्वनाथ स्वामी मंदिर में षोडशोपचार पूजा की।स्वामीजी का मंदिर द्वार पर आयुक्त सहित मंदिर के पंडितों और ट्रस्टियों द्वारा स्वागत किया गया और उन्हें गर्भ गृह ले जाया गया जहाँ स्वामीजी ने पूजा की। स्वामीजी ने पूजा के दौरान रेशम के वस्त्र, रजत विल्व, स्वर्णपुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर चाँदी का चामरम प्रस्तुत किया गया।
इसके बाद स्वामीजी ने मुक्ति मंडप का दौरा किया और वापस हनुमान घाट पर शंकर मठ लौट आए।
इससे पहले स्वामीजी 5/7/2023 को सायं काशी पधारे। प्रतिष्ठित रमन विलास में काशी के मेयर के नेतृत्व में काशी के नागरिकों ने स्वामीजी का स्वागत किया। यह वही स्थान है - रमन विलास जहां 1974 में स्वामीजी पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का स्वागत किया गया था। स्वामीजी का काशी की मुख्य सड़कों पर एक सजे हुए रथ पर पट्टाना प्रवेश जुलूस में नेतृत्व किया गया था, जो लगभग 5 घंटे तक चला था। शाम 7 बजे और शंकर मठ के पास राजस्थल पर काशी महाराजा और युवराज द्वारा पद पूजा के साथ समापन हुआ। जुलूस के दौरान विभिन्न समुदायों और संगठनों के लोगों ने स्वामीजी का उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने मंगलवार (4 जुलाई 2023) को प्रयागराज में त्रिवेणी संगमम के पास बड़े हनुमान मंदिर का दौरा किया।
श्रीमतम् शिविर प्रयागराज से वाराणसी चला जाएगा और पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा कल - 6 जुलाई 2023 से वाराणसी में चातुर्मास्य व्रत मनाया जाएगा
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श्रीमद् वाल्मिकी रामायणम - तीन खंडों (1-3) में अंग्रेजी अनुवाद श्री एन. रघुनाथन द्वारा किया गया है।वह संस्कृत एवं हिन्दी के पंडित हैं। अब इसे kamakoti.org वेबसाइट पर https://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Srimad-Ramayana-English-Vol-1.html पर पुस्तकें और लेख अनुभाग में होस्ट किया गया है।
खंड I- में बाल और अयोध्या कांड शामिल हैं।
खंड II - अरण्य, किष्किंधा और सुंदर कांडों को शामिल करता है।
खंड III में युद्ध और उत्तर कांड शामिल हैं
1993 में कार्यों के प्रकाशन का आशीर्वाद देने वाला श्रीमुखम संलग्न है।
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व्यास पूजा संपन्न- 3 जुलाई 2023
परम पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर 3 जुलाई 2023 को त्रिवेणी संगम, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में व्यास पूजा की। श्री कामाक्षी अंबल देवस्थान, श्री काशी विश्वनाथ स्वामी मंदिर और विभिन्न मंदिरों से प्रसाद पूज्यश्री स्वामीजी को अर्पित किया गया।
पुन: पूजा की गई जिसके बाद पूज्य स्वामीजी ने भक्तों को मंत्रोच्चार से आशीर्वाद दिया।
इससे पहले सुबह, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने नित्य चंद्रमौलीश्वर पूजा की।
इस शुभ गुरु पूर्णिमा के दिन, श्री व्यास की पूजा की जाती है, जिन्होंने सूत्रों में आत्मतत्व की व्याख्या के साथ आशीर्वाद दिया और गुरु परंपरा के वंश में प्रकट हुए ऋषियों को भी आशीर्वाद दिया।
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जुलाई 2023 में श्रीमठ में विशेष पूजा
1 जुलाई, शनिवार- प्रदोष पूजा
2 जुलाई, रविवार- पूर्णिमा पूजा
3 जुलाई, सोमवार- व्यास पूजा
15 जुलाई, शनिवार- प्रदोष पूजा
16 जुलाई, रविवार- दक्षिणायण पुण्यकाल
18 जुलाई, मंगलवार - अधिका श्रवण मास आरंभ
30 जुलाई, रविवार-प्रदोष पूजा
रथोत्सव- 28-अनुषम, 2 और 30वां-मूलम,
छठा- अविट्टम, चौथा- उथ्राडम
शुक्रवर पूजा- 7, 14, 21, 28
श्रीमठ शिविर अभी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में है।
पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी 3 जुलाई 2023 को प्रयागराज में व्यास पूजा करेंगे
एवं गुरुवार, 6 जुलाई 2023 से शुक्रवार, 29 सितंबर 2023 तक वाराणसी में चातुर्मास्य व्रत का पालन करेगें।
अपडेट के लिए www.kamakoti.org और www.kamakoti.tv पर जाएं और ऑनलाइन योगदान देने के लिए eseva पोर्टल www.kanchimuttseva.org पर जाएं।
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कामाकोटि वाणी-मराठी-कांची-वृत्तपत्रिका - जून 2023 अंक अब https://www.kamakoti.org/kamakoti/Marthi/Newsletter/ पर उपलब्ध है
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विजय यात्रा अपडेट-
श्रीमठ शिविर 5 जुलाई 2023 तक प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के निकट श्री आदि शंकर विमान मंडपम में रहेगा।
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विजय यात्रा अपडेट - 25 से 27 जून, 2023 - जबलपुर के रास्ते में, पूज्यश्री शंकराचार्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने सिमरिया सिवनी में श्री महामंडलेश्वर स्वामी प्रज्ञानंद सरस्वती स्वामीजी की भागवत कथा में भाग लिया और इस अवसर पर श्रोताओं को अनुग्रह भाषण से आशीर्वाद दिया। श्री प्रज्ञानंद स्वामीजी ने प्रेमपूर्वक और श्रद्धापूर्वक श्री पूज्य शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती स्वामीजी और श्री कांची पीठ के साथ अपनी पिछली बातचीत और लंबे जुड़ाव को याद किया।
25वीं शाम (रविवार) को जबलपुर, मध्यप्रदेश में श्री नरसिंग मंदिर में भक्तों द्वारा पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी का भव्य स्वागत किया गया। अगले दिन सुबह (सोमवार) पूज्य स्वामीजी ने त्रिकाल पूजा की और दर्शकों को दर्शन दिए और उसके बाद शाम को ग्वारीघाट के पास भक्ति धाम के दर्शन किए।
27 जून को, पूज्य स्वामीजी ने त्रिकाल पूजा की और उसके बाद ग्वारी घाट (नर्मदा नदी के तट) का दौरा किया। पवित्र नर्मदा नदी की विशेष पूजा और प्रार्थना की गई, इसके बाद वैदिकों को दान दिया गया और भक्तों को आशीर्वाद दिया गया। शाम को विजय यात्रा रीवा के लिए रवाना हुई।
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विजया यात्रा अपडेट- पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी 28 जून 2023 को रीवा, मध्यप्रदेश में त्रिकाल पूजा के बाद प्रयागराज, उत्तरप्रदेश के लिए रवाना हुए। श्रीमठ शिविर 5 जुलाई 2023 तक प्रयागराज में रहेगा
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विजया यात्रा अपडेट- पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी 27 जून 2023 जबलपुर में त्रिकाल पूजा के बाद रीवा, मध्यप्रदेश के लिए रवाना हुए। श्रीमठ शिविर स्थान-सरस्वती शिशु मंदिर, निराला, रीवा।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, श्री विजय गणपति मंदिर, रतुरा, उत्तरकांची, धनपुर ब्लॉक, अगस्त्यमुनि जिला, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड का महाकुंभाभिषेक रविवार, 25 जून 2023 को किया गया। 3 दिवसीय कार्यक्रम 23 जून को हवन और यज्ञशाला पूजा के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया।
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विजय यात्रा अपडेट-22 से 25 जून, 2023 पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी 22 जून की शाम को कविकुलगुरु इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (शिविर स्थान), मौदा रोड रामटेक पहुंचे, जहां भक्तों ने आचार्यजी का स्वागत किया।
23 जून (शुक्रवार) को पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने सुबह दर्शन दिये और दो काल पूजाएं कीं। शाम को, पूज्य स्वामीजी ने श्रीमठ शिविर में आयोजित दीप पूजा को आशीर्वाद दिया, जिसके बाद तीसरी काल पूजा हुई।
शनिवार को, नित्य पूजा के बाद, पूज्य स्वामीजी ने श्री शंकर विद्यालय भिलाई के कर्मचारियों और स्वयंसेवकों को इस क्षेत्र में श्री कांची आचार्यों की पिछली यात्राओं के विषय में बताते हुए अनुग्रह भाषण से आशीर्वाद दिया।
25 जून (रविवार) को, पूज्य शंकराचार्य ने शुभ भानु सप्तमी पर सौर पारायण करने वाले ऋग्वेद पंडितों को आशीर्वाद दिया। पूज्य स्वामीजी ने त्रिकाल पूजा की और दोपहर में भक्तों को तीर्थ प्रसाद का आशीर्वाद दिया और रामटेक से जबलपुर के लिए प्रस्थान किया।
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विजय यात्रा अपडेट - श्रीमठ शिविर जबलपुर, मध्यप्रदेश में श्री बालाजी मंदिर, मरहाताल। शिविर जबलपुर में 27 जून 2023 तक है। अगला शिविर 28 जून 2023 को रीवा में होगा
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आज, फाल्गुनी नक्षत्र, के अवसर पर , लोक क्षेम के लिए भानु सप्तमी और व्यतिपात योग सौर पारायण ,रामटेक के श्रीमठ शिविर में आयोजित किया गया। यह एक बहुत ही शुभ क्षण है, पुण्य काल सूर्य ग्रहण की योग्यता के बराबर है और विशेष स्नान, जप, होम और दान करना सराहनीय है।
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विजया यात्रा अपडेट - 20 से 22 जून, 2023 - पूज्यश्री शंकराचार्य श्री श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती स्वामीजी का 20 जून की शाम को नागपुर मेट्रो वेलकम स्टेशन रोड पर भक्तों की विशाल भीड़ के साथ श्रद्धापूर्वक स्वागत किया गया और वे श्री भागवत पाद सभा, रामनगर नागपुर (शिविर) पहुंचे जिसके बाद भक्तों को अनुग्रह भाषण के साथ आशीर्वाद दिया गया, जिसमें उन्होंने 20 साल पहले श्री चंद्रमौलेश्वर पूजा के साथ उसी स्थान की यात्रा की यादों को समझाया और भक्तों को धार्मिक गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
21 जून को, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने दो काल पूजाएँ कीं और भक्तों की बड़ी भीड़ को तीर्थ प्रसाद का आशीर्वाद दिया और बाद में तीसरी काल पूजा की।
अगली सुबह (22 जून), पूज्य स्वामीजी ने त्रिकाल पूजा पूरी की और दोपहर में भक्तों को विभूति और कुमकुम प्रसाद का आशीर्वाद दिया, इसके बाद शाम को शिविर स्थल के पास सर्वेश्वर देवालयम के दर्शन किया और नागपुर से रामटेक के लिए प्रस्थान किया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की विजय यात्रा - मुख्य बातें - वारगल, निज़ामाबाद, निर्मल में शिविर
https://youtu.be/q4Xz_ogVADo
- ऋषि परम्परा दर्शन शृंखला
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विजया यात्रा अपडेट 18 से 20 जून, 2023 - पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का 18 जून की शाम को विनायक चौक आदिलाबाद में भक्तों द्वारा बड़ी भक्ति और उत्साह के साथ स्वागत किया गया और वे श्री राम मंदिर, तिरुपल्ली (शिविर स्थान) पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने प्रसाद और अनुग्रह भाषण के साथ भक्तों को आशीर्वाद दिया।
19 जून को, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने दो काल पूजाएं कीं और भक्तों को तीर्थ प्रसाद प्रदान किया, इसके बाद शाम को श्री रामचंद्र गोपाल कृष्ण मठ का दौरा किया और भक्तों को अनुग्रह भाषण का आशीर्वाद दिया। बाद में, पूज्य आचार्य वापस शिविर में लौटे और दीप पूजा करने वाले भक्तों को आशीर्वाद दिया, इसके बाद पुरोहितों, वैदिकों और अन्य भक्तों को अनुग्रह भाषण और आशीर्वाद दिया।
20 जून को, पूज्य आचार्य ने त्रिकाल पूजा की और चंडी होम की पूर्णाहुति का आशीर्वाद दिया और उसके बाद नागपुर के लिए प्रस्थान किया, जहां श्रीमठ शिविर 22 जून 2023 तक भगवदपाद सभा में रहेगा।
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विजया यात्रा अपडेट - 20 जून, 2023 शाम - श्रीमट शिविर ने महाराष्ट्र में प्रवेश किया। आज सुबह आदिलाबाद शिविर में त्रिकाल चंद्रमौलीश्वर पूजा के बाद, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी नागपुर, महाराष्ट्र के लिए रवाना हुए। श्रीमठ शिविर भगवद्पाद सभा, रामनगर, नागपुर में होगा।
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विजया यात्रा अपडेट - 17 से 18-06-23 शाम - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का निर्मल में भव्य स्वागत किया गया और वे निर्मल ब्राह्मण सेवा संगम कल्याण मंडप, निर्मल (17वीं शाम) पहुंचे और प्राचीन शिवालय के दर्शन किए, जिसके बाद भक्तों को अनुग्रह भाषण और प्रसादम के साथ आशीर्वाद दिया गया। भक्तों में पुरानी यादों की लहर दौड़ गई क्योंकि उसी स्थान पर पूज्य जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी और पूज्य शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने 25 साल पहले दौरा किया था और पूजा की थी।
18 तारीख को, पूज्य आचार्य ने त्रिकाल पूजा की और भक्तों को तीर्थ प्रसाद प्रदान किया और आदिलाबाद के लिए प्रस्थान किया।
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श्री कामकोटि प्रदीप - तमिल में मासिक आध्यात्मिक पत्रिका- जून 2023 संस्करण की ई-प्रति अब https://kamakoti.org/kamakoti/books/Kamakoti-प्रदीप पर उपलब्ध है am-Magazine.html
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विजय यात्रा अपडेट
https://www.youtube.com/watch?v=D_VrZWf5tnI
१४/६/२०२३
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का निजामाबाद स्थित राम मंदिर मठ में भक्तों ने स्वागत किया। निजामाबाद जिसे पहले इंडोरू के नाम से जाना जाता था । वह तेलुगु और मराठी संस्कृति का संगम है। यहां के भक्त मराठी और तेलुगु दोनों भाषाओं के हैं। राम मंदिर मठ की स्थापना स्वामी समर्थ रामदास ने की थी। पूज्य स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया और तत्पश्चात् कन्या परमेश्वरी मंदिर- श्रीमठ शिविर के लिए प्रस्थान किया।
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विजय यात्रा अपडेट - 13-06-23 (मंगलवार) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने चंडी हवन की पूर्णाहुति का आशीर्वाद दिया और भक्तों को वारगल में प्रसाद के साथ आशीर्वाद दिया और निजामाबाद के लिए रवाना हुए। रास्ते में कामारेड्डी से निजामाबाद हाईवे के बीच पूर्णकुंब के साथ श्रद्धालुओं ने स्वामीजी का आशीर्वाद लिया। पूज्य आचार्यजी निजामाबाद पहुंचे जहां पूज्य स्वामीजी के स्वागत में भक्तों द्वारा शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद बाजार रोड निजामाबाद (वर्तमान शिविर 17 जून तक रहेगा)के पास श्री बड़ा राम मंदिर और श्री कन्याका परमेश्वरी मंदिर का दौरा किया गया, जहाँ पूज्यश्री आचार्यजी ने अनुग्रह भाषण के साथ भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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विजय यात्रा अपडेट- - 13 जुलाई 2023- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति के साथ वारगल सरस्वती मंदिर में श्रीमठम शिविर में भौमाश्विनी दिवस के शुभ अवसर पर आज सुबह चंडी हवन किया गया
https://www.youtube.com/live/V6jaMAqXjEo?feature=share
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विजया यात्र अपडेट - 10-06-23 (रविवार) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने त्रिकाल पूजा के बाद कुरनूल में भक्तों को तीर्थ प्रसाद और अनुग्रह भाषण के साथ आशीर्वाद दिया और डुंडीगल के लिए रवाना हुए। रास्ते में पूज्य आचार्य ने संप्रदाय पाठशाला, महबूबनगर में छात्रों कों और अन्य भक्तों को आशीर्वाद दिया और श्री महाविद्या पीठम, डुंडीगल पहुंचे । उसके बाद डुंडीगल में श्री कांची कामकोटि सर्व हित मंडप का उद्घाटन किया तत्पश्चात् पूज्य आचार्य श्री ज्ञान सरस्वती मंदिर वर्गल पहुंचे (13-06-23 तक शिविर का स्थान) ।वहाँ उन्होंने श्री कांची कामकोटि शंकर मठ के उद्घाटन के बाद अनुग्रह भाषण दिया।
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विजय यात्रा अपडेट - 8-06-23 (गुरुवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने भक्तों को तीर्थ प्रसाद और अनुग्रह भाषण से आशीर्वाद दिया और अनंतपुर के लिए रवाना हुए। पेनुकोंडा गांव में रास्ते में भक्तों ने पूर्णाकुंब चढ़ाया। पूज्य आचार्य अनंतपुर पहुंचे और अनुग्रह भाषण के बाद भक्तों की सभा को आशीर्वाद दिया।
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अमृतवाणी - यह पुस्तक २०२२-२३ में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्वामीजी की विजय यात्रा के अवसर पर तेलुगु में दिव्य उपदेशों का संकलन है। हमारी सांस्कृतिक विरासत के खजाने, सनातन धर्म, हिंदू मंदिर, युवाओं को संदेश, देशभक्ति, देवत्व, गुरु भक्ति मानवीय मूल्य - स्वामीजी के प्रवचनों के अनेक विषय इस ग्रंथ में मिलते हैं। जिन्हें यह अमूल्य पुस्तक चाहिए वे नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से अपना पूरा पता सहित संपर्क कर सकते हैं।
www.kanchimuttseva.org/AmrutaVani
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जून २०२३ में श्रीमठम में विशेष पूजा -
१ जून, गुरुवार- प्रदोष पूजा
३ जून, शनिवार- पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीगल जयंती, पूर्णिमा पूजा
१५ जून, गुरुवार- प्रदोष पूजा
रथोत्सवम - तीसरा और ३०वां - अनुषम, ५वां - मूलम, ८वां - अवित्तम, ७वां - उत्तराडम
शुक्रवार पूजा- २, 9वां, 16वां, 23वां, 30वां
अपडेट के लिए www.kamakoti.org पर जाएं और ऑनलाइन दान करने के लिए www.kanchimuttseva.org पर जाएं
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पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीजी का जयंती महोत्सव आज सुबह श्रीमठम, कांचीपुरम में वेद परायण, रुद्राभिषेक, विशेष पूजा और विदवत सदास के साथ शुरू हुआ। जयंती का दिन ३ जून २०२३ (वैकसी अनुषम) को पड़ता है।
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शोभकृत संवत्सर २०२३ पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का चातुर्मास्य व्रत ५ जुलाई से २९ सितंबर २०२३ तक वाराणसी में किया जाएगा।
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पूज्यश्री महास्वामीजी का जयंती महोत्सव- स्वर्ण रथोत्सव ३ जून के शाम को कांचीपुरम के श्रीमठ में आयोजित किया गया। श्री कांची कामकोटि पीठम के अस्थाना विद्वान श्री यू राजेश और समूह ने संगीत समर्पण (सैक्सोफोन) 3 जून 2023 शाम को प्रस्तुत किया
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29 मई पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल का संन्यास स्वीकृति दिवस है। 1983 में आज ही के दिन पूज्यश्री आचार्य ने 13 वर्ष की अल्पायु में श्री कांची कामकोटि पीठम के 70वें आचार्य के रूप में सन्यास ग्रहण किया था।
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जगद्गुरु पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीगल - श्री कांची कामकोटि पीठम के 68वें शंकराचार्य का जयंती महोत्सव श्रीमठ, कांचीपुरम में 1 से 3 जून 2023 तक वेद पारायण, विद्वत सदा,उपन्यास,नाम संकीर्तन, नाद समर्पण आदि के साथ 3 जून को मनाया जाएगा - जयंती के दिन - रुद्र परायणम-जपम-होमम सुबह 7 बजे से शुरू होगा। पूज्य महास्वामीगल के अधिष्ठान में विशेष अभिषेक, अलंकार, अर्चना और महादीपाराधना की जाएगी। विस्तृत कार्यक्रम संलग्न है।
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामी जी 25 मई 2023 को तिरुपति से बेंगलुरु पहुंचे। भक्तों ने पूर्णकुंभम के साथ पारंपरिक स्वागत किया। स्वागत पत्र का पाठ किया गया और पाद पूजा की गई।
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शिवगीता
शिव गीता- श्री परमसिवेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की टिप्पणी के साथ - 1906 में प्रकाशित पुस्तक - अब kamakotikosh.org पर https://connect.kamakoti.org/shivagita #kamakoti पर उपलब्ध है
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विजय यात्रा अद्यतन -
श्रीमठ शिविर 24 मई 2023 से 7 जून 2023 तक बेंगलुरु में रहेगा
शिविर का स्थान कमलालयम, 25, निम्बेकैपुरा रोड, कन्या नगर पोस्ट, बेंगलुरु- 560049।
स्थान https://goo.gl/maps/SjTHT8iCQdvnPG3c7 #kamakoti
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने तिरुपति में प्रमाण पत्र वितरण के लिए आयोजित एक समारोह में शैव सिद्धांत पर पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों को आशीर्वाद दिया। यह सर्टिफिकेट कोर्स शंकर आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज, एनथुर, कांचीपुरम द्वारा संचालित किया गया था। मद्रास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वी गौरी, शंकर हार्ट फाउंडेशन के प्रोफेसर डॉ. जेएसएन मूर्ति और अन्य लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया और प्रमाण पत्र वितरित किया।
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15 मई। 2023- सोमवार- एकादशी के दिन तिरुमाला में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी को मंदिर सम्मान प्रदान किया गया पूज्य श्री शंकराचार्य स्वामीजी ने 15 मई 2023 को तिरुमाला का दौरा किया। वे तिरुपति में श्री शंकर मट पादुका मंडप में हैं।
तिरुमला में ,पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी को मंदिर से सम्मान प्रदान किया गया। मेट्टु मंडप में श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थान पर आचार्यजी का स्वागत किया गया। एक जुलूस में चलते हुए, पूज्यश्री आचार्य स्वामिजी ने बेदी अंजनेयस्वामी के दर्शन किए। श्री सडारी को श्रीवारी मंदिर से एक शोभायात्रा में लाया गया और वैदिक मंत्रोच्चारण और मंगलवाद्य के साथ स्वामीजी को अर्पित किया गया। स्वामीवरु ने श्री वारी दर्शन किया था जिस दौरान मापी आरती किया गया था। स्वामीजी ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी को विंचमार सेवा प्रदान किया।प्रसाद भी चढ़ाए गए। आचार्य तब मुख्य सन्धि के चारों ओर गए और माड वीधि से होते हुए मंदिर की छतरी और अन्य सम्मानों के साथ श्री शंकर मठ गए। बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया और गुरुजीऔर श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन किए। टीटीडी ईओ श्री धर्म रेड्डी और अन्य अधिकारियों ने पुजारियों के साथ स्वामीजी का स्वागत किया और उनके साथ गए।
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पूज्यश्री कांची शंकराचार्य स्वामीजी ने आज सुबह अनुग्रह भाषण के साथ तिरुमला क्षेत्र में अयोध्या कांड पारायण का आशीर्वाद दिया- 17 मई 2023
https://www.youtube.com/live/7c8GY9_NqgY?feature=share
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी का आईआईटी कैंपस में दौरा*
पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने 7 मई 2023 को आंध्र में तिरुपति के पास येरपेडु में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान- तिरुपति परिसर का दौरा किया। पूज्य स्वामीजी का स्वागत निदेशक श्री प्रो. के.एन. सत्यनारायण और संकाय के अन्य सदस्यों ने नए प्रशासनिक भवन में किया।निदेशक ने कैंपस मास्टरप्लान प्रदर्शनी में संस्थान और परिसर की मुख्य विशेषताओं के बारे में बताया।
सभागार में कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना के साथ हुई, परिसर के बच्चों ने आदि शंकराचार्य के गुरु स्तोत्र का जाप किया। प्रो. सत्यनारायण ने स्वागत भाषण दिया। आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर कामकोटि ने अपने अनुभव साझा किए। पूज्य स्वामीजी ने उपस्थित छात्रों, शिक्षकों और अन्य सदस्यों को अनुग्रह भाषण से आशीर्वाद दिया।
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श्री सीता विवाह महोत्सव
कांचीपुरम: पेरिया कांचीपुराण श्री सीताराम भजन मंडली की ओर से हर साल कांचीपुरम में चार दिवसीय समालोचना के रूप में सीता विवाह महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
तदनुसार, 31वां वार्षिक सीता कल्याण महोत्सव शाम 6:00 बजे कांचीपुरम कामची अम्मन मंदिर के पास यात्री निवास में गणपति हव के साथ शुरू हुआ।
दूसरे दिन 5 मई को कलश स्थापना,सुहासिनी दीप पूजा, अगले दिन विष्णु सहस्र नाम का पाठ, राम को लाख अर्चना , महा दीप पूजन हुआ।
कल सीता विवाह महोत्सव के अवसर पर भागवत परंपरा के अनुसार मायावरम ज्ञानगुरु भगवदर समूह द्वारा सीता विवाह कराया गया।
स्वामी विधिउला और अंजनेय उत्सवम का पालन किया गया।
कांचीपुरम कामकोटी पीठादिपती श्री विजयेंद्र सरस्वती स्वामीगल ने तिरुपति से वीडियो शो के जरिए भक्तों को आशीर्वाद दिया।
समारोह का आयोजन श्री सीता राम भजन मंडली के प्रशासकों द्वारा किया गया था।
अधिक पढ़ें: https://www.dinamalar.com/news_detail.asp?id=3314605
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने आज सुबह (रविवार- 7 मई 2023) रेनीगुंटा-तिरुपति रोड (अंकुरा अस्पताल के पास) से दूर तिरुपति में एक नई सड़क "परमाचार्य श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामी मार्ग" के उद्घाटन का आशीर्वाद दिया। पूज्य महास्वामीजी की तस्वीर वाली पट्टिका का अनावरण करने के बाद पूज्य स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया। 1932 में पूज्य महास्वामीजी की तिरुपति यात्रा का वृत्तांत पढ़ा गया। मद्दिला गुरुमूर्ति, संसद सदस्य, तिरुपति, तिरुपति विधायक श्री भुमना करुणाकर रेड्डी, नगर निगम के अधिकारी और सदस्य, और अन्य भक्तों ने भाग लिया।
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विजया यात्रा अपडेट- 05-05-23 (शुक्रवार, पूर्णमी) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने गंगम्मा मंदिर #तिरुपति का दौरा किया और गंगम्मा देवी के कुंभाभिषेकम का आशीर्वाद दिया, इसके बाद श्री आदि शंकराचार्य द्वारा रचित गंगाष्टकम का जाप किया और भक्तों को अनुग्रह भाषण और प्रसाद का आशीर्वाद दिया।
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नरसिंह जयंती
https://youtu.be/IwCaHluUj_U - ऋषि परम्परा विशेष संस्करण
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श्री लक्ष्मी नरसिम्हा करुणारस स्तोत्र - परम पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा जप [श्री नृसिंह जयंती के अवसर पर तेनमबाक्कम, कांचीपुरम में वर्ष 2020 में]
https://youtu.be/ztgociIqUQI
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श्री नरसिंह जयंती - पूजा विधि
सहित - प्रधान पूजा, अष्टोत्र सतनामावली, श्री नरसिंह अवतार घाट्टम, श्री लक्ष्मी नरसिंह करावलम्बा स्तोत्र
देवनागरी- https://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/NrisimhaJayantiPuja-devanagari.pdf
तमिल - https://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/NrisimhaJayantiPuja-tamil.pdf
तेलुगु - https://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/NrisimhaJayantiPuja-telugu.pdf
कन्नड़- https://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/NrisimhaJayantiPuja-kannada.pdf
ग्रंथ - https://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/NrisimhaJayantiPuja-grantha.pdf
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विजया यात्रा अपडेट - 03-05-23 (बुधवार, सुबह) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने जोन्नावदा में श्री मल्लिकार्जुन सहित कामाक्षी मंदिर का कुंभाभिषेक किया और कलश तीर्थ के साथ सन्नधि में अभिषेक किया। इस शुभ अवसर पर, पूज्य स्वामीजी ने श्री कांची कामकोटि भक्ति प्रचार रथम को आशीर्वाद दिया और झंडी दिखाकर रवाना किया।
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विजया यात्रा अपडेट - 02-05-23 (मंगलवार) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने कस्तूरी कला क्षेत्र नेल्लोर का दौरा किया और यादव समुदाय के लिए स्वयंवर पार्वती पूर्णाहुति हवन का आशीर्वाद दिया और अनुग्रह भाषण के साथ आशीर्वाद दिया और उसके बाद श्री कांची कामकोटि शंकर मट नेल्लोर गये और प्रसाद के साथ श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया ।
वापस लौटकर, पूज्य आचार्य ने जोन्नवदा श्रीमठ शिविर में स्थानीय पुरोहितों की सभा को अनुग्रह भाषण और प्रसाद के साथ आशीर्वाद दिया।
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विजया यात्रा अपडेट - 01-05-23 (सोमवार) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने त्रिकाल पूजा पूर्ण करने के बाद कामकोटिवाणी विशेष संस्करण (मार्च तक छह डिजिटल संस्करणों का प्रिंट) के उद्घाटन का आशीर्वाद दिया, ज्योतिष सदास पूर्ति के लिये आशीर्वाद दिया और सिद्धांतियों को आशीर्वाद दिया। कांची कामकोटि ज्योतिष पाठशाला टिंडीवनम ,पांडिचेरी एवं काँची कामकोटी वैकानिसा पाठशाला को प्रसाद एवं आशीर्वाद दिया।
आज सुबह, पूज्यश्री आचार्य जोन्नवदा नेल्लोर में श्रीमुत्त शिविर पहुंचे और 3 मई, 2023 की सुबह कुम्भाभिषेक समारोह और मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले, श्री मल्लिकार्जुन स्वामी कामाक्षी देवालय में सभी देवताओं का कालादर्शन (पूर्व-कुंभभिषेक अनुष्ठान) किया। अभिषेक के लिए अग्नि वेदियों, खुंबों के साथ आसपास के यज्ञशाला को आशीर्वाद दिया।
शाम को, पूज्य आचार्य ने पूर्णाहुति को आशीर्वाद दिया और भक्तों की विशाल सभा मे प्रसाद के साथ आशीर्वाद दिया
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मई 2023 में श्रीमठम में विशेष पूजा
3 मई, बुधवार- प्रदोष पूजा
4 मई, गुरुवार- नृसिंह जयंती
5 मई, शुक्रवार - पूर्णिमा पूजा
17 मई, बुधवार- प्रदोष पूजा
रथोत्सव के दिन- 7वां- अनुषम, 9वां-मूलम, 12वां- अवित्तम, 10वां- उत्तराडम
शुक्र पूजा- 5वीं, 12वीं, 19वीं, 26वीं
अपडेट के लिए www.kamakoti.org पर जाएं और ऑनलाइन kamakoti दान करने के लिए www.kanchimuttseva.org पर जाएं
श्रीमठम शिविर वर्तमान में 3 मई 2023 तक आंध्र में जोनावदा (नेल्लोर के पास) में है।
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वैशाख शुक्ल पंचमी - २५३२वां श्री शंकर जयंती महोत्सव - श्री शंकर मटम, चोकिकुलम, मदुरै में पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद से वेद परायण,आवहंती हवन और विशेष पूजा की गई।
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श्री शंकर जयंती - वेद पूर्ति परीक्षा - प्रमाणपत्र वितरण , २५३२वें श्री शंकर जयंती महोत्सव में होगा -
वर्षिका वेद पूर्ति परीक्षा प्रमाण पत्र पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल की उपस्थिति में महती सभागार, तिरुपति में २५ अप्रैल २०२३ शाम ४.०० बजे होगा।
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वैशाख शुक्ल पंचमी - श्री आदि शंकर जयंती - श्री कांची कामकोटि ,गोमांतक ,तिरुपति बालाजी मंदिर, गोवा में सुबह ८ बजे प्रातः आरती एवं यज्ञमंतप मंदिर में अवहंती हवन के साथ मनाई गई।
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वैशाख शुक्ल पंचमी - २५३२वां श्री शंकर जयंती महोत्सव, श्री माणिक्यंबल सहित श्री भीमेश्वर स्वामी मंदिर (पंचरामम), द्रक्षरामम में मनाया गया।
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देशभर के कांची मठों में मनाई जाएगी शंकर जयंती-
https://www.newindianexpress.com/states/tamil-nadu/2023/apr/25/shankara-jayanthi-to-be-celebrated-in-kanchi-maths-across-the-country-2569102.html
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श्री शंकर जयंती -कामकोटिदर्शन - श्री आदि शंकराचार्य विरचित स्तोत्रमाला - जगद्गुरुओं की वाणी में
https://youtu.be/z-QRdZ245us
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शंकराचार्य जयंती- पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल ने २४ अप्रैल२०२३ कपिलतीर्थम में जगद्गुरु आदि शंकराचार्य का अभिषेक,अर्चना और पूजा किया।
इससे पूर्व आचार्य उत्सवमूर्ति को श्रीमठ(तिरुपति शिविर) से कपिलेश्वर स्वामी मंदिर तक शोभायात्रा के रूप में ले जाया गया।
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कालाडी में श्री शंकर जयंती -२३ अप्रैल २०२३
आदि शंकराचार्य कीर्ति स्तम्भम में अवहन्ति हवन, वेद परायणम, रुद्राभिषेक, अर्चना और पूजा की गई।
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी बुग्गा शंकर मट में श्री आदि शंकर- श्री शंकर विनायक का कुंभाभिषेक करेंगे
२७-४-२०२३
श्री आदि शंकराचार्य का कुंभाभिषेक- श्री शंकर विनायक बग्गा शंकर मट में २७ अप्रैल २०२३ को पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा किया जाएगा।
बुग्गा क्षेत्र दक्षिण काशी के रूप में पूजनीय है। आंध्र प्रदेश में चित्तौड़ जिले में नगरी के पास नारायणवनम तालुका में स्थित है। (तिरुत्तनी से लगभग २५ किलोमीटर - श्री सुब्रह्मण्य स्वामी का निवास)। कुशस्थली नदी के तट पर पवित्र पहाड़ियों और मंदिरों से घिरे हुए, गौतम ऋषि ने बुग्गा में मंदिर की स्थापना की। परम पूज्यश्री महास्वामीगल ने १९३२ में बुग्गा में चातुर्मास्य मनाया, और बाद में, मंदिर के आसपास के क्षेत्र में श्री शंकर मट की स्थापना की गई। अंतिम कुंभाभिषेक २००६ में किया गया था।
पूज्यश्री विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी २७ अप्रैल को सुबह ९.१५ से ११.१५ बजे के बीच जीर्णोद्धार कुंभाभिषेक करेंगे।स्वामीजी विजय यात्रा के हिस्से के रूप में तिरुपति (अलीपीरी के पास श्री कांची कामकोटि पादुका मंडपम में) में हैं।
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कांची में श्री शंकर जयंती -२३ अप्रैल २०२३
श्रीमताम में सुबह अवहंती होमम और वेद पारायणम किया गया। शाम को, श्री आदि शंकराचार्य उत्सवमूर्ति को जुलूस के रूप में कंपा तीर्थम ले जाया गया और रुद्राभिषेक किया गया।
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श्री शंकर जयंती महोत्सव- कपिलतीर्थम में रुद्राभिषेक के बाद, श्री आदि शंकराचार्यजी श्रीमठ लौट आए, जिसके बाद पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की उपस्थिति में श्रीमठम शिविर तिरुपति ,कामकोटि में तोताकाष्टकम का पाठ किया ।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने २२ अप्रैल २०२३ को राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति- राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय का दौरा किया और पहले अखिल भारतीय संस्कृत छात्र प्रतिभा महोत्सव के समापन समारोह को आशीर्वाद दिया। वाइस चांसलर प्रो. कृष्णमूर्ति और अन्य लोगों ने पारंपरिक स्वागत किया। पूज्य स्वामीजी ने सभा को संस्कृत और हिंदी में अनुग्रह भाषण दिया, और पुरस्कार और पदक प्राप्त करने वाले सभी लोगों को प्रसाद दिया।
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श्री शंकर जयंती उत्सव - पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति के साथ, श्री आदि शंकराचार्य उत्सव मूर्ति की शोभायात्रा श्री कांची कामकोटि पादुका मंडपम, तिरुपति के श्रीमटम शिविर से वेद पंडितों और विद्यार्थियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शुरू हुई। नादस्वरम विद्वानों ने पूरी कार्यवाही के दौरान भक्तिमय कृतियां प्रस्तुत कीं। सम्प्रदाय पाठशाला के छात्रों ने हर हर शंकर जय जय शंकर का जाप करते हुए कोलाट्टम का प्रदर्शन किया। जुलूस श्री कपिलेश्वर स्वामी मंदिर के अंदर कपिलतीर्थम पहुंचा। कपिलतीर्थम के तट पर झरनों के बीच, सुरम्य और शांत तलहटी में स्थित, रुद्रम के जाप के साथ श्री आदि शंकराचार्य का अभिषेक किया गया। अलंकार, अष्टोत्र अर्चना, और दीपाराधना, छत्र-चमरा सेवा सहित विभिन्न सेवाएँ की गईं, जिसके बाद उत्सवमूर्ति जुलूस में श्रीमठम लौट आए। तोताकाष्टकम का प्रतिपादन किया गया।
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विजया यात्रा अपडेट -२०-४-२३(गुरुवार, पूर्व संध्या) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने तीन कलश पूजा पूरी करने के बाद भक्तों को ओंगोल में तीर्थ प्रसाद से आशीर्वाद दिया और तिरुपति के लिए रवाना हुए। रास्ते में, पूज्य आचार्य ने श्री कांची कामकोटि पीठम वीरा अंजनेय स्वामी मंदिर, संथापेटा ओंगोल और श्री हनुमान जंक्शन, कोंडायापलेम नेल्लोर का दौरा किया, जहां पूज्य आचार्य ने आदि शंकराचार्य की पूजा की और नेल्लोर के श्रीमुत्त को आशीर्वाद दिया और उसके बाद अनुग्रह भाषण और भक्तों को प्रसाद दिया और उसके बाद श्री कांची कामकोटी पादुका मंडप (वर्तमान शिविर) गये।
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श्री शंकर भगवत्पाद २५३१ वर्ष पूर्व काली २५९४वें वर्ष (५०९ईसा पूर्व) की वैशाख शुक्ल पंचमी को अवतरित हुए थे।
भगवत्पाद के अवतार के कारण ही हम शिवरात्रि, नवरात्रि, रामनवमी, गोकुलाष्टमी आदि मनाते हैं। अन्यथा उनके समय में प्रचलित अवैदिक प्रथाएँ सनातन परम्पराओं पर हावी हो जातीं। इस प्रकार शंकर जयंती का महत्व यह है कि यह जयंती ही है जिसने अन्य सभी जयंती को संरक्षित रखा है।
इसलिए इस दिन श्री शंकर भगवत्पाद का स्मरण और पूजन करना हमारा कर्तव्य है। इसे प्रथमा से शुरू करके पंचमी तक या पंचमी से शुरू करके भी किया जा सकता है। इसमें सहायता करने के लिए, हम इस पूजा पद्धति को आचार्य की नामावली और उन पर स्तोत्रों के साथ जारी करते हैं:
एकाधिक लिपियों में PDF:
https://bit.ly/vdsp-shankara-jayanti
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से कन्याकुमारी (समुद्र तट) के श्री आदि शंकर मंडपम में ,25-4-2023 को श्री शंकर जयंती मनाई जाएगी
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21 से 25 अप्रैल 2023 पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद के साथ श्री शंकर जयंती महोत्सव बेंगलुरू के श्री कांची कामकोटि पीठम शंकराचार्य मठ में मनाया जाएगा।
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ओंगोल में शंकर जयंती
https://www.thehindu.com/news/national/andhra-pradesh/kanchi-seer-launches-shankara-jayanthi-fete-in-ongole/article66755799.ece
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23-25 अप्रैल 2023 पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद के साथ अथर्ववेद पाठशाला, स्वर्गद्वार, पुरी मे श्री कांची कामकोटि पीठम शंकराचार्य मठ में श्री शंकर जयंती महोत्सव मनाया जाएगा।
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श्री आदि शंकराचार्य जयंती महोत्सवम श्री पशुपतिनाथ मंदिर, #काठमांडू, #नेपाल - यज्ञमंडप में 20 से 28 अप्रैल, 2023 तक भगवान के आशीर्वाद के साथ मनाया जाएगा।
पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल ऋग्वेद संहिता हवन के साथ श्री मोरेश्वर घीस गुरुजी के नेतृत्व में, वेद भवन, पुणे
20 अप्रैल
श्री पशुपतिनाथजी को उदकशांति, महापूजा और रुद्राभिषेक
21 अप्रैल
प्रातः - पुण्यहवाचन, संकल्प, देवता स्थापना, ऋग्वेद संहिता हवन प्रारंभ
संध्या - शांति पथ,आरती, अष्टवदन सेवा
22 - 27 अप्रैल।
प्रातः - ऋग्वेद संहिता हवन
नित्य संध्या - शांति पाठ,आरती, अष्टवदन सेवा
25 अप्रैल - वैशाख शुक्ल पंचमी -
जयंती दिवस
शंकर भगवत्पाद अवतार परायणम्
शाम को विशेष कार्यक्रम
28 अप्रैल
प्रात:- ऋग्वेद संहिता हवन पूर्णाहुति
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद के साथ,श्री कांची कामकोटि पीठम में श्री शंकर जयंती महोत्सव, - 19 से 25 अप्रैल 2023 तक मनाया जायेगा।
कार्यक्रम:
19 अप्रैल 2023
सुबह 8.30 बजे- श्री विघ्नेश्वर पूजा, अनुज्ञाई, अवहंती होमम
सुबह 10 बजे - श्री आदि शंकराचार्य और दीपाराधना का विशेष अभिषेकम
शाम 6 बजे - श्री आदि शंकराचार्य की शोभायात्रा सर्वतीर्थम और वापस श्रीमठम
शाम 7 बजे- दीपाराधना, मंत्रपुष्म
20 अप्रैल 2023
प्रातः 9 बजे - अवहन्ति होमम्
सुबह 10 बजे - श्री आदि शंकराचार्य और दीपाराधना का विशेष अभिषेकम
शाम 6 बजे - श्री आदि शंकराचार्य की यात्रा श्री कचबेश्वर मंदिर तीर्थम और श्रीमठम वापस
शाम 7 बजे- दीपाराधना, मंत्रपुष्म
21 अप्रैल 2023
प्रातः 9 बजे - अवहन्ति होमम्
सुबह 10 बजे - श्री आदि शंकराचार्य और दीपाराधना का विशेष अभिषेकम
शाम 6 बजे - श्री आदि शंकराचार्य की यात्रा श्री कामाक्षी अंबल मंदिर तीर्थम और वापस श्रीमठम तक
शाम 7 बजे- दीपाराधना, मंत्रपुष्म
22 अप्रैल 2023
प्रातः 9 बजे - अवहन्ति होमम्
सुबह 10 बजे - श्री आदि शंकराचार्य और दीपाराधना का विशेष अभिषेकम
शाम 6 बजे - श्री आदि शंकराचार्य की श्री शिव गंगा तीर्थम और वापस श्रीमठम तक यात्रा
शाम 7 बजे- दीपाराधना, मंत्रपुष्म
23 अप्रैल 2023
प्रातः 9 बजे - अवहन्ति होमम्
सुबह 10 बजे - श्री आदि शंकराचार्य और दीपाराधना का विशेष अभिषेकम
शाम 6 बजे - श्री आदि शंकराचार्य का कंपातीर्थम और वापस श्रीमठम तक जुलूस
शाम 7 बजे- दीपाराधना, मंत्रपुष्म
24 अप्रैल 2023
प्रातः 9 बजे - अवहन्ति होमम्
सुबह 10 बजे - श्री आदि शंकराचार्य और दीपाराधना का विशेष अभिषेकम
शाम 6 बजे - श्री आदि शंकराचार्य की शोभायात्रा उपनिषद ब्रह्मेंद्रल श्रीमठम और वापस श्रीमठम
शाम 7 बजे- दीपाराधना, मंत्रपुष्म
25 अप्रैल 2023
सुबह 8.30 बजे - श्री आदि शंकराचार्य और दीपाराधना का विशेष अभिषेकम
प्रातः 9 बजे - अवहन्ति होमम्
सुबह 10 बजे - श्री आदि शंकर अवतार घट्टा परायणम
शाम 4 बजे - श्री कामाक्षी मंदिर में श्री आदि शंकर सन्धि में - विदवत सदास
शाम 6 बजे - मंगला तीर्थम में श्री आदि शंकराचार्य का महाभिषेक
शाम 7 बजे - जगद्गुरु आदि शंकराचार्य का स्वर्ण रथोत्सवम चारों राजा विधी मे।
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श्री शंकर जयंती गुवाहाटी, असम - कामाख्या मंदिर, बालाजी मंदिर और शंकर देव नेत्रालय में पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से मनाई जाएगी
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श्री शंकर जयंती 21 से 25 अप्रैल 2023 तक पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल की सौम्य उपस्थिति में श्री कांची कामकोटि पीठम पादुका मंडपम,में श्रीमठम शिविर में मनाई जाएगी
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श्री शंकर जयंती महोत्सव वैशाख शुक्ल पंचमी मंगलवार, 25 अप्रैल 2023 को पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामी जी के आशीर्वाद के साथ श्री कांची कामकोटि पीठम आद्य शंकर मंदिर, सरसबाग, में मनाया जाएगा।
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विजय यात्रा अपडेट - 18-04-23 (मंगलवार, पूर्व संध्या) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने आंध्र केसरी विद्या केंद्रम कॉलेज का दौरा किया और आरएसएस समूह को आशीर्वाद दिया और उसके बाद घड़ी केंद्र में श्री रामालयम और सुंदर नगर में श्री कांची कामकोटि पीठम पंचमुख अंजनेय स्वामी टेम्पे का दौरा किया।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, श्री शंकर जयंती महोत्सव कलाडी - जगद्गुरु आदि शंकराचार्यजी की जन्मभूमि 18 से 25 अप्रैल, 2023 तक श्री आदि शंकर कीर्ति स्तम्भम में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। जयंती महोत्सव के हिस्से के रूप में कई पूजा, ऋग संहिता होमम, ऋग्वेदम, यजुर्वेद क्रम परायणम का प्रदर्शन किया जाएगा।
उत्सव में शामिल होने और जगद्गुरु का आशीर्वाद लेने के लिए भक्तों को आमंत्रित किया जाता है।
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छात्रों के बीच सरलता और स्वदेशी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्कूल आधुनिकता और पारंपरिकता का एक संयोजन हैं, कहते हैं शंकराचार्य स्वामीजी
https://www.thehindu.com/news/national/andhra-pradesh/kanchi-mutt-plans-model-schools-in-andhra-pradesh/article66751581.ece
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सिक्किम में शंकर जयंती महोत्सव
श्री कंचनेश्वर महादेव मंदिर - श्री कंचनेश्वर महादेव वेद पाठशाला - श्री कांची कामकोटि सेवा समिति, रानीपूल, सिक्किम में श्री शंकर जयंती 20 से 25 अप्रैल 2023 तक पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद से मनाई जाएगी। विभिन्न हवन, वेद परायणम, विशेष पूजा की जाएगी।
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सिक्किम में शंकर जयंती महोत्सव
श्री कंचनेश्वर महादेव मंदिर - श्री कंचनेश्वर महादेव वेद पाठशाला - श्री कांची कामकोटि सेवा समिति, रानीपूल, सिक्किम में श्री शंकर जयंती २० से २५ अप्रैल २०२३ तक पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से मनाई जाएगी। विभिन्न हवन, वेद परायण एवं विशेष पूजाएँ की जाएगी।
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श्री पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री आदि शंकराचार्य जयंती महोत्सव श्री कांची कामकोटि पीठ- वाराणसी में चतुर वेद पारायण, प्रस्ताना त्रय भाष्य पारायण के साथ २१-२५ अप्रैल तक मनाया जाएगा।
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विजय यात्रा अपडेट - १६-४-२३ (रविवार, संध्या) - ओंगोल में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में भक्त एकत्रित हुए, जिसमें वैदिक पाठ के साथ जुलूस का नेतृत्व वैदिक कर रहे थे। जुलूस मंगमुरू दोंका से शुरू हुआ और लॉयरपेट, कोंडैया बंक रोड, कोर्ट सेंटर, गांधी रोड, येनुगु चेट्टू केंद्र, कोंडा मीदा शिवालय और चेन्नाकेशवलय से होते हुए थाटा प्रसाद कल्याणमंडप पहुँचा। पूज्यश्री आचार्य ने अनुग्रह भाषण दिया।
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१३-४-२३ (गुरुवार , शाम) - गुंटूर से ओंगोल के रास्ते में, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री विनायक स्वामी मंदिर और श्री ललिता पीठम का दौरा किया और भक्तों को अनुग्रह भाषण और प्रसाद दिया।
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१४-४-२३ - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने टीटीडी कल्याण मंडपम में किए गए राजश्यामला होम की पूर्णाहुति का आशीर्वाद दिया और उसके बाद भक्तों को अनुग्रह भाषण और प्रसाद दिया।
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१४-४-२३(शुक्रवार, विशु) - विशु (तमिल नववर्ष) के अवसर पर, चैत्र मास, शोभन वर्ष, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने ओंगोल के श्रीमठम शिविर में भक्तों को प्रसाद दिया।
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कामकोटि वाणी - तेलुगु में न्यूज़लैटर - मार्च २०२३ संस्करण अब यहां उपलब्ध है
https://kamakoti.org/telugu/newsletter/kamakoti-vani-telugu-newsletter.html
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विजय यात्रा अपडेट-१२-४-२३ (बुधवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने तीर्थ प्रसाद के साथ भक्तों को आशीर्वाद दिया और श्री कांची कामकोटी पीठम सांस्कृतिक केंद्र, सत्यनारायण स्वामी मंदिर और वेद पाठशाला का दौरा किया और अनुग्रह भाषण और प्रसाद भी दिया।
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विजय यात्रा अपडेट- ११-४-२३(मंगलवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने "वेंकटाद्री महात्म्यम" पुस्तक के विमोचन के बाद अनुग्रह भाषण दिया और मारुति नगर में श्री कांची कामकोटि पीठम मारुति मंदिर और श्री कांची कामकोटि पीठम गायत्री मंदिर का दौरा किया। ए टी अग्रहारम गुंटूर में भक्तों को आशीर्वाद और अनुग्रह भाषण दिया गया। ।
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विजय यात्रा अपडेट-१२-४-२३ (बुधवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने तीर्थ प्रसाद के साथ भक्तों को आशीर्वाद दिया और श्री कांची कामकोटी पीठम सांस्कृतिक केंद्र, सत्यनारायण स्वामी मंदिर और वेद पाठशाला का दौरा किया और अनुग्रह भाषण और प्रसाद भी दिया
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विजय यात्रा अपडेट- ११-४-२३(मंगलवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने "वेंकटाद्री महात्म्यम" पुस्तक के विमोचन के बाद अनुग्रह भाषण दिया और मारुति नगर में श्री कांची कामकोटि पीठम मारुति मंदिर और श्री कांची कामकोटि पीठम गायत्री मंदिर का दौरा किया। ए टी अग्रहारम गुंटूर में भक्तों को आशीर्वाद और अनुग्रह भाषण दिया गया। ।
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१०-४-२३ (सोमवार, शाम) - गुंटूर शिविर के रास्ते में, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने मंगलागिरी में वेद पाठशाला का दौरा किया और भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया। यात्रा भव्य स्वागत के साथ श्री कांची कामकोटि पीठम श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (वर्तमान शिविर) गुंटूर पहुंची जहां पूज्य स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया।
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२६ अप्रेल तक की यात्रा अपडेट
११-१३ अप्रेल - गुन्टुर- श्री काँची कामकोटी पीठम,श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, अन्नामया वीदी, बृंदावन गार्डन।
१४ - २० अप्रेल- ओंगोल -श्री गुडा राममोहन के स्थान पर,श्री महालक्ष्मी निलय,
मैरिचेट्टू के पास, मंगमूर रोड,ओंगोल, प्रकाशम ,एपी-523002।।
२१-२६ अप्रेल - तिरुपती-श्री कांची कामकोटि पीतम पादुका मंडप, रामकृष्ण मार्ग,विनायक नगर, तिरुपती।।(इस्कॉन मंदिर के पास)
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श्री आदि शंकराचार्य जयंती महोत्सव २३-२५ अप्रैल २०२३ को चंडीगढ़ में श्री कार्तिकेय स्वामी मंदिर, सेक्टर ३१ डी, चंडीगढ़ में पूजा, हवन, शंकर भगवद्पाद अवतार परायणम और पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद के साथ अन्य आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ किया जाएगा।
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विजया यात्रा अपडेट- १०-४-२३ (सोमवार, अनुराधा नक्षत्र) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने विजयवाड़ा शिविर में सभी पुरोहितों, वेद पंडितों और विद्यार्थियों और सभी भक्तों को तीर्थ प्रसाद से आशीर्वाद दिया और नूना में चिन्ना कांची शिविर पहुंचे। उसके बाद अनुग्रह भाषण दिया। आज चिन्ना कांची में पूज्य आचार्य द्वारा श्री सुब्रमण्य स्वामीजी का अभिषेक और अर्चना की गई, जिसके बाद दर्शन और आशीर्वाद दिया गया। त्रिकाल पूजा के बाद शाम तक कैंप गुंटूर चला जाएगा।
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२४ और २५ अप्रैल को शंकर धाम, अमृतसर में शंकर जयंती मनाई जाएगी। पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद के साथ रुद्राभिषेक, हवन, सत्संग, शंकर भगवद्पाद अवतार परायणम, उपनिषद पारायण किया जायेगा।
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विजया यात्रा अपडेट- ०७-४-२३ (शुक्रवार, शाम) - ७५वां वार्षिक समारोह - महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान, उज्जैन परीक्षा का सदस और क्षेत्रीय वैदिक सम्मेलन और सभी परीक्षा पूर्ति पट्ट हासिल करने वालों और अन्य सभी वेद पंडितों का अभिनंदन मंडला विद्वातप्रवर्द्धका सभा समूह विजयवाड़ा के श्रीमठम शिविर में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति के साथ आयोजित किया गया था, जिसके बाद अनुग्रह भाषण और प्रसाद का आयोजन किया गया था।
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विजय यात्रा अपडेट- ०६-०४-२३(गुरुवार, सुबह) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने लोक क्षेम संकल्प के लिए इष्ट हवन के लिए उपयोग किए जाने वाले हवन द्रव्यों को आशीर्वाद दिया, जो श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, लब्बीपेटा में किया गया था।
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विजय यात्रा अपडेट- ६-४-२३ (गुरुवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने केबीएन कॉलेज, एसकेपीवीवी शैक्षणिक संस्थानों विजयवाड़ा का दौरा किया और भक्तों को अनुग्रह भाषण और प्रसाद के साथ आशीर्वाद दिया।
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गुरुकृपालाहारी प्रवचन ,यूट्यूब श्रृंखला
गुरुकृपालाहारी कांची महास्वामीजी पर ३०२ श्लोक का ग्रंथ है, जिसे कल्लूरी वेंकट सुब्रह्मण्य दीक्षितुलु ने लिखा है और प्रवचन श्री प्रोफेसर डॉ. धूलिपाला रामकृष्ण शास्त्री द्वारा प्रस्तुत किया गया है। लिंक में उद्घाटन कार्यक्रम (पहला वीडियो) और परम पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल (दूसरा वीडियो) के अनुग्रह भाषण और उसके बाद प्रवचन वीडियो सहित १६ वीडियो हैं।
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विजय यात्रा अपडेट- ४-४-२३(मंगलवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने विजयवाड़ा शिविर के रास्ते में ब्राह्मण कोडूर (तेनाली जिले) में डॉ. रामिनेनी फाउंडेशन और उनकी गोशाला का दौरा किया और गोपूजा के बाद अनुग्रह भाषण के साथ भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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जगद्गुरु पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आंध्र प्रदेश में १३ अप्रैल २०२३ तक का अपडेट
तारीख -४ अप्रैल तक, जगह-पेदारावुरु, पूजा का स्थान-श्री सुब्रह्मण्य स्वामी देवालयम। ,पेदारवुरु, तेनाली के पास ।।
तारीख़- ५ से ९ अप्रैल, जगह-विजयवाड़ा, स्थान- श्री कांची कामकोटि पीठम श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थानम, लब्बीपेटा, विजयवाड़ा ।।
तारीख़-१० अप्रैल, जगह-चिन्ना कांची, स्थान- श्री चंद्रशेखरेंद्र परमाचार्य मंदिर, चिन्ना कांची, नुन्ना - 521212, विजयवाड़ा ।।
तारीख़ - ११ से १३ अप्रैल, स्थान - गुंटूर, स्थान- श्री कांची कामकोटि पीठम श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर,अन्नमय विधि 5वीं पंक्ति, बृंदावन गार्डन, गुंटूर ।।
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विजय यात्रा अपडेट-४-४-२३(मंगलवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य ने विजयवाड़ा शिविर के रास्ते में ब्राह्मण कोडूर (तेनाली जिले) में डॉ. रामिनेनी फाउंडेशन और उनकी गोशाला का दौरा किया और गोपूजा के बाद अनुग्रह भाषण के साथ भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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विजय यात्रा अपडेट- ०४-०४-२३ (मंगलवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने पेद्दारवुरु शिविर (तेनाली) में भक्तों को आशीर्वाद दिया और प्रसाद दिया। तेनाली के शिविर में उगादी, वसंत नवरात्रि और श्री रामनवमी के संबंध में कई पूजा और अन्य आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां की गईं। श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर लब्बीपेट, विजयवाड़ा (वर्तमान शिविर) में आगमन पर पूज्य स्वामीजी का पूर्णकुंभ के साथ स्वागत किया गया।
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२-४-२३(रविवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने तेनाली में श्री कन्याका परमेश्वरी मंदिर और कल्याणमंडप और गोवर्धन मंदिर का दौरा किया और भक्तों को अनुग्रह भाषण का दिया।
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१-४-२३- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री शिव मंदिर (पूज्य जयेंद्र सरस्वती स्वामीजी की उपस्थिति में किया जाने वाला कुंभाभिषेक) और बाल त्रिपुर सुंदरी मंदिर (श्री थाडेपल्ली राघव नारायण शास्त्री द्वारा स्थापित) का दौरा किया और सभी भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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१-४-२३- सात घोड़ों के रथ पर आसीन पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का आगमन तेनाली में भक्तों द्वारा नादस्वरम, वेद स्वस्ति और भव्य शोभायात्रा के साथ किया गया। स्वामीजी ने तेनाली में तालुका हाई स्कूल मैदान का दौरा किया जहां पूज्यश्री परमाचार्य की उपस्थिति में सरस्वती प्रतिष्ठा की गई थी और पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीजी ने भी दौरा किया था। पूज्य स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया।
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१-४-२३- सात घोड़ों के रथ पर आसीन पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का आगमन तेनाली में भक्तों द्वारा नादस्वरम, वेद स्वस्ति और भव्य शोभायात्रा के साथ किया गया। स्वामीजी ने तेनाली में तालुका हाई स्कूल मैदान का दौरा किया जहां पूज्यश्री परमाचार्य की उपस्थिति में सरस्वती प्रतिष्ठा की गई थी और पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीजी ने भी दौरा किया था। पूज्य स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया।
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अप्रैल २०२३ में श्रीमठम में विशेष पूजा -
३ अप्रैल, सोमवार- प्रदोष पूजा
५ अप्रैल, बुधवार - पूर्णिमा पूजा
१४ अप्रैल, शुक्रवार - तमिल (शोभक्रुथ) नववर्ष
१७ अप्रैल, सोमवार- प्रदोष पूजा
२२ अप्रैल, शनिवार- अक्षय तृतीया
२५ अप्रैल, मंगलवार- श्री शंकर जयंती
रथोत्सवम - ९वां- अनुषम, ११वां- मूलम, १५वां- अविट्टम, १३वां- उत्तराडम
शुक्र पूजा- ७वां, १४वां, २१वां, २८वां
अपडेट के लिए www.kamakoti.org पर जाएं और ऑनलाइन दान करने के लिए www.kanchimuttseva.org पर जाएं
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३१-०३-२३- श्री राम षडाक्षरी हवन पूर्णाहुति (वसंत नवरात्रि पूर्ति) और श्री राम पट्टाभिषेक आज प्रातः पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की उपस्थिति में पेडारावुरु (तेनाली) के श्रीमठम शिविर में किया गया।
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श्री राम नवमी - पुज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा पेदारवुरु गाँव, तेनाली, आंध्र के श्रीमटम शिविर में ३० मार्च २०२३ को पूजा की गई
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और निर्देश से स्वामीमलई और तिरुवलंचुली में नित्य वेद परायण आयोजित किए जा रहे हैं। २७ मार्च २०२३ को षष्ठी को श्री स्वामीनाथ स्वामी मंदिर, स्वामीमलई में २० वेद विद्याओं के साथ वेद परायणम (ऋग वेदम -८, कृष्ण यजुर वेदम -६,कौथम साम वेदम -४, जैमिनी साम वेद- 2) में विशेष पारायण आयोजित किए गए थे।
अगला विशेष वेद परायण ९ अप्रैल २०२३ को संकट हार चतुर्थी और अनुषम पर आयोजित किया जाएगा
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विजय यात्रा अपडेट -२७/३/२३ (सोमवार, षष्ठी तिथि) - श्री अभय हस्त सुब्रमण्य स्वामी मंदिर पेद्दारवुरु (वर्तमान शिविर) में आज सुबह पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की उपस्थिति में भगवान सुब्रमण्य स्वामी का अभिषेक किया गया और उसके बाद वसंत नवरात्रि का दिन - ६ पूजा और हवन हुआ।
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विजय यात्रा अपडेट - २५/०३/२३ वसंत नवरात्रि दिवस -४ पूजा और हवन श्री अभय हस्त स्वामी मंदिर, पेद्दारवुरु (तेनाली से ६ किमी) में चल रहा है।
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२२ मार्च १९५४ - पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का पीतारोहण दिवस
१९५४ में इसी दिन पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी को परम पूजनीय श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीजी ने संन्यास की दीक्षा दी थी।
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पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामी ने उगादी के शुभ अवसर पर भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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विजया यात्रा अपडेट -२१/०३/२३ (मंगलवार), पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी कल तेनाली के पास श्री अभय हस्त सुब्रमण्य स्वामी मंदिर, पेद्दारवुरु (वर्तमान शिविर 4 अप्रैल तक) पहुंचे। स्वागत सभा आज हुई जिसके बाद पूज्य आचार्य जी का अनुग्रह भाषण हुआ। वसंत नवरात्रि पूजा कल से शुरू होगी और यह त्योहार देवी शक्ति के नौ अवतारों की पूजा करने के लिए समर्पित है।
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विजय यात्रा अपडेट - 20-03-23 (सोम,शाम) - पेद्दारवुरु शिविर के रास्ते में, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री अयप्पा स्वामी मंदिर का दौरा किया, श्री युक्तेश्वर पंचायतन साधनालय (देवरापल्ली) और चिन्ना अंजनेय स्वामी मंदिर, विजयवाड़ा के उद्घाटन का आशीर्वाद दिया ( हनुमान जंक्शन हाईवे)
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विजय यात्रा अपडेट - 20-03-23 (मंगलवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी देवरापल्ले शिविर में त्रिकाल पूजा के बाद, भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया और पेद्दारवुरु (तेनाली से 6 किमी) के लिए रवाना हुए।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की विजय यात्रा- श्रीमठ शिविर पेदारावुरु, आंध्रप्रदेश में 21 मार्च से - उगादि और वसंत नवरात्रि पूजा यहां मनाई जाएगी
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विजय यात्रा अपडेट - 19-03-23 (रविवार, सुबह) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी देवरापल्ले में कल शाम भक्तों की बड़ी भीड़ के साथ पहुंचे थे। आज सुबह आचार्य स्वामीजी ने द्वादशी पूजा की और सभी को तीर्थ प्रसाद दिया।
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विजय यात्रा अपडेट - 18-03-23 (शनिवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामी जी ने त्रिकाल पूजा के बाद तीर्थ प्रसाद दिया। अधिकारियों के साथ पंडितों और पुरोहितों द्वारा कामाक्षी मंदिर ब्रह्मोत्सव प्रसाद के बाद अन्नवरम मंदिर प्रसाद दिया गया। पूज्य आचार्य स्वामी ने अनुग्रह भाषण के साथ सभी को आशीर्वाद दिया और देवरपल्ले शिविर के लिए रवाना हुए।
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श्री कांची मठ में वेद परिखा (वीआरएनटी परीक्षा)।
16-19 मार्च,
श्री कांची मठ में विभिन्न वेद शाखाओं और विभिन्न स्तरों जैसे क्रम, घाना, लक्षन से संबंधित वेद पाठशालाओं के लगभग 181 वैदिक छात्रों के लिए वेद रक्षा निधि ट्रस्ट द्वारा वेद परीक्षा आयोजित की जा रही है। अर्हता प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को श्री शंकर जयंती पर प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
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श्री कांची कामकोटि पीठम
कामकोटि वाणी-मराठी-कांची-समाचार पत्र - मार्च 2023 अंक अब https://www.kamakoti.org/kamakoti/Marathi/Newsletter/ पर उपलब्ध है
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24 मार्च 2023 को प्रातः 7.00 बजे पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीग के आशीर्वाद से शंकरा आई अस्पताल, हैदराबाद में श्री गणपति मंदिर का कुंभाभिषेक और गृहप्रवेश किया जाएगा।
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16 मार्च 2023 को चंद्रमणम के अनुसार पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल की उत्तराषाढ़ा नक्षत्र जयंती थी।दिन के शुरुआती घंटों में, पूज्यश्री आचार्य ने अन्नवरम मुख्य मंदिर में अभिषेक और सहस्र अर्चना पूजा की। श्री चंद्रमौलेश्वर पूजा (दोपहर) के बाद, पम्पा सतराम, अन्नवरम में श्रीमठम शिविर में महारुद्र हवन पूर्णाहुति का आयोजन किया गया।
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कुंभाभिषेक के लिए अनुग्रह भाषण
शिविर अन्नावरम,
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने आज टी नगर, चेन्नई में नए टीटीडी केंद्र में आयोजित श्री पद्मावती अम्मावारु कुंभाभिषेक को आशीर्वाद दिया। पूज्य स्वामीजी ने रामेश्वरम यात्रा शुरू करने से पहले 13/2/2021 को स्थल पर भूमिपूजा किया था। वर्तमान में सत्यनारायण स्वामी मंदिर, अन्नावरम में ठहरे हुए, स्वामीजी ने तेलुगु और तमिल में अनुग्रह भाषण दिया और समारोह को आशीर्वाद दिया।
तेलुगू
https://youtu.be/swVRpQqXRJU
तामिल
https://youtu.be/IJlTjDbJ2Ys
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शिविर अद्यतन,
आज सुबह 4:30 बजे, पूज्य स्वामीजी ने श्री सत्यनारायण स्वामी मंदिर के मुख्य मंदिर में अभिषेक और सहस्रनामर्चन किया।
तेनाली शहर के पास पेडारवुरु गांव में आयोजित होने वाले वसंत नवरात्रि शिविर में पहुंचने से पहले अल्प द्वादशी और प्रदोष पूजा वाले दो दिवसीय शिविर के लिए श्रीमट शिविर कल पूजा के बाद राजामुंदरी के पास देवरापल्ली गांव के लिए अन्नवरम से रवाना होगा।
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वसंत नवरात्रि उत्सव 23 से 31 मार्च 2023 तक पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद के साथ तंजावुर में श्री बंगारू कामाक्षी मंदिर में किया जाएगा।
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15-03-23 (बुधवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने गवारापेट तुनी में श्री बालाजी स्वामी मंदिर और श्री उमरामा लिंगेश्वर स्वामी मंदिर का दौरा किया। पूजा के बाद पूज्य स्वामीजी ने भक्तों को अनुग्रह भाषणम दिया।
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14-03-23 (मंगलवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आगमन के साथ #नरसीपट्टनम शहर से होते हुए, श्री दुर्गा मंदिर से शुरू होने वाली भव्य शोभा यात्रा को देखने के लिए सड़कों पर भक्तों की कतार लग गई। भक्तों ने पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी का फूल कालीन से टीटीडी कल्याण मंडप, नरसीपतनम में स्वागत किया, जिसके बाद अनुग्रह बाशनम हुआ।
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14-03-23 (मंगलवार, सुबह) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने अन्नवरम देवस्थानम के कृष्ण यजुर्वेद और स्मार्त पाठशाला का दौरा किया, जिसमें वर्तमान में 30 विद्यार्थी और 3 अध्यापक हैं।
25 नवंबर, 2016 को निर्माण से पहले प्रस्तावित स्थल और योजनाओं को पूज्य स्वामीजी द्वारा आशीर्वाद दिया गया था।
वेदपाठशाला भवन पूर्ण है और इसमें सौर ऊर्जा आपूर्ति अन्य सुविधाओं के साथ सौंदर्यपूर्ण ईंट डिजाइन वास्तुकला है।
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13-03-23 (सोमवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री वीर वेंकट सत्यनारायण स्वामी मंदिर, अन्नवरम (वर्तमान निवास शिविर) का दौरा किया, जो आंध्र प्रदेश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। मंदिर द्रविड़ शैली में बनाया गया है जिसमें एक तरफ भगवान सत्यदेव और उनकी पत्नी श्री अनंत लक्ष्मी और दूसरी तरफ भगवान शिव हैं। पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया। श्रीमठम शिविर 18 मार्च तक अन्नावरम में रहेगा
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१४.०३.२३(मंगलवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आगमन के साथ नरसीपट्टनम शहर से होते हुए, श्री दुर्गा मंदिर से शुरू होने वाली भव्य शोभा यात्रा को देखने के लिए सड़कों पर भक्तों की कतार लग गई। भक्तों ने पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी का फूल कालीन से टीटीडी कायलना मंडप,नरसीपट्टनम में स्वागत किया, जिसके बाद अनुग्रह भाषण हुआ।
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कराडायन नोम्बू- https://youtu.be/zmZPBf7UmOw
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१४.०३.२३(मंगलवार, सुबह) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने अन्नवरम देवस्थान के कृष्ण यजुर्वेद और स्मार्त पाठशाला का दौरा किया, जिसमें अभी ३० विद्यार्थी और ३ अध्यापक हैं।
२५ नवंबर, २०१६ को निर्माण से पहले प्रस्तावित स्थल और योजनाओं को पूज्य स्वामीजी द्वारा आशीर्वाद दिया गया था।
वेदपाठशाला भवन पूर्ण है और इसमें सूर्य ऊर्जा आपूर्ति अन्य सुविधाओं के साथ सौंदर्यपूर्ण ईंट डिजाइन वास्तुकला है।
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१३.०३.२३(सोमवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री वीर वेंकट सत्यनारायण स्वामी मंदिर, अन्नवरम (वर्तमान निवास शिविर) का दौरा किया, जो आंध्र प्रदेश के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। मंदिर द्रविड़ शैली में बनाया गया है जिसमें एक तरफ भगवान सत्यदेव और उनकी पत्नी श्री अनंत लक्ष्मी और दूसरी तरफ भगवान शिव हैं। पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया। श्रीमठम शिविर १८ मार्च तक अन्नावरम में रहेगा।
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ऋषि परम्परा - विशेष संस्करण
https://youtu.be/aKTuDM5YDWg
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https://youtu.be/ncRuN3gXD_Q
नमसंकीर्तन वैभव, त्याग ब्रह्म गाण सभा, वाणी महल, चेन्नई के लिए हुकुमपेट गांव से पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल का अनुग्रह भाषण।
अनुग्रह भाषणम होथा परिवार के सदियों पुराने घर में दिया गया था, जहां पूज्य जगद्गुरु कांची परमाचार्य ने १९३७ में पूजा की थी। घर के अग्रभाग को अनुग्रह भाषण के बाद देखा जा सकता है।
लगभग ४.१५ बजे, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने हुकुमपेट से पट्टीसीमा द्वीप में श्री वीरभद्रेश्वर स्वामी मंदिर के लिए अन्नावरम जाने के रास्ते की यात्रा शुरू की, जहां श्रीमठम शिविर १८ मार्च तक रहेगा।
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एनआरआई न्यूज़लेटर - मार्च २०२३ संस्करण जारी किया गया
इस संस्करण में मुख्य रूप से अन्य नियमित वर्गों के अलावा आंध्र में पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी की विजय यात्रा, जयंती समारोह और कांची में पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की हाल ही में आयोजित आराधना और कोव्वुर में श्रीमट शिविर शामिल हैं।
वर्तमान संस्करण: https://connect.kamakoti.org/newsletter
पिछला संस्करण यहां देखा जा सकता है - https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की विजय यात्रा- कोव्वुर में सप्ताह भर चलने वाले शिविर के दौरान विभिन्न पूजाओं और कार्यक्रमों की झलक (२ से ९ तक) https://youtu.be/-A4iYLk2eoQ ।आज त्रिकाल पूजा के बाद, शिविर हुकुमपेट की ओर बढ़ रहा है
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मंगलवार, ७ मार्च २०२३ की शाम कोव्वुर के श्रीमठम शिविर में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति के साथ “संस्कृतप्रभामाला", "शिवकर्णामृतम" और "रामायणसुधा हनुमदर्शनम" पुस्तकों का विमोचन किया गया। इसके अलावा, "मनीषा पंचकम" पर एक नाटक प्रस्तुत किया गया, जिसमें श्री आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित अद्वैत वेदांत के ५ सार के बारे में बताया गया है। पूज्यश्री स्वामीजी ने इस शो को देखा और भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया।
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पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती स्वामीजी पर स्तोत्र
https://kamakotikosh.org/stotra/stotra-on-jayendra-saraswati-swamiji/
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पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी आराधना महोत्सव
कोव्वुर के गोशपाद क्षेत्र में विशेष वेद परायण और ऋग्वेद संहिता हवन प्रारंभ हुआ
पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य आशीर्वाद के साथ, पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना महोत्सव के हिस्से के रूप में कोव्वुर में चतुर्वेद परायण और ऋग्वेद संहिता हवन शुरू हुआ। विशेष कार्यक्रम तिरुमाला तिरुपति देवस्थान के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना ४ मार्च को है और कांचीपुरम में अधिष्ठानम और कोव्वुर में श्रीमठ शिविर में आयोजित की जाएगी।
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२७-०२-२३(सोमवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री रामनारायण मंदिर, विजयनगर शिविर में भगवान हनुमान पर एक लेजर लाइट शो देखा और परिसर में विभिन्न सन्नादियों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों का दौरा किया।
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२७-०२-२३ (सोमवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री कन्याका परमेश्वरी मंदिर, #विजियानगरम का दौरा किया और उसके बाद अनुग्रह बाशनम और भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना महोत्सव - २ से ४ मार्च २०२३
पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल की पांचवीं वर्षिका आराधना ४ मार्च २०२३ को श्रीमठ में उनके बृंदावन के पवित्र परिसर में की जाएगी। २ मार्च से वेद परायण, शास्त्र सभा, भागवत उपन्यास, संगीतांजलि और कई अन्य आध्यात्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
आंध्र प्रदेश के कोव्वुरु में श्रीमठ शिविर में, आराधना ४ मार्च को पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की उपस्थिति में की जाएगी, जिसमें २८ फरवरी २०२३ को चतुर्वेद पंचशाखा पारायण और ऋग संहिता हवन की शुरुआत होगी।
भक्तों से अनुरोध है कि वे दिव्य गुरु आराधना में भाग लें और पूज्य आचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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26-2-23 - विजयनगर शिविर के रास्ते में, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने विजयनगर में श्री शंकरमटम का दौरा किया, जहाँ जगद्गुरु परमाचार्य कांची महास्वामी ने शिव लिंग (लगभग 1936) की स्थापना की और भक्तों को अनुग्रह भाषण के बाद आशीर्वाद दिया
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विजय यात्रा अपडेट - २६-०२-२३ (रविवार, शाम) - त्रिकाल पूजा के बाद पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी आज श्रीकाकुलम से विजयनगर के लिए रवाना हुए। रास्ते में, पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने विजयनगर के पास कांची कामकोटि शुक्ल यजुर्वेद पाठशाला, पोलयवलसा का दौरा किया और छात्रों को आशीर्वाद दिया।
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26-02-23 (रविवार, सुबह) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ग्रेटर ईस्टर्न मेडिकल स्कूल (जीईएमएस), #शरीकाकुलम पहुंचे और डॉक्टरों को आशीर्वाद दिया और उसके बाद अनुग्रह भाषण दिया।
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26-02-23 (भानु सप्तमी, प्रात:) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी श्रीकाकुलम के पास श्री अरसावल्ली सूर्यनारायण स्वामी मंदिर गये। उसके बाद उन्होंने अनुग्रह भाषण और भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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विजय यात्रा अपडेट - 25-02-23 (शनिवार, शाम) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्रीकाकुलम के पास श्री कुर्मम मंदिर का दौरा किया और उसके बाद अनुग्रहभाषण और भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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24-02-23 (शुक्रवार) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने नागवल्ली नदी तल का दौरा किया जो शिविर के निकट स्थित है। अरसावल्ली मंदिर के पंडितों द्वारा वेद परायण, कोलाटम और दीप पूजा की गई।
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२३-२-२३(गुरुवार) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री शिव-पार्वती मंदिर, कृष्णपापेटा, श्रीकाकुलम में दर्शन किए और भक्तों को अनुग्रह भाषण के बाद आशीर्वाद दिया।
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२३-२-२३(गुरुवार) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री शिव-पार्वती मंदिर, कृष्णपापेटा, श्रीकाकुलम में दर्शन किए और भक्तों को अनुग्रह भाषण के बाद आशीर्वाद दिया।
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विजय यात्रा अपडेट -२३-२-२३(गुरुवार) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्रीकाकुलम स्थित गायत्री विद्यालय में पधार कर विद्यार्थियों को आशीर्वाद दिया।
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१०० साल पुराना आदिकुम्बेश्वर मंदिर कार प्रवाह...
श्री कांची कामकोटी पीटम और प्रायोजकों द्वारा 60 लाख रुपये के मूल्य पर स्वामी के लिए नए तिरुथर का निर्माण कार्य दिसंबर २०२१में शुरू हुआ ...
अधिक पढ़ें: https://m.dinamalar.com/temple_detail.php?id=132604
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विजय यात्रा अपडेट- श्रीकाकुलम में आगमन - २२ फरवरी २०२३ संध्या
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने दैनिक पूजा करने के बाद विशाखापट्टनम से शुरू किया और शाम को श्रीकाकुलम पहुंचे जहां भक्तों ने शाम (२२ फरवरी २०२३) को पूर्णकुंभम और शोभा यात्रा के साथ पारंपरिक स्वागत किया।
पूजा का स्थान - श्री बालत्रिपुरसुंदरी कलाभैरव मंदिर बडगा
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विजया यात्रा अपडेट - श्रीकाकुलम में श्रीमठम शिविर - 22वीं पूर्व संध्या। 26 फरवरी 2023 तक
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की विजय यात्रा - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी दैनिक पूजा करने के बाद विशाखपट्टनम से शुरू होकर शाम को श्रीकाकुलम पहुंचे जहाँ भक्तों ने कल शाम पूर्णकुंभम और शोभा यात्रा के साथ पारंपरिक स्वागत किया। (22 फरवरी 2023)
पूजा का स्थान - श्री बालत्रिपुरसुंदरी कलाभैरव मंदिर बडगा
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स्वामीजी पर विशेष डाक आवरण- २०१९
१९ मार्च २०१९ को बृंदावन प्रतिष्ठा और परम पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल की पहली वार्षिक आराधना के अवसर पर एक विशेष डाक कवर जारी किया गया ।
स्रोत https://kamakotikosh.org
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पुण्य तीर्थों में स्नान
गङ्गे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति ।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेऽस्मिन् संनिधिं कुरु ॥
हमारी संस्कृति नदियों और अन्य जल निकायों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है। हमारी पवित्र नदियों के जल में डुबकी लगाना सबसे शुभ माना जाता है। हमारे आचार्य जगद्गुरु पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने अपनी यात्राओं के दौरान उत्तर में सिंधु से लेकर दक्षिण में कावेरी तक और नर्मदा से गंगासागर तक सभी पुण्य नदी तीर्थों में स्नान किया है। स्वामीजी ने नदी तट पर आयोजित कई पुष्कर, कुंभ मेलों और अन्य पूजाओं और उत्सवों में भी भाग लिया। उनकी सक्रिय भागीदारी के लिए उम्र कोई बाधा नहीं थी।
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जगद्गुरु वचन
हमारे देश की कलाएं वैज्ञानिक रूप पर आधारित हैं। ये कलाएँ
स्पष्टता, संकल्प, एकाग्रता और ध्यान स्थापित करते हैं।
मानव मन- समय काटना एक बात है, लेकिन वे समय को अच्छी तरह से उपयोग करना सिखातें हैं।
अर्थात इन्हीं कलाओं और शास्त्रों के द्वारा इन्होंने (हमारे पूर्वजों ने) ऐसे स्वस्थ मनोरंजन स्थल प्रदान किये है
जो किसी प्रकार की क्षति या हानि नही पहुँचाते है।
ये हमारे मानस को स्वस्थ रखते हैं,हमारी बौद्धिक शक्ति को कम नहीं करते
(शक्तियाँ), और हमारी आदतों को ख़राब नहीं करते ।
श्रीशंकरी
फरवरी 21, 2023
अनुग्रह भाषण - ट्रिनिटी आर्ट्स फेस्टिवल, मायलापुर, 2019
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फरवरी 20 2023 - श्री कांची कामकोटि पीठम के 67वें पीठाधिपति जगद्गुरु पूज्यश्री महादेवेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना आज विशाखापत्तनम के श्रीमठम शिविर में की जा रही है ।
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श्री विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामी की जयंती महोत्सवम उत्सव
https://temple.dinamalar.com/news_detail.php?id=132535
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जगद्गुरु वचन
उन्होंने क्या किया? राम -उनका नाम राम रखा गया है क्योंकि वे सबको प्रसन्न करतें हैं।
वे कैसे सबको प्रसन्न करते हैं? उनके पुण्य एवं अच्छे गुणों के माध्यम से उन्होंने सब के मन में स्थान प्राप्त किया है।
किसी वाहन में स्थान प्राप्त करना एक बात है; परन्तु रहने योग्य जगह एवं घर बनाना अलग बात है। इन्होंने
मुनियों , राजाओं,शिक्षित और अशिक्षित जनों,पुरुषों,
महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के मन में एक महान व्यक्ति के रूप में स्थान प्राप्त किया है ।उनहोने उनकी अच्छी कामना की,प्रशंसा की, प्यार और स्नेह से सम्मानित किया।
श्रीशंकरी,
फरवरी 20, 2023 (कलावै परमेष्ठि गुरु आराधना)
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भगवान नाम का जप हमारे पापों, कठिनाइयों और कष्टों से छुटकारा पाने और विशेष रूप से कलियुग में भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण तरीका माना जाता है। ऐसे नाम जप में सहस्रनाम की विशेष भूमिका होती है। वे भगवान के अनेक गुणों का अनायास ध्यान करने का मार्ग प्रशस्त करते हैं और लाख अर्चना, कोटि अर्चना आदि भी करते हैं।
भगवान शिव के कई सहस्रनाम हैं। इनमें से, लिंग पुराण पूर्व भाग 98 वें अध्याय में सहस्रनाम शामिल है जिसकी भगवान विष्णु एक हजार कमलों द्वारा पूजा करते थे।
हमारे श्री कांची कामकोटि मूलमनाय सर्वज्ञ पीठाधिपति श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीगल ने आशीर्वाद दिया है कि इस सहस्रनाम के जाप से हरि-हर एकता का प्रतीक है, समाज के विभिन्न स्तरों में देखी गई असमानता को हल किया जाएगा ताकि लोग सुखी जीवन जी सकें और उच्च लक्ष्यों की दिशा में काम कर सकें ।
नामावली वाली यह सहस्रनाम स्तोत्र कई लिपियों में जारी किया गया है:
http://bit.ly/shiva1000-विष्णु
हर हर शंकर!
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जगद्गुरु वचन
शिवरात्रि के दिन, एक सत्संग में, या तो - नागेंद्रहारय - त्रिलोचनय - आचार्य का शिवपंचाक्षर मंत्र
स्तोत्र का जाप किया जा सकता है, या, या फिर आचार्य द्वारा रचित नक्षत्रमाला स्तोत्र के रूप में जाना जाने वाला स्तोत्र भी जप किया जा सकता है। श्रीमदात्मने गुणैकसिन्धवे नम: शिवाय।धामलेशधूतकोकबन्धवे नम: शिवाय।।
इस प्रकार, इन 27 लोकों को 4 पद में जप करने से पंचाक्षर के 108 जप होंगे। ऐसे स्तोत्र
बच्चों को सिखाया जाना चाहिए, और स्त्री और पुरुष सहित सभी को उनका पाठ करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
शिव शिव पश्यन्ति समं श्रीकामाक्षीकटाक्षिता: पुरुषा:। विपिनं भवनममित्रं मित्रं लोष्टं च युवतिबिम्बोष्ठम्।।
जब वह शिव कटाक्ष प्रदान किया जाता है, तो ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। य: शिवो नामरूपाभ्याम् या देवी सर्वमड्ला। तयो: संसरणात् पुंसां सर्वतो जयमड्गलम्।। शिवम का अर्थ शुभ है। वह शुभता हम सब पर बरसनी चाहिए।
श्री शंकरी ,फ़रवरी 18, 2023
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की विजय यात्रा - 7 मार्च 2023 तक का कार्यक्रम 22 फरवरी तक - विशाखपट्टनम
23 से 26 फरवरी - श्रीकाकुलम
27 से 28 फरवरी - विजियानगरम
1 से 2 मार्च - अनकापल्ले
3 से 7 मार्च - कोव्वुर
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महाशिवरात्रि- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद से, तिरुक्कोविल वलीपाट्टू कुलु (मंदिर पूजा समूह) ने दूरदराज के स्थानों / जर्जर परिस्थितियों में विभिन्न शिव मंदिरों में अभिषेकम और पूजा द्रव्य वितरित किए, जहां नियमित पूजा नहीं की जा रही थी।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव- महारुद्र,शत चंडी पारायण और हवन, 14 फरवरी 2023 को शंकर मठ, विशाखापट्टनम में शुरू हुआ। कुलिथलाई ब्रह्माश्री गोपालकृष्ण दीक्षितर और तंजावुर ब्रह्माश्री शिवकुमार शास्त्रीगल क्रमशः अनुष्ठानों का नेतृत्व कर रहे हैं
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12 फरवरी 2023 - बोडो, नागा और मणिपुरी आदिवासी समुदायों की महिलाओं ने श्री पूर्वा तिरुपति बालाजी मंदिर, गुवाहाटी, असम में भजन प्रस्तुत किए। वे रामायण, हरि कथा और कृष्ण भजनों में पारंगत हैं। उन्हें पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगजी के आशीर्वाद से कुमकुम और अक्षत प्रसाद दिया गया। मंदिर के बारे में अधिक जानकारी https://www.kamakoti.org/kamakoti/details/May%202010%20-Guwahati%20Kumbabishekam%20Report.html
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कांची कामकोटि पीठाधिपती पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव १४ से १८ फरवरी २०२३ तक श्री शंकर मटम,विशाखापट्टनम (विजय यात्रा के दौरान पूज्य स्वामीजी के शिविर का वर्तमान स्थान) में मनाया जाएगा। विभिन्न हवन, वेद पारायण, प्रवचन और कई जयंती समारोह के हिस्से के रूप में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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जगद्गुरु वचन
हमारे पूर्वजों ने हमें एक शानदार विरासत छोड़ी है। उसे बनाए रखने का उत्तरदायित्व और कर्तव्य इस पीढ़ी का है और उसे निर्मित करने का अवसर भी उनके पास है। नए सिरे से आध्यात्मिकता विकसित करना कठिन है। इस परम्परा ने आध्यात्मिकता हजार वर्षों के विभिन्न उपवासों (व्रत), जप, मौन व्रत ,पाद यात्राएं, और त्याग के माध्यम से प्राप्त किया है। सानिध्य (दिव्य उपस्थिति) की स्थापना करके के लिये विभिन्न अनुष्ठानों के अनुसार पूजा किया, उत्सव आयोजित किया ,उपवास किया, षष्ठी और एकादशी उपवास किया।
ऐसे अन्य प्रथाओं के साथ, (जैसे कि काशी में प्रार्थना के बाद नव जन्म शिशु का नामकरण विश्वनाथन के रूप में करना)हमारी
हिन्दू परम्परा प्रार्थना पर आधारित है।यह एक परंपरा है जो प्रार्थना, तपस, त्याग और निःस्वार्थ सेवा को मिश्रित करती है।
फरवरी १४, २०२३
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जगद्गुरु वचन
अद्वैत सभा की स्थापना वर्ष १८९५ मे कलवै पेरियवा श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामीजी द्वारा की गई थी। उनका नाम और हमारे महा पेरियावा का नाम समान है। इस अद्वैत सभा की स्थापना १८०० के अंत में कुंभकोणम में की गई थी।उनका लक्ष्य अद्वैत का प्रचार था।
अद्वैत तत्व शास्त्र भाष्य (टिप्पणी) के माध्यम से, और वाद ग्रंथ जैसे अद्वैत सिद्धि, ब्रह्मानंदियम, खंडन-खंड-खद्य, और कई और किताबों का प्रचार करना है।वर्तिका जैसे तैत्तिरीय वर्तिका, और बृहदारण्यक वर्तिका, अद्वैत शास्त्र ग्रंथ जैसे संकसेप सारिसक, भामती प्रस्थान, विवरण प्रस्थान,भामती, कल्पतरु, परिमल, पंचदशी और प्रस्थानत्रय भाष्य इत्यादि ।
श्री शंकरी
१३ फरवरी, २०२३
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आज मघा कृष्ण अष्टमी पर श्री कांची कामकोटि पीठम के ६६वें आचार्य पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती VI शंकराचार्य स्वामी जी की आराधना है। ६६वे आचार्य का जन्म तमिलनाडु के चेंगलपेट जिले के उदयमबक्कम गांव में हुआ था। उन्होंने अद्वैत वेदांत शास्त्र के अध्ययन के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए अद्वैत सभा की स्थापना की। उन्होंने वर्ष १९०७ में अर्कोट जिले के कलावई में मुक्ति प्राप्त की। उदयमबक्कम मंदिर में आज सुबह रुद्राभिषेक किया गया।
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जगद्गुरु वचन
भगवद् गीता एक मार्गदर्शी है।यह लोगों को सभी आवश्यक दैनिक बुनियादी कौशल, जैसे संवाद करना, सोचना और शांत रहना सिखाता है। इसलिए, हर किसी को गीता पढ़ना चाहिए।गीता के सार को सुनकर कोई भी हमारे धर्म की मूल बातें समझ सकता है।इसके पश्चात् गहराई से पढ़ना प्रत्येक व्यक्ति की सुविधा और परिस्थितियों पर आधारित है।बच्चों को इन तीनों - गौ, गंगा और गीता का महत्व सिखाया जाना चाहिए।
श्री शंकरी,
११ फरवरी, २०२३
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८-०२-२३ - (बुधवार) पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी श्री वरहालक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर, सिंहचलम गये। उसके बाद देवस्थान वेद पाठशाला का दौरा किया।
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श्री कामकोटि प्रदीपम - श्री कामकोटि प्रदीपम - तमिल में मासिक आध्यात्मिक पत्रिका- फरवरी २०२३ की ई-प्रति अब https://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Kamakoti-Pradeepam-Magazine.html पर उपलब्ध है।
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जगद्गुरु वचन
दुर्लभं त्रयमेवैतत् देवानुग्रहहेतुकम्।
मनुष्यत्वं मुमुक्षुत्वं महापुरुष संश्रय।।
तीन चीजें प्राप्त करना कठिन हैं और केवल भगवान की कृपा से ही प्राप्त होती हैं - मानव जन्म, मुक्ति की इच्छा,
और एक सतपुरुष की संगति (महान विद्वान)।
मानवतावाद का उल्लेख पहले करते हैं। मानवतावाद, हमें पहले खुद को उस मानवतावाद के लिए तैयार करना चाहिए
- (मनुष्यत्व- मानव होने का गुण)।
मुमुक्षुत्वम् के लिए, हमें अच्छे संकल्प (इरादे) रखने की आवश्यकता है। हमारे सभी
अनुरोध नेक होने चाहिए। एक बार जब हमें ऐसा ज्ञान प्राप्त हो जाता है, तो हम कोई और अनुरोध नहीं करेंगे
महापुरूष संसार - सभी गुणी लोग, चाहे वे
हमारे घरों में निवास करें या बाहर, हमें अच्छी बातें सिखाने वाले हमारे गुरु हैं-माँ
और पिता हमारे पहले गुरु हैं।
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जगद्गुरु वचन
परमेश्वर दक्षिणामूर्ति स्वामी के रूप में कैलाश में मौन रूप मे रहते हैं। उन्होंने कलि युग मे लोगों के अज्ञानता और अंधकार को दूर करने के लिए अपने मौन का परित्याग किया। यह एक चीज़ है कि केवल उनके दर्शन करने से यह अज्ञानता दूर हो सकती है। लोगों द्वारा केवल दर्शन द्वारा उस अनुग्रह को प्राप्त करने की शक्ति समय के साथ कम हो गयी है, जबकि देने वाली शक्ति अब भी बनी हुई है।
जब प्राप्त करने की शक्ति और क्षमता कम हो गई, तब भगवान ने बोलने के बारे में सोचा - इस विचार के साथ कि
बोलना चाहिए, संचार (यात्रा) पर जाना चाहिए, पुस्तकें और भाष्य (भाष्य) लिखना चाहिए, कैलाशवासी दक्षिणमूर्ति स्वामी ने उपदेश (आध्यात्मिक निर्देश) देना शुरू किया।
शंकराचार्य, भगवत्पाडा वही दक्षिणमूर्ति स्वामी हैं।
(दक्षिणमूर्ति ने शंकराचार्य के रूप में पृथ्वी पर अवतरित होने और जन्म लेने का निर्णय लिया)
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जगद्गुरु वचन
मंदिर प्रणाली व्यापक है। इसलिए मंदिरों में भक्तों के लिए सुविधाएं, वेद परायण संचालन ,अन्नदान, कचेरी (संगीत समारोह),और शैक्षिक कार्यक्रम जैसी बहुत कुछ अच्छा कार्य कर सकते हैं।मंदिरों में तीनों क्षेत्र ,निधि, निर्वाह और निवामा (वित्त, प्रबंधन और धार्मिक अनुष्ठान) में उच्च स्तर की उत्कृष्टता होनी चाहिये। और मंदिरों को इन साधनों से सुसज्जित होना चाहिए।
श्रीशंकरी,
८ फरवरी, २०२३
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जगद्गुरु वचन
हमें धैर्य के साथ शक्ति का विकास करना चाहिए। अच्छे शिक्षा के माध्यम से विनम्रता और प्रेम प्राप्त करना चाहिए और सभी की मदद करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण उत्पन्न करना चाहिए।
इस मानव जीवन में हमें मौन, ध्यान, और उपवास अभ्यास करना चाहिए ।
मन और शरीर को ठीक रखें, शरीर को मजबूत करें और मन को अच्छा करें ताकी हमारी चिंतन भगवान की ओर हो। भक्ति भाव का विकास करें और विभिन्न असाधारण कार्यों को सिद्ध करें।
श्रीशंकरी,
फरवरी ७,२०२३।
अनुग्रह भाषण- परमाचार्य जयंती पर कनाडा के भक्तों के लिये।
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विजय यात्रा अपडेट- विशाखापट्टनम में श्रीमठ शिविर में विशेष पूजा और कार्यक्रमों की झलक -
https://youtu.be/jcywo5ggURs
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के मंदिरों की यात्रा, अनुग्रह भाषणम, सूर्य नमस्कार, श्री सुब्रह्मण्य पूजा, ललिता सहस्रनामम (पूर्णिमा ) इत्यादि
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५-२-२३ - (रविवार की शाम, पूर्णिमा ) पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने पूर्णिमा अभिषेक पूजा किया, श्री पांडुरंग देवालय गए और ललिता सहस्रनामम पारायण किया। उसके बाद अनुग्रह भाषण दिया।
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जगद्गुरु वचन इस भारत देश के प्रत्येक गांव मे गोसंरक्षण सावधानीपूर्वक लागू किया जाना चाहिए ।
यह वैज्ञानिक, सामाजिक,और धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप होना चाहिए।
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तई पूसम - ५ फरवरी २३ - (रविवार की सुबह,पूर्णिमा ) - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, श्री सुब्रह्मण्य पूजा और सुब्रह्मण्य भुजंग पारायण विशाखापट्टनम में श्रीमठ शिविर में किया गया और उसके बाद कुमार भोजन किया गया।
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४-०२-२३ (शनिवार) पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने एमवीपी कॉलोनी, विशाखापट्टनम में कांची कामकोटि श्री पार्वती सहित मुक्तेश्वर स्वामी देवालय का दौरा किया और भक्तों को अनुग्रह भाषण दिया।
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जगद्गुरु वचन धर्म चिंतन (धार्मिक विचार) कैसे उत्पन्न होते हैं? माता और पिता के मार्गदर्शन के माध्यम से ।माता और पिता हमारे पहले भगवान हैं। माता और पिता हमारे घर और देश में निवास करने वाले परमात्मा हैं।
हिन्दू धर्म माता और पिता को समान मानता है।
“मातृदेवो भव ।पितृदेवो भव “।
(अपनी माँ को भगवान समझो, अपने पिता को भगवान समझो)
पहला शिक्षक कौन है? माता और पिता हमारे पहले शिक्षक हैं।
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श्री कामाक्षी अंबाल देवस्थान, कांचीपुरम - शुभकृत वर्ष के लिए वार्षिक ब्रह्मोत्सव २४ फरवरी से ८ मार्च २०२३ तक होगा। द्विजरोहण और मूशिक वाहन के साथ शुरू होगा, इसके बाद अन्य उत्सव (विस्तृत कार्यक्रम संलग्न) होंगे। ८ मार्च को सुबह विश्वरूप दर्शन के बाद शाम को विद्यार्थी उत्सव शुरू होगा। श्री आदि शंकराचार्य की शोभायात्रा २७ फरवरी से ३ मार्च २०२३ तक प्रतिदिन शाम को निकाली जाएगी।
ब्रह्मोत्सवम के समय , नित्य वेद परायण मंदिर में किया जाएगा।
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१-०२-२३- (बुधवार) पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी श्री संपत विनायक मंदिर, विशाखापत्तनम गये और भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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जगद्गुरु वचन पुधु पेरियवा ने टेलरिंग से शुरू करते हुए विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण को जन कल्याण आंदोलन के माध्यम से आयोजित किया था। उनका मानना था कि लोगों का पेट और मन पूरी तरह से संतुष्ट होना चाहिए। उनका मन भक्ति से पूरा होना चाहिए ।व्यवसाय, नौकरी एवं शिक्षा के माध्यम से आवश्यक सांसारिक एवं आर्थिक प्रगति प्राप्त करने की सक्षमता भी होनी चाहिये।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि युवा सक्रिय और जिम्मेदार बने रहें, उन्होंने विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की। छात्रों को छात्रवृत्ति देकर प्रोत्साहित किया।
पुधु पेरियवा ने देश ,हिंदू धर्म और सभी के खुशी के विकास को बढ़ावा देने के लिए ऐसी कई योजनाओं को लागू किया।
श्रीशंकरी
फरवरी २,२०२३
अनुग्रह भाषण - कांचीपुरम, २०१९
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फरवरी 2023 में श्रीमठम में विशेष पूजा और कार्यक्रम 3 फरवरी, शुक्रवार- प्रदोष पूजा
5 फरवरी, रविवार- पूर्णिमा पूजा
13 फरवरी, सोमवार- कलवै परात्पर गुरु आराधना
18 फरवरी, शनिवार- पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती स्वामीजी जयंती, प्रदोष पूजा, महाशिवरात्रि
20 फरवरी, सोमवार- कलावै परमेष्ठि गुरु आराधना
शुक्रवार पूजा - 3रा, 10वां, 17वां, 24वां
रथोत्सव - अनुषम 14वां, मूलम 16वां, अविट्टम 19वां, उत्तराडम 17वां
श्रीमठम शिविर विशाखापट्टनम में है
अपडेट के लिए www.kamakoti.org पर जाएं और ऑनलाइन योगदान के लिए www.kanchimuttseva.org पर जाएं
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जगत्गुरु वचन शिक्षा तीन प्रकार से प्राप्त होती है।
(गुरुशुश्रूषया विद्या । पुष्कलेन धनेन वा। अथव विद्यया विद्या । चतुर्थी (तुरीयो) नोपलाभ्यते)
गुरु की सेवा करने से, पर्याप्त धन देने से, या ज्ञान के पारस्परिक आदान-प्रदान से ज्ञान प्राप्त होता है। चौथा तरीका संभव नहीं है।
वे कहते हैं कि शिक्षा प्राप्त करने के केवल तीन तरीके हैं, और कोई चौथा नहीं है।
- अर्थात, शिक्षा प्राप्त करने का पहला तरीका है (गुरुशुश्रूषया विद्या )
गुरु की सेवा द्वारा ।
- पुष्कलेन धनेन वा- फीस में बड़ी राशि का भुगतान करके सीखना।
तात्पर्य यह है कि आप एक बड़े दान के बजाय पर्याप्त राशि देते हैं।
-अथव विद्यया विद्या- एक कुशलता के बदले में एक प्रकार का ज्ञान सिखाना।इस वस्तु-विनिमय प्रणाली में किसी एक विषय में दक्ष व्यक्ति उसे किसी और को पढ़ाता है एवं उस दूसरे से कुशलता प्राप्त करता है। यह अभी भी कुछ जगहों पर पाया जाता है।
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जगत्गुरु वचन भारत को एक सहयोगात्मक वातावरण विकसित करना चाहिए जिसमें अच्छी योजनाएँ,क़ानून एवं नौकरी प्रदान करने की सक्षमता हो ।इसके लिए कड़ी मेहनत, निवेश और सहयोग आवश्यक है। बुहत सारे लोगों को काम करने मे इच्छा होनी चाहिए और नौकरी के भरपूर अवसर भी पैदा होने चाहिए।
समाचारों में, हम विभिन्न योजनाओं और एक करोड़ रोजगार सृजित करने के प्रयासों के बारे में सुनते हैं। इस देश में १०० करोड़ से अधिक आबादी है। सभी के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जाने चाहिए, तल्लीनता को बढ़ावा देना चाहिए।
एक क्षेत्र में - हर किसी के काम करने के लिए नौकरी के अवसर आवश्यक हैं; हालाँकि,इसे केवल एक नौकरी से अधिक बनाने के लिए व्यवसाय उपलब्ध होना चाहिए, लेकिन कुछ ऐसा जिसमें हर कोई शामिल हो सके, आगे बढ़ सके।
भारत बहुत अच्छा काम कर रहा है। भारत को लेकर वे कई प्रयास कर रहे हैं।
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जगत्गुरु वचन पार्वती और परमेश्वर के बीच संवाद - पार्वती देवी ने स्वामी से अपने प्रश्नों के माध्यम से,
जगत को विभिन्न उपदेश (आध्यात्मिक निर्देश) प्रदान किए हैं। इस प्रकार प्रदान किया गया है -
“श्रीराम राम रामेति रमे रामे मनोरमे ।सहस्रनामतत्तुलयम रामनाम वरानने”
पार्वती देवी ने पूछा, "विष्णु सहस्रनाम विस्तृत है” सबसे आसान तरीका क्या है जिसके द्वारा पंडित जन विष्णु भगवान के १००० नामों का जाप कर सकते हैं।
जब पार्वती देवी ने पूछा , तो उत्तर राम नाम का जप करने का था।
(श्रीराम राम रामेति रमे रामे मनोरमे | सहस्रनाममतत्तुल्यं राम नाम वरानने)
श्री राम का नाम आनंद का एक रमणीय स्रोत है, और मुझे इसका बार-बार पाठ करने में बहुत आनंद आता है। राम नाम का जप १००० नामों के जप के बराबर है, हे देवी मनोरमा
इस प्रकार पार्वती देवी के प्रश्न पर परमेश्वर के उत्तर से हमें यह निर्देश प्राप्त हुआ है कि
इसका (राम नाम) जप करने से हमें संपूर्ण सहस्रनाम का जप करने का पुण्य प्राप्त होगा।
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रथ सप्तमी शुभकृत 2023-जनवरी-28
स्नान संकल्प आदि: https://bit.ly/vdsp-ratha-saptami
पूजा: https://bit.ly/vdsp-surya-puja
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२८-०१-२३ (शनिवार) रथसप्तमी के अवसर पर, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने विशाखापत्ट्टनम में आर के बीच पर परवकाल मंगल स्नान किया, जिसके बाद सूर्य नमस्कार किया ।राजू गणपतिजी ने जाप किया और उस के महत्व को महा महोपाध्याय श्री विश्वनाथ गोपाल कृष्ण शास्त्रीजी ने स्पष्ट किया।
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जगद्गुरु वचन भीष्माचार्य उस सूर्य संचार की प्रतीक्षा कर रहे थे। भीष्माचार्यजी (जिन्हें गंगापुत्र के नाम से भी जाना जाता है) को यह असाधारण वरदान प्राप्त था कि वह जब तक चाहे जीवित रह सकते है।वह उत्तरायण - पुण्यकाल, शुभ काल (अपने शरीर को छोड़ने के लिए) की प्रतीक्षा कर रहे थे।दिशा हमारी दशा (ग्रहों की अवधि) निर्धारित करती है - सूर्य संचार के दौरान, सूर्य की दिशा हमारी दशा को निर्धारित करती है, जिन अवधियों को हम राहु दशा ,गुरु दशा और शुक्र दशा के रूप में संदर्भित करते हैं।तदनुसार, हमें अपने जीवन के दौरान अच्छे फल (भाग्य) का आनंद लेने के लिए सूर्य भगवान की कृपा की आवश्यकता होती है। सूर्य भगवान आरोग्य प्रदान करते हैं
“हृद्रोगं मम सूर्य हरिमानं च नाशय” - हे सूर्य, मेरे हृदय की बीमारी को दूर करो, और मेरे शरीर का पीलापन को भी। इस प्रकार, सूर्य मंत्र ह्रदयरोग (हृदय रोग) का इलाज करता है,सूर्यनमस्कार विशेष रूप से एकादशी ,उत्तरायण एवं रविवार को शुभ होता है।
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२७-०१-२३- (शुक्रवार) श्री शंकर मटम विशाखापट्टनम में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति में सौंदर्य लहरी यंत्र पूजा की गई। श्लोक अर्थ की व्याख्या ब्रह्माश्री महा महोपद्याय विश्वनाथ गोपाल कृष्ण शास्त्री ने की थी।
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रथ सप्तमी शुभकृत २०२३- जनवरी-२८
स्नान संकल्प आदि: https://bit.ly/vdsp-ratha-saptami
पूजा: https://bit.ly/vdsp-surya-puja
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गुरु वचन सभी जीवित प्राणियों को प्यार करना और सभी पेड़,पौधों, बेलों का पोषण करना,हमारे सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है।यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। हमारा धर्म सहज रूप से करुणा सिखाता है। यह “अंबे शिवम “पर आधारित है - (करुणा भगवान है ,दयालुता स्वयं भगवान शिव हैं) । वह दयालु दिखने, विचारों एवं धर्म देने पर ज़ोर देता है। “ दानं प्रियवाक्सहितम् “- परोपकारी कार्य प्रिय शब्दों के साथ करें। पक्षी, पेड़-पौधे, लताएँ और जलाशय ऐसा सुख प्रदान करते हैं इसलिए हमें इनकी अच्छी तरह से रक्षा करनी चाहिए।हमें हरियाली का संरक्षण करना चाहिए। जब हरियाली को बचाया जाता है,बोझ हल्का हो जाता है।
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गुरू वचन आज शुभ वसंत पंचमी है (२६ जनवरी)।हम अपने क्षेत्र में नवरात्रि मनाते हैं। इसके दौरान
हम दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती, तीनों की पूजा करते हैं ।उनका अनुग्रह प्राप्त करते है। चार नवरात्र होते हैं। चारों नवरात्रियों पर देवी की पूजा करें।उत्तर में इस वसंत पंचमी पर, सरस्वती की विशेष पूजा करते हैं, और वे सरस्वती पूजा को भव्य रूप से मनाते हैं। इस शुभ दिन पर श्रीमट मे चंद्रमौलीस्वर को लड्डू नैवेद्य अर्पित करने की परंपरा है। यह दिन अक्षरभ्यास एवंविद्यारम्भ के लिए शुभ दिन है।
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गुरु वचन मानस को लाभ पहुँचाने वाली अनेक दिव्य साधनाएँ होते हुए भी यह सबके लिए असम्भव है की वे उन्हें हर समय अभ्यास करें। इसलिए, हमारे पूर्वज ने लघु (सरल) पद्धतियां प्रदान की हैं,यह सोचकर कि यह तरीके हर किसी को अपील करनी चाहिए (लोकरंजक)।हमारी मेधा शक्ती (बौद्धिक शक्ति) को कम किए बिना एवं हमारी विक्सपासशक्ति को बढ़ाते हुए भक्ति का प्रसार करना चाहिये। उन्होंने इन कला रूपों को नाम दिया है- तौर्यत्रिकम , (जिनमें संगीत भी शामिल है)जैसे की , त्रिमूर्ति।
उन्होंने तीनों कलाओं को बढ़ावा दिया या; - तौर्यत्रिकम-नृत्य गीत वाद्यम,गीतम्-गायन,नृत्यम् - नृत्य। नृत्य रूप जैसे भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी इत्यादि।सभी संगीत वाद्ययंत्र जैसे थविल और मृदंगम।
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एनआरआई न्यूज़लैटर-VOL.V, अंक-I-मकर संक्रांति संस्करण अब ऑनलाइन उपलब्ध है
वर्तमान संस्करण: https://connect.kamakoti.org/newsletter
पिछला संस्करण यहां देखा जा सकता है - https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter
इस संस्करण में व्यापक रूप से आचार्य स्वामीगल की विजय यात्रा और विदेशों में भक्तों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों को शामिल किया गया है।
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जगद्गुरु वचन
धर्मो विवस्य जगतः प्रतिष्ठा
यह धर्म है जो इस लोक को स्थिर बनाता है। प्रतिष्ठा (दृढ़ रहें)
जिसे हम सुरक्षा, स्थिरता, शक्ति कहते हैं उसका कारण धर्म ही है।
सबसे पहले, यह सुरक्षा प्रदान करता है। कई मामलों में सुरक्षा का कारण
धर्म ही है- कई चीजों का धर्म और विभिन्न लोगों का धर्म।
धर्म से शक्ति भी प्राप्त होती है।
इस भारत देश का विभिन्न परिस्थितियों में अपेक्षाकृत मजबूत बने रहने का मुख्य कारण धर्म ही है।
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जगद्गुरु वचन
पुधु पेरियावा ने सबकी मदद की - वे वही हैं जिन्होंने सेवा और पद को जोड़ा। नतीजा , उन्होंने अन्नदान, सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र, नेत्र चिकित्सा शिविर, का आयोजन कर जन-जन का लाभान्वित किया।
यहां कैंसर अस्पताल (कांचीपुरम), चेन्नई में वृद्धाश्रम, घो संरक्षणा, और सामाजिक विवाह आयोजित किया।
यहाँ कचबेश्वर मंदिर और एकम्बरनाथर मंदिर में ५० से १०० जोड़ों की शादियाँ होती हैं। इस प्रकार, उन्होनें
सभी पृष्ठभूमि के लोगों के लिए साधारण विवाह आयोजित किया। उन्होंने कई तरह से सहायता प्रदान की।
वे अनवरत सेवा करना चाहते थे और देते रहना चाहते थे। इस प्रकार, लोगों की मदद करने के लिए खुद को एक उपकरण के रूप में देखा। एक जलप्रपात की तरह, उन्होंने बहुत से लोगों को भरपूर धनधर्म (दान) से नहलाया है। वह सबके मार्गदर्शक थे,
शंकाओं को दूर करना, सलाह देना, और तुरंत जवाब देना कि एक मंदिर को एक स्थान पर बनाया जा सकता है, यह सभी करते थे।
इसी तरह, उन्होंने कई मंदिरों के लिए यंत्र प्लेटें प्रदान की हैं। वांछित के बारे में लाकर
लोगों के मानस में परिवर्तन और उनमें उत्साह भरकर उन्होंने वातावरण में उत्साह भर दिया।
उनके दर्शन से शांति और शक्ति मिली।
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श्रीगुरु वचन
हे देवी, कृपया मुझे सौभाग्य, अच्छा स्वास्थ्य, और आनंद प्रदान करें। इस प्रकार, प्रचुर ऐश्वर्य (समृद्धि) और अंबाल भक्ति के माध्यम से शक्ति प्रदान करने के लिए, भक्तों को अंबाल उपासना करनी चाहिए और ललिता सहस्रनाम और अंबाल स्तोत्र का जाप करना चाहिए।
श्रीशिव शिवसक्तयुक्यरुपिनि ललितांबिका श्रीचक्रराजनिलय-
एक रूप; वह जो श्रीचक्र में रहती है ।इस प्रकार अम्बाल ने श्रीचक्र की स्थापना की। जैसा श्रीक्र स्वयंम अलिखत में कहा गया है, आचार्य द्वारा श्रीचक्र की स्थापना कांचीपुरम में की गई है। हर किसी को अंबल भक्ति में संलग्न होना चाहिए और ईश्वर अनुग्रह प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
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गुरु वचन
जब हम अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए निर्दिष्ट दिनों के लिए एक विशिष्ट नैवेद्य अर्पित करते हैं, तो सभी शुभ चीजें हमे प्राप्त होती हैं। इसी तरह, यह अभिरामी अंदादी वह स्तोत्र है जिसे लोगों मे भक्ति प्रचार के लिए अंबाल (देवी) के अनुग्रह से प्रदान किया गया था। जब प्रकाश की अभिव्यक्ति के माध्यम से अमावस्या या पूर्णिमा का सवाल उठा - अंबाल का प्रकाश (तेज) उभरा एवं इसको चंद्रबिंब (चंद्रमा की डिस्क) के रूप में प्रकट किया । भक्ति के माध्यम से, हम अंबाल के अनुग्रह प्राप्त कर सकते हैं। अभिरामी अनदादी हमें इसके बारे में आश्वस्त करने के लिए हमें दिया गया स्तोत्र है। अंदादी - जो समाप्त होता है, वह शुरू होता है (श्लोक का अंतिम शब्द अगले श्लोक का पहला शब्द बन जाता है)। इस प्रकार, शास्त्र साहित्य, व्याकरण और साहित्य के अनुसार, यह एक अनूठी व्यवस्था है।
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जगद्गुरु वचन
रागादिरोगान् सततानुषक्तान् अशेषकायप्रसृतान अशेषान्।
औत्सुक्यमोहारतिदान जधान य: अपूर्वविद्याय नमोस्तु तस्मै ।
इस प्रकार, वे आयुर्वेद में धन्वंतरि स्वामी का वर्णन करते हैं। रोग कई प्रकार के होते हैं। रोग विभिन्न कारणों से हो सकते हैं, इच्छाओं से शुरू होकर (सततानुषक्तान)- वे जारी रहते हैं, (अशेषकायप्रसृतान)- शरीर का कौन सा भाग परेशानी से मुक्त है? | पाड़ा (पैर) से केसा (बाल) तक समय-समय पर समस्याएं उत्पन्न होती रहती हैं। अत: हम इन रोगो से विभिन्न प्रकार की श्रम (पीड़ा) का अनुभव करते हैं।
हम धनवंतरी स्वामी, अपूर्व वैद्य (असाधारण चिकित्सक) की पूजा करते हैं, जो सभी श्रम को दूर कर सकते हैं और आरोग्य प्रदान कर सकते हैं। हमारी परंपराओं, पुराणों, काव्यों और शास्त्रों ने आरोग्य पर बहुत जोर दिया है
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*गो पूजा*
गावो विश्वस्य माताः के अनुसार गायों को माता का दर्जा प्राप्त है क्योंकि वे सभी मनुष्यों को माता के समान दूध देती हैं।
हमारी परंपरानुसार उत्तरायण के बाद माट्टू पोंगल के अवसर पर विशेष गो पूजा करने की है। जिन लोगों के घर में गाय नहीं हैं वे पास की गोशाला में कर सकते हैं। यदि वह भी संभव न हो तो घर में विग्रह या तस्वीर रख कर पूजा कर सकते हैं।
इस तरह के पुण्यकाल हमारी क्षमता के अनुसार गोशालाओं की मदद करने का एक अच्छा अवसर है।
एक लघु पूजा पद्धति, और सक्षम लोगों के लिए एक अधिक विस्तृत पूजा पद्धति, गो पूजा के लिए कई लिपियों में जारी की जाती है।
http://bit.ly/vdsp-go-puja
जय जय शंकर हर हर शंकर
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पोंगल - स्वामीजी की वाणी
तमिल- https://youtu.be/fPEeTIxy_e
तेलुगु- https://youtu.be/ylwQALuDg0k
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15 जनवरी 2023
मकर संक्रांति उत्सव विशाखापत्तनम के शंकर मठ मे श्रीमठ शिविर में संध्याकाल को पारंपरिक तरीके से मनाए जाने वाले भोगी उत्सव के साथ शुरू हुआ। शिविर परिसर को पारंपरिक तोरणों से सजाया गया था, प्रथागत रंगोली के साथ "गोब्बेममालु" (रंगोली पर फूलों के साथ गाय का गोबर) बनाया गया था, जिसमें एक हरिदास इसके चारों ओर भगवान नाम संकीर्तन गा रहा था, महिलाएं पारंपरिक गीतों की ताल पर कोलाट्टम का प्रदर्शन कर रही थीं। आज सुबह विश्वरूप दर्शन के बाद, भक्तों ने श्री चंद्रमौलीश्वर पूजा के दर्शन किए। मकर संक्रांति सूर्यनारायण स्वामी पूजा के साथ सूर्य नमस्कार भी किया गया। पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने सूर्यनारायणस्वामी पूजा की समाप्ति पर मंगल आरती की।
स्वामीजी ने नवग्रह सन्निधि के चारों ओर प्रदक्षिण भी की और भक्तों ने सूर्य नारायणस्वामी और नवग्रह श्लोकों का जाप किया
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सद्गुरु श्री त्यागराज स्वामीजी- संत, जिनके पास सभी देवताओं के दर्शन थे
https://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Thyagarja.html
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कामकोटि वाणी-
तेलुगु में मासिक समाचार पत्र श्री कांची कामकोटि पीठम की गतिविधियों को कवर करता है।
जनवरी २०२३ संस्करण अब उपलब्ध है
https://kamakoti.org/telugu/newsletter/kamakoti-vani-telugu-newsletter.html
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जनवरी ६ २०२३ , शिविर विशाखापत्तनम
विशाखापत्तनम में श्री मठ शिविर में यह एक अत्यंत शुभ और विशेष दिन था, जिसमें वपन पूर्णिमा और शुक्रवार को आरुद्र दर्शन पड़ रहा था। दिन भर के अनुष्ठानों की शुरुआत आचार्य स्वामिनी के विश्वरूप दर्शन के साथ लगभग ३.४५ बजे हुई ।इसके बाद विशेष चंद्रमौलेश्वर स्वामी एकादश रुद्राभिषेक किया गया, जो पारंपरिक रूप से पीठम में अरुद्र दर्शन पूजा के हिस्से के रूप में किया जाता है। दोनो काल पूजा पूरी करने के बाद, वपनम के बाद, आचार्य चंडी होम की पूर्णाहुति में आए और भक्तों को कलश तीर्थ प्रोक्षण और प्रसाद के साथ आशीर्वाद दिया। शाम को विशेष शुक्रवार पूर्णिमा पूजा हुई। चंद्र दर्शन के दौरान ललिता सहस्रनाम का जप करते हुए जगद्गुरु के सबसे आनंदमय दर्शन के साथ दिन समाप्त हुआ। जया जया शंकर हर हर शंकर
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आरुद्र दर्शन- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का अनुग्रह भाषण तमिल और शंभु नटनम श्लोक
https://youtu.be/dbk7RX10Nwo
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उत्कल में वेद शास्त्र संरक्षण - १० जनवरी २०२३ को श्री शंकरमट , विशाखापत्तनम में श्रीमठ शिविर में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति के साथ आयोजित किया जाएगा।
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स्वामीमलाई में नित्य वेद परायण किए जा रहे हैं
तिरुवलांचुली क्षेत्र में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगीजी के आशीर्वाद और निर्देश के साथ।
२ जनवरी २०२३ को स्वामीमलाई https://www.youtube.com/watch?v=skroOf9M850 पर कृतिका के शुभ अवसर पर आयोजित वेद परायण की कुछ झलकियाँ
अगला वेद पारायण १०-०१-२०२३ को संकट हार चतुर्थी पर किया जायेगा
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कामकोटि वाणी मराठी न्यूज़लेटर
कांची - अखबार
जनवरी २०२३ संस्करण अब यहां उपलब्ध है
https://www.kamakoti.org/kamakoti/Marathi/Newsletter/
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जनवरी ३, २०२३ पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने सुबह त्रिकाल चंद्रमौलेश्वर पूजा के बाद तीर्थ प्रसाद के पश्चात् विशाखापत्तनम शंकर मठ शिविर में भक्तों को आशीर्वाद दिया। धनुर मास पूजा के सुबह ४ बजे से ही दिन शुरू हो जाती है। शिविर विभिन्न पूजाओं एवं गतिविधियों से भरा हुआ होता है, जैसे रविवार को सूर्य नमस्कार, मंगलवार को दीप पूजा, विवाह योग्य युवाओं के लिए स्वयंवर पार्वती श्लोक पथन, भगवद गीता पारायण इत्यादि। जगदगुरु के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की कतार के साथ हर शाम विभिन्न बैठकें, उपन्यास और सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है। जया जया शंकर हर हर शंकर
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जनवरी २०२३ में श्रीमठ में होने वाली विशेष पूजाएँ
२ जनवरी, सोमवार- वैकुंठ एकादशी
४ जनवरी, बुधवार- प्रदोष पूजा
६ जनवरी, शुक्रवार- आरुद्र दर्शन, पूर्णिमा पूजा
१४ जनवरी, शनिवार- भोगी
१५ जनवरी, रविवार- मकर संक्रांति- पोंगल, उत्तरायण पुण्यकाल
१६ जनवरी, सोमवार-पोंगल
१९ जनवरी, गुरुवार- प्रदोष पूजा
२५ जनवरी, बुधवार- वसंत पंचमी
२८ जनवरी, शनिवार- रथ सप्तमी, भीष्माष्टमी
रथोत्सव- १७ जनवरी (अनुषम), १९ जनवरी (मूलम), २३ जनवरी (#अवित्तम), २१ जनवरी (उथरदम)
शुक्र पूजा- ६ वीं, १३ वीं, २०वीं,२७ वीं
श्रीमठम शिविर अभी में श्री शंकर मट्टम, द्वारका नगर, विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश में है
ऑनलाइन योगदान के लिए eseva पोर्टल www.kanchimuttseva.org पर जाएं और अपडेट के लिए www.kamakoti.tv और www.kamakoti.org देखें।
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का कोवूर से २४ दिसंबर २०२३ को विशाखापत्तनम में शोभा यात्रा के साथ आगमन हुआ ।शिविर का स्थान - श्री शंकर मटम, द्वारका नगर, विशाखापत्तनम।
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने २३ दिसंबर २०२२ को कोव्वुर में श्री शंकर मटम का दौरा किया। कोव्वुर में ९ दिवसीय शिविर के समापन पर, भक्तों ने २४ दिसंबर २०२२ को कृतज्ञता सभा का आयोजन किया, जिसके बाद यात्रा विशाखापत्तनम के लिए रवाना हुई।
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगजी ने १५ दिसंबर २०२२ को गंगालकुरु गांव में श्री अम्मावरु मंदिर का दौरा किया। विशेष पूजा और दीप आराधना के बाद पूज्य स्वामीजी ने भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगजी ने १५ दिसंबर २०२२ को गंगालाकुरू गांव में श्री शिव विष्णु मंदिर और श्री वेणुमाधव स्वामी मंदिर का दौरा किया।
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने १५ दिसंबर २०२२ को गंगालकुरू में श्री अगाथीश्वरर मंदिर का दौरा किया और श्री मणिकंबल सहित भीमेश्वर स्वामी मंदिर में द्रक्षरामम कामकोटि में नए रथ के लिए पूजा का आशीर्वाद दिया।
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शोभा यात्रा के बाद शंकर मटम विशाखापत्तनम पहुंचने पर पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का अनुग्रह भाषणम
https://www.youtube.com/watch?v=okOLscOoHWQ
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विजया यात्रा अपडेट - श्रीमठ शिविर का विशाखापत्तनम में आगमन - २४ दिसंबर २०२२
आज त्रिकाल चंद्रमौलीश्वर पूजा के बाद, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने कोव्वुर शिविर में एकत्रित सैकड़ों भक्तों को तीर्थ प्रसाद दिया। जिसके बाद कोव्वुर के भक्तों ने एक "कृतज्ञता सभा" का आयोजन किया, जिसमें पिछले एक सप्ताह के दौरान उनकी कृपापूर्ण यात्रा और अपने स्थान को आशीर्वाद देने के लिए आभार व्यक्त किया। पूज्य स्वामीजी ने सभी स्वयंसेवकों को प्रसाद और भक्तों को अनुग्रह भाषण का आशीर्वाद दिया।
विशाखापत्तनम पहुंचने पर, भक्तों ने शोभा यात्रा से स्वामीजी का स्वागत किया- श्री शंकर मठ, द्वारका नगर, विशाखापत्तनम
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२० दिसंबर २०२२ को जगद्गुरु पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीजी का आराधना महोत्सव कांचीपुरम में किया गया। मैंडोलिन श्री यू राजेश एंड ग्रुप ने बृंदावन में संगीत कार्यक्रम किया। डॉ. सुधा शेषायन ने तमिल में गुरु महिमा पर प्रवचन दिया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा कोव्वुर, आंध्रप्रदेश के श्रीमट में २२ दिसंबर २०२२ को सयाना उत्तरायण पुण्य काल पूजा किया गया
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जगद्गुरु पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीगल का आराधना महोत्सव कोव्वुर के श्रीमठम शिविर में २० दिसंबर २०२२ को किया गया।
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२९ नवंबर २०२२ को पेरूरु के श्रीमठम शिविर में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति में कृषण यजुर वेद सदा का आयोजन किया गया।
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विजय यात्रा -पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने २८ नवंबर २०२२ को मम्मीदावरम श्री सुब्रमण्य स्वामी मंदिर का दौरा किया
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री सेतीबली रामालयम का दौरा किया और १ दिसंबर २०२२ को थाडिगुंटा कॉलोनी, पेरूरु में अनुग्रह भाषण दिया
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने १ दिसंबर २०२२ को रामलयम @ गौतमी नगर कॉलोनी, पेरूरू का दौरा किया और भक्तों को अनुग्रह भाषण एवं आशीर्वाद दिया
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने ३० नवंबर २०२२ को कोडुनिपाडु में श्री रामालयम का दौरा किया
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विजय यात्रा अपडेट- ३०/११/२०२२ - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी पसरलापुडी लंका में श्री अन्नपूर्णा सहित अगस्तेश्वर स्वामी मंदिर गए
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श्री कांची कामकोटि पीठम - दिसंबर २०२२ न्यूज़लैटर
श्री गुरुभ्यो नमः
आचार्य स्वामीगल की आशीर्वाद से , एनआरआई न्यूज़लेटर टीम न्यूज़लेटर के २५ वें संस्करण (मूल के बारे में अधिक जानकारी संपादकीय अनुभाग में) को प्रकाशित किया । इस संस्करण में व्यापक रूप से आचार्य स्वामीगल की विजय यात्रा और विदेशों में भक्तों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों को शामिल किया गया है।
वर्तमान संस्करण: https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter/data/Sri-Kanchi-Kamakoti-Peetam-NRI-Newsletter-Dec-2022.pdf
पिछला संस्करण यहां देखा जा सकता है - https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter
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विजया यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का श्री शंकर मटम में कुचिमंची वारी अग्रहारम में आगमन किया गया। दिनांक-२७/११/२०२२
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जगद्गुरु पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीजी का आराधना महोत्सव - राजा विधी के आस-पास का रथोत्सवम कांचीपुरम में किया गया। मैंडोलिन श्री यू राजेश एंड ग्रुप ने बृंदावन में संगीत उपासना की। डॉ. सुधा शेषायन ने तमिल में गुरु महिमा पर प्रवचन दिया। २० दिसम्बर २०२२
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आज सुबह (१९ दिसंबर २०२२ ) को ५००० से अधिक प्रतिभागियों के साथ पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद और उपस्थिति मे कोव्वूर में श्रीमठम शिविर में भगवद गीता परायण किया गया।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की विजय यात्रा - श्रीमठम शिविर २५ दिसंबर २०२२ से श्री शंकर मटम, वारका नगर ,विशाखापत्तनम में होगा। यहां धनुर मास पूजा की जाएगी। पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी २४ दिसंबर की शाम कोवुरु के पिछले शिविर से आएंगे और शोभा यात्रा शाम ६.३० बजे शांतिपुरम राजमार्ग से श्री शंकर मट तक होगी।
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- ३ दिसंबर २०२२ को पेरूरु के श्रीमठम शिविर में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद और उपस्थिति में गीता जयंती का आयोजन किया गया।
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने 28 नवंबर 2022 को श्री भद्रकाली समता वीरेश्वर स्वामी मंदिर के दर्शन किए। विशेष पूजा और सेवा के बाद, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने भक्तों को अनुग्रह भाषणम एवं आशीर्वाद दिया।
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श्री कांची कामकोटि पीठम - दिसंबर 2022 न्यूज़लैटर
श्री गुरुभ्यो नमः
आचार्य स्वामीगल की आशीर्वाद से , एनआरआई न्यूज़लेटर टीम न्यूज़लेटर के २५ वें संस्करण (मूल के बारे में अधिक जानकारी संपादकीय अनुभाग में) को प्रकाशित किया । इस संस्करण में व्यापक रूप से आचार्य स्वामीगल की विजय यात्रा और विदेशों में भक्तों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों को शामिल किया गया है।
वर्तमान संस्करण: https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter/data/Sri-Kanchi-Kamakoti-Peetam-NRI-Newsletter-Dec-2022.pdf
पिछला संस्करण यहां देखा जा सकता है - https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter
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विजय यात्रा अपडेट- ३०/११/२०२२ - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी पसरलापुडी लंका में श्री अन्नपूर्णा सहित अगस्तेश्वर स्वामी मंदिर गए
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने ३० नवंबर २०२२ को कोडुनिपाडु में श्री रामालयम का दौरा किया
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने १ दिसंबर २०२२ को रामलयम @ गौतमी नगर कॉलोनी, पेरूरू का दौरा किया और भक्तों को अनुग्रह भाषण एवं आशीर्वाद दिया
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विजय यात्रा अपडेट- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री सेतीबली रामालयम का दौरा किया और १ दिसंबर २०२२ को थाडिगुंटा कॉलोनी, पेरूरु में अनुग्रह भाषण दिया
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विजय यात्रा -पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने २८ नवंबर २०२२ को मम्मीदावरम श्री सुब्रमण्य स्वामी मंदिर का दौरा किया
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29 नवंबर 2022 को पेरूरु के श्रीमठम शिविर में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद और उपस्थिति में कृषण यजुर वेद सदा का आयोजन किया गया।
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मराठी में कामकोटि वाणी का शुभारंभ
इस पावन सुब्बाराया षष्ठी पर, पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, मराठी भाषा में कामकोटि वाणी, भक्तों के लिए ,कांची मठ के गतिविधियों और घटनाओं को कवर करने वाली एक मासिक पत्रिका जारी की जा रही है। पत्रिका तक पहुंचने के लिए कृपया लिंक पर क्लिक करें https://www.kamakoti.org/kamakoti/Marathi/Newsletter/
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द्रक्षरामम में शिविर
10/11/2022 से 17/11/2022
द्रक्षरामम आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के पंचराम क्षेत्रों में से एक है। श्री भीमेश्वर स्वामी 13 फीट का शिवलिंग है और मणिक्यम्बा भगवान की पत्नी हैं। मंदिर जो द्रक्षरामम गांव का केंद्र है, बहुत प्राचीन है और कई हजार वर्षों से पूजा हो रहा है। अभी यह मंदिर पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है।
श्री कांची महास्वामी ने 1937 में और फिर 1967/68 में पूज्य श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के साथ क्षेत्र का दौरा किया था।
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी 10वीं रात को यहां पहुंचे और 17वीं रात्री को इरागवरम के लिए रवाना हुए। शिविर स्थानीय परिवार द्वारा संचालित एक वेद पाठशाला में था, जिसने पहले कांची आचार्यों की मेजबानी की थी। यह पूरे सप्ताह के दौरान द्रकाश्रमम में दिव्य उत्सव का एक सप्ताह था। हजारों भक्तों ने त्रिकाल श्री चंद्रमौलेश्वर स्वामी पूजा और स्वामीदी के दर्शन किए। सभी भक्तों को अन्नदान किया गया।
श्रीमठम में पूजा पूरी करने के बाद स्वामीजी द्वारा कार्तिक सोमवार पूजा श्री भीमेश्वर स्वामी मंदिर में आयोजित की गई। अभिषेक के लिए विशेष द्रव्यों का उपयोग किया गया था। सभी के कल्याण के लिए त्र्यंबक मंत्र का जाप करते हुए विभूति अभिषेक किया गया।
मंगलवार को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने वेदुरूपा गांव के विजयदुर्गा मंदिर और रामचंद्रपुरम शहर के अगस्थेश्वर स्वामी मंदिर के दर्शन किए। स्वामीजी ने श्री जयेंद्र सरस्वती स्वामी स्कूल और रामचंद्रपुरम में आगामी त्यागराज सभा परिसर का भी दौरा किया।
बुधवार (बुधष्टमी) को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने माणिक्यम्बा सन्निधि में विशेष पूजा-अर्चना की। उस दिन त्रिशती, ललिता सहस्रनाम, देवी खडगमाला, लक्ष्मी अष्टोत्तर और ललिता अष्टोत्तर पूजा की जाती थी। भीमेश्वर स्वामी में विशेष पुष्पाभिषेकम किया गया और फिर काल भैरव सन्निधि में आरती किया गया। इससे पहले उस दिन, स्वामीजी की दिव्य उपस्थिति में एक वैदिक पुरोहित सभा का आयोजन किया गया था और विशेष सनमानम आयोजित किया गया था।
त्रिकाल पूजा के अंतिम दिन स्वामित्व ने तीर्थ प्रसाद भक्तों को दो घंटे से अधिक समय तक दिया। इसके बाद भक्तों ने स्वामीजी का पुष्पाभिषेक किया। कुछ यात्राओं के बाद, स्वामीजी ग्राम देवता-गोकुलम्मा मंदिर गए और फिर इरागावरम (पश्चिम गोदावरी जिला) के लिए चल पड़े, जो लगभग 50 किलोमीटर है और रात 9:30 बजे पहुंचे। स्वामीजी को वीथिस गाँव से ले जाते हुए, सब श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती वेद पाठशाला पहुँचे जहाँ एक स्वागत सभा आयोजित की गई थी।
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https://youtu.be/vHn3J1x1aak
पिछले सप्ताह पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री भीमेश्वरस्वामी मंदिर, द्रक्षरामम में कार्तिक सोमवार पूजा की। स्वामीजी ने आदि शंकराचार्य भगवत्पादाचार्य के शिव पंचकशर नक्षत्र माला स्तव का जाप किया और बिल्व पत्रों से अर्चना की।
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी वर्तमान में आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के मुनगंदा गांव में हैं। कार्तिक सोमवार प्रदोष पूजा स्वामीजी द्वारा की जा रही है।
इस पावन कार्तिक सोमवार प्रदोष पर यह वीडियो जारी किया गया है।
जया जया शंकर हर हर शंकर
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विजय यात्रा अपडेट:
मुक्कमाला में कार्यक्रम और द्राक्षरामम में आगमन
९ और १० नवंबर, २०२२
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने मुक्कमाला में शिविर के दौरान शताब्दी पुराने घर का दौरा किया जहां १९३७ में ब्रह्म सप्ताह आयोजित किया गया था। यह घर के लोगों और मुक्कमाला ग्रामीणों के लिए एक यादगार क्षण था।
स्वामीजी ने शिवालय का दौरा किया और चांदी में एक नागभरन शिवलिंग को सुशोभित किया।
पुरोहित एवं सभा सदस्यों ने श्रीमटम शिविर में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर आचार्य को श्रद्धांजलि दी।
मुक्कमाला में गोदावरी नहर पर श्री कुमारेश और श्रीमती जयंती कुमारेश द्वारा एक विशेष संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।
स्वामीजी १०/११ को मुक्कमाला से प्रारंभ होके यनम के रास्ते द्रक्षरामम पहुँचे जहाँ विधायकजी के नेतृत्व में भक्तों ने पूर्णकुंभ दिया।
द्राक्षरामम में भव्य स्वागत किया गया। पहुंचने पर, स्वामीजी ने भीमेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा की।
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वृंदावन द्वादशी- तुलसी विवाह
५ नवंबर २०२२
वृंदावन द्वादशी - तुलसी विवाह ५ नवंबर २०२२ मुक्कमाला के श्रीमटम शिविर में पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की उपस्थिति में किया गया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की विजय यात्रा- २४ दिसंबर २०२२ तक -
१० नवंबर तक - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल की विजय यात्रा- 24 दिसंबर 2022 तक निर्धारित -
१० नवंबर तक - मुक्कमला
११-१७ नवंबर - द्राक्षरामम
१८-२० नवंबर- इरागवरम
२१-२३ नवंबर - मुंगंडा
२४ नवम्बर-१० दिसम्बर-पेरु
११-१५ दिसंबर -गंगालकुरु
१६-२४ दिसंबर - कोवरु
अधिक जानकारी के लिए https://www.kamakoti.org/news/tour_new.html पर जाएं
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नवंबर २०२२ में श्रीमटम में होने वाली विशेष पूजाएँ
५ नवंबर, शनि-वृंदावन द्वादशी, तुलसी विवाह, प्रदोष पूजा
७ नवंबर, सोम-पूर्णीमा पूजा, अन्नभिषेक, कृतिका सोमवार पूजा
१४ नवंबर, सोम.-कृतिका सोमवार पूजा
२१ नवंबर, सोम- कृतिका सोमवार पूजा, प्रदोष पूजा
रथोत्सव- २४ नवंबर (अनुषम), २५ नवंबर (मूलम), २ और २९ नवंबर (अवित्तम), २७ नवंबर (उत्तराडम)
#कामकोटि
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अक्टूबर 2022
अप्पासी पूरम महोत्सव - श्री कामाक्षी अम्मन और बिलकासम के लिए विशेष अभिषेक - चंदन लेपन - शुक्रवार - 21 अक्टूबर 2022
अप्पासी पूरम - पल्कुदम - अभिषेक
कांची कामाक्षी कामाकोटि
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी 17 से 19 अक्टूबर, 2022 तक मंडपेटा, आंध्र प्रदेश में रहेंगे।
*शिविर का स्थान*
मंडपेटा ब्राह्मण सभा,
मंडपेटा टाउन
*स्थान*:
https://goo.gl/maps/UiVK4NgYFFvhrtz5
कामकोटि
*यात्रा कार्यक्रम*:
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अक्टूबर 2022
अप्पासी पूरम महोत्सव - श्री कामाक्षी अम्मन और बिलकासम के लिए विशेष अभिषेक - चंदन लेपन - शुक्रवार - 21 अक्टूबर 2022
अप्पासी पूरम - पल्कुदम - अभिषेक
कांची कामाक्षी कामाकोटि
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शारदा नवरात्रि महोत्सव 26 सितंबर से 5 अक्टूबर (विजयादशमी) तक पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से गोवा के श्री गोमांतक तिरुपति बालाजी मंदिर में किया जाएगा।
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एनआरआई न्यूज़लेटर - चातुर्मास्य संस्करण का विमोचन
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से, एनआरआई न्यूजलेटर का चातुर्मास्य संस्करण लॉन्च किया गया है। इस संस्करण में आचार्य स्वामीजी की विजय यात्रा और विदेशी भक्तों द्वारा की जाने वाली गतिविधियों को व्यापक रूप से शामिल किया गया है।
*वर्तमान संस्करण:* https://connect.kamakoti.org/newsletter
पिछले संस्करण यहां देखे जा सकते हैं - https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter
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श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की स्मृति में संदेश
विदेहब्रह्मलिना अनंतश्रीविभुशिता श्री स्वरूपानन्द सरस्वती शंकराचार्य स्वामीपाद
अंग्रेज़ी अनुवाद
https://kamakoti.org/kamakoti/news/2022/message-in-90773-20220913.html
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पेद्दापुरम में श्रीमटम शिविर
यात्रा कार्यक्रम - श्रीमट शिविर का विवरण
16 सितंबर के बाद - शिविर पेद्दापुरम में रहेगा
श्रीमटम शिविर पेद्दापुरम (समलकोट के पास) में है।
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी यहां शरण नवरात्रि पूजा करेंगे।
स्थान - श्री मैट श्रीनिवास राव- श्री ललिता एंटरप्राइजेज- डोर नंबर 1-9-35, प्लीडर वीधी, पेद्दापुरम - 533437। पूर्वी गोदावरी जिला [ मील का पत्थर - श्री ललिता स्किन क्लिनिक के पास]
मैप लिंक https://goo.gl/maps/SjdhVuhw4Qd3HPkHA
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से १५ अगस्त २०२२ को भंजनगर, गंजम , ओडिशा में शंकरा, विजन सेंटर का उद्घाटन हुआ।
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श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के काकीनाडा में जयंती समारोह श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की दिव्य उपस्थिति में भक्ति के साथ आयोजित किया गया था।
कांची में, श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के वृण्दावन को विशेष अलंकारों से सजाया गया और विशेष पूजा की गई। । वेद परायण और शास्त्र सभा का आयोजन किया गया। श्री नेवेली संथानम नेवृण्दावन के सामने संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
काकीनाडा में, एकादश रुद्रम का आयोजन किया गया और स्वामिनी की दिव्य उपस्थिति में चंडी हवन पूर्णाहुति किया गया। स्वामीजी ने श्री जयेन्द्र स्वामीजी की रजत पादुकाओं की स्वर्ण पद पूजा की। श्री विश्वनाथ गोपालकृष्ण शास्त्री ने अष्टोत्तरम का प्रतिपादन किया। श्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की महानता पर विशेष वार्ता श्री विश्वनाथ गोपालकृष्ण शास्त्री, श्री बालकृष्णन, श्री रामलाल सरमा, श्री छगंती कोटेश्वर राव और श्री चिरावुरी श्रीराम सरमा ने स्वामीजी की उपस्थिति में दी। इसके बाद श्री स्वामीजी ने सभा को संबोधित किया।
काकीनाडा में आम जनता के लिए शंकर नेत्र अस्पताल, गुंटूर द्वारा एक विशेष नेत्र शिविर का आयोजन किया गया। इसके बाद संगीत कार्यक्रम आयोजित किए गए। बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और आशीर्वाद लिया।
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कामकोटि वाणी - तेलुगु न्यूज़लेटर- अगस्त संस्करण - https://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2022/kamakoti-vani-33054-20220815.html
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श्री कांची कामकोटि जगद्गुरु विद्यास्थानम तिरुवनिका में 12 जुलाई को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूजा मनाई गई।
विशेष पूजा, ऋग और कृष्ण यजुर वेद पारायण, ब्राह्मण समाराधनै एवं अन्नधान का आयोजन किया गया। शाम को, ऋषि व्यास को वेद गोशम, नादस्वरम और सहस्रनाम पारायण के साथ तिरुवनिका के चौथे प्रकारम मे जुलूस ले जाया गया।
कई भक्त और आस्तिक इकट्ठे हुए और आचार्यों को समर्पण किये।
ब्रह्मश्री सेंगलीपुरम आर सुंदरराम वाजपेयीयागी और ब्रह्मश्री एस नारायण वाजापेयगी ने भक्तों को आशीर्वाद दिया और श्री गुरु महिमा पर उपन्यास दिया।
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पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने आज- 13 जुलाई 2022 को काकीनाडा, आंध्र और चतुर्मास्य व्रत में व्यास पूजा किया।
हर साल, व्यास पूजा आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन की जाती है, जो भगवान विष्णु के अवतार ऋषि व्यास से शुरू होने वाले आध्यात्मिक गुरुओं की पूजा के लिए शुभ और पवित्र मानी जाती है । व्यास मुनि ने वेदों को वर्गीकृत करके मानवता को आशीर्वाद दिया है, उन्होंने अठारह पुराण लिखे हैं। महान महाकाव्य महाभारत और श्रीमद्भागवत भी रचित किया है।
गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर दूर-दूर से भक्तों ने आचार्य स्वामीजी को प्रणाम किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
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पूज्य शंकराचार्य स्वामीगल पहुंचे #काकीनाडा
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी 09-07-2022 को पेद्दापुरम से काकीनाडा पहुंचे और यहां 13 जुलाई से चातुर्मास्य व्रत का पालन करेंगे।
ब्रह्मश्री छगंती कोटेश्वर राव गरु, श्री वरप्रसाद रेड्डी गरु, तिम्मापुरम ग्राम अध्यक्ष श्री बेजवाड़ा सत्यनारायण गरु के नेतृत्व में भक्तों ने वैदिक मंत्रोच्चार, गराग, भजन समूहों, कोलाटम, मंगला वद्यम के साथ मनाई गई शोभा यात्रा में भाग लिया।
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विजयवाड़ा के लिए विजय यात्रा- पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने 02/7/2022 को लब्बीपेट, विजयवाड़ा में श्री वेंकटेश्वर स्वामी को स्वर्ण थोरानम का समर्पण किया।
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श्री स्वामीनाथ स्वामी तिरुकोविल, स्वामीमलई में निम्नलिखित तिथियों पर जुलाई में वेद परायण किया जाएगा।
i) 05-7-2022 शुक्ल षष्ठी
ii) 10-7-2022
iii) 16-7-2022 संकट हारा चतुर्थी श्री श्वेत विनायक मंदिर में, स्वामीमलाई के पास तिरुवलांचुली
iv) 23-7-2022 कृतिका
- श्री कांची कामकोटि स्वामीमलई वेद परायण ट्रस्ट द्वारा पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से आयोजित
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की एलुरु की विजय यात्रा- श्री अन्नपूर्णी समेथ अविमुक्तेश्वर स्वामी मंदिर की यात्रा 4/7/2022 को एलुरु में हुई।
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व्यास पूजा और चातुर्मास्य व्रत के लिये पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,13 जुलाई से 10 सितंबर तक काकीनाडा, आंध्रप्रदेश में रहेंगे। यह आषाढ़ पूर्णिमा से - भाद्रपद पूर्णिमा तक का समय है।
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जुलाई २०२२ को श्रीमट में होने वाली पूजाएँ
११ जुलाई, सोमवार. -प्रदोष पूजा
१३ जुलाई, बुधवार -पूर्णिमा पूजा, व्यास पूजा, चतुर्मास प्रारंभ (काकीनाडा में)
१६ जुलाई, शनिवार - दक्षिणायन पुण्यकाल
२३ जुलाई, शनिवार - आडी क्रित्कै
२६ जुलाई, मंगलवार- प्रदोष पूजा
रथोत्सव - १० को अनुशम , १२ को मूलम , १४ को उत्तरम , १५ को अवित्तम
विजय यात्रा कार्यक्रम और अन्य अपडेट के लिए www.kamakoti.org पर जाएं
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विजय यात्रा अपडेट:
पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी का आंध्र प्रदेश आगमन
२८/६/२०२२
सेवामीजी 28/6/2022 को 2:45 बजे हैदराबाद तेलंगाना के डुंडीगल शिविर से प्रस्थान करने के बाद लगभग 10 बजे (200 किलोमीटर) पर आंध्र प्रदेश सीमा पर पहुंचे। कनकदुर्गा देवस्थान के वेद पंडितों, बंदोबस्ती विभाग के अधिकारियों, सरकारी अधिकारियों और सीमा पर आम जनता की एक सभा द्वारा स्वामीजी का पूर्णकुंभ स्वागत के साथ स्वागत किया गया।
इससे पहले, आंध्र प्रदेश के बालसुपाडु गांव के रास्ते में, स्वामीजी ने एक पहाड़ी पर स्थित चित्यला वेणुगोपाल स्वामी मंदिर का दौरा किया और तलहटी में शंकर मठ के लिए भूमि पूजा का आशीर्वाद दिया। स्वामीजी ने तब नलगोंडा में एक प्रह्लाद वरद नरसिंह स्वामी गोशाला का दौरा किया और कोडद पहुंचे। कोडाद तेलंगाना का एक सीमावर्ती शहर है। स्वामीजी ने एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया जिसमें आगामी चातुर्मास्य व्रत के दौरान होने वाले कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला गया। स्वामीजी गाँव की हर गली में प्रतीक्षारत ग्रामीणों की दीपा हरथीस प्राप्त करने के बाद रात्री 11:30 बजे बालसुपाडु गाँव में श्रीमट शिविर पहुँचे।
29/6/2022
उप मुख्यमंत्री, आंद्र प्रदेश ने स्वामीजी के दर्शन किये।
श्री कोट्टू सत्यनारायण गारू, माननीय उपमुख्यमंत्री और धर्माधिकार मंत्री, श्री अनिल कुमार सिंघल, आईएएस, प्रमुख सचिव, श्री डॉ एम हरि जवाहरलाल, आईएएस आयुक्त, और अन्य अधिकारियों ने आंध्र प्रदेश में स्वामीजी का स्वागत करने के लिए श्रीमटम शिविर का दौरा किया और विस्तृत चर्चा की। राज्य में धर्म प्रचार कार्यक्रम के बारे में। पूजा के बाद स्वामीजी ने जग्गियापेट में काकतीय सीमेंट और चीनी कारखाने में वेंकेश्वर स्वामी देवालयम और बालसुपाडु में रामालयम का दौरा किया। स्वमीजी वापस श्रीमटम शिविर पहुंचे और तीसरी काल पूजा की।
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विजय यात्रा और चातुर्मास्य पर अपडेट
सिकंदराबाद के स्कंदगिरी में त्रिकला पूजा के बाद १८ जून २०२२ की संध्या को श्रीमठ का शिविर हैदराबाद के बाहरी इलाके में रवाना होगा। काकीनाडा में पूज्य श्री शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा चातुर्मास्य मनाया जाएगा। मार्ग के शिविरों सहित विवरण की घोषणा नियत समय में की जाएगी।
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पूज्यश्री महास्वामीजी जयंती - श्री स्वामीनाथ स्वामी मंदिर ,स्वामीमलई में वेद परायण का आयोजन अनुषम के समय हुआ।
९ वैदिक विद्वानों की के साथ:
ऋग्वेदम - २
कृष्ण यजुर्वेदम - ४
कौथमा समम - १ और
जैमिनी साम वेदम - २
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद से मंदिर और तिरुवलंचुली मे नित्य वेद परायण का आयोजन किया जा रहा है।
श्री शंकर मठम ,कुंभकोणम (एसकेकेएसवीपी ट्रस्ट द्वारा प्रायोजित) में १३ वेद विद्वानों की के साथ वेद परायण का आयोजन किया गया था। विवरण :
ऋग्वेदम - ५
कृष्ण यजुर्वेदम - ६
जैमिनी साम वेदम - २
अगला परायण संकट हारा चतुर्थी पर १७/६/२०२२ को होगा
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कांची कोश -महा पेरियवा के (अनुग्रह वर्षा) के जीवन इतिहास पर संग्रहालय और प्रदर्शनी आज शाम से राजकिलपक्कम में श्री कांची महास्वामी विद्या मंदिर परिसर (वेदम एवं सीबीएसई) में जनता के देखने के लिए खुली है (५.६.२०२२) |
️ समय (शाम ४.३०- शाम ७.३० बजे)
️ हर कोई इस अनोखे संग्रहालय में जा सकता है और आनंद ले सकता है (श्री कांची कामकोटि पीठम के इतिहास के २५०० गौरवशाली वर्ष)।
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जगद्गुरु पूज्यश्री महास्वामीजी का जयंती महोत्सव ११ से १३ जून २०२२ तक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ जगद्गुरु विद्यास्थानम, तिरुवनाइकोविल में मनाया जाएगा।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के पीतरोहणम दिवस पर मई २०२२ का एनआरआई न्यूज़लेटर जारी किया गया।
इसमें स्वामीजी की विजय यात्रा एवं शंकर जयंती महोत्सव को व्यापक रूप से सम्मिलित किया गया है।
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२९ मई २०२२ को स्कंदगिरी में श्रीमठम के शिविर में पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल के आशीर्वाद एवं उपस्थिति में कुमार भोजन और श्री सुब्रह्मण्य भुजंगम का जाप आयोजित किया गया
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने १८ मई-२०२२ को हैदराबाद में श्री कांची कामकोटि पीठम चंद्रमौलेश्वर वेद पाठशाला का दौरा किया।
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श्रीमटम , कांचीपुरम में अविट्टम के अवसर पर विशेष पूजा, वेद परायणम और संगीत उपासना आयोजित किया गया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी २१ मई-२०२२ को कुन्तलूर, हैदराबाद के श्री वेद व्यास वेद पाठशाला गये।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल ने आज सुबह (२० मई २०२२) सिकंदराबाद में श्री गणपति मंदिर का दौरा किया और विशेष पूजा की। श्रीमटम शिविर मई के अंत तक सिकंदराबाद के स्कंदगिरी में रहेगा।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने १०/५/२०२२ , नवमी के दिन स्कंदगिरी से लगभग ५० किलोमीटर दूर वर्गल में श्री सरस्वती मंदिर का दौरा किया। कांची आचार्यों के आशीर्वाद से मंदिर में सरस्वती, स्कंद और वेंकटेश्वर स्वामी की सन्निधि हैं। मंदिर वेद पुरोहितों को प्रशिक्षित करने के लिए एक स्मार्ट वेद पाठशाला भी चलाता है। अब तक लगभग १७५ छात्र स्वामीजी के आशीर्वाद से उत्तीर्ण हुए हैं। अक्षराभ्यास करने के लिए कई भक्त मंदिर में आते हैं। श्री चंद्रशेखर सिद्धांत समिति ने मंदिर, पाठशाला और भक्तों के लिए सुविधाओं के विस्तार में अभूतपूर्व काम किया है।
पूज्य शंकराचार्य स्वामीजी ने अपने भाषण में सरस्वती देवी पर वेद मंत्रों और ध्यान श्लोकों का आह्वान किया और कहा कि कांची जगद्गुरुओं के आशीर्वाद और निरंतर आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ यह स्थान सरस्वती के लिए एक दिव्य क्षेत्र बन गया है।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने १६ मई २०२२ सिकंदराबाद में वेद भवन का दौरा किया। इस अवसर पर वैदिक विद्वानों को सम्मानित किया गया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने १६ मई २०२२ सिकंदराबाद में गीता भवन गये।
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१२/५/२०२२ को पूज्य श्री शंकराचार्य स्वामीजी यदागिरीगुट्टा के श्री शिव मंदिर गये एवं अभिषेक और विशेष पूजा की।
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पूज्य श्री शंकराचार्य स्वामीगल १२/५/२०२२ को यदागिरीगुट्टा के श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर गये।
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पूज्य श्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने ११ मई २०२२ को हैदराबाद में श्री पुष्पगिरी मटम गये।
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१ जून २०२२ को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से ,पुदुकोट्टई - श्री राजा राजेश्वरी अंबाल - श्री आदि शंकर प्रतिष्ठा- शंकरालयम पुनरुद्धारण अष्टबंधन प्रतिष्ठा महा कुंभाभिषेक किया जाएगा।
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श्री त्यागराज स्वामी जयंती - आज शाम ८ मई २०२२ को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति में श्री स्कंदगिरी श्री सुब्रह्मण्य स्वामी देवस्थानम के सांस्कृतिक केंद्र में विद्वानों और छात्रों द्वारा पंचरत्न कृतियों का प्रतिपादन किया गया।
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८ मई २०२२ को स्कंदगिरी में श्री सुब्रह्मण्य स्वामी देवस्थान के सांस्कृतिक केंद्र में महर्षि वेद व्यास द्वारा लिखे गए १८ पुराणों का सारांश रूपी तेलुगु में तीन खंडों का एक सेट ,पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से जारी किया गया । पुस्तकों का प्रकाशन चाला सांबी रेड्डी, पवनी सेवा समिति द्वारा किया गया है।
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श्री त्यागराज स्वामी जयंती - ८ मई २०२२ को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति में श्री स्कंदगिरी श्री सुब्रह्मण्य स्वामी देवस्थान के सांस्कृतिक केंद्र में विद्वानों और छात्रों द्वारा पंचरत्न कृतियों का प्रतिपादन किया गया।
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सभी आचार्यों के आशीर्वाद के साथ, श्री शंकर जयंती महोत्सव २ मई से ६ मई तक ५ दिनों के लिए जगद्गुरु विद्यास्थान (श्री शंकर मठ), तिरुवनाइकोइल, त्रिची में मनाया गया ।
जयंती के दिन, आवाहन्ति हवन , विशेष अभिषेक , अलंकार, श्री पादुका अर्चना,आरती , ब्राह्मण भोजन , अन्नदान एवं नादस्वर का आयोजन किया गया। नादस्वर , वेद पारायण एवं नाम संकीर्तन के साथ जम्बुकेश्वरम के चारों वीदीयों में पर आर्चार्यों के मूर्ति का जुलूस निकाला गया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने आज सुबह (८ मई २०२२) काचीगुडा, हैदराबाद में श्री काँची कामकोटि पीठम श्री श्याम मंदिर के राजगोपुरम के महाकुंभभिषेक को आशीर्वाद दिया।
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७ मई २०२२ को रवीन्द्र भारती सभा ,हैदराबाद में श्रद्धेय शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के आशीर्वाद एवं उपस्थिति में श्री शंकराचार्य जयंती महोत्सव मनाया गया। एक विशेष स्कंदगिरी में श्री सुब्रह्मण्य स्वामी मंदिर के कुंभाभिषेक के उपलक्ष्य में विशेष डाक कवर और डाक टिकट जारी किया गया। इस अवसर पर विद्वानों और अन्य लोगों को भी सम्मानित किया गया।
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कुंबाभिषेक
श्रद्धेय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिनी के आशीर्वाद से ४ मई को तिरुवानैकावल के जगद्गुरु विद्यास्थान में स्थित विनायक स्वामी मंदिर का कुंबाभिषेक किया गया।
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शंकर जयंती - “शंकरा” का अर्थ वह है जो सबको समृद्धि एवं मंगलता प्रदान करे। इसलिये ‘श्री शंकर अवतार’ दिवस के अवसर पर शंकर विजयम का मूल अवतार
https://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Veda%20Dharma%20Shastra%20Paripalana%20Sabha%20Sankara%20Jayanthi.html
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,४ मई २०२२ को सुबह ६.४५ को , नर्सिंगी ,तेलंगाना में स्थित शंकराचार्य नेत्र अस्पताल के गणेश मंदिर का भूमि पूजन करेंगे।
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श्रीमद् में मई २०२२ में होने वाली विशेष पूजाएँ
३ मई ,मंगलवार- अक्षय त्रितिय
६ मई, शुक्रवार- श्री शंकर जयंती
१३ मई, शुक्रवार - प्रदोष पूजा
१४ मई, शनिवार- नरसिंह जयंती
१५ मई, रविवार- पूर्णिमा पूजा
२७ मई,शुक्रवार-प्रदोष पूजा
१६- रथोत्सव-अनूषम, १८-मूलम, २०-उत्तराडम, २२-अविट्टम
श्रीमद् कैंप अभी स्कन्दगिरी, सेकुन्दराबाद,तेलंगाना में है।
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रथ सप्तमी दर्शन ,श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर ,तिरुमला
श्रद्धेय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी, तिरुमला के रथ सप्तमी उत्सव में सम्मिलित हुए। इसे कल्याणोत्सव मण्डप में आयोजित किया गया।
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६ फ़रवरी से श्री बालाजी मंदिर,बालाजीपुरम, बेतुल में ब्रह्मोत्सव प्रारंभ हुआ।
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श्री काँची महा मठ ,महा पादुका मण्डप ,अलिपिरी ,तिरुपती में लोक क्षेम के लिये ,श्रद्धेय स्वामीजी के आशीर्वाद से इष्टी का आयोजन किया गया है
३-२-२०२२- पवित्रेष्टी
४-२-२०२२- महापवित्रेष्टी
५-२-२०२२- मित्राविन्देष्टी
६-२-२०२२ - इन्द्रावरुनेष्टी
७-२-२०२२ - सर्वपृशेष्टी
८-२-२०२२ -मृगारेष्टी
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फ़रवरी २०२२ को श्रीमटम में होने वाली विशेष पूजाएँ
५ फ़रवरी ,शनिवार- वसंत पंचमी
७ फ़रवरी ,सोमवार- रथ सप्तमी
१४ फ़रवरी , सोमवार- प्रदोष पूजा
१५ फ़रवरी,मंगलवार- पूर्णिमा पूजा
२४ फ़रवरी, गुरुवार- कलवै परात्पर गुरु आराधना
२७ फ़रवरी , रविवार - श्रद्धेय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी जयंती
२८ फ़रवरी ,सोमवार - प्रदोष पूजा
रथोत्सव - २ फ़रवरी (अविट्टम) ,२३ फ़रवरी (अनूषम), २५ ( मूलम), २७(उत्तराडम),
७ फ़रवरी से १९ फ़रवरी २०२२ ,श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान में ब्रह्मोत्सव
१९ फ़रवरी से २७ फ़रवरी २०२२, श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान में विद्यार्थी उत्सव
श्रीमठम कैंप अभी श्री काँची कामकोटी पादुका मण्डप, अलिपिरी के निकट तिरुपती में है।
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जनवरी २०२२ को श्रीमटम में होने वाली पूजाएँ
२ जनवरी - रविवार - हनुमंत जयंती
१३ जनवरी- गुरुवार- बोगी ,वैकुंठ एकादशी
१४ जनवरी - शुक्रवार - मकर शंकरान्ती ,उत्तरायण पुण्यकाल
१५ जनवरी - शनिवार - प्रदेश पूजा
१७ जनवरी - सोमवार - पूर्णिमा
३० जनवरी - रविवार - प्रदेश पूजा
रथोत्सव - २ (मूलम),३ (उत्ततराडम), ५ ( अविट्टम), २७ ( अनुषम), २९ ( मूलम) , ३१ (उत्तरांडम)
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से एनआर आई न्यूज़ लेट्टर वालयूम ३ , अंक ७ ,४ नवंबर (दीपावली ) को जारी किया गया। इसमें नवरात्रि में श्रीमटम में होने वाली पूजाएँ के विषय में भी दिया गया है।
https://kamakoti.org/kamakoti/newsletter
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४ नवंबर को दीपावली के दिन सरकारी अस्पताल में प्रसाद बाँटा गया
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से दीपावली के दिन कांचीपुरम में गंगा जल, विभूति ,कुंकुम एवं मिठाइयाँ बाँटे गये। यह सेवा ४६वे वर्ष किया जा रहा है। यह उन लोगों के लिये जो बीमार हैं एवं दीपावली नहीं मना सकते हैं। यह सेवा ,कुछ सेवकों ने श्री वेंकटसुबरमनीयन ( श्री दंण्डपानी ओरियन्टल स्कूल के करस्पान्डंट ) के नेत्रत्व में किया गया।
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१८० से ज़्यादा ,कांचीपुरम में स्थित शिव मंदिरों में दीपावली के लिये विशेष पूजा किया गया। इन मंदिरों का प्रसाद ,स्वामिनी को ओरिक्कै के श्रीमटम कैंप में दिया गया। https://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2020/deepavali-viseha-pujas-
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श्रद्धेय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने भक्तजनों को दीपावली के दिन विश्व रूप दर्शन दिया। उसके पश्चात् उन्होंने विशेष दीपावली पूजा किया।
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श्रीमटम में नवंबर २०२१ में होने वाली विशेष पूजाएँ २ नवंबर ,मंगलवार, प्रदेश पूजा
४ नवंबर , गुरुवार,दीपावली
८ नवंबर ,सोमवार,क्रीतिका सोमवार पूजा
९ नवंबर, मंगलवार , स्कन्द शष्टि
१५ नवंबर, सोमवार,क्रीतिका सोमवार पूजा ,वृन्दावन द्वादशी ,तुलसी विवाह
१६ नवंबर, मंगलवार , मंगलवार, प्रदोष पूजा
१८ नवंबर,गुरुवार,पूर्णिमा पूजा
२२ नवंबर, सोमवार ,क्रीतिका सोमवार पूजा
२९ नवंबर ,सोमवार,क्रीतिका सोमवार पूजा
६(अनूशम), ८(मूल्य), ९ (उत्तरांचल), ११(अविट्टम) को रथोत्सव होगा
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श्रद्धेय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से विजयदशमी के पुण्य काल में कामकोटी टी वी का मोबाइल एप का प्रारंभ किया गया।
https://connect.kamakoti.org/appstore
https://connect.kamakoti.org/playstore
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२२ अगस्त को श्री काची कामकोटी पीटम् एजुकेशन एवं कल्चरल सेन्टर ,आदि शंकराचार्य मंदिर ,कोटा ,अहमदाबाद ,गुजरात मे पूज्यश्री श्कराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से चण्डी हवन एवं यजुर उपकर्म किया गया।
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२२ अगस्त को श्री काची कामकोटी पीटम् कल्चरल सेन्टर ,आर के पुरम ,नई दिल्ली मे पूज्यश्री श्कराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से चण्डी हवन एवं यजुर उपकर्म किया गया।
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आवनी अविट्टम-https://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Avani%20Avittam.html
-https://www.kamakoti.org/tamil/gm15.htm
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२१ एवं २२ अगस्त २०२१ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से रिग वेद एवं यजुर वेद उपकर्म ( आवडी अविट्टम ) मनाया गया। हर वर्ष ,श्रवण (तिरुवोनम)नक्षत्र के दिन , श्रवण महीने मे यह उपकर्म किया जाता है।
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अगस्त मे श्रीमठ मे होने वाली विशेष पूजाएँ
५ ,गुरुवार- प्रदोश पूजा
२० ,शुक्रवार- प्रदोश पूजा
२१ , शनिवार- पूर्णीमा पूजा
२२, रविवार ,यजुर उपकर्मा
२३, सोमवार, गायत्री जप
३०, सोमवार , गोकुलाष्टमी
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चातुर्मास व्रत - श्री मेंडोलिन राजेश द्वारा आज (२६ जुलाई) को संगीत उपन्यास किया जायेगा
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ओक्किरै मे व्यास पूजा एवं व्रत संकल्प
श्रद्देय पूज्यश्री श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने काँचीपुरम के निकट स्थित ओक्किरै मे महास्वामी शताब्दी मणिमण्डप मे व्यास पूजा किया। पूजा प्रात: ११.४५ से सायंकाल ४.१५ तक चला ।
इससे पहले स्वामीजी ने यहाँ पर चातुर्मास व्रत सन् १९८८ मे काँची महास्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के साथ पूजा किया था।
श्रद्देय स्वामीजी सितंबर २० तारिक तक यहाँ चातुर्मास पूजा करेंगें।
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ओक्किरै मे व्यास पूजा एवं व्रत संकल्प
श्रद्देय पूज्यश्री श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने काँचीपुरम के निकट स्थित ओक्किरै मे महास्वामी शताब्दी मणिमण्डप मे व्यास पूजा किया। पूजा प्रात: ११.४५ से सायंकाल ४.१५ तक चला ।
इससे पहले स्वामीजी ने यहाँ पर चातुर्मास व्रत सन् १९८८ मे काँची महास्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के साथ पूजा किया था।
श्रद्देय स्वामीजी सितंबर २० तारिक तक यहाँ चातुर्मास पूजा करेंगें।
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ओक्किरै मे व्यास पूजा एवं व्रत संकल्प
श्रद्देय पूज्यश्री श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने काँचीपुरम के निकट स्थित ओक्किरै मे महास्वामी शताब्दी मणिमण्डप मे व्यास पूजा किया। पूजा प्रात: ११.४५ से सायंकाल ४.१५ तक चला ।
इससे पहले स्वामीजी ने यहाँ पर चातुर्मास व्रत सन् १९८८ मे काँची महास्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के साथ पूजा किया था।
श्रद्देय स्वामीजी सितंबर २० तारिक तक यहाँ चातुर्मास पूजा करेंगें।
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ओक्किरै मे व्यास पूजा एवं व्रत संकल्प
श्रद्देय पूज्यश्री श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने काँचीपुरम के निकट स्थित ओक्किरै मे महास्वामी शताब्दी मणिमण्डप मे व्यास पूजा किया। पूजा प्रात: ११.४५ से सायंकाल ४.१५ तक चला ।
इससे पहले स्वामीजी ने यहाँ पर चातुर्मास व्रत सन् १९८८ मे काँची महास्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के साथ पूजा किया था।
श्रद्देय स्वामीजी सितंबर २० तारिक तक यहाँ चातुर्मास पूजा करेंगें।
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ओक्किरै मे व्यास पूजा एवं व्रत संकल्प
श्रद्देय पूज्यश्री श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने काँचीपुरम के निकट स्थित ओक्किरै मे महास्वामी शताब्दी मणिमण्डप मे व्यास पूजा किया। पूजा प्रात: ११.४५ से सायंकाल ४.१५ तक चला ।
इससे पहले स्वामीजी ने यहाँ पर चातुर्मास व्रत सन् १९८८ मे काँची महास्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के साथ पूजा किया था।
श्रद्देय स्वामीजी सितंबर २० तारिक तक यहाँ चातुर्मास पूजा करेंगें।
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जगत्गुरू पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव का रिगवेद सम्हिता हवन ,इरुलनीकी मे १६ जुलाई को प्रारंभ हुआ। २६ जुलाई को पूर्नाहूती ,आयोजित किया गया है।
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१६ जुलाई को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने चेटपेट्टु ग्राम के श्री पँचमुख आँजनेय मंदिर का जीर्नोद्दारन कुंबाभिषेक किया। इससे पहले यहाँ का कुंबाभिषेक ९० मे किया गया।
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२४ जुलाई से २० सितंबर २०२१ तक ओरिक्कै मे व्यास पूजा एवं चातुर्मास्य व्रत मनाया जायेगा।
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,व्यास पूजा एवं चातुर्मास व्रत ,श्री काँची महास्वामी मणिमण्डप मे २४ जुलाई (अषढ पूर्णीमा) से २० सितंबर २०२१ तक ( भद्रपादा पूर्णीमा ) मनायेंगें।
विभिन्न् सासंकृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है जिसे श्रीमठ एवं यू ट्यूब चेनल मे प्रस्तुत किया जायेगा।
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जुलाई २०२१ को श्रीमठ मे होने वाली विशेष पूजाएँ
७ जुलाई ,वेद प्रदोश पूजा
१६ जुलाई,शुक्रवार- दक्षिणायन पुण्य कालम
२१ जुलाई,बुधवार- प्रदोश पूजा
२३ जुलाई , शुक्रवार- पूर्णीमा पूजा
२४ जुलाई,शनिवार - व्यास पूजा,चातुर्मास प्रारंभ
२६ जुलाई , सोमवार- श्रद्देय श्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी जयंती
२० जुलाई(अनुषम), २१ जुलाई(मूलम), २३ जुलाई (उत्तिराडम), २५ (अविट्टम) को रथोत्सव आयोजित किया जायेगा
अधिक जानकारी के लिये देखें kamakoti.org एवं www.kanchimuttseva.org
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से ओडिशा के गोपालपुर पोर्ट के श्री काँची महाविश्णू मंदिर मे कुंबाभिषेक किया गया। काँचीपुरम के वेद पंडितों ने इसे १९ तैराक को आरंभ किया। श्रद्देय स्वामीजी ने वीडियो कांफरन्स द्वारा आशीर्वाद दिया।
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अमरीका से एक डाक्टर भक्त ने श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से ३० आक्सीजन सिलिण्डर एवं २१९ प्लेस आक्सीमीटर दान किया। इसे कड़प्पा ,आन्द्र प्रदेश के सेवा संस्थानों एवं अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों मे दिया जायेगा।
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१६ -६-२०२१ को शुक्ल शष्टि के अवसर पर वेद पारायण का आयोजन किया गया-
श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद एवं निर्देशानुसार ,१७ विद्वानों द्वारा शुक्ल शष्टि के अवसर पर वेद पारायण किया गया-
रिग वेद-५
कृष्ण यजुर वेद-५
शुक्ल यजुर वेद-२
क़ौतम साम वेद-३
जैमिनी साम वेद-२
इस पारायण का आयोजन श्री काँची कामकोटी स्वामिमलै वेद पारायण ट्रस्ट द्वारा किया गया । अधिक जानकारी के लिये https://www.kamakoti.org/kamakoti/notemplate/SVP
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४ जून ,२०२१ को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से तिरुपती के नवनिर्मित शंकर मठ एवं तिरुपती के अलिपिरी के निकट स्थित श्री शंकर मठ स्वास्थ्य केन्द्र का ग्रहप्रवेश किया गया।
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प्रदोश पूजा श्रद्देय स्वामीजी ने प्रदोश पूजा किया
क़िलंबी अधिष्ठान मे नये पौधे लगाये गये-
विश्व पर्यावरण दिवस( जून ५) पर श्रद्देय स्वामीजी ने क़िलंबी ग्राम मे नारियल ,आम, कटहल एवं खजूर के पेड़ को आशीर्वाद दिया। इन पेड़ों को जून ५ को लगाया गया जो विश्व पर्यावरण दिवस भी है। इन्हें स्वामी अद्वैतात्मप्रकाशेन्द्र सरस्वती स्वामीजी ( काँची कामकोटी पीटम् मे ६० वे शंकराचार्य स्वामीजी ) के अधिष्ठान मे लगाया जायेगा।
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एन आर आई न्यूज़ सेंटर ,खंड lll, संख्या lV ( २९ मई २०२१ को पीटारोहन जयंती के दिन जारी किया गया )
https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter/
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श्रीमटम मे जून २०२१ मे होने वाली विशेष पूजाएँ
७ जून ,सोमवार प्रदोश पूजा
२२ जून, मंगलवार,प्रदोश पूजा
२२ जून, रथोत्सव (अनुशम)
२४ जून , गुरुवार - पूर्णीमा पूजा
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पीटारोहन जयंती पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी
३८ साल पहले १९८३ मे श्रद्देय स्वामीजी ने श्री कामाक्षी अमबाल मंदिर के टैंक के किनारे ,श्री विनायक सन्निधि मे संयासनाश्रम आरंभ किया। श्रीमटम मे विशेष हवन, पारायण एवं अभिषेक आयोजित किया गया।
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जगत्गुरू चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी के जयंती के अवसर पर काँची कामकोटी पीटम् के आस्थान विद्वान मेंडोलिन श्री राजेश एवं समूह द्वारा ,वृंदावन हाल मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथी मे नाद समर्पन किया गया।
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नारायनीयम से नरसिंह अवतार श्लोक , पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा बोला गया
https://m.youtube.com/watch?v=OIlNT0cglL0
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श्री नरसिंह जयंती - अनुग्रह भाषण ( पिछले साल श्रीमटम कैंप तेनम्बाक्कम मे दिया गया )
तमिल- https://m.youtube.com/watch?v=erk3Q9Kj7Pg
हिन्दी - https://m.youtube.com/watch?v=-kWRA5uR9BA
तेलुगु - https://m.youtube.com/watch?v=PsWZUkavVJI
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जगत्गुरू आदि शंकराचार्यजी रचित श्री लक्ष्मी नरसिम्ह करुणा रस स्तोत्र , श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा बोला गया - https://youtu.be/ztgociIqUQI
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य। स्वामीजी द्वारा जगत्गुरू पूज्यश्री महास्वामीजी के विभिन्न कार्यों के विशय मे अनुग्रह भाषण
https://youtu.be/A5Orp4vov_c
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श्रद्देय पूज्यश्री जगत्गुरू पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का १२८ वा जयंती महोत्सव २४ मई से प्रारंभ हुआ एवं २६ मई तक पारायण जप एवं हवन के साथ मनाया जायेगा।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने ब्राह्मण सभा द्वारा आयोजित सम्मेलन को अनुग्रहित किया। उन्होने वैद्य कार्यकर्ताओं की इन कठिन परिस्थितियों मे किये गये कार्य की प्रशंसा की। उन्होने अपने अनुग्रह भाषण मे कहा की वेद मन्त्रों मे बताया गया है की परमेश्वर इस संसार के प्रथम सरंक्षक हैं।
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जगत्गुरू महास्वामीजी का जयंती महोत्सव २४-२६ मई २०२१ को श्रीमटम काँचीपुरम मे श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का १२८ वा जयंती महोत्सव , वेद पारायण, जप, एवं हवन के साथ मनाया जायेगा।
भक्तजनों से निवेदन है की ,वे जहाँ भी हैं वहीं से ध्यान, पारायण, एवं प्रार्थना करें। समर्पण के लिये ई पोर्टल सेवा www.kanchimuttseva.org मे जायें।
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तमिल नाडू के धार्मिक संस्थाओं ने कोविड राहत के लिये प्रदान किया।
https://www.thehindu.com/news/national/tamil-nadu/in-tamil-nadu-religious-institutions-too-step-in-to-provide-covid-19-relief/article34537506.ece
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श्रीमद् शंकर भगवद्पादाचार्य पूजा पद्धति ,अब आनलाइन उप्लब्ध है-
https://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2020/Shankaracharya-Puja.html
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१९४९ मे दिया गया शंकर जयंती की विशेषता पर आर्टिकल
English - https://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Veda%20Dharma%20Shastra%20Paripalana%20Sabha%20Sankara%20Jayanthi.html
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श्री शंकर भगवत्पाडा
जगत्गुरू पूज्य श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी द्वारा दिया गया शंकर जयंती पर अनुग्रह भाषण
https://www.kamakoti.org/souv/1-1.html
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा ,आशीर्वाद समेत दिया गया नित्य पारायण श्लोक
https://www.kamakoti.org/kamakoti/audio/Nitya-Parayana-Slokas.php
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विशेष प्रार्थना के लिये दिशा
इन कठिन परिस्थितियों मे ,प्रयत्न के साथ प्रार्थना की भी आवश्यकता है। श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने आस्तिकों से हनुमान चालीसा एवं अन्य कुछ श्लोकों का पारायण करने का निर्देश दिया है।
https://kksfusa.org/manthra-for-good-health/
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श्री लोकक्षेम के लिये श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान मे ललिता सहस्रनाम हवन आयोजित किया गया।
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१ मई ,२०२१ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री काँची कामकोटी पीठम वेद पाठशाला ,गंगटोक , सिक्किम के सदस्यों को विडियो कान्फरन्स द्वारा आशीर्वाद दिया।
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श्रीमठम मे मई २०२१ मे होने वाली पूजाएँ ९ मई ,रविवार - प्रदोश पूजा
१४ मई- शनिवार- अक्षय त्रितिय
१७ मई, सोमवार- श्री शंकर जयंती
२४ मई, सोमवार- प्रदोश पूजा
२५ मई, मंगलवार- नरसिम्हा जयंती,पूर्णीमा पूजा
२६ मई, बुधवार-श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामीजी जयंती
अधिक जानकारी के लिये www.kamakoti.org एवं www.kanchimuttseva.org देखें
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री आदिशंकराचार्य कीर्ती स्तम्ब ,कालडी ,केरल मे शुक्ल पँचमी ,पूजाओं से किया गया ।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री शंकरा स्पेशियलिटी अस्पताल (एनत्तूर ,काँचीपुरम)के लिये मोबाइल आ सी यू ,ऐंबुलेंस दिया। एल & टी ने इस के लिये वित्तीय सहायता प्रदान किया है। श्री शंकरा स्पेशियलिटी अस्पताल ,२०१९ से चल रहा है एवं अनेक आँखों के लिये शिविर और ७५०००० के क़रीब डायलिसिस कर चुका है।
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तिरुवारूर मे श्री त्यागराज स्वामी जयंती मनाया गया। श्री विशेष पूजा, सँगीत समर्पन एवं उच्चाव्रत्ती किया गया।
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वसंत नवरात्री - २१ अप्रेल को श्रीमठ के नवरात्री यागशाला मे पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथी मे श्रीविध्या हवन की पूर्नाहूती की गयी। श्रद्देय स्वामीजी ने विशेष राम नवमी पूजा किया एवं कल राम पट्टाभिषेक किया जायेगा।
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एन आर आई ,न्यूज़ सेंटर का तीसरा भाग ,राम नवमी के अवसर पर श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से किया गया।
https://www.kamakoti.org/kamakoti/newsletter/
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२२ अप्रेल को श्री रामजी का पट्टाभिषेक किया गया।
श्री वसंत नवरात्री के पूर्ती हेतु श्री राम पट्टाभिषेक किया गया। उगादी के दिन पँचाग पूजा ,पँचांग पतन भी किया गया। वसंत नवरात्री के अवसर पर १३ से २१ अप्रेल तक प्रतिदिन श्रीविध्या हवन, आवरण पूजा ,श्री राम सदाक्षरी हवन ,श्रीमद् वाल्मीकि रामायण मूल पारायण एवं दमनोत्सव भी किया गया।
समाप्ति के दिन ,श्रद्देय स्वामीजी द्वारा पूर्नाहूती एवं रामजी का पट्टाभिषेक किया गया। रामायण के युद्ध काण्ड से पट्टाभिषेक सर्ग का पारायण किया गया।
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श्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती विश्व महाविद्यालय डीम्ड विश्वविद्यालय के पांडुलिपियों के विभाजन में एक दुर्लभ खजाना है - ५००० से अधिक ताड़ के पत्तों की पांडुलिपियों का संग्रह।
देश भर में श्री कांची कामकोटि पीठम के पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के यात्राओं के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से एकत्र किए गए पांडुलिपियों को डीम्ड विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय पुस्तकालय में पांडुलिपियों के खंड में सुरक्षित रूप से रखा गया है। संग्रह को डिजिटल बनाने के प्रयास जारी हैं।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का तेलुगु मे मंदिर के संरक्षण पर दिया गया भाषण
https://youtu.be/OkrNcELxU2M
मंदिरों की धार्मिक शक्ती द्वारा हमें सुरक्षा प्राप्त होता है। परन्तु आज इनकी संरक्षण की आवश्यकता हो गयी है।
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१४ अप्रेल को श्रीमठ मे रथोत्सव का आयोजित किया गया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का तमिल नव वर्ष के अवसर पर दिया गया अनुग्रह भाषण
https://youtu.be/UW3h36QAM_c
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अनन्तपद्मनाभ स्वामी मंदिर , काँचीपुरम का कुंबाभिषेक
https://youtu.be/IX2YxQ2Gadk
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१३ अप्रेल २०२१ को उगादी दर्शन
https://youtu.be/HlZmRPanasM
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श्रद्देय शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री काँची कामकोटी कैंकर्य सभा ,यू.के द्वारा १३ से २१ अप्रेल २०२१ तक रामनवमी के अवसर पर भाषण आयोजित किया गया है।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री काँची कामकोटी पीठम के ६५ वे आचार्य श्री सुदर्शन महादेवेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के आराधना के अवसर पर आरती किया।
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श्री शंकर मठ ,अयोध्या मे आस पास के २० वटुओं के साथ समष्टी उपन्यास किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा मंदिरों के संरक्षण के विशय मे दिया गया संदेश
https://youtu.be/9FIlLrD9js0
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श्री कामाक्षी अम्मन मंदिर ,काँचीपुरम मे तेप्पोत्सव मनाया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना , करनूल मे की गयी । रुद्राभिषेक, रुद्र हवन, गुरुपादुका पूजा किया गया।
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श्रीमठ मे अप्रेल मे होने वाली पूजाएँ एवं कार्यक्रम
१अप्रेल ,गुरुवार, अनुषम
९ अप्रेल , शुक्रवार, प्रदोष पूजा
१३ अप्रेल, मंगलवार, उगादी, वसंत नवरात्री प्रारंभ
१४ अप्रेल, बुधवार, तमिल नववर्ष प्रारंभ
२१ अप्रेल, बुधवार, राम नवमी
२५ अप्रेल , रविवार, प्रदोष पूजा
२६ अप्रेल , सोमवार, पूर्णीमा पूजा
२९ अप्रेल ,गुरुवार, अनुषम
अधिक जानकारी के लिये www.kanchimuttseva देखें
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२६ मार्च २०२१ को पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना दिवस मनायी गई
आज (२६ मार्च) को पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना दिवस ,उनके पुण्य वृन्दावन मे मनाई गयी। वेद पारायण, विद्वत सदा, जप-हवन एवं धार्मिक कथाएँ आयोजित की गई। तीर्थ नारायण पूजा किया गया। श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थान , तिरुपती एवं अन्य मंदिरों से प्रसाद अर्पित किया गया। सम्प्रदाय भजन आयोजित किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना महोत्सव नई दिल्ली के देवी कामाक्षी मंदिर मे २६ से २८ मार्च २०२१ तक मनाया जायेगा।
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६७ वर्ष पूर्व २२ मार्च १९५४ को पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी को श्रद्देय पूज्यश्री परमाचार्य चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी द्वारा सन्यास की शुरुवाती करवाई गयी।
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२१ मार्च को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी काँचीपुरम (श्रीमट )पहुँचे । इस यात्रा के दौरान स्वामीजी १३ फरवरी से क्रोमपेट, दिन्डीवनम, तिरुवन्नाकोविल , इलयातानगुडी , रामेश्वरम, मदुरै, कुंबकोनम एवं गोविन्दपुरम गये। इस समय स्वामीजी ने विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम जैसे कुंबाभिषेक, यज्ञ, वेद पारायण, पुण्य क्षेत्रों मे पूजाएँ ( रामेश्वर) ६२-६५ आचार्यों के अधिष्ठान मे पूजा, ६६-६७ आचार्यों का आराधना ,विभिन्न स्थानों पर अनुग्रह भाषण, पाठशालाओं की यात्रा , शिवरात्रि पूजा, धनुशकोडी एवं कावेरी मे अनुष्ठान और अन्य कार्यक्रम किया।
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१८ मार्च को कालडी के कीर्ती स्तंब पर शुक्ल पँचमी के अवसर पर गणपति हवन, एवं अवहंती हवन किया गया।
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१७ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी, तिरुपंतल के निकट स्थित श्री बृहनायकी समेत श्री पँचवरनेश्वर स्वामी के मंदिर गये।
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१७ मार्च को आदानों जयंती के अवसर पर श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी तिरुपनंताल श्री काशी मट गये।
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१५ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी श्री शिवम् मंदिर एवं श्री प्रसन्न वेंकटेश्वर मंदिर गये। ग्राम मे चलते समय , स्वामीजी ने भक्तजनों को आशीर्वाद दिया।
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१४ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी,कुंबकोनम के श्री राम भजन मडम गये। यह भजन मंदिरें एवं मट ,तमिल नाडू के कई ग्रामों मे स्थित हैं। यहाँ पर श्री राम एवं अन्य भगवानों के चित्र हैं। यह स्थान बहुत भक्तजनों को आकर भजन गाने के लिया आकर्षित करता है
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१६ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी १६०० के संत श्रीधर अय्यवाल के घर गये।
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१३ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,कुंबकोनम के नेशनल स्कूल गये।
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१३ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,कुंबकोनम के सास्त्रा यूनिवर्सिटी गये।
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१६ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी श्री काँची कामकोटी पीटम् के ५९वे (१६३८ से १६९२ तक ) आचार्य भगवान्नामा बोदेन्द्राल के वृन्दावन गये। श्री बोदेन्द्राल के नाम सिद्धान्त के कारण से ही भजन संप्रदाय की उत्पत्ति हुई।
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१५ मार्च २०२१ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,तिरुविडैमरुदूर के शंकर मट गया। इस मट का नवनिर्मान कार्य चल रहा है।
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१६ मार्च को गोविन्दपुरम मे भौमाश्विनी का विशेष हवन किया गया। श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिती मे पूर्नाहूती किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी तिरुकोटैयूर के निकट स्थित श्री कोटीश्वर स्वामी मंदिर गये।
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१४ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,कुंबकोनम के श्री कुंबेश्वर स्वामी मंदिर गये।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी कुंबकोनम के निकट स्थित आलवंतीपुरम ग्राम गये।
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१४ सायंकाल को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी एवं कैंप गोविन्दपुरम पहुँचा ।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथी मे १४ मार्च को शंकर मट , कुंबकोनम मे श्री काँची कामकोटी पीटम् के महादेवेन्द्र सरस्वती V शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना दिवस मनाया गया।
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श्रद्देय स्वामीजी ने ६२,६३ एवं ६४ वे आचार्यों का पुष्पाभिषेक किया।
अनुग्रह भाषण
श्रद्देय स्वामीजी ने अपने अनुग्रह भाषण मे मंदिरों के जीर्नोद्दारण , नदियों के संरक्षण ,नदी तट की साफ़ सफ़ाई, मंदिरों मे उपयोग मे आने वाली वृक्षों का पालन पोषण एवं युवाओं को संस्कृति की विशेषता बताने जैसे विभिन्न विशय मे बताया।
https://youtu.be/_V7dq3xbGLY
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कुंबकोनम के श्रीमठ मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने वडकुडी वृन्दावन मे पुष्पांजली किया ।
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विलुपुरम के श्री शंकर मठ मे महा शिवरात्रि का चारों काल का विशेष पूजा किया गया ।
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११ मार्च २०२१ को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी महाशिवरात्री के अवसर पर कुंबकोनम मे श्रीमठ कैंप मे शिवरात्रि पूजा करेंगें।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री त्रिपुरसुन्दरी समेत श्री विरुपक्षीश्वर स्वामी मंदिर ,सेरुंगुडी ग्राम मे महाकुंबाभिषेक आयोजित किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्री कामकोटी चन्द्रशेखर वेद पाठशाला एवं गोशाला , इरगवरम्, गोदावरी पश्चिम के विद्यार्थियों ने वेद पारायण किया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्री अग्निहोत्री सोमयाजी एवं उनके विद्यार्थियों ने वाराणसी के गंगा घाट पर वेद पारायण किया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर सी टी , अमरीका मे विशेष पूजा किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्री शंकर मठ ,महेंन्द्रमंगलम मे विशेष हवन एवं वेद पारायण किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर १-९ मार्च २०२१ तक तमिल नाडू के तंडलम ग्राम मे रिग वेद संहित हवन, चतुर्वेद पारायण, सूर्यनमस्कार ,सुंदरकांड पारायण, ललितासहस्रनाम अर्चना, पावमान पारायण किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्री शंकर मठ ,कलवै ग्राम,तमिलनाडू मे अन्नदानम किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्री आचार्य का पुष्पांजली किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर शिवालयम् , मुक्कमाला ग्राम ,पश्चिम गोदावरी ,आंद्रप्रदेश मे विशेष वेद पारायण एवं हवन किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्री आचार्य का पुष्पांजली किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर शिवालयम् , मुक्कमाला ग्राम ,पश्चिम गोदावरी ,आंद्रप्रदेश मे विशेष वेद पारायण एवं हवन किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्रीमठ ,कामकोटी मे नादसमर्पण किया गया। श्री कुमरेश वायलिन पर, श्रीमती जयंती कुमरेश वीना पर, श्री शंकरनारायणन मृदंगम मे एवं श्री कृष्णा घटम पर थे।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर तिरुवन्नामलई के निकट पोलूर के वेद पाठशाला मे रिग वेद अध्यायन किया गया। अपने पूर्वाश्रम मे श्रद्देय स्वामीजी ने यहाँ से रिग वेद अध्यायन किया था।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान ,काँचीपुरम मे विशेष हवन एवं पारायण किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्री शंकर मट ,रामेश्वर मे विशेष हवन एवं पारायण किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान ,काँचीपुरम मे विशेष हवन एवं पारायण किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर श्रीमट ,काँचीपुरम मे ९ मार्च को वेद पारायण एवं कलवैतवारम किया गया।
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९ मार्च २०२१ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की जयंती महोत्सव है। श्री आचार्य को कुंबकोनम के विभिन्न मंदिरों का प्रसाद दिया गया। भक्तजनों ने स्वामीजी से आशीर्वाद लिया ।
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८ मार्च २०२१ को शंकर मठ ,कुंबकोनम मे श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथी मे सुदर्शन हवन पूर्नाहूती किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से बेतुल , मद्य प्रदेश मे ११ मार्च २०२१ को श्री रुक्मणी बालाजी मंदिर मे महा शिवरात्रि का महारुद्राभिशेक किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव शंकर मट ,पुणे मे पर श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान ,काँचीपुरम मे विशेष हवन एवं पारायण किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव ,काँचीपुरम मे ७ मार्च को श्रीमती गायत्री वेंकटरामन द्वारा संगीत समर्पण के रूप मे मनाया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव ९ मार्च २०२१ को श्री देवी कामाक्षी मंदिर ,नई दिल्ली मे मनाया जायेगा।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर काँचीपुरम मे श्रीमट मे वेद पारायण किया गया।
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श्री कामाक्षी अम्मन मंदिर ,काँचीपुरम मे ६ मार्च २०२१ को विद्यार्थी उत्सव मनाया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ६ मार्च २०२१ को उमयालपुरम ग्राम गये। पवित्र कावेरी मे स्नान के पश्चात् ,श्री आचार्य श्री विनायक मंदिर,भारती छात्र विद्यालय, उच्च माद्यमिक विद्यालय,नवनिर्मित यात्री निवास, नया पाठशाला (जो जल्द ही उद्घाटित होगा ) एवं श्री कुंकुम अम्बाल समेत श्री काशी विश्वनाथ स्वामी मंदिर गये।
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६ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथी मे कुंबकोनम मे मग कृष्ण अष्टमी के अवसर पर श्री काँची कामकोटी पीटम् मे ६६वे आचार्य पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती Vl का आराधना दिवस मनाया गया।
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३ मार्च २०२१ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी तिरुवन्नाकोविल से कुंबकोनम पहुँचे । उनका स्वागत वेद विद्वानों द्वारा किया गया। वहाँ से उनको नादस्वर, वेद पारायण ,हाथी एवं घोड़े के जुलूस के साथ ,शंकर मट ले जाया गया। उनका स्वागत पूर्णकुंब के साथ किया गया। स्वागत पत्र पढ़कर ,स्वामीजी को दिया गया। श्रद्देय स्वामीजी ने भक्तजनों को अनुग्रह भाषण दिया।
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४ मार्च २०२१ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी अलंगुडी श्री आंजनेय स्वामी मंदिर गये।
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इयचांगुडी की यात्रा
३ मार्च २०२१ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी तिरुवय्यारु के निकट स्थित इयचांगुडी ग्राम गये एवं पूजा किये। यह पूज्यश्री महास्वामीजी के पूर्वाश्रम माता का जन्मस्थान एवं घर है।
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३ मार्च २०२१ को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री चन्द्रशेखरेश्वर - श्री एक वीराम्बाल मंदिर ,तिरुवन्नाकोविल मे कुंबाभिषेक किया गया।
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५ मार्च २०२१ को काँचीपुरम मे पूज्यश्री महास्वामीजी का अनूशम रथोत्सव मनाया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,४ मार्च को मन्नारगुडी के शंकर मठ गये।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती के अवसर पर स्वामिमलै मे हवन, वेद पारायण, एवं अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
रिग वेद सम्हित हवन
कृष्ण यजुर ,क़ौतम समम्, अथर्व वेद पारायण
१२५ वेद विद्वानों को वस्त्र एवं सम्भावना दिया जायेगा।
स्वामिनाथ स्वामी को व्यास पूजा एवं वस्त्र समर्पन किया जायेगा।
प्रतिदिन सायंकाल पारायण, कलश अष्टोत्तर पूजा, दीपाराधना , वेद अवधारणा, एवं नादोपासना किया जायेगा
९ तारिक (जयंती के दिन) को मृत्युंजय, आयुष ,धनवन्त्री हवन किया जायेगा। कुमार भोजन भी आयोजित किया गया है।
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श्रीमठ मे मार्च २०२१ को होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
५ मार्च, शुक्रवार, अनुशम
६ मार्च , शनिवार , कलवै परात्परा गुरु आराधना
९ मार्च , मंगलवार, श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामी जयंती
१० मार्च,बुधवार , प्रदोश पूजा
११ मार्च, गुरुवार,महाशिवरात्री
१४ मार्च, रविवार, कलवै परमेष्ठी गुरु आराधना
२६ मार्च, शुक्रवार, श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी गुरु आराधना
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गुवाहाटी ,असम मे पूर्व तिरुपती श्री बालाजी मंदिर मे श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से कल्यानोत्सव का आयोजन किया गया।
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मदुरै शंकर मठ मे आगमन के पश्चात् ,भक्तजनों ने स्वामीजी के स्वागत के लिये एक जुलूस निकाला। स्वागत पत्रिका पढ़ा गया। श्रद्देय स्वामीजी ने सबको आशीर्वाद दिया।
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मदुरै के रस्ते मे श्रद्देय स्वामीजी को परमकुडी,मानामदुरै, तिरुपाचेट्टी, त्रिबुवनम, एवं मदुरै के बाहर ,भक्तजनों ने स्वागत किया। श्रद्देय स्वामीजी त्रिबुवनम के कोट्टै विनायकों मंदिर गये।
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रामेश्वर यात्रा - अग्नीतीर्थम -२५-२-२०२१
शंकर मठ, रामेश्वर
मठ मे भक्तजनों को दर्शन देने के पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी , अग्नीतीर्थम गये। इसके साथ रामेश्वर मे कैंप की समाप्ति हुई। देवस्थान के अवसरों ने स्वामीजी को श्री रामजी का तस्वीर दिया। इसके बाद श्रद्देय स्वामीजी विवेकानन्द केन्द्र, रामकृष्ण मठ, एवं सेम्बई रोड मे स्थित वेद पाठशाला गये।
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श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान ,काँचीपुरम मे विश्वरूप दर्शन के पश्चात श्रद्देय स्वामीजी को तिरुवानैकावल मे प्रसाद दिया गया।
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से ,३-९ मार्च २०२१ को श्रीमठम के कलवै वृद्धाश्रम मे भागवत सप्ताह आयोजित किया गया है।
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रामनाथपुरम के आस पास स्थित रामेश्वर ,तंगचिमडम एवं पंबन समेत ३६ कुँए एवं टेंको (तीर्थों) को नवनिर्मान करने के पश्चात् पूजा किया गया। श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से , यहाँ से कलश मे तीर्थ लेकर आया गया एवं पूजा किया गया।
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२६ फरवरी को श्री पूर्व तिरुपती बालाजी मंदिर मे ब्रह्मोत्सव प्रारंभ हुआ
श्रद्देय जगत्गुरू पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से गुवाहाटी ,असम के पूर्व तिरुपती बालाजी मंदिर मे ब्रह्मोत्सव का आयोजन २६-२८ फरवरी तक किया गया है।
श्री पूर्व तिरुपती बालाजी मंदिर का निर्माण १९९८ को श्री काची कामकोटी पीठम के स्वामीजी के आशीर्वाद से बनाया गया। यह मंदिर बेटकुची ,गुवाहाटी मे स्थित है।
अधिक जानकारी के लिये
https://www.kamakoti.org/kamakoti/details/May%202010%20-Guwahati%20Kumbabhishekam%20Report.html
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२३ फरवरी को काशी विद्वानों द्वारा काशी यात्रा के लिये स्वागत समारोह शंकर मठ ,अग्नि तीर्थ, रामेश्वर काशी से विद्वानों एवं नागरिकों की एक कमेटी ने श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी को शंकर मठ अग्नीतीर्थम , रामेश्वर मे स्वागत पत्रिका दिया।
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से बालाजीपुरम ,बेतुल ,मध्यप्रदेश मे श्री रुक्मणी बालाजी मंदिर मे ब्रह्मोत्सव आयोजित किया गया। इस दौरान नित्य वेद पारायण, गणपति हवन, चण्डी हवन, धनवन्त्री हवन, पुरुष सुक्त हवन, श्री सुक्त हवन, कल्यानोत्सव, रथ यात्रा एवं शोभा यात्रा किया गया। ब्रह्मोत्सव की समाप्ति महापूर्णाहुती एवं महाभण्डारा के साथ की गयी।
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२२ फरवरी २०२१ को रामेश्वर यात्रा के दौरान श्रद्देय श्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री रामनाथस्वामी का अभिषेक एवं पूजा किया। श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने रामेश्वर क्षेत्र के रामनाथस्वामी मंदिर के गर्ब ग्रह मे रामनाथस्वामी का अभिषेक एवं पूजा किया।
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रामेश्वर के श्री शंकर मठ मे पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से महारुद्रम्,जप एवं हवन किया गया। २१ फरवरी प्रात: काल को पूर्णाहुति किया गया। १५० से ज़्यादा वेद पंडितों एवं विद्यार्थियों ने श्री दक्षिनामूर्ती सन्निधि एवं अन्य सन्निधियों मे वेद पारायण किया ।
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१९ फरवरी प्रात:काल को धनुशकोडी मे पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने रथसप्तमी स्नान एवं पूजा किया ।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी यात्रा के दौरान इलयातानगुडी गये एवं १७ -१८ फरवरी २०२१ को श्री चन्द्रमौलीश्वर पूजा किये। श्री आचार्य ने श्री काची कामकोटी पीठम के ६५ वे आचार्य पूज्यश्री सुदर्शन महादेवेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के अदिष्टान के दर्शन किये।
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रामेश्वर के भक्तजनों ने श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का स्वागत पूर्ण भक्ती के साथ पूर्णकुंब के साथ किया।स्वामीजी ,इलयातानगुडी से प्रस्थान करके रामेश्वर के श्री काची कामकोटी पीठम शंकर मटम् मे रहेंगें एवं त्रिकाल चन्द्रमौलीश्वर पूजा करेंगें।
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श्री काची अम्बाल देवस्थान मे १६ फरवरी २०२१ से मूषक वाहन से ब्रह्मोत्सव आरंभ हुआ
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श्री आदी शंकराचार्य स्तूपी ,कालडी ,केरल मे शुक्ल पँचमी आयोजित किया गया। गणपति हवन, अवन्ती हवन, एवं वेद पारायण सदा का आयोजन किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री स्वामीजी के आशीर्वाद से वेद रक्षन निधी ट्रस्ट द्वारा तिरुपती शंकर मठ मे १६ फरवरी को तीसरा शुक्ल पँचमी सदा आयोजित किया गया। यह उन वैदीक परिवारों के लिये है जो नित्य अध्याय रूप से अपने बच्चों को सिखाते हैं। इस तरीक़े मे पिता गुरु का स्थान लेते हैं एवं पुत्र शिष्य का स्थान लेता है। यह सदा वेद भाष्य सलक्षण विद्वान श्री अल्लूर राजा के नेतृत्व मे आयोजित किया गया। विद्यार्थियो ने कृष्ण यजुर वेद बोला।
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१५ फरवरी २०२१ से श्रीमठम कैंप तिरुवनाकोविल मे रहेगा पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का जगत्गुरू विद्यास्थान, तिरुवन्नाकोविल मे पूर्णकुंब देकर स्वागत किया गया। स्वामीजी को श्री अखिलान्डेश्वरी मंदिर का प्रसाद दिया गया।
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पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने चेन्नई के जी एन स्ट्रीट ,टी नगर स्थित श्री पद्मावती अम्मावारु मंदिर (तिरुमला तिरुपती देवस्थान ) के भूमी पूजन को अनुग्रहित किया।
स्वामीजी के आशीर्वाद से आठ मंदिरों को गोमाता दान किया गया।
उसके पश्चात् पूज्यश्री आचार्य चेन्नई के क्रोमपेट स्थित वेद पाठ ( जहाँ पर श्रीमठ कैंप है) शाला चले गये।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने यात्रा आरंभ करने से पहले पूज्यश्री महास्वामीजी एवं पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के अधिष्ठान मे पूजा किया। उसके पश्चात् अनुग्य गणपति एवं यात्रा दान किया।
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१२ फरवरी २०२१ को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान गये।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी की यात्रा
श्रीमठम कैंप की यात्रा सूची
१३-१४ फरवरी
वेद पाठ शाला
१३/७, शंकरलाल जैन स्ट्रीट,नेहरू नगर, क्रोम्पेट ,चेन्नई ६०००४४
१५ फरवरी २०२१, श्रीराम स्कूल ,ओमान्दूर, दिन्डीवनम
१६ फरवरी २०२१, श्री शंकरा मठ जगत्गुरू विद्यास्थानम, तिरुवन्नाइकावल
१७ -१८ फरवरी २०२१, इलयातानगुडी, शंकर मठ ,६५वे आचार्य का अधिष्ठान
१९-२५ फरवरी २०२१, श्री शंकर मठ,रामेश्वर ,अग्नीतीर्थम
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१३ फरवरी २०२१ को प्रात: ७ से ९.१५ तक, पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,चेन्नई के जी एन चेट्टि रोड मे स्थित तिरुमल तिरुपती देवत्स्थान - श्री पद्मावती अम्मावारु मंदिर के भूमि पूजन को सम्बोधित करेंगे। स्वामीजी के आशीर्वाद से तमिलनाडू के ७ मंदिरों को गोमाता का दान किया जायेगा।
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श्री काँची कामाक्षी अम्बाल देवस्थान मे १६ से २८ फरवरी २०२१ तक ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया गया है। श्री काँची कामाक्षी अम्बाल देवस्थान ,काँचीपुरम का वार्षिक ब्रह्मोत्सव का आयोजन १६-२८ फरवरी २०२१ को किया गया है। इसका आरंभ ध्वजारोहण एवं मूषक वाहन के साथ किया गया है। इसके पश्चात् अन्य उत्सव का आयोजन किया गया है। २८ फरवरी प्रात: काल को विश्व रूप दर्शन एवं सायंकाल को विद्यार्थी उत्सव आयोजित किया गया है। १९ से २३ फरवरी २०२१ तक प्रतिदिन आदि शंकराचार्य का शोभायात्रा आयोजित किया गया है।
इस अवसर पर मंदिर मे नित्य वेद पारायण का आयोजन किया गया है।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने ३ फरवरी २०२१ को काँचीपुरम मे श्री कामाक्षी अम्बाल समेत श्री अनन्तपद्मनाभ ईश्वरी स्वामी तिरुकोइल का कुंबाभिषेक किया।
इस मंदिर स्थल का पुराण कहता है कि यहाँ आठ नाग देवताओं ने शिव पूजा किया था। अनन्त नामक एक नाग ने शिवलिंग प्रतिष्ठा किया था। भगवान विश्णु ने अनन्त शयन मे शिव पूजा किया था। इसलिये इस स्थान का नाम अनन्तपद्मनाभ ईश्वर स्वामि पड़ा। समय के साथ यह शिव लिंग धरती मे दब गया। श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी ने दिव्य आह्वान के पश्चात् इस मूर्ती को पन: प्राप्त किया था।
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बेतुल, बालाजीपुरम मे १६ से २४ फरवरी २०२१ को ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया गया है जगत्गुरू शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से १६ से २४ फरवरी २०२१ तक ,श्री रुक्मणी बालाजी मंदिर ,बालाजीपुरम ,बेतुल,मध्य प्रदेश मे ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया गया है।
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से शंकरा सामुदायिक महाविद्यालय का दीक्षांत समारोह श्रीमठ मे आयोजित किया गया। पूज्यश्री आचार्य स्वामीजी ने आशीर्वाद दिया एवं अतिरिक्त क्लासरूम और ई-लर्निंग पहल जैसे आई आई टी, मुम्बई के सहयोग से स्थापित स्पोकन ट्यूटोरियल्स का उद्घाटन किया । मद्रास यूनिवर्सिटी के वाइस चान्सेलर ,प्रोफ़ेसर गौरी ,इसमे सम्मिलित होके भाषण दिये।
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२९ परीक्षा २०२१ को वेद परीक्षा का आयोजन किया गया वेदिक विद्यार्थी ,(जिन्होंने विशेष तरीक़े से परीक्षा दिया )को श्रद्देय स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। विद्यार्थियों ने वेद बोला एवं इस विशेष पद्धति से हुए मदद के विशय मे बताया।
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फरवरी २०२१ , श्रीमठ मे फरवरी मे होने वाली विशेष पूजाएँ
६ फरवरी , शनिवार ,अनुशम
९ फरवरी ,मंगलवार- प्रदोष पूजा
१६ फरवरी ,मंगलवार- वसंत पँचमी
१९ फरवरी ,शुक्रवार- रथ सप्तमी
२४ फरवरी ,बुधवार- प्रदोष पूजा
२६ फरवरी ,शनिवार- पूर्णीमा पूजा
५,१२,१९,२६ फरवरी - शुक्रवार पूजा
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श्रीमठ ,काँचीपुरम मे १-७ फरवरी २०२१ तक व्याकरण महाभाष्य का सम्पूर्ण पारायण आयोजित किया गया है।
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शंकनर मठ , वेस्ट माम्बलम ,चेन्नई मे लोक क्षेम के लिये विशेष हवन किया गया।
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श्री आदि शंकर ने उपासना के छह रूप और नियमों को संहिताबद्ध किया है। कौमारम - सुब्रमन्या देवता सुब्रमण्य-दैवीय सेना के प्रमुख कमांडर हैं। अधिक जानकारी के लिये
http://www.kamakoti.org/kamakoti/details/our%20heritage%205.html)
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अयोध्या मे श्री राम जन्म भूमि ,राम मंदिर के निर्माण हेतु १ फरवरी को प्रात: ७ से १२ बजे तक विशेष हवन एवं भजन (प्रात: ८ से सायंकाल ५ बजे तक) का आयोजन किया गया है। मंदिर निर्माण के लिये भक्त जनों द्वारा दिया गया योगदान , ट्रस्ट को सायंकाल ५.३० को दिया जायेगा।
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१८ जनवरी को श्रद्देय स्वामीजी वेडल के श्री काची कामकोटी पीठम के हेरिटेज एवं सासंकृतिक केन्द्र गये -
इस केन्द्र की विशेषता है , ख़ूबसूरत उपवन के मध्य नन्दी समेत परमेश्वर विग्रह ,शंकर मठ गोशाला, वेद पाठशाला, नक्षत्र वण, हरे घास की खेती, गाय के लिये ताज़ा चारे की व्यवस्था, श्री जयेन्द्र सरस्वती अर्थ शास्त्र पाठशाला, भारतीय सासंकृतिक केन्द्र, श्री काँची मठ की मुख्य फ़ोटो गैलरी
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किलम्बी ग्राम मे कनू पोंगल
१७ जनवरी को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी क़िलंबी ग्राम गये एवं ग्राम वासियों द्वारा आयोजित पोंगल कार्यक्रम मे भाग लिये।
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तिरुपती शंकर मठ मे श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से वहाँ के वैदीक परिवार के लिये वेद रक्षण निधी ट्रस्ट द्वारा "दूसरा शुक्ल पँचमी सदा " का आयोजन किया गया। इस पारंपरिक तरीक़े मे पिता ही गुरू होते हैं एवं पुत्र ही शिष्य होता है। यह सदा वेद भाष्य शलाक्षण विद्वान श्री अल्लूर राजू गणपाडीगल के नेतृत्व मे किया गया। १७ तारिक को इन विद्यार्थियों ने नित्य अध्यायन के रूप मे कृष्ण यजुर वेद बोला ।
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श्रीमठ मे गो पूजा एवं माट्टू पोंगल मनाया गया।
आज शाम पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीगल द्वारा गो-पूजा के साथ श्रीमतम में माटू पोंगल मनाया गया।
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पोंगल- मकर संक्रान्ति के अवसर पर स्वामीजी का संदेश https://youtu.be/m4Z2_OO9Yhw
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के के एस एफ ,आइ एल , यू एस ए मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना , विशेष पूजा के साथ की गई। बच्चों ने शंकराचार्य कृत श्लोक का उपचार किया।
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के के एस एफ ,डी सी , यू एस ए मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना ,रुद्राभिशेक एवं विशेष पूजा के साथ की गई।
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श्री काँची कामकोटी पीठम शंकर मठ मठ , विलुपुरम मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना ,वेद पारायण,हवन एवं विशेष पूजा के साथ की गई। यह महास्वामीजी का जन्म स्थान है।
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अरुनाचल ऐयर चत्तरम ,धर्मपुरी मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना ,वेद पारायण एवं हवन के साथ की गई।
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श्री काची कामकोटी पीठम श्री काचनेश्वर महादेव मंदिर , रानीपूल,गंगटोक , सिक्किम मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना ,विशेष बैठक के साथ की गई।
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श्री शंकर मठ , विशाकपट्टनम मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना ,वेद पारायण एवं हवन के साथ की गई।
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श्री काँची कामकोटी पीठम , शिव मंदिर ,कंजिकोड ,केरल मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना ,वेद पारायण,हवन एवं विशेष पूजा के साथ की गई।
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श्री आदी शंकर मठ , पुणे मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना ,वेद पारायण एवं विशेष पूजा के साथ की गई।
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श्री शंकर मठ , मछिलीपट्टनम् मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना के अवस पर रुद्राभिशेक की गई।
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श्री शंकर मठ , कुंबकोनम मे जगत्गुरू काँची महास्वामीजी की आराधना ,वेद पारायण,हवन एवं विशेष पूजा के साथ की गई।
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८-१० जनवरी २०२१ को श्रद्देय पूज्यश्री महास्वामीजी की आराधना महोत्सव मनायी गयी- श्री काँची कामकोटी पीठम के ६८ वें शंकराचार्य, श्रद्देय पूज्यश्री चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती महास्वामीजी की आराधना, श्रीमठ , कांचीपुरम में मनाई गई। अराधना ८ जनवरी से वेद पारायण एवं हवन के साथ प्रारंभ हुई (इस दिन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार मुक्ति दिवस भी है) । १० जनवरी को - आराधना दिवस, एकादश रुद्र जपम और हवन किये गये। पूज्यश्री महास्वामीजी के आधिष्ठान में अभिषेक एवं अलंकार किया गया। सुबह ९ बजे संगीतांजलि हुई जिसमें संगीतकारों ने श्री त्यागराज पंचरत्न गोष्ठी गान प्रस्तुत किया।
महारुद्र- वसोधारा-पूर्णाहुति किया गया। पूज्यश्री शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा कलश के पवित्र जल से आधिष्ठान में अभिषेक किया गया। तीर्थ नारायण पूजा की गई। कांचीपुरम में श्री कामाक्षी अम्बल देवसथान और अन्य मंदिरों से प्रसाद, और तिरुमाला से श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थानम का प्रसाद श्रद्देय स्वामीजी द्वारा बृंदावनम में पेश किया गया । संप्रदाय भजनों की प्रस्तुति की गई।
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श्री शंकरा मठ ,कुंबकोनम मे जगत्गुरू श्री महास्वामीजी की आराधना एवं अनूशम मनाया जायेगा। १० जनवरी को सम्प्रदाय भजन का आयोजन किया गया है।
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श्री शंकरा मठ ,मदुरै मे १० जनवरी २०२१ को जगत्गुरू श्री महास्वामीजी की आराधना एवं अनूशम मनाया जायेगा।
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१० जनवरी ,प्रात: १० बजे ,श्री काँची कामकोटी पीठम सासंकृतिक केन्द्र ,सेक्टर १ ,आर के पुरम ,नई दिल्ली मे जगत्गुरू श्री महास्वामीजी की आराधना एवं अनूशम मनाया जायेगा।
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पूज्यश्री महास्वामीजी की आराधना - १० जनवरी २०२१- दर्शन विवरण आराधना महोत्सव का सीधा प्रसारण श्रीमठ के वेबसाईट मे किया जायेगा
www.kamakoti.org, यूट्यूब - https://www.youtube.com/watch?v=YjZulTdFAOc एवं फ़ेसबुक
इन परिस्थितियों मे बड़ी संख्या में इकट्ठा होने की सलाह नहीं दी जाती है। इसलिए, भक्तों की ज़्यादा सुरक्षा एवं कम असुविधा के लिए, आराधना दिवस पर आनलाइन ही दर्शन की सुविधा के लिए एक टाइम-स्लॉट-आधारित दर्शन सक्षम किया जा रहा है। भक्तजन रेजिस्ट्रेशन के लिए www.kanchimuttseva.org/aradhana-darshanam.php पर जा सकते हैं।
वरिष्ठ भक्त (65 वर्ष से अधिक आयु वाले) और 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यात्रा न करने की सलाह दी जाती है।
भक्त अराधना प्रसाद (अक्षत) के लिए https://kanchimuttseva.org/aradhana-prasadam.php पर डाक द्वारा भेजने का अनुरोध कर सकते हैं।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का नामसंकीर्तन कार्यक्रम के अवसर पर दिया गया अनुग्रह भाषण
https://youtu.be/QCdhSbw3kHE
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जनवरी २०२१ को श्रीमठ मे होने वाली विशेष कार्यक्रम एवं पूजाएँ
१० जनवरी ,रविवार - श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी आराधना ,प्रदोष पूजा
१२ जनवरी ,मंगलवार- हनुमान जयंती
१३ जनवरी ,बुधवार - बोगी
१४ जनवरी ,गुरुवार- मकर संक्रान्ति , उत्तरायण पुण्य कालम
२६ जनवरी ,मंगलवार- प्रदोष पूजा
२८ जनवरी ,गुरुवार - पूर्णीमा पूजा
www.kamakoti.org एवं www.kanchimuttseva मे योगदान के लिये जायें।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने कामाक्षी अम्मन मंदिर के निकट स्थित गोल्ला चत्रम् मे आयोजित २८ वे राधा कल्याणम को अनुग्रहित किया। इस अवसर पर श्रद्देय स्वामीजी ने भगवान बोदेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के महानता के विशय मे बताया। उन्होने राधा कल्याणम एवं काची क्षेत्र मे सम्प्रदाय भजन की विशेषता के विशय मे भी बताया।
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वैकुन्ट एकादशी के अवसर पर पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का अनुग्रह भाषण जो उन्होने तिरुपती यात्रा के समय दिया था।
तमिल- https://youtu.be/gFSJsfsNJ9Q
हिन्दी - https://youtu.be/Fr5jZqGnoAc
तेलुगु - https://youtu.be/EP1EeFeX-Es
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८ से १० जनवरी २०२१- जगत्गुरू महास्वामीजी की आराधना महोत्सव ८ से १० जनवरी २०२१ को श्रीमठम,काँचीपुरम मे जगत्गुरू चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी की आराधना महोत्सव मनायी जायेगी। इस अवसर पर वेद पारायण, विद्वत सदा, नामसंकीर्तन ,संगीतांजली एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
१० जनवरी २०२१ ,आराधना के दिन वृन्दावन मे एकादश रुद्र पारायण ,हवन, विशेष पूजा, अभिषेक अलंकार, एवं दीपाराधना का आयोजन किया गया है।
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१६ दिसंबर से १४ जनवरी २०२० को धनुर मास के अवसर पर प्रवचन
सोमवार से शुक्रवार- रात्रि ८-९ बजे
शनिवार/ रविवार - रात्रि ७ से ८ बजे
१५ मिनट पहले लोग करें।
श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से महामहोपाद्यय मुल्लइवासल डाँ कृष्नमूर्ती शास्त्रीजी ,भगवद्गीता से लिये गये २-३ श्लोक पर प्रवचन देंगें।
ज़ूम मीटिंग आई डी -872 7683 9869
पासकोड- Gita
श्री काची कामकोटी कैंकर्य सभा, यू के
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१६ दिसंबर से धनुर मास पूजा एवं मार्गली मास भजन १६ दिसंबर से धनुरमास पूजा प्रारंभ होगा। त्रिकाल नित्य चन्द्रमौलीश्वर पूजा का प्रथम काल धनुर मास मे प्रात: ४ बजे उषा काल मे होगा।
इस समय श्रीमठ मे विभिन्न भजन मण्डलियों द्वारा भजन एवं पूजाएँ किये जायेंगें।
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अनुशम - महेन्द्रमंगलम मे विशेष वेद पारायण एवं हवन किये जाते हैं। महेन्द्रमंगलम की विशेषता
https://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2019/Shankaracharya-Mahendramangalam-Village.html
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श्री शंकर मठम् कुंबकोनम मे अनुशम के अवसर पर रिग, यजुर,साम वेद पारायण एवं सूर्यनमस्कार किया गया। इस अवसर पर श्री उडयलुर कल्यानरामन ने भजन गाया।
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११ दिसंबर को मनि मण्डप मे ताड़का प्रतिष्ठा -
https://youtu.be/a7P5dukpypk
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श्रद्देयु पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामिजी ने श्रीमठ मे के अवसर पर श्रीचन्द्रमौलीश्वर अभिषेक के साथ कृतिका सोमवार का विशेष पूजा भी किया ।
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श्रद्देय स्वामिजी ,आज (१२ दिसंबर) को श्रीमठ मे प्रदोष पूजा करेंगे।
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पूज्यश्री आचार्य स्वामिजी को श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर ,तिरुमला मे सम्मान रूप दी गई छतरी को श्री काँची महास्वामी एवं श्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के बृन्दावन मे चढ़ाया गया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,१० दिसंबर २०२० को चेंगलपट्ट के निकट स्थित आतुर के वेद पाठ शाला गये। वहाँ उन्होने पाठशाला के वेदोपासना मण्डप का उद्घाटन किया।
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से ९ दिसंबर २०२० को श्री कांची कामकोटि पीठम सांस्कृतिक केंद्र, आर के पुरम, सेक्टर 1, नई दिल्ली मे श्री गणपति की मंडलाभिषेक पूर्ती पूजा की गई । महा गणपति हवन, १०००० आवरती जप एवं हवन और श्री गणपति महाअभिषेक की गई।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,कल (९ दिसंबर) को रात्रि ७.३० को काँचीपुरम पहुँचे ।श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत, काँचीपुरम के नागरिकों ने कामाक्षी अम्बाल,एकाम्बरेशवर स्वामी, एवं वरदराज स्वामी के प्रासाद से किया। श्रद्देय स्वामीजी ने श्रीमठम पहुँचकर वृन्दावन मे आरती किया।
उसके पश्चात् ,पेजावर स्वामीजी ,श्रद्देय स्वामीजी से मिले एवं अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के विशय मे विस्तृत चर्चा किये।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,आज संध्या (९ दिसंबर २०२० ) को यात्रा पूर्ती के पश्चात् श्रीमठम , काँचीपुरम , पहुचेंगें।
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श्रद्देय पूज्यश्री स्वामीजी के आशीर्वाद से ,श्री गणपति का मण्डल अभिषेक पूजा पूर्ती ,९ दिसंबर को प्रात: ७.१५ से ,नई दिल्ली के आर के पुरम ,सेक्टर १ मे स्थित ,श्री काची कामकोटी पीठम सासंकृतिक केन्द्र मे किया जायेगा। भक्तजनों सम्मिलित हो सकते हैं। कृपया सरकार के निर्धारित स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के अनुरूप ही भाग लें। पूजा के पश्चात् महाप्रसाद दिया जायेगा।
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एन आर आई - नवंबर २०२० - भाग.।। , अंक ८ ,अब उप्लब्ध है
https://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2020/Sri-Kanchi-Kamakoti-Peetam-NRI-Newsletter-Nov-2020.html
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विराट पर्व पारायण - पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का ६ दिसंबर २०२० को नाडनीरांजनम मण्डप मे दिया गया अनुग्रह भाषण
https://youtu.be/EQovXBJM9BQ?t=3388
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सम्प्रदाया पाठशाला का दौरा
२ दिसंबर ,तिरुपती
श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,सम्प्रदाया पाठशाला गये एवं छात्राओं को आशीर्वाद दिया। यह पाठशाला एक अनोखी संस्था है जो छात्राओं को पारंपरिक के साथ साथ समकालीन शिक्षा भी प्रदान करती है।
छात्राओं ने भक्ति गीत गाया एवं श्लोक का पाठ किया। टी टी डी ई ओ,बोर्ड के सदस्य, जे ई ओ, और अन्य अधिकारियों और विद्वानों ने भाग लिया।
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२ दिसंबर २०२० को तिरुमला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के रंग मण्डप मे कृष्ण यजुर्वेद जात पारायण किया गया। श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया। इस कार्यक्रम को वेंकटेश्वर भक्ती चैनल मे दिखाया गया।
https://youtu.be/BtxhyKKSSe8?t=2387
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दिसंबर २०२० को श्रीमठ मे होने वाले विशेष पूजाएँ
७ दिसंबर,सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
१२ दिसंबर,शनिवार,प्रदोश पूजा
१३ दिसंबर ,रविवार- अनुषम
१४ दिसंबर,सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
१६ दिसंबर,बुधवार- धनुर मास पूजा प्रारंभ
२१ दिसंबर ,सोमवार - मकरायण पुण्यकाल
२५ दिसंबर, शुक्रवार- वैकुण्ठ एकादशी
२७ दिसंबर ,रविवार- प्रदोष पूजा
२९ दिसंबर,मंगलवार- पूर्णीमा पूजा
३० दिसंबर , बुधवार- आरुद्रा दर्शन
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का कार्तिक दीप के अवसर पर तेलुगु मे अनुग्रह भाषण
https://youtu.be/Zhvbb8rf47M
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,आज सायंकाल कार्तिक दीप एवं पूर्णीमा पूजा करेंगें।
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२८ नवंबर को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन किये।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथी मे भगवद्गीता का तीसरा अध्याय प्रारंभ हुआ।
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२६ नवंबर को तिरुमला के वसंत मण्डप मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथी मे तुलसी विवाह किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,आज (२३ नवंबर) को क्रितिका सोमवार पूजा करेंगें। श्रीमठ कैंप अभी तिरुपती मे रहेंगें।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,तेनम्बाक्कम से तिरुपती पहुँचें । अलिपिरी के निकट तिरुपती मे उनका स्वागत ,पूर्णकुंब से किया गया।
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स्कन्द शष्टि - तेनम्बाक्कम मे श्री स्वामिनाथ स्वामी सन्निधि मे विशेष पूजा किया गया। स्वामीजी के नेतृत्व मे शष्टि वेद पारायण समाप्त हुआ।
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काँचीपुरम के सरकारी अस्पताल मे पीड़ित रोगियों एवं डाक्टरों को श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से गंगा का पवित्र जल, विभूति एवं कुंकुम प्रसाद वितरित किया गया। यह पिछले ४५ सालों से उनके लिये किया जाता है जो बीमारी के कारण दिवाली नहीं मना पाते हैं। ये स्वयंसेवक ,श्री वेंकटसुबरमनीयन ( श्री दन्डपानी ओरियन्टल उच्च विद्यालय ,काँचीपुरम एवं रिटायर्ड वरिष्ठ शैक्षिक अधिकारी) के दिशा निर्देशानुसार कार्य करते हैं।
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महेन्द्रमंगलम मे अनुष पूजा- यह गाँव ,काँची मठ के ६८ वे आचार्य के लिये विशेष है क्योंकि पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामीजी ने यहा पर अपने महत्वपूर्ण वर्ष हिन्दू शास्त्रों का अध्ययन करते हुए एवं ध्यान करते हुए बिताया था।अधिक जानकारी के लिये
https://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2019/Shankaracharya-Mahendramangalam-Village.html
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी , आज तेनम्बाक्कम के श्रीमठ कैंप मे श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वामी का कृतिका सोमवार विशेष पूजा करेंगें।
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दीपावली - पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने दीपाराधना किया एवं श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वामी को फुलझड़ियाँ समर्पित किया।
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कांचीपुरम के विभिन्न (१७०+) शिव मंदिरों में दीपावली के अवसर पर पूजा किया गया। इन सभी मंदिरों से विभूति प्रसाद पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामिजी को दिया गया।प्रत्येक मंदिर के उल्लेख पर श्रद्देय स्वामीजी ने ,मंदिर के महत्व को समझाया, और कुम्भभिषेकम और अन्य अवसरों के संबंध में श्री कांची आचार्यों द्वारा अतीत में की गई यात्राओं का भी वर्णन किया।
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श्रीमठ मे स्कंद षष्ठी के समय होने वाले वेद परायणम् प्रारम्भ हुआ।
श्रीमठ मे आयोजित होने वाला वार्षिक स्कंद षष्ठी -वेद परायण का आरंभ , स्वास्तिवचन- गुरु वंदना के साथ हुआ। पारायण का समापन स्कंद षष्ठी के दिन - शुक्रवार- २० नवंबर २०२० को होगा I
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तिरुक्कविल वाजिपट्टु संस्थान , पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से कार्य कर रहा है । उन्होने अस्थायी रूप से शिव लिंग की स्थापना की एवं १ नवंबर से श्री शिव लिंग पूजा प्रारंभ की। यह स्थान पेटानायकन्पेट्टई ग्राम ( तरुवल्लुर जिले के पेरीयपालयम के पास स्थित) मे है।
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नवंबर २०२० को श्रीमठ मे होने वाली विशेष पूजाएँ
१३ नवंबर, शुक्रवार- प्रदोष पूजा
१४ नवंबर , शनिवार -दीपावली
१५ नवंबर, रविवार - अनुषम - स्वर्ण रथोत्सव
१६ नवंबर, सोमवार- क्रितिका सोमवार पूजा
२० नवंबर, शनिवार- स्कन्द शष्टि
२३ नवंबर, सोमवार- क्रितिका सोमवार पूजा
२६ नवंबर, गुरुवार- वृन्दावन द्वादशी, तुलसी विवाह
२७ नवंबर,शनिवार- प्रदोश पूजा
२९ नवंबर, रविवार,कार्तिक दीप,पूर्णीमा पूजा
३० नवंबर, सोमवार, क्रितिका सोमवार पूजा
अधिक जानकारी , www.kamakoti.org पर
www.kanchimuttseva.org के माध्यम से ऑनलाइन योगदान किया जा सकता है
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आज शाम को श्रीमठ कैंप तेनम्बाक्कम मे प्रदोश पूजा किया जायेगा।
नमस्ते रुद्र मन्यव उतोत इषवे नम:।
नमस्ते अस्तु धन्वने बाहुभ्यामुत ते नम:॥
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सच्चिदानन्द भारती -एडनीर मठ के नये आचार्य
https://www.thehindu.com/news/national/kerala/sachidananda-bharati-new-seer-of-edneer-math/article32947494.ece
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नवरात्री एवं देवी कामाक्षी की विशेषता , श्रद्देय श्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी द्वारा दी गई जानकारी (१९८४/८५)
https://www.kamakotikosh.org/videos/navaratri-and-devi-kamakshi-significance-and-message-of-blessings-by-hh-jayendra-saraswati-swamiji/
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तेनाम्बक्कम में नवरात्रि प्रारंभ नवरात्रि पूजा तेनाम्बक्कम के श्रीमठम के शिविर में वेद परायण, सुवासिनी कन्या पूजा एवं यज्ञशाला पूजा के साथ प्रारंभ हुआ।
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कुमारसंभवम् -
अध्याय ७ में पार्वती- परमेश्वर के विवाह का विस्तृत वर्णन किया गया है। अधिक जानकारी
https://kamakoti.org/kamakoti/articles/Kumara-Sambhavam/Kumara-Sambhavam7.html
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मुक्का पंचसती में, श्री कामाक्षी को नीले रंग में वर्णित किया गया है। आर्य सातक में केसरिया रंग मे बताया गया है । श्री शंकर भगवत्पाडा ने अपने सौंदर्य लहरी मे देवी अम्बिका को , उगते सूरज के शानदार लाल के रूप में वर्णित किया है। उसी देवी का रंग एक स्थान पर गहरा-नीला और दूसरे में लाल क्यों बताया गया है?
Https://www.kamakoti.org/acall/sarada.html पर पढ़ें
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जगद्गुरु श्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से , श्री कांची कामकोटि पीठ सांस्कृतिक केंद्र, सेक -1, आर के पुरम, नई दिल्ली में नवरात्रि महोत्सव एवं गणपति स्थापना उत्सव , १७ अक्टूबर से २६ अक्टूबर, २०२० तक मनाया जाएगा। विस्तृत कार्यक्रम उपलब्ध है निमंत्रण मे उप्लब्ध है। विशेष हवन, वेद पारायण, तिरुविलक्कु पूजा, भजन, गोलू (गुड़िया का पारंपरिक प्रदर्शन) का प्रदर्शन किया जाएगा। भक्तजनों को पूजा में सम्मिलित होने एवं स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
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जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद एवं निर्देशानुसार , संकटहार चतुर्थी और कृतिका पारायण का आयोजन ५ और ६ अक्टूबर, 2020 को किया गया था।
५-१०-२०२० - संकटहारा चतुर्थी - ५ विद्वान के साथ ऋग्वेद संहिता
६-१०-२०२० कृतिका- २ विधाओं द्वारा ऋग्वेद संहिता किया गया।
१-१०-२०२० से ६-१०-२०२० (मासिक और वार्षिक) - २९२ विदवान
- श्री काँची कामकोटि स्वामिमलै वेद पारायण
http://kamakoti.org/kamakoti/notemplate/SVP/
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२०१६-१७ के धनुर महीने के दौरान दोनो परम पूज्य काँची आचार्य , तिरुपती के शंकरा मठ मे ठहरे थे। १६/१/२०१७ ,सायंकाल को दोनो आचार्य गोविन्द राजा स्वामी मंदिर गये थे।
https://youtu.be/__m0ZoKus5Y
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अक्टूबर २०२० को श्रीमठ मे होने वाली विशेष कार्यक्रम एवं पूजाएँ
१ अक्टूबर , गुरुवार- पूर्णीमा पूजा
१४ अक्टूबर , बुधवार - प्रदोश पूजा
१६ अक्टूबर, शुक्रवार, आदिका( आसवीना) माह की समाप्ति
१७ अक्टूबर, शनिवार, शारदा नवरात्री आरंभ होगा
१८ अक्टूबर- रविवार- तुला स्नान आरंभ
१९ अक्टूबर- सोमवार- अनुषम
२१ अक्टूबर- बुधवार - सरस्वती आवाहन
२५ अक्टूबर- सरस्वती पूजा
२६ अक्टूबर- सोमवार- विजय दशमी
१८ अक्टूबर- बुधवार- प्रदोश पूजा
३० अक्टूबर - पूर्णीमा पूजा
३१ अक्टूबर- शनिवार- अन्नाभिषेक
आनलाइन योगदान के लिये kamakoti.org एवं kanchimuttseva.org देखें
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श्रीमठम की मासिक आध्यात्मिक पत्रिका "श्री कामकोटी प्रदीपम" के पिछले संस्करणों की ई-प्रतियां https://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Kamakoti-Pradeepam-Magazine.html पर उपलब्ध हैं।
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श्री कामकोटी बुक सेंटर
श्री कांची कामकोटि पीठम, कांचीपुरम में उपलब्ध पुस्तकें (विभिन्न भाषाओं में) http://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Kamakoti-Books.html पर सूचीबद्ध हैं। इसे प्राप्त करने के इच्छुक भक्त kamakotipradeepam@gmail.com पर लिख सकते हैं
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जनवरी २०२० को श्रीमठ मे होने वाली विशेष कार्यक्रम एवं पूजाएँ
६ जनवरी - सोमवार- वैकुण्ठ एकादशी
८ जनवरी - बुधवार- प्रदोष पूजा
१० जनवरी- शुक्रवार- पूर्णीमा पूजा, आरुद्रा दर्शन
१४ जनवरी- मंगलवार- बोगी
१५ जनवरी- बुधवार - मकर शंकरान्ती, उत्तरायण पुण्यकाल
२२ जनवरी - बुधवार- प्रदोष पूजा
३० जनवरी- गुरुवार- बसंत पंचमी
श्रीमठ कैंप अभी आस्तिक समाज ,वीनस क़ालनी मे है।
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२० दिसंबर २०१९ को , श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना महोत्सव के अवसर पर श्री नेयवेली संतानगोपाल एवं पार्टी द्वारा नादसमर्पण प्रस्तुत किया गया।
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२१-२३ दिसंबर २०१९ को श्रद्देय महास्वामीजी का आराधना महोत्सव मनाया जायेगा श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी ( श्री काँची कामकोटी पीठम के ६८ वे शंकराचार्य स्वामीजी) का २६वाँ आराधना महोत्सव , श्रीमठ के पवित्र वृन्दावन मे २३ दिसंबर २०१९ को मनाया जायेगा।
यह कार्यक्रम २१ दिसंबर २०१९ को प्रारंभ होगा। इसमे वेद पारायण ,वेद विद्वत सदा, भजन, संगीतांजली, एवं प्रवचन होंगे। २३ दिसंबर २०१९ प्रात: काल ७ बजे से एकादश रुद्र जप, एवं लोक क्कल्याण के लिये विशेष हवन किया जायेगा। दोपहर १२ से १ तक वृन्दावन मे वसोधरा, पूर्नाहूती, महाभिषेक किया जायेगा।
प्रात: ९ वेज से पँचरत्न क्रिती गाया जायेगा ।
भक्तजनों से इसमे सम्मिलित होके श्रद्देय स्वामीजी से आशीर्वाद लेने का अनुरोध है।
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श्रद्देय स्वामीजी , १९ दिसंबर २०१९ को श्री गुरुवायुरप्पन मंदिर ,नंगनल्लूर ,चेन्नई मे संध्या ५.३० को वालयपट्टी संगीत एवं कला समारोह का उद्घाटन करेंगें।
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१६ दिसंबर २०१९ से श्रीमटम कैंप ,चेन्नई के वीनस क़ालनी मे स्थित आस्तिक समाज मे रहेगा। पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी , शंकरान्ती तक चलने वाले धनुर महीने का पूजा ,यहाँ करेंगे।
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९ नवंबर २०१९ को पूज्यश्री आचार्य का श्री रंगनाथस्वामी मंदिर ,श्रीरंगम यात्रा का वीडियो
https://youtu.be/BrTL0Py1IIQ
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,ने आर आर सभा ,मईलापूर ,चेन्नई के ट्रिनिटी आर्ट फ़ेस्टिवल को सम्बोधित किया। गायकों, विद्वानों, एवं भरतनाट्य प्रतिपादकों को संबोधित किया गया है।
श्रद्देय स्वामीजी ने अंत मे अनुग्रह भाषण मे कहा की कैसे अपनी पारंपरिक कलाओं के माध्यम से हम भगवान की सेवा कर रहें हैं। उन्होने यह भी बताया की कैसे यह हमारे ध्यान को बढ़ावा देता है।
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श्र्द्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री करपकविनायक श्री पाँडुरंग स्वामीजी मंदिर ,आदमबाक्कम ,चेन्नई का कुंबाभिषेक किया गया।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का श्री कोदन्डरामेश्वर मंदिर मे दिया गया अनुग्रह भाषण।
https://youtu.be/mOAJ6rG34hU
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२७ नवंबर को ,पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,श्री ओंकारानन्दा आश्रम गये।
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काँचीपुरम के वेडल मे एक नया गोशाला का उद्घाटन
श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से, श्री काची कामकोटी पीठम के संरक्षण मे ,वेडल के गोशाला मे नई सुविधाएं लायी गयी हैं। काँचीपुरम मे अभी तीन गोशालाएँ चलाई जा रही हैं।
पूज्यश्री आचार्य के आशीर्वाद से ,अगस्त २०१८ को २ देसी गाय के साथ ,इस गोशाला की स्थापना हुई। अब इस गोशाला मे ७५ गाय हैं। हवन एवं गो पूजा के पश्चात् इन गायों एवं बछड़ों को नये गोशाला मे ले जाया गया।
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२ दिसंबर को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,चेन्नई के आदमबाक्कम मे स्थित श्री शंकर मठ पधारे। श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण भी दिया।
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श्रीमठ मे दिसंबर मे होने वाली विशेष पूजायें एवं कार्यक्रम
९ दिसंबर सोमवार- प्रदोष पूजा
११ दिसंबर - बुधवार- कार्तिकै दीप एवं पूर्णीमा पूजा
१७ दिसंबर- मंगलवार- धनुरमास पूजा प्रारंभ
२२ दिसंबर- रविवार - मकरायण पुण्य काल
२३ दिसंबर- सोमवार- श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का आराधना एवं प्रदोष पूजा
२६ दिसंबर- गुरुवार - हनुमान जयंती
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद एवं उपस्थिती मे चेन्नई के आदम्बाक्कम मे श्री करपक विनायक श्री पांडुरंग स्वामी मंदिर का कुंबाभिषेक किया गया। पूज्यश्री स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया
https://youtu.be/BERqeOnjlfI
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२ दिसंबर को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने चेन्नई के श्री शंकर मठ ,आदम्बाक्कम मे अनुग्रह भाषण दिया
https://youtu.be/B2TnmdNY3iE
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र शंकराचार्य स्वामीजी ने १ दिसंबर २०१९ को नई दिल्ली मे आर के पुरम ,सेक्टर १ पर स्थित श्री काँची कामकोटी कल्चरल सेन्टर , के ग्रहप्रवेश के अवसर पर अनुग्रह भाषण दिया
https://youtu.be/aw8ijvIxaBc
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श्री काँची कामकोटी पीठम सासंकृतिक केन्द्र -नई दिल्ली - गृह प्रवेश - १ दिसंबर २०१९
श्री काची कामकोटी पीठम के जगत्गुरू पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से नई दिल्ली के आर के पुरम मे स्थित श्री काची कामकोटी पीठम कल्चरल सेन्टर का गृहप्रवेश , रविवार , १ दिसंबर को होगा।
कार्यक्रम प्रात: ७ बजे से
मंगल वाद्य
स्वस्ति वचन
गो पूजा
गणपति हवन
नवग्रह हवन
वास्तु हवन
पूर्णाहुति
चण्डी हवन
पूर्णाहुति
११ बजे से
गणेश स्तोत्र
स्वस्ति वचन
सेन्टर के विशय मे
गणमान्य अतिथियों द्वारा भाषण
श्रद्देय स्वामीजी के दिल्ली के मंदिरों से लाया गया प्रसाद दिया जायेगा
श्रद्देय स्वामी द्वारा वीडियो कान्फरन्स से भाषण दिया जायेगा
महाप्रसाद
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२४ नवंबर २०१९ ,रविवार को पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी , चेन्नई के आर ए पुरम स्थित श्री सिद्दी बुद्धी समेत श्री करपक विनायक मंदिर गये ।
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सहस्रदला पाद आराधना -
आज (१९ नवंबर) श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से सहस्रदला पाद आराधना किया गया। लगभग १००० बच्चों ने विभिन्न श्लोक जैसे गणेश पँचरत्न, सद्गुरू दशकम, आदित्य हृदयं, वेंकटेश सुप्रभात, कनकदारा स्तोत्र, लक्ष्मी अष्टोत्तरम, गोविन्दाष्टकम, गोविन्द नामावली, नाम रामायण, अन्नपूर्णा स्तूती, मैत्रीम भजत। बालिकाओं ने इस कार्यक्रम के लिये तीन महीने से भी ज़्यादा प्रक्षिशन लिया। पूज्यश्री आचार्य ने अनुग्रह भाषण दिया।
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कैंप चेन्नई मे
कल (१७ नवंबर) भक्तजनों ने श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत , श्रीनगर क़ालनी मे पारंपरिक पूर्ण कुंब एवं स्वस्तिवचन के साथ किया। श्रद्देय स्वामीजी विलुपुरम मे वापस आए। कैंप का पता : २९ , उत्तर माडा स्ट्रीट , सैदापेट, चेन्नई।
स्थान https://goo.gl/maps/STTkWtEzvF4PyzHV8
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११ नवंबर २०१९ को गंगैकोंडचोलपुरम मे अन्नाभिषेक किया गया
श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथी मे गंगैकोंडचोलपुरम के श्री ब्रहदीश्वर स्वामी मंदिर मे अन्नाभिषेक किया गया। यह प्रती वर्ष, श्रद्देय महास्वामीजी के आशीर्वाद से तमिल मास ऐपसी के पूर्णीमा मे किया जाता है।
श्रद्देय महास्वामीजी के आदेशानुसार , भक्तजनों द्वारा ,यह अन्नाभिषेक ३० सालों से किया जा रहा है। १००० किलो से भी ज़्यादा अन्न बनाया जाता है , जिसे तमिलनाडू के सबसे बड़े शिवलिंग (१३.५ फ़ीट बढ़ा एवं ६२ फ़ीट चौड़ा) पर चढ़ाकर भक्तजनों को प्रसाद के रूप मे वितरित किया जाता है।
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आज प्रात: काल (१२ नवंबर) को उडयारपालयम शिव मंदिर से पूज्यश्री आचार्य के लिये प्रसाद पहुँचा ।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी , तिरुपुडैमरुद्दूर के तामिरबरनी पुष्कर के पश्चात् ८ नवंबर २०१९ को तिरुवानैकावल क्षेत्र पहुँचे । श्रद्देय स्वामीजी वहाँ पर श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वामी पूजा करेंगे।
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श्रीमठ कैप मे श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथी मे वृन्दावन द्वादशी के अवसर पर तुलसी विवाह किया गया।
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श्रद्देय स्वामीजी ,१ नवंबर को तिरुनेलवेली के श्री शंकर मठ पधारे। श्रद्देय स्वामीजी ने भक्तजनों को अनुग्रह भाषण दिया।
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श्रीमठ मे होने वाली पूजाएँ एवं कार्यक्रम
२ नवंबर, शनिवार - स्कन्द शष्टि
४ नवंबर , सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
९ नवंबर, शनिवार- वृन्दावन द्वादशी , तुलसी विवाह, प्रदोष
११ नवंबर,सोमवार- पूर्णीमा पूजा, कार्तिक सोमवार पूजा
१२ नवंबर ,मंगलवार- अन्नाभिषेक
१८ नवंबर ,सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
२४ नवंबर ,रविवार- प्रदोष पूजा
२५ नवंबर,सोमवार - कार्तिक सोमवार पूजा
२६ नवंबर ,मंगलवार- अनुषम
अधिक जानकारी के लिये www.kamakoti.org पर जायें एवं ई सेवा के लिये www.kanchimuttseva.org पर जायें।
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श्रीमठ कैंप तिरुपुडैमरुद्दूर पहुँचा । ६ नवंबर तक कैंप वहाँ रहेगा।
तिरुपुडैमरुद्दूर , ,तिरुनेलवेली से ४० कि मी पर है। तिरुनेलवेली ,रेल से पहुँचा जा सकता है। तिरुनेलवेली से पापनासम का बस लेकर वीरनावनल्लूर मे उतर कर भी जा सकते हैं। तिरुपुडैमरुद्दूर, वीरनावनल्लूर से ६ कि मी के दूरी पर है।
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श्रीमठ कैंप ,मदुरै के तेनूर पहुँचा। भक्तजनों ने श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत पूर्ण कुंभ एवं आरती से किया। कैंप तेनूर मे ३१ अक्टूबर तक रहेगा।
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पूज्यश्री स्वामीजी का अलग्राम यात्रा , कुंबाभिषेक एवं अन्य कार्यक्रम
https://youtu.be/JMCuySFQ15U
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी , गुनसीलम ,तिरुची मे स्थित श्री प्रसन्न वेंकटाचलपती पेरुमाल मंदिर पधारे। श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से इस मंदिर का निर्माण नवीकरणका कार्य चल रहा है।
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से १ नवंबर २०१९ को बेंगलूर मे साम वेद सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
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१६ नवंबर २०१९ तक पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी का यात्रा कार्यक्रम
१३-२३ अक्टूबर - अचरपाक्कम
२४- २९ अक्टूबर - तिरुवानैकावल
२९-३१ अक्टूबर - तेनकरै
१-६ नवंबर- तिरुपुडैमरुद्दूर
७ नवंबर- मेलूर
८-१० नवंबर- तिरुवानैकावल
११-१३ नवंबर - गंगैकोंडचोलपुरम
१४-१६ नवंबर - विलुपुरम
१६ नवंबर संध्याकाल - चेन्नई
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श्रीमठ कैंप १२ अक्टूबर से बाल वेदपाठशाला ,अचरपाक्कम मे रहेगा।
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सरस्वती पूजा पर एक लेख
http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/SARASWATI%20POOJA.html#main_body
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श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान से नवरात्री प्रसाद , पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी को दिया गया। कैंप अभी पूर्व ताम्बरम् ,चेन्नई मे हैं।
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अक्टूबर २०१९ को श्रीमठ केंप मे होने वाले विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
१ अक्टूबर , मंगलवार - शरण नवरात्री - तीसरा दिन
२ अक्टूबर, बुधवार- शरण नवरात्री - चौथा दिन
३ अक्टूबर, गुरुवार- शरण नवरात्री - पाँचवा दिन
४ अक्टूबर, शुक्रवार - सरस्वती आवाहन - शरण नवरात्री - छँटा दिन
७ अक्टूबर, सोमवार- सरस्वती पूजा
८ अक्टूबर, मंगलवार- विजय दशमी
११ अक्टूबर, शुक्रवार,प्रदोष पूजा
१३ अक्टूबर, रविवार, पूर्णीमा पूजा
२५ अक्टूबर, शुक्रवार, प्रदोष पूजा
२७ अक्टूबर, रविवार, दीपावली
३० अक्टूबर, बुधवार, अनुशम
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से , ३० सितंबर, २०१९ को शाम ५ बजे एनचूर में शंकरा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन होगा।
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पुज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा चेन्नई के अयोध्या मंडप स्थित श्रीमठ के शिविर में "कुमकुम तिलक पहनने के महत्व" पर पुस्तक का विमोचन किया गया। पुस्तक का लेखन श्री शर्मा सस्ट्रीगल द्वारा किया गया है।
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ब्रह्माश्री कृष्णमूर्ति शास्त्रीजी द्वारा १६ से २३ सितंबर, २०१९ तक वेद सप्ताह का आयोजन किया गया । वह प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान हैं और मद्रास संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य रह चुकें हैं। श्रद्देय स्वामीजी ने भाग लेने वाले छात्रों को समापन दिवस पर आशीर्वाद दिया एवं अनुग्रह भाषण दिया। अंत में प्रश्नोत्तर कार्यक्रम में छात्रों को उनके प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दिया गया।
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हरिकथा ज्ञानी , ब्रह्मश्री टी.एस. बालकृष्ण शास्त्रीजी का शताब्दी दिवस , पश्चिम माम्बलम , चेन्नई में श्रीमठ कैंप में मनाया गया। पूज्यश्री शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने इस आयोजन को अनुग्रह भाषण दिया। कल्याणपुरम श्री अरावमुदचारियार को उत्कृष्टता के लिए टीएसबी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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श्री काँची कामाक्षी अम्बाल देवस्थान ,काँचीपुरम मे २९ सितंबर से १० अक्टूबर तक शरन- नवरात्री महोत्सव मनाया जायेगा।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी , श्री महा त्रिपुरसुन्दरी समेत श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वामी का शरन- नवरात्री महोत्सव श्रीमठ कैंप ,शंकरा विद्यालय ,ईस्ट ताम्बरम् मे २९ सितंबर से ९ अक्टूबर तक मनायेंगें ।
इस समय जन कल्याण के लिये विशेष पूजाएँ, जप, पारायण, एवं हवन किये जायेंगें। भक्तजनों से अनुरोध है कि इसमे सम्मिलित होके श्री महात्रिपुरसुंदरी समेत श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वामी और पूज्यश्री आचार्य का आशीर्वाद प्राप्त करें।
प्रतिदिन का कार्यक्रम
वेद पारायण
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण पारायण
श्रीमद् देवी भागवत पारायण
श्री चण्डी हवन
रिग सम्हित हवन
श्री विद्या हवन
नवग्रह हवन
नववर्ण पूजा
कन्या पूजा
नवसुवासिनी पूजा
विशेष पूजाएँ
अश्व पूजा, गंज पूजा,सरस्वती आवाहन एवं पूजा, वटुक भैरव पूजा, विजयदशमी
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आज (१४ सितंबर) को संध्याकाल ५ बजे ,आस्तिक समाज,आलवारपेट से विश्व रूप यात्रा प्रारंभ होगा। यहाँ से अभिरामपुरम के गुरुकुल जाकर, भगवत गीता पारायण किया जायेगा। कृष्ण पूजा के पश्चात् ,पूज्यश्री आचार्य ,वेस्ट माम्बलम के अयोध्या मण्डप के ओर प्रस्थान करेंगें। वहाँ श्रीमठ कैंप २८ सितंबर तक रहेगा।
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श्रीमठ मे आज संध्याकाल (११ सितंबर) को श्रद्देय पूज्यश्री आचार्य ,प्रदोश पूजा करेंगें।
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५ सितंबर २०१९ को श्रीमठ मे संस्कृत कैंप का आयोजन किया गया।
मद्रास संस्कृत कालेज द्वारा संस्कृत दिन का आयोजन किया गया जिसमे श्रद्देय स्वामीजी के उपस्थित मे संस्कृत अकादमी, कुप्पुस्वामी शास्त्री रिसर्च इन्स्टिट्यूट , सावित्री अम्माल ओरियन्टल हायर सेकन्डरी स्कूल एवं रामरत्नम नर्सरियों एवं प्राइमरी स्कूल सम्मिलित हुए। श्री श्रीपद सत्यनारायण मूर्ती, राष्ट्रपति से सम्मानित, विद्वान जनार्दन रेड्डी डाँ वी रामकृष्ण भट्ट, एवं डाँ वी एस करुणाकन रेड्डी को उनके संस्कृत भाषा के प्रती समर्पन के लिये सम्मानित किया गया।
श्री वी एन गोपालस्वामी ( वी के ऐयर ट्रस्ट के अध्यक्ष) ने स्वागत सम्बोधन किया। महामहोपाद्यय डाँ आर कृष्नमूर्ती शास्त्रीगल ने संस्कृत के विशेषता के बारे मे कहा एवं श्री वी श्रीकांत ,संस्कृत कालेज के सचिव ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
श्रद्देय स्वामीजी ने आशीर्वाद एवं अनुग्रह भाषण दिया।
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७ सितंबर को शास्त्र परीक्षा का आयोजन किया गया
श्रद्देय स्वामीजी ने पाँच विद्वानों को प्रमाण पत्र एवं सम्भावना दिया। इन्होंने काँची वेद वेदान्त शास्त्र सभा द्वारा आयोजित शास्त्र परीक्षा (पूर्ण परीक्षा) पूर्ण किया। इस परीक्षा को तेनाली परीक्षा कहते हैं।
अंतिम परीक्षा श्रीमठ कैंप के आस्तिक समाज ,आलवारपेट ,चेन्नई मे आयोजित किया गया।
निम्नलिखित पंडितों को श्रद्देय स्वामीजी ने आशीर्वाद दिया -
व्याकरण रत्न - श्री प्रियव्रत देवदत्त पाटिल
गुरु- ब्रह्म श्री मोहन शिवनारायण शर्मा
अद्वैत वेदान्त रत्नम् - श्री कुप्प श्री गुरु बिल्वेश शर्मा
गुरु- ब्रह्म श्री मण्डी द्रविड़ शास्त्री
अद्वैत वेदान्त रत्नम् - श्री कार्तिक शर्मा
गुरु- ब्रह्म श्री के एस महेश्वरन् नम्बूदिरीजी
अद्वैत वेदान्त रत्नम् - ननदुरी कुवलय दत्त शर्मा श्री कार्तिक शर्मा
गुरु- ब्रह्म श्री कुप्प विश्वनाथ शास्त्रीजी
अद्वैत वेदान्त रत्नम् - श्री वी कृष्ण शर्मा
गुरु- ब्रह्म श्री कुप्प विश्वनाथ शास्त्रीजी
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श्री काँची कामकोटी पीठम के ६६ वे आचार्या द्वारा सन् १८९४ मे अद्वैत सभा का निर्माण हुआ।श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के आशीर्वाद से , इस वर्ष का अद्वैत सभा श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथी मे उनके चातुर्मास व्रत के समय आस्तिक समाज ,आलवारपेट मे ५ एवं ६ सितंबर को मनाया जायेगा। भक्तजनों का इसमे सम्मिलित होके श्रद्देय स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त करने का अनुरोध है।
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श्रीमठ कैंप मे श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथी मे गणपति नवरात्री उत्सव प्रारंभ हुआ। यह ११ सितंबर तक चलेगा।
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सितंबर २०१९ को श्रीमठ मे होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
२ सितंबर- सोमवार- सामवेद उपकर्मा ,विनायक चतुर्थी
५ सितंबर- गुरुवार- अनुषम
५-६ सितंबर- अद्वैत सभा
७-९ सितंबर- अग्निहोत्र सभा
९-११ सितंबर- वेद भाष्य सदा
१०-११ सितंबर- अद्वैत सभा
११ सितंबर- बुधवार-प्रदोष पूजा
१३ सितंबर- शुक्रवार- पूर्णीमा पूजा
१४ सितंबर- शनिवार विश्वरूप यात्रा , चातुर्मास की समाप्ति
२५ सितंबर- बुधवार, यति महालयम
२६ सितंबर- गुरुवार, प्रदोष पूजा
२८ सितंबर- शनिवार, महालय अमावस्या
२९ सितंबर- रविवार, शारदा नवरात्री प्रारंभ
श्रीमठ वेबसाईट के लिये www.kamakoti.org एवं ई पोर्टल के लिये www.kanchimuttseva.org देखें
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श्री श्वेत विनायक मंदिर , तिरुवलन्चुली मे २४-८-२०१९ से २-९-२०१९ तक , पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से वेद पारायण का आयोजन किया गया है ( श्री काची कामकोटी स्वामीमलै वेद पारायण ट्रस्ट द्वारा आयोजित)
पारायण विवरण
1. रिग वेद ध्वज- क्रम पारायण *शिक्षा, माला, ध्वज, दण्डा, रेखा- पाँच प्रकार के रिग वेद क्रम पारायण हैं।इसके लिये विशेष प्रशिक्षण और आगे के अभ्यास से गुजरने के लिए उच्च स्तर की विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
2. रिग वेद सम्हित पूर्ण पारायण
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव (१६ अगस्त) के अवसर पर श्रीमठ कैप ,आस्तिक समाज , आलवारपेट मे ३ दिन का शास्त्र सदा का आयोजन किया गया जो १८ अगस्त को समाप्त हुआ।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव (१६ अगस्त) के अवसर पर श्रीमठ कैप ,आस्तिक समाज , आलवारपेट मे ३ दिन का शास्त्र सदा का आयोजन किया गया जो १८ अगस्त को समाप्त हुआ।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव (१६ अगस्त) के अवसर पर श्रीमठ कैप ,आस्तिक समाज से पूज्यश्री आचार्य का चित्र , जुलूस मे ले जाया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव (१६ अगस्त) के अवसर पर श्रीमठ कैप ,आस्तिक समाज मे दीप पूजा किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव (१६ अगस्त) के अवसर पर श्रीमठ कैप ,आलवारपेट मे बोम्मलाट्टम (पारंपरिक कठपुतली का एक रूप ) और अन्य सासंकृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
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१५ अगस्त ,प्रात:काल को श्रीमठ कैंप , ( जो अभी आस्तिक समाज ,वीनस क़ालनी ,आलवारपेट मे है) मे श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथी मे रिग वेद उपकर्म किया गया।
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गायत्री जप के अवसर पर गायत्री मन्त्र का सार
https://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Essence-of-Gayatri.pdf
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१६-१८ अगस्त तक श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव ,विशेष वेद सम्मेलन द्वारा श्रीमठ कैंप मे किया जायेगा।
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श्री जयेन्द्र विजयम - मुंबई के श्री पी आर कन्नण , श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जीवन एवं यात्राओं का वर्णन
https://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Sri%20Jayendra%20Vijayam%20Book.html#main_body
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श्रद्देय स्वामीजी शंकराचार्य मंदिर ,कश्मीर मे - इतिहास के पन्नों से -
http://www.kamakoti.org/kamakoti/details/Oct%202010%20-%20Their%20Holinesses%20at%20Kashmir.html
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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महास्वामीजी का विशेष संदेश यह संदेश श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य महास्वामीजी द्वारा १५ अगस्त १९४७ को स्वतंत्रता दिवस पर दिया गया था।
http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Mahaswami%20Independence%20Day%20Message.html
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आवनी अविट्टम पर एक लेख-
- http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Avani%20Avittam.html#main_body
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कुंबकोनम मे नित्य पारायण - एक वर्ष की समाप्ति पूज्यश्री आचार्यजी के आशीर्वाद से ,कुंबकोनम के श्रीमठ कैंप में एक साल से नित्य वेद पारायण चल रहा है।
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श्री कृष्ण प्रेमीजी , श्रीमठ कैंप मे भागवत सप्ताह मनायेगें
उपन्यास का समय है ,सायंकाल ६.३० से ८.३० तक
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श्रीमठ मे अगस्त २०१९ मे होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
३ अगस्त ,शनिवार- आड़ी पेरुक्कू( कावेरी पूजा)
९ अगस्त ,शुक्रवार- अनुषम
१२ अगस्त, सोमवार- प्रदोष पूजा
१४ अगस्त,बुधवार-पूर्णीमा पूजा
१५ अगस्त ,गुरुवार- रिग उपकर्मा ,यजुर उपकर्मा
१६ अगस्त, शुक्रवार- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी जयंती, गायत्री मन्त्र
२३ अगस्त,शुक्रवार- जन्माष्टमी
२८ अगस्त ,बुधवार- प्रदोष पूजा
( श्रद्देय स्वामीजी ,चातुर्मास व्रत के लिये ,आस्तिक समाज ,आलवारपेट ,चेन्नई मे रहेंगे।
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वाल्मीकि रामायण का सारांश अब इस वेबसाईट पर उप्लब्ध है-
http://www.kamakoti.org/kamakoti/books/VALMIKI-RAMAYANA-SAARAAMSHA-QUINTESSENCE.pdf
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से इस चातुर्मास मे भी २०-२२ जुलाई २०१९ को ,इस सदा का आयोजन , श्रीमठ कैंप (जो अभी चेन्नई के आलवारपेट मे है) द्वारा किया गया। इसमे आने वाले साल के पँचाग के विशय मे चर्चा किया गया।
तमिलनाडू, आन्द्र प्रदेश ,तेलंगाना एवं श्रीलंका के धर्म शास्त्र विद्वान एवं पचाँग कर्ता, इसमे सम्मिलित हुए। इसमे आने वाले शरवारी वर्ष (२०२०-२१) के कार्यक्रमों के विशय मे चर्चा किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने आज (१६ जुलाई ) को आलवारपेट के आस्तिक समाज मे व्यास पूजा किया।
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३ जुलाई - विश्नमपेट्ट ग्राम
श्रद्देय स्वामीजी विश्नमपेट्ट ग्राम एवं अग्रहार गये। यहा ,श्रद्देय स्वामीजी सत्यभामा समेत वेनुगोपालस्वामी एवं कामाक्षी समेत कैलाशनाथ स्वामी मंदिर गये। श्रद्देय स्वामीजी ने अग्रहार मे स्थित सत्संग को अनुग्रहित किया। रात्रि ९.३० बजे तक सब श्रीमठ कैप, तीसरे काल पूजा के लिया लौटे।
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३ जुलाई २०१९ को तिरुकनूर की यात्रा श्रद्देय स्वामीजी ,विश्नमपेट्ट से ३ कि मी के दूरी पर श्री सौन्दर्य नायकी समेत करुम्बीश्वर स्वामी मन्दिर गये।
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३ जुलाई २०१९ को श्रद्देय स्वामीजी पलमनेरी गये श्रद्देय स्वामीजी नेमम ग्राम के पश्चात् पलमनेरी पहुँचे । पलमनेरी , तिरुकाट्टुपल्ली से ३ कि मी के दूरी पर है। इस ग्राम मे बहुत सुन्दर सा अग्रहार है जहाँ बृहटचरनम ब्राह्मण के लोग वास करते हैं। यहा के ब्राह्मणों को पलमनेरी बृहटचरनम से जाना जाता है। काची आचार्य ,यहा पहले भी आ चिकें हैं। यहा पर श्रद्देय स्वामीजी , मीनाक्षी सुन्दरेश्वर स्वामी एवं वेनुगोपालस्वामी मन्दिर गये।
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कैप तेनम्बाक्कम पहुँचा -७ जुलाई श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,७ जुलाई सायंकाल को तेनम्बाक्कम ,काँचीपुरम पहुँचे । उनका स्वागत पूर्णकुंभ के साथ किया गया। श्रद्देय स्वामीजी ब्रह्मपुरीश्वर मंदिर गये।
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श्रीमठ कैंप चतुर्वेद विद्या गणपति वेदाश्रम ,आतुर ,चेंगलपट्ट मे ७ जुलाई तक था।
आगे का कार्यक्रम -
७ जुलाई - संध्याकाल ,कैंप आतुर से शिवस्थानम ,तेनम्बाक्कम पहुँचा
८ से ११ जुलाई - शिवस्थान ,तेनम्बाक्कम ( काँचीपुरम)
११ संध्या , कैप तेनम्बाक्कम से चेन्नई पहुँचेगा।
१२ जुलाई से पूजा चेन्नई के वीनस क़ालनी ,आलवारपेट मे स्थित आस्तिक समाज मे होगा।
१६ जुलाई से १४ सितंबर तक चातुर्मास का व्रत प्रारंभ होगा। श्रद्देय स्वामीजी आस्तिक समाज मे रहेंगे।
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४ जुलाई २०१९ को पूज्यश्री आचार्य पन्रुत्ती मे स्थित श्री हयग्रीव मंदिर गये
श्रद्देय स्वामीजी ,कुमारमंगलम जाते समय पन्रुत्ती मे स्थित श्री हयग्रीव मंदिर गये। श्रद्देय स्वामीजी वहाँ ,रात्रि १०.३० बजे पहुँचे । श्रद्देय स्वामीजी को अर्चकाओं ,पन्रुत्ती के भक्तजनों एवं आर्य वैश्य समाज के लोगों ने स्वागत किया। श्रद्देय स्वामीजी ने आशीर्वाद एवं अनुग्रह भाषण दिया। उसके पश्चात् वे मेलकुमारमंगलम ( जो यहाँ से ६ कि मी पर स्थित है) के लिये निकले।
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श्रद्देय स्वामीजी २ एवं ३ जुलाई को तिरुकाट्टुपल्ली के मुल्लईकोडी अग्रहार एवं विश्नमपेट्टै के श्री कामाक्षी अम्बाल समेत श्री कैलाशनाथ स्वामी मंदिर गये।
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तन्जावूर कैंप ,३० जून से २ जुलाई २०१९ ३० जून २०१९
श्रद्देय स्वामीजी , ३० जून , रविवार को सायंकाल ४.३० बजे ,तन्जावूर पहुँचे । श्रद्देय स्वामीजी ने उस दिन प्रदोष के अवसर पर श्री बन्गारू कामाक्षी अम्मन मंदिर मे ही प्रदोष पूजा किया।
१ जुलाई २०१९ ( प्रात: काल)
श्रद्देय स्वामीजी ने बंगारू कामाक्षी अम्मन को नव निर्मित श्रीचक्र -अकार आभरण से सुसज्जित किया। इसके पश्चात् दीपाराधना किया गया।
श्रद्देय स्वामीजी ने वीर राघव पाठशाला के भूमी पूजा को भी अनुग्रहित किया ।
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व्यास पूजा एवं चातुर्मास व्रत ,चेन्नई मे १६ जुलाई से १४ सितंबर तक
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,चातुर्मास व्रत के समय चेन्नई के आलवारपेट,वीनस क़ालीन मे स्थित आस्तिक समाज मे रहेंगें।
चातुर्मास व्रत १६ जुलाई , मंगलवार ( अषढ पूर्णीमा) को प्रारंभ होगा एवं १४ सितंबर ( भद्रपाद पूर्णीमा) को विश्वरूप यात्रा के साथ समाप्त होगा। इस समय विभिन्न सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।वार्षिक अग्निहोत्र सदा,अद्वैत वेदान्त सदा, वेद विद्वत सदा,नित्य वेद पारायण , प्रवचन एवं सासंकृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी का ८५ वाँ अवतार दिन उत्सव १६ अगस्त को कटक मास के श्रविष्ठ नक्षत्र मे विशेष पूजा, हवन, पारायण एवं नामसंकीर्तन के साथ मनाया जायेगा।
भक्तजनों से अनुरोध है की इसमे सम्मिलित होके श्रद्देय स्वामीजी ,श्री महा त्रिपुरसुन्दरी समेत श्री चन्द्रमौलीश्वर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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श्रीमठ मे होने वाली विशेष कार्यक्रम एवं पूजाएँ
१३ जुलाई -शनिवार -अनुषम
१४ जुलाई- रविवार - प्रदोश पूजा
१६ जुलाई -मंगलवार- दक्षिनायन पुण्यकाल , व्यास पूजा, पूर्णीमा पूजा, चातुर्मास पूजा प्रारंभ
१७ जुलाई - बुधवार - व्यास पुनर पूजा,मन्त्राक्षत वितारनम
२९ जुलाई - सोमवार - प्रदोश पूजा
५,१२,१९,२६- शुक्रवार पूजा
श्रीमठ कैंप का विवरण
३० जून से २ जुलाई - तन्जावूर श्री बन्गारू कामाक्षी देवस्थान
३-४ जुलाई - तिरुकाटुपल्ली
५-६ जुलाई - मेल कुमारमंगलम
७ जुलाई- आतुर वेदपाठशाला , चेंगलपट्ट के निकट
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श्रीमठ कैंप ,३० जून तक तन्जावूर मे रेंगा पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,तन्जावूर के श्री बन्गारू कामाक्षी अम्बाल देवस्थान पहुँचे । यहाँ पर श्रीमठ कैंप ,२ जुलाई तक रहेगा।
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श्रद्देय स्वामीजी की यात्रा
http://www.kamakoti.org/news/tour.html
३० जून तक - सास्त्रा विश्वविद्यालय
३० जून से २ जुलाई तक - तन्जावूर श्री बन्गारू कामाक्षी देवस्थान
३-४ जुलाई - तिरुकाटुपल्ली ग्राम
५-६ जुलाई - मेल कुमारमंगलम अग्रहारम
७ जुलाई - अतुर वेद पाठशाला
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राधा कल्यान महोत्सव श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से ,मन्नारगुडी के शंकर मठ मे १ एवं २ जून २०१९ को श्री राधा कल्यान महोत्सव का आयोजन किया गया है।
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से ,मन्नारगुडी के शंकर मठ मे १ एवं २ जून २०१९ को श्री राधा कल्यान महोत्सव का आयोजन किया गया है।
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१७-१९ मई तक ,पूज्यश्री महास्वामीजी का जयंती महोत्सव मनाया जायेगा
श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का जयंती महोत्सव ,१७ से १९ मई २०१९ तक श्री काची कामकोटी पीटम् मे मनाया जायेगा।विभिन्न सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।जयंती के दिन (१९ मई ) ,प्रात: ७.३० से श्री रुद्र पारायण जप किया जायेगा।दोपहर १२.३० बजे विशेष अभिषेक किया जायेगा।भक्तजनों से अनुरोध है की ,इसमे सम्मिलित होके ,श्रद्देय स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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मात्रु देवों भव: - माँ को एक श्रद्दांजलि - श्रीमठ मे माताओं के लिये एक दिन का सेमिनार आयोजन किया गया।
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नामसंकीर्तन - श्रीमठ कैंप ,शंकरा विद्यालय ,तोरैपाक्कम , चेन्नई मे प्रतिदिन भजन का आयोजन किया गया है।
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२०१९ को श्रीमठ मे हुए विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम २ जून-गुरुवार - प्रदोष पूजा
९ जून- गुरुवार- श्री शंकर जयंती
१६ जून- गुरुवार- प्रदोष पूजा
१७ जून- शुक्रवार- नरसिम्हा जयंती
१८ जून- शनिवार- पूर्णीमा पूजा
१९ जून - रविवार - अनुषम - श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामी जयंती
३१ जून- शुक्रवार- प्रदोष पूजा
३,१०,१७,२४- शुक्रवार- शुक्रवार पूजा
श्रीमठ कैंप अभी शंकरा विद्यालय ,तोरैपाक्कम ,चेन्नई मे है।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,२३ अप्रेल २०१९ को संध्या ६ बजे , टी नगर स्थित केसरी विद्यालय के प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से ,गोमान्तक तिरुपती बालाजी मंदिर ,गोवा मे २७ अप्रेल २०१९ तक यजुर वेद पारायण चलेगा।
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२१ अप्रेल से श्रीमठ कैंप तोरैपाक्कम के श्री शंकरा विद्यालय मे रहेगा। पूज्यश्री आचार्य ,मई के अंत तक यहीं रहेंगे।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ने हिन्दु मिशन अस्पताल,नंगनल्लूर ,चेन्नई मे १७ अप्रेल को एक नये ब्लाक का उद्घाटन किया जिसमे आधुनिक उपकरणें एवं चिकित्सा सुविधाएँ प्रधान की जायेगी ।
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श्री अर्धनारीश्वर स्वामी मंदिर का कुंभाभिषेक आज सुबह (१७ अप्रैल) को चेन्नई के नांगनल्लूर में श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा किया गया।
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६ अप्रेल को वसंत नवरात्री प्रारंभ हुआ।श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी तडुकु ग्राम ( वेंकटनारसींहराजूवारिपेठा रेलवे स्टेशन के सामने) ,नागरी मंडल ,चित्तूर ज़िला, आ.प्र) मे वसंत नवरात्री पूजा करेंगें।
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श्रद्देय स्वामीजी ने भारतीय विद्या भवन तिरुपती मे ३ अप्रैल को ,श्री श्रीनिवास ओपन आडिटोरियम का उद्घाटन किया एवं आशीर्वाद दिया।
https://youtu.be/TJaUv1fTNJA?t=1324
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श्रीमठ कैंप की जानकारी
श्र्द्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने चन्द्रमौलीश्वर पूजा समेत् ३१ मार्च २०१९ को तिरुपती के लिये अपनी यात्रा प्रारंभ की।१-४ अप्रेल तक श्रद्देय स्वामीजी अपनी पूजा श्री काची कामकोटी पीठम पादुका मण्डप ,रामकृष्ण मार्ग ,विनायक नगर,तिरुपती मे करेंगे। ५-१५ अप्रेल - तादुका ग्राम मे वसंत नवरात्री पूजा ( वेंकटनरसिंहराजुवरीपेटा रेलवे स्टेशन ) नागरी मन्डल ,चित्ततूर तालुक़ा -५१७५८०. आन्द्र प्रदेश , तिरुत्तनी से १२ कि मी के दूरी पर।
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अप्रेल २०१९ को श्रीमठ मे होने वाली विशेष कार्यक्रम एवं पूजाएँ २ मार्च - मंगलवार - प्रदोष पूजा
६ मार्च - शनिवार - उगादि, वसंत नवरात्रि प्रारंभ
१३ मार्च-शनिवार - श्री राम नवमी
१४ मार्च - रविवार - तमिल नव वर्ष ,श्री राम पट्टाभिषेक
१७ मार्च - बुधवार- प्रदोष पूजा
१८ मार्च - गुरुवार -पूर्णमी पूजा
५,१२,१९,२६ मार्च - शुक्रवार - शुक्रवार पूजा
(श्रीमठ शिविर १ से ४ अप्रैल, २०१९ तक तिरुपति में है। श्रद्देय स्वामीजी ,श्री कांची कामकोटि पीठम पादुका मंडपम, रामकृष्ण मार्ग, विनायक नगर, तिरुपति में पूजा करेंगे। )
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३० मार्च ,शनिवार को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव के अवसर पर श्रीमठ मे प्रात: ७ से १०.३० तक सहस्त्र भिक्षा वन्दन का आयोजन किया गया है। ११ बजे श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान मे श्रीविध्या हवन की पूर्नाहूती एवं सहस्र कलशाभिषेक किया जायेगा।संध्याकाल ५ बजे से नादस्वर एवं नाद समर्पन किया जायेगा।
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काची कामकोटी कैंकर्य सभा द्वारा लन्दन मे ३० मार्च २०१९ को समष्टी गायत्री जप का आयोजन किया गया है।
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श्रीमठ द्वारा चिदम्बरम श्री नटराज मंदिर को स्वर्ण पुष्पकरन्डका दिया गया।
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२२ मार्च १९५४ - श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का पीटारोहन दिन ६५ साल पहले आज के दिन १९५४ मे श्रद्धेय पूज्यश्री शंकर जयेन्द्र सरस्वती शकंराचार्य स्वामीजी को परम पूज्य परमाचार्य श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिजी ने सन्यास की दीक्षा दी थी।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का प्रथम सम्वत्सर ( पहला वार्षिक) १९ मार्च को उनके पवित्र वृन्दावन मे मनाया गया।वेद पारायण, विद्वत सदा ,हवन,धार्मिक प्रवचन का आयोजन किया गया।तीर्थ नारायण पूजा किया गया।श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने अधिष्ठान मे स्वर्ण कवच चढ़ाया।श्री वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थान ,तिरुपती एवं अन्य और मंदिरों से प्रसाद चढ़ाया गया।सम्प्रदाय भजन का आयोजन किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना महोत्सव पर एक श्रद्दांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे तमिलनाडू के गवर्नर श्री बनवारीलाल पुरोहित के श्रद्दांजलि अर्पित की।इस अवसर पर स्वामीजी पर एक विशेष पोस्टल कवर एवं पुस्तक विमोचित किया गया।श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी भी इसमे सम्मिलित होके अनुग्रह भाषण भी दिया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना के अवसर पर ,१०८ ब्रह्मचारियों द्वारा श्रीमठ में भागवत परायण एवं श्री गोविन्द गिरी जी द्वारा सप्ताह भर का उपन्यास किया जायेगा।
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११-१८ मार्च: श्रद्देय पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना महोत्सव के अवसर पर ,श्रीमठ मे श्री गोविंद गिरी जी द्वारा भागवत परायण एवं उपनिषद (हिंदी में) किया जायेगा।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के बृंदावन के पूर्व दिशा में मन्नारगुडी श्री राजगोपालस्वामी ,दक्षिन दिशा मे श्री गुरुवायुरप्पन , पश्चिम दिशा में काँची के श्री द्वारका कृष्ण एवं उत्तर मे पांडवदूत कृष्ण की मूर्तियां हैं।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की बृंदावन प्रतिष्ठा आज प्रात: (१० मार्च २०१९) को की गई। श्रद्द्ये पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने विभिन्न मंदिरों के कलश तीर्थ से अभिषेक , प्रसाद प्रदान एवं अंत मे दीपराधना किया।
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१७-१९ मार्च २०१९ से श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना महोत्सव
श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का प्रथम सम्वत्सर ,१९ मार्च २०१९ को श्रीमठ मे श्रद्देय स्वामीजी के वृन्दावन मे श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति मे मनाया जायेगा।
१७ मार्च से वेद पारायण,शास्त्र सभा,भागवत उपन्यास जैसे कई और वैदिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।भक्तजनों से अनुरोध है की इसमे उपस्थित होके श्रद्देय स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त करें।
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श्री काची कामकोटी पीठम के ६७ वें आचार्य , पूज्यश्री महादेवेन्द्र सरस्वती स्वामीजी का आराधना दिवस ,आज ( ७ मार्च २०१९ ) मनाया गया।
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१० मार्च २०१९ को वृन्दावन प्रतिष्ठा किया जायेगा १० मार्च २०१९ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति एवं दिशा निर्देशानुसार ,श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की समाधि पर वृन्दावन प्रतिष्ठित किया जायेगा।यह वेद पारायण, जप,हवन ,एवं कई और वैदिक परंपराओं के साथ किया जायेगा।भक्तजनों से इसमे सम्मिलित होने का निवेदन है।
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४ मार्च को श्रीमठ मे महाशिवरात्री पूजा किया जायेगा।
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श्रीमठ मे मार्च मे होने वाली विशेष पूजाएँ
३ - रविवार - श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी जयंती,प्रदोश पूजा
४- सोमवार- महाशिवरात्री
७- गुरुवार- श्रद्देय पूज्यश्री कलवै परमेष्ठी गुरु आराधना
१०- रविवार- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की वृन्दावन प्रतिष्ठा
१८- सोमवार- प्रदोश पूजा
१९- मंगलवार- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की प्रथम सम्वत्सर आराधना
२०- बुधवार- पूर्णीमा पूजा
२५- सोमवार- अनूशम
१,८,१५,२२,२९ -शुक्रवार- शुक्रवार पूजा
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से ,श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर ,काँचीपुरम मे ब्रह्मोत्सव ,९ से २१ फरवरी २०१९ तक मनाया जायेगा।
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श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथी मे ७ जनवरी को श्री अट्चीश्वर मंदिर ,अचरपाक्कम मे यागशाला पूजा आयोजित किया गया।८ फरवरी को कुंबाभिषेक किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,काँचीपुरम मे वालाजाह के निकट देवारियमपाक्कम ग्राम मे स्थित श्री गौरीयम्मन समेत केदार गौरीश्वर मंदिर मे यागशाला पूजा को अनुग्रहित किया।१० फरवरी को कुंबाभिषेक हुआ।
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श्री देवी करुमारियम्मन तिरुकोविल,तिरुविलिन्जियमबाक्कम,आवडी मे यागशाला पूजा ,९ फरवरी को पूज्यश्री स्वामीजी के उपस्थिति मे हुआ। १० फरवरी को कुंबाभिषेक हुआ।
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रथ सप्तमी की विशेष्ता
http://www.kamakoti.org/kamakoti/dharmasindhu/bookview.php?chapnum=12
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महोदय पुण्यकाल ४ फरवरी २०१९ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने ओरिक्कै मे स्थित पालूर नदी मे महोदय स्नान किया। दान देने के पश्चात् ,श्रद्देय स्वामीजी ने पूज्यश्री महास्वामीजी के मनीमण्डप मे जाके आरती किया।
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४ फरवरी २०१९ को एनत्तूर ,काँचीपुरम मे पूज्यश्री आचार्य ने अखिल भारतीय योग प्रतियोगिता का उद्घाटन किया- श्रद्देय पूज्यश्री शंकरा विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने ,श्री शंकरा महाविद्यालय ,एनत्तूर ,काँचीपुरम मे आयोजित "आल इन्डिया इन्टर यूनिवर्सिटी योग चैम्पियनशिप " के उद्घाटन समारोह को आशीर्वाद दिया।११४ विश्वविद्यालय से क़रीब २००० छात्र अपने आचार्यों के साथ ,इसमे सम्मिलित होगें।
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४ फरवरी २०१९ को महोदया है, उसके विशय मे अधिक जानकारी के लिये पड़िये -
http://kamakoti.org/kamakoti/articles/Mahodayam.html
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फरवरी २०१९ में होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
२ फरवरी, शनिवार - प्रदोष पूजा
४ फरवरी, सोमवार - माहोदय पुण्य काल
१० फरवरी, रविवार-बसंत पंचमी
१२ फरवरी, मंगलवार-रथ सप्तमी
१३ फरवरी-बुधवार - भीष्मष्टमी
१७ फरवरी, रविवार-रविवार श्रद्देय पूज्यश्री जयेंद्र सरस्वती स्वामिजी - मासिक आराधना, प्रदोष पूजा
१९ फरवरी, मंगलवार- पूर्नीमा पूजा
२६ फरवरी, मंगलवार- कलवै परातरपगुरु (66 वे आचार्र्य ) आराधना , अनुषम
१,८,१५,२२ फरवरी- शुक्रवार- शुक्रवार पूजा
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पूज्यश्री आचार्य आज,१० वीं हिंदू धार्मिक एवं सर्विस मेला २०१९ को शाम ५ बजे सम्बोधित करेंगें।यह वेलाचेरी मेन रोड में स्थित गुरु नानक कॉलेज मे स्थित है।
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कुंभ में स्वास्थ्य शिविर- आदि शंकराचार्य विमना मंडपम में, त्रिवेणी संगम के तट पर,शिविर 28 फरवरी 2019 तक चलेगा।
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श्री शंकर मठ,विजयनगर में दो दिवसीय वेद सभा का आयोजन किया गया। उत्तर-तटीय आंध्र और पूर्वी गोदावरी जिलों से वेद विद्यर्थियों के लिए परीक्षा आयोजित किया गया।
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अरुणाचल प्रदेश मे परशुराम कुण्ड यात्रा आयोजित किया गया
श्रद्देय स्वामिजी के आशीर्वाद से ,१२ जनवरी से १६ जनवरी २०१९ तक परशुराम कुण्ड यात्रा आयोजित किया गया।चेन्नई,हैदराबाद,बगंलूर ,मुंबई,गुवाहाटी ,सिडनी इत्यादि स्थानों से क़रीब ६५ यात्री लोहित नदी मे उत्तरायण पुण्यकाल मे पुण्य स्नान के लिये सम्मिलित हुए।
परशुराम कुण्ड मे गो पूजा,हवन,वेद पारायण,सूर्य नमस्कार पारायण ,श्लोक पारायण,नाम संकीरतन ,अन्न दान किया गया।परशुराम मंदिर मे आदि शंकरा भगवद्पाद विग्रह का अभिषेक एवं पूजा किया गया।
पारंपरिक तरीक़े से मकर शंकरान्ती मनाया गया। महिलाओं ने पारंपरिक रूप से पोंगल बनाया एवं कुम्मी नृत्य भी किया।३००० व्यक्तियों के लिये अन्न दान आयोजित किया गया।
श्री जयेन्द्र सरस्वती आयुर्वेद कालेज के डाक्टरों ने मुफ़्त मे आयुर्वेद कैंप का आयोजन किया ।
इस कार्यक्रम की समाप्ति पूर्व तिरुपती बालाजी मंदिर दर्शन एवं कनु से हुई।
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१८ जनवरी २०१९ को पूज्यश्री आचार्य के आशीर्वाद से सामुदायिक खेती पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया।इस सेमिनार मे विभिन्न विषय जैसे कि गो संरक्षण ,जैविक खेती ,देशी पौधों का प्रयोग , पारंपरिक खेती के तरीक़े इत्यादि पर चर्चा हुआ।श्रद्देय स्वामिजी ने अनुग्रह भाषण भी दिया।
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श्री उलगानन्द पेरुमाल स्वामि मंदिर मे रथोत्सव
ब्रह्मोत्सव के अवसर पर श्री उलगानन्द पेरुमाल मंदिर मे रथोत्सव का आयोजन किया गया।
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से शंकरा कॉलेज ,एनत्तूर ,काँचीपुरम मे पोंगल एवं माट्टू पोंगल मनाया गया।
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८ जनवरी को पूज्यश्री महास्वामिजी पर एक पुस्तक विमोचन हुआ काँची महास्वामिजी - एन एम्बोडिमेंट आफ ट्रूत ( भाग १) ,८ जनवरी को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी द्वारा श्रीमठ मे विमोचित किया गया।श्रद्देय स्वामिजी ने उसके पश्चात् उस पुस्तक को पूज्यश्री महास्वामिजी के अधिष्ठान मे चढ़ाया।इस पुस्तक का वितरण ,चेन्नई के भारतीय विद्या भवन मे आयोजित एक विशेष स्मारक कार्यक्रम मे किया गया।इस कार्यक्रम मे विद्वानों को सम्मानित भी किया गया। श्रद्देय स्वामिजी ने इस कार्यक्रम मे विडियो द्वारा अनुग्रह भाषण भी दिया।
https://www.thehindu.com/news/cities/chennai/book-on-sri-chandrasekharendra-saraswati-launched/article25944642.ece
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श्रीमठ मे अथर्व वेद पारायण प्रारंभ हुआ।यह १२ जनवरी को समाप्त होगा।
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श्री नोचूर वेंकटरामनजी द्वारा श्रीमद् भागवत् सप्ताह प्रारंभ हुआ । ११ जनवरी २००९ को समाप्त होगा।
पारायण का समय
प्रात: ७ बजे से दोपहर १२ बजे तक
प्रवचन का समय
सायंकाल ५.३० बजे से ८ बजे तक
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वेद धर्म परिपालन सभा की २०० वी विशेष उपन्यास ,रविवार ,६ जनवरी २०१९ को शंकरालयं ,पेरंबूर ,चेन्नई मे मनायी जायेगी।
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जनवरी २०१९ को श्रीमठ मे होने वाले विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
२ जनवरी - बुधवार- श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी की आराधना दिवस
३ जनवरी १९- गुरुवार - प्रदोश पूजा ,अनुषम
५ जनवरी १९- शनिवार- हनुमान जयंती
१४ जनवरी १९- सोमवार, बोगी
१५ जनवरी १९- मंगलवार, मकर शंकरान्ती,उत्तरायण पुण्यकाल
१९ जनवरी,१९ - शनिवार ,प्रदोष पूजा , श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी कि मासिक आराधना
२० जनवरी,१९- रविवार ,पूर्नीमा पूजा
३० जनवरी ,१९- बुधवार ,अनुषम
४,११,१८,२५-शुक्रवार- शुक्रवार पूजा
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श्रीमठ, काँचीपुरम २२ फरवरी को प्रात: ९ से १०.३० तक समस्ती उपनयन का आयोजन किया गया है। अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें- ०४४- २७२२२११५
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२३ दिसंबर को श्रीमठ के श्री रामनाथस्वामी मंदिर मे स्थित श्री नटराज स्वामी का आरुद्रा दर्शन हुआ।इससे पहले पूज्यश्री आचार्य ने श्री चन्द्रमौलीश्वर स्वामी का एकादश रुद्राभिषेक किया था।
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१४ एवं १५ दिसंबर २०१८ को श्रीमठ कैंप तिरुकोट्टिकावल मे
१४ दिसंबर को श्रीमठ कैप तिरुकोट्टिकावल के पाठशाला मे था।प्रात: नित्य चन्द्रमौलीश्वर पूजा ,दर्शन एवं संध्या काल पूजा पाठशाला मे हुआ।उस गाँव एवं आस पास के गाँव से बहुत भक्तजन भिक्षावन्दन एवं पाद पूजा मे सम्मिलित हुए।
१५ दिसंबर - त्रिकाल पूजा के पश्चात् ,श्रद्देय स्वामीजी त्रिपुरसुन्दरी समेत तिरुकोटीश्वर स्वामी मंदिर गये। इस मंदिर मे बाल शनीश्वर ,यम धर्म राजा एवं चित्रगुप्तस्वामी के लिये विशेष सन्निधि है।श्रद्देय स्वामीजी ने मंदिर मे ही अनुग्रह भाषण देता हुए धनुर माह की विशेषता के विशय मे बताया। उसके पश्चात् स्वामीजी कावेरी नदी के तट पर गये।यहा पर यह नदी उत्तरवाहिनी है। उसके पश्चात् कैंप पुदुच्चेरी के ओर प्रस्थान कर गया।
:http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2018/Shrimatam-Camp-Tirukkotikaval.html
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तिरुप्पावै, तिरुवेम्पावै की विशेषता - पूज्यश्री महास्वामिजी द्वारा दिया गया प्रवचन
-http://www.kamakoti.org/kamakoti/stotra/acharyascall/bookview.php?chapnum=51#main_body
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श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिजी की २५वी आराधना दिवस ,२ जनवरी २०१९ को श्रीमठ मे उनके वृन्दावन मे होगा-
३१ दिसंबर २०१८ को आराधना कार्यक्रम आरंभ होगा।वेद पारायण ,वेद विद्वत सदा ,धार्मिक प्रवचन,भजन एवं संगीतांजली का आयोजन किया गया है।
आराधना दिवस (२ दिसंबर ) पर प्रात:काल एकादश रुद्र जप एवं लोक कल्याण के लिये प्रात: ७ बजे से विशेष हवन किया जायेगा।दोपहर १२ से १ के बीच वसोरदरा,पूर्नाहूती ,महाभिषेक किया जायेगा। प्रात: ९ बजे पंचरत्न क्रिती प्रारंभ होगा।
भक्तजनों से इसमे सम्मिलित होके श्रद्देय स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त करने का निवेदन है।
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इरुलनीकी मे १३ दिसंबर २०१८ को श्रीमठ कैंप पर एक रिपोर्ट http://kamakoti.org/kamakoti/news/2018/Shrimatam-Camp-Irulneeki.html
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१७ दिसंबर से धनुर मास के पूजाएँ प्रारंभ होंगे।इस माह,त्रिकाल नित्य चन्द्रमौलीश्वर पूजा, उशाह काल ४ बजे सुबह प्रारंभ होगा।
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१६ दिसंबर ,सायंकाल को श्रद्देय स्वामीजी तिरुवानैकावल के कुंबाभिषेक के पश्चात् ,श्रीमठ पहुँचे । स्वामिजी का स्वागत श्री कामाक्षी अम्बाल के प्रसाद किया गया।
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९ दिसंबर २०१८
परिवार देवता का कुंबाभिषेक के समय किये जाने वाली पूर्णाहुति ,९ दिसंबर २०१८ को श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथि मे किया गया। ध्वजस्थम्ब तक कलश को ले जाया गया ,उसके पश्चात् विभिन्न सन्निधियों मे ले जाया गया।
श्रद्देय स्वामीजी विनायक स्वामीजी के कलश के साथ गये । विमान का कुंबाभिषेक किया गया एवं श्रद्देय स्वामीजी ने मंदिर का महाभिषेक किया।
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१२ दिसंबर २०१८ को तिरुवानैकावल कुंबाभिषेक , श्रद्देय स्वामीजी द्वारा किया गया।
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद एवं उपस्तिथि मे ,तमिल नाडू के सम्माननीय गवर्नर द्वारा ,तिरुवानैकावल के कुंबाभिषेक के अवसर पर एक विशेष डाक कवर जारी किया गया।इससे पहले ,माननीय गवर्नर ने भगवान विनायक एवं श्री चन्द्रमौलीश्वर सन्निधि मे पूजा किया।
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श्री अखिलान्डेश्वरी समेत श्री जम्बुलिंगेश्वर के कुंबाभिषेक के अवसर पर श्री तिरुवानैकावल (गजारन्यम) महात्म्यम् का विमोचन किया गया।
http://kamakoti.org/kamakoti/books/Sri-Tiruvanaikkaval-Mahatmyam.htm
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६ दिसंबर २०१८ ,तिरुवानैकावल मे अनुषम
अनुराधा नक्षत्र पर तिरुवानैकावल के भक्तजन ,श्री काची परमाचार्य के चित्र को लेकर चारों वीदियों मे गये।यह ,प्रति माह ,शंकर मठ के भक्तजन करते आयें हैं।स्वामीजी ने इस कार्यक्रम को आशीर्वाद दिया।
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१० दिसंबर २०१८
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्तिथी मे तिरुवानैकावल के कुंबाभिषेक के अवसर पर पूजा पूजा एवं संकल्प किया गया।इससे पहले , श्री जम्बुनातस्वामी के सन्निधि मे विशेष पूजा किया गया । श्री रंगनाथस्वामी के मंदिर से प्रसाद !श्रद्देय स्वामीजी को दिया गया।
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२ दिसंबर २०१८
काची से विलुपुरम जाते वक़्त ,चेन्गलपट्टु मे श्रद्देय स्वामिजी ने विवेकानन्दर विद्यालय के सासंकृतिक कार्यक्रम को अनुग्रहित किया। यह पाठशाला प्राचीन भारतीय खेल एवं कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करता है।श्रद्देय स्वामीजी ने बच्चों मे पारंपरिक, सासंकृतिक एवं पारिवारिक मान्यताओं के बड़ावे पर ज़ोर देने को कहा जिससे देश के विकास मे मदद मिलेगा ।
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से ,८ एवं ९ दिसंबर २०१८ को श्री अकिलान्डेश्वरी समेत श्री जम्बुकेश्वर मंदिर का कुंबाभिषेक किया जायेगा।श्री शंकर मठ ,तिरुवानैकावल ,तिरुची मे विशेष उपन्यास किया जायेगा।
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दिसंबर २०१८ मे होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
२ दिसंबर २०१८- रविवार- श्रद्देय स्वामीजी तिरुवानैकावल कुंबाभिषेक के लिये अपनी यात्रा प्रारंभ करेंगे।
२ दिसंबर ,१८- रविवार- श्री आदि शंकर विमान मण्डप ,प्रयागराज का कुंबाभिषेक
३ दिसंबर ,१८- सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
४ दिसंबर- मंगलवार- प्रदोष पूजा
१२ दिसंबर १८- बुधवार- तिरुवानैकावल कुंबाभिषेक
१७ दिसंबर २०१८- सोमवार- धनुरमास पूजा प्रारंभ
१९ दिसंबर १८- बुधवार- वैकुण्ठ एकादशी
२० दिसंबर १८- गुरुवार- प्रदोष पूजा,श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना।
२२ दिसंबर ,१८- शनिवार ,पूर्नीमा पूजा
२२ दिसंबर,१८- मकरायण पुण्य काल
२३ दिसंबर ,१८,रविवार,आरुद्रा दर्शन
७,१४,२१,२८ शुक्रवार -शुक्रवार पूजा
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५ से १२ दिसंबर २०१८ तक श्रीमठ कैप तिरुवानैकावल शंकर मठ मे रहेगा।
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१८ नवंबर २०१८ - काँचीपुरम मे योग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
श्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामिगल योग केन्द्र ने वार्षिक योग प्रतियोगिता का आयोजन किया।७५० से भी अधिक प्रतियोगियों ने इसमे भाग लिया।श्रद्देय स्वामीजी ने आशीर्वाद दिया।
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५ से १२ दिसंबर २०१८ तक श्रीमठ कैप तिरुवानैकावल शंकर मठ मे रहेगा।
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२१ नवंबर - श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना किया गया।
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रविवार ,२ दिसंबर को श्री आदि शंकरा विमान का जीर्नोद्दारन कुंबाभिषेक, प्रयागराज,उत्तर प्रदेश मे किया जायेगा।२९ नवंबर को कार्यक्रम ,विग्नेश्वर पूजा एवं संकल्प से प्रारंभ होगा।विभिन्न हवन एवं पूजाएँ किये जायेंगे।
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नवंबर २०१८ को श्रीमठ मे होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
५,सोमवार - प्रदोष पूजा
६- मंगलवार- दीपावली
१२, सोमवार - कार्तिक सोमवार पूजा
१३, मंगलवार - स्कन्द शष्टि
१९ ,सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
२०, मंगलवार- प्रदोष पूजा
२०, मंगलवार - वृन्दावन द्वादशी ,तुलसी विवाह
२१, बुधवार - श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना दिवस
२२, गुरुवार- कार्तिक दीप,पूर्णीमा पूजा
२६, सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
२,९,१६,२३,३० ,शुक्रवार पूजा
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काँचीपुरम स्थित बहरे बच्चों के पाठशाला मे २३ अक्टूबर २०१८ को नये खेल उपकरणों का उद्घाटन हुआ पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,विश्णु काची के निकट स्थित बहरे बच्चों के सरकारी विद्यालय गये।स्वामीजी के आशीर्वाद से पम्मल शंकरा ग्रुप ने इस विद्यालय के छात्रों के उपयोग के लिये खेल उपकरणों का दान किया है।
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२४ अक्टूबर को पूज्यश्री आचार्य ने श्री महात्रिपुरसुंदरी समेत श्री चन्द्रँमौलीश्वर स्वामीजी का अन्नाभिषेक किया । यह प्रति वर्ष ,तमिल मास ऐपसी के पूर्नीमा पर किया जाता है।
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२१ अक्टूबर २०१८ को श्रीमठ मे पूज्यश्री महास्वामीजी एवं पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के अधिष्ठान पर तामिरबरनी से लाये गया तीर्थ से अभिषेक किया गया ,उसके पश्चात् पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने अभिषेक किया।
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२८ अक्टूबर से ३ नवंबर २०१८ को श्रीमटम,काँचीपुरम मे श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से श्रीमद् भागवत् सप्ताह ,मराठी मे मनाया जायेगा।
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विजयदशमी के अवसर पर पूर्नाहूती किया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने अधिष्ठान मे कलश तीर्थ से अभिषेक और दीपाराधना किया।
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विजयदशमी के अवसर पर पूर्नाहूती किया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने अधिष्ठान मे कलश तीर्थ से अभिषेक और दीपाराधना किया।
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अब वाल्मीकि अयोध्या रामायण का सार kamakoti.org मे उपलब्ध है। इसे श्री वी डी एन राव ने अनुवाद किया है।
http://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Essence-of-Valmiki-Ayodhya-Ramayana.pdf
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१९ अक्टूबर २०१८ को विजयदशमी श्रीमठ के आफ़िस का सामने वाला भाग मे टी सी एस के मदद से कम्प्यूटराईसेशन प्रारंभ हुआ ।श्रद्देय स्वामीजी ने श्रीमठ के आफ़िस को आशीर्वाद दिया ।
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देवी नवरात्रा-https://www.kamakoti.org/kamakoti/dharmasindhu/bookview.php?chapnum=8
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आज श्रीमठ मे ,शारदा नवरात्री पूजा प्रारंभ हुआ। श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , श्री महात्रिपुरसुंदरी समेत श्री चन्द्रँमौलीश्वर स्वामी की पूजा करेंगे। विशेष पूजा ,जप,पारायण एवं हवन किया जायेगा।
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अक्टूबर २०१८ मे होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
६ शनिवार- प्रदोष पूजा,यति महालय
८ सोमवार-महालय अमावस्य
१० बुधवार - शारदा नवरात्री का आरंभ
१४ रविवार - सरस्वती आवाहन
१८ गुरुवार- सरस्वती पूजा
१९ शुक्रवार - विजयदशमी
२२ सोमवार- प्रदोष पूजा, श्रद्देय श्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना दिवस
२४ बुधवार- पूर्णीमा पूजा, अन्नाभिषेक
५,१२,१९,२६- शुक्रवार पूजा
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२५ सितंबर २०१८ को विश्वरूप यात्रा आयोजित किया गया।
चातुर्मास व्रत को समाप्त करते हुए ,श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी २५ सितंबर को विश्वरूप यात्रा करते हुए काची के पश्चिमी ओर से ,श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गये।
यात्रा का आरंभ ,श्रीमठ मे यात्रा दान से हुआ ।परंपरा अनुसार श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर से श्री आदी शंकरा (उत्सव मूर्ती) ,श्रीमठ पधारे ,उसके पश्चात् यात्रा प्रारंभ हुआ। श्रद्देय स्वामीजी ने आदि शंकराचार्य की आरती उतारी।
श्रीकाशी विश्वनाथस्वामी मंदिर के सर्वतीर्थ तट पर ,श्रद्देय पूज्यश्री आचार्य स्वामीजी ने भगवत गीता से Xl वा पाठ पढ़ा।पूजा के अंत मे श्री कृष्ण भगवान का दीप आराधना किया।
इसके पश्चात् ,श्रद्देय स्वामीजी ,श्री काची कामकोटी पीठम के ६० वे शंकराचार्य ,श्री अद्वैतात्मा प्रकाशेन्द्र सरस्वती के अधिष्ठान गये जो काँचीपुरम के निकट स्थित अंबी ग्राम मे है।
इसके पहले ,श्रद्देय स्वामीजी सर्वतीर्थ टैंक के निकट स्थित गंगैअम्मन मंदिर गये।भक्तजनों ने स्वामीजी का पूर्णकुंभ से स्वागत किया
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वार्षिक अग्निहोत्र सदा ,आज २३ सितंबर २०१८ को समाप्त होगा।
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२२ सितंबर - प्रात:काल श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की आराधना दिवस एवं सायंकाल प्रदोश पूजा किया गया।
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२१-२३ सितंबर २०१८ को श्रीमटम मे अग्निहोत्र सदा प्रारंभ हुआ
२१ सितंबर २०१८ को वार्षिक अग्निहोत्र सदा श्रीमटम मे प्रारंभ हुआ।देश के विभिन्न भाग से नित्यअग्नीहोत्री ,इसमे सम्मिलित होगें।
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१८ सितंबर को पँचाग सदा प्रारंभ हुआ
वार्षिक पँचाग सदा ,जिसमे विद्वान वार्षिक पँचाग तैयार करते हैं, १८ सितंबर से काची कामकोटी पीठम मे प्रारंभ हुआ।
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१८ सितंबर को पँचाग सदा प्रारंभ हुआ
वार्षिक पँचाग सदा ,जिसमे विद्वान वार्षिक पँचाग तैयार करते हैं, १८ सितंबर से काची कामकोटी पीठम मे प्रारंभ हुआ।
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दक्षिन भारतीय पुरोहित संग का वार्षिक बैठक ,१८ सितंबर को आयोजित किया गया।श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने इस बैठक को आशीर्वाद दिया एवं अनुग्रह भाषण भी दिया। यह ,बैठक प्रति वर्ष श्रीमठ मे आयोजित किया जाता है।
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तिरुकोविलगल वलिपाट्टू कूलु श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथी मे ८ वी वार्षिक बैठक श्रीमठ मे आयोजित किया गया। श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया।
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श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र स्वामीजी का अनुग्रह भाषण
-http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Vinayaka%20Chaturthi.html
सिंहः प्रसेनं अवधीत् सिंहो जाम्बवता हतः ।
सुकुमारक मा रोदीः तव ह्येष: स्यमन्तकः ॥
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२०१८ के युवा संकीरतन मे ३६ पाठशालाओं से १००० विद्यार्थी काँचीपुरम आकर पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के समक्ष कार्यक्रम प्रस्तुत किये। श्री काची कामकोटी पीठम ,विद्यार्थियों के उत्साहित स्वरों से गूँज उठा। श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण भी दिया।
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६ सितंबर २०१८ को श्री प्रणब मुखर्जी ,भारत के पूर्व राष्ट्रपति ,श्रीमठ पधारे।श्रीचन्द्रमौलीश्वर पूजा एवं दीपाराधना मे सम्मिलित होने के पश्चात् ,उन्होने पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी एवं पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी के अधिष्ठान मे प्रार्थना किया।
श्री प्रणब मुखर्जी ने श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी से आशीर्वाद लिया।इससे पहले उन्होने एनत्तूर मे स्थित श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती विश्व महाविद्यालय के एक बिल्डिंग " श्री जयेन्द्र प्रसाद "का उद्घाटन किया।उन्होने श्री आदि शंकराचार्य के विग्रह मे प्रणाम अर्पित भी किया।
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६ सितंबर को शंकरा नेत्रालय ,चेन्नई ने अपना ४० वा फ़ाउंडेशन दिवस मनाया।श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने विडियो कान्फरन्स द्वारा अनुग्रह भाषण दिया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा श्रीमठ मे ७ सितंबर को प्रदोष पूजा करेंगें l
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सितंबर २ रात्रि को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा श्री कृष्ण जयंती की पूजा किया जायेगा
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सितम्बर २०१८ को श्रीमठ मे होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम २, रविवार- जन्माष्टमी
७, शुक्रवार- प्रदोष पूजा, श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी की आराधना दिवस
११,मंगलवार- सामवेद उपकर्म
१३,गुरुवार - गणेश चतुर्थी
१५,शनिवार- अनुष नक्षत्र
१५ ,१६ -अद्वैत सदा
१८ से २०- पँचाग सदा
२१ से २३- अग्निहोत्र सदा
२२,शनिवार- प्रदोष पूजा
२४,रविवार- पूर्नीमा पूजा
२५ मंगलवार- विश्वरूप यात्रा,चातुर्मास की समाप्ति
७,१५,२१,२८- शुक्रवार,शुक्रवार पूजा
ई सेवा के लिये www.kanchimuttseva.org मे योगदान करें।
जय जय शंकर हर हर शंकर,काँची शंकर कामकोटी शंकर
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श्रीमटम् के यजुर वेद पाठशाला एवं वेदिक इन्स्टिट्यूट ,लेडी के विद्यार्थियों ने श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी से आशीर्वाद लिया।
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२६ अगस्त २०१८ को श्रीमट मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथि मे यजुर वेद उपकर्म का आयोजन किया गया थाI
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ताम्रपर्णी अष्टोत्तरम - श्री ताम्रपर्णी अष्टोत्तर शतनामावली
http://kamakoti.org/kamakoti/articles/Tamraparani-Ashtottram.html
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२५ अगस्त २०१८ को श्रीमठ मे श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से रिग वेद उपकर्म किया गया।
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नवी मुम्बई के श्री पी आर कन्नण द्वारा तामिरबरनी महात्म्यम् पर उपन्यास 1. २२ अगस्त -सायंकाल ६.३० से ८ बजे तक
2. २३ अगस्त - सायंकाल ७-८.३० तक ,रत्नगिरीश्वर मंदिर ,चेन्नई मे
3. २६ अगस्त - सायंकाल ६-८ तक ,अर्धनारीश्वर मंदिर ,चौथा मैन रोड,नंगनल्लूर ,चेन्नई ६००११५
4. भक्तजनों से निवेदन है की इसमे सम्मिलित होके तामिरबरनी माता का आशीर्वाद एवं श्रद्देय स्वामीजी का अनुग्रह प्राप्त
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें-
www.tamraparnipushkaram.info/
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२३ अगस्त २०१८ को प्रात:काल जगत्गुरू श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना दिवस मनाया जायेगा एवं संध्याकाल को श्रीमटम मे प्रदोष पूजा किया जायेगा।
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१८ अगस्त २०१८ को श्रीमटम मे श्रद्देय पूज्यश्री जगत्गुरू चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिजी का स्वर्ण रथोत्सव सेवा,अनुषम नक्षत्र के अवसर पर आयोजित किया गया।
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श्रीमटम द्वारा भक्तजनों के लिये ,केरल एवं कर्नाटक के बाढ़ मे पीड़ित लोगों के राहत कार्यों के विशय मे एक संक्षिप्त नोट जारी किया गया है "श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के निर्देश एवं इच्छानुसार, भक्त जनों से निवेदन है की प्रार्थना के साथ कुछ आवश्यक सामग्रियाँ जैसे नये बेडशीट,स्टोव,दवाई,ख़ान पान के सामग्री ,बर्तन इत्यादि का भी योगदान ,विभिन्न चेन्नई,तिरुवानैकावल ,तन्जावूर ,मदुरै,कोयमबतूर एवं तिरुनेलवेली के मटों मे करें।
२५ लाख रुपय की डीडी प्रधान मन्त्री राहत कोष मे दी गयी है।
जो भक्तजन ,श्रीमट के द्वारा योगदान करना चाहते हैं ,वे आनलाइन www.kanchimuttseva.org द्वारा कर सकते है एवं योगदान का कारण स्पष्ट करके जाँच कर सकते है।
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श्रीमटम द्वारा भक्तजनों के लिये ,केरल एवं कर्नाटक के बाढ़ मे पीड़ित लोगों के राहत कार्यों के विशय मे एक संक्षिप्त नोट जारी किया गया है "श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के निर्देश एवं इच्छानुसार, भक्त जनों से निवेदन है की प्रार्थना के साथ कुछ आवश्यक सामग्रियाँ जैसे नये बेडशीट,स्टोव,दवाई,ख़ान पान के सामग्री ,बर्तन इत्यादि का भी योगदान ,विभिन्न चेन्नई,तिरुवानैकावल ,तन्जावूर ,मदुरै,कोयमबतूर एवं तिरुनेलवेली के मटों मे करें।
२५ लाख रुपय की डीडी प्रधान मन्त्री राहत कोष मे दी गयी है।
जो भक्तजन ,श्रीमट के द्वारा योगदान करना चाहते हैं ,वे आनलाइन www.kanchimuttseva.org द्वारा कर सकते है एवं योगदान का कारण स्पष्ट करके जाँच कर सकते है।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से ,लोक कल्याण के लिये ,कुंबकोनम के श्रीमठम मे भी काँची मठ के ही प्रकार नित्य वेद पारायण आरंभ किया गया है। इस योजना के दान लिये भक्तजन सम्पर्क करें www.kanchimuttseva.org
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१५ एवं १६ सितंबर २०१८ को श्रद्देय श्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से विद्वत सदा का आयोजन किया गया है।
इस सभा का आयोजन ,अद्वैत सभा द्वारा किया जाता है जो श्री कामकोटी पीठम के ६६ वे आचार्य द्वारा सन् १८९४ मे स्थापित किया गया था।
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१५ एवं १६ सितंबर २०१८ को श्रद्देय श्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से विद्वत सदा का आयोजन किया गया है।
इस सभा का आयोजन ,अद्वैत सभा द्वारा किया जाता है जो श्री कामकोटी पीठम के ६६ वे आचार्य द्वारा सन् १८९४ मे स्थापित किया गया था।
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१८-१९ अगस्त २०१८ को मदुरै मे प्रवचन
१८-१९ अगस्त २०१८ को वेद धर्म परिपालन सभा ने मदुरै मे श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से निम्नलिखित विषयों पर प्रवचन का आयोजन किया है। उपकर्मा,श्रवण,गायत्री मन्त्र की महिमा,महानारायनोपनिषद मन्तिरार्थम आदित्यम,वैश्वदेवम,पित्रु पूजनम- महालयम।
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श्रद्देय १५ एवं १६ सितंबर २०१८ कोपूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से १५ एवं १६ सितंबर २०१८ को विद्वत सदा का आयोजन किया गया है।
इस सभा का आयोजन ,अद्वैत सभा द्वारा किया जाता है जो श्री कामकोटी पीठम के ६६ वे आचार्य द्वारा सन् १८९४ मे स्थापित किया गया थाl
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१५ अगस्त १९४७ के ही दिन श्रद्देय पूज्यश्री जगत्गुरू चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी द्वारा दिये गये स्वतंत्रता दिवस भाषण।
http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Mahaswami%20Independence%20Day%20Message.html
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श्री काँची शंकर स्मारत पाठशाला ,ओंगोल के छात्रों ने श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथि मे ८ अगस्त २०१८ को वेद बोला।
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kamakoti.org/telugu -
४००० से भी ज़्यादा पन्नों एवं ८० से भी ज़्यादा पुस्तकों को अब यूनिकोड मे परिवर्तित कर दिया गया है।
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भागवत सप्ताह पूर्ती -४ अगस्त २०१८
श्री कृष्ण प्रेमी जी ने श्रीमठम मे भागवत सप्ताह की समाप्ति की । इस सप्ताह की समाप्ति श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के उपस्तिथी मे हुई।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर चेन्नई के पम्मल मे स्थित शंकरा अई अस्पताल मे रक्त दान कैंप आयोजित किया गया।
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श्रीकृष्ण प्रेमीजी का श्रीमद् भाग्वत पारायण ,श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति मे श्रीमठ मे चल रहा है। यह कार्यक्रम ४ अगस्त २०१८ तक चलेंगा।
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श्रीकृष्ण प्रेमीजी का श्रीमद् भाग्वत पारायण ,श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति मे श्रीमठ मे चल रहा है। यह कार्यक्रम ४ अगस्त २०१८ तक चलेंगा।
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पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के निर्देशानुसार ,२९ एवं ३० जुलाई २०१८ को श्री स्वामीनाथ स्वामी मंदिर मे श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती महोत्सव पर रिग वेद पूर्ण मूल पारायण किया गया
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श्रीमठ मे अगस्त २०१८ मे होने वाली विशेष पूजाए एवं कार्यक्रम
श्रीमठ मे अभी चल रहे भागवत सप्ताह ,४ अगस्त को समाप्त होगा।
९ अगस्त - गुरुवार ,प्रदोष पूजा
२३ अगस्त - गुरुवार ,प्रदोष पूजा,श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना दिवस
२५ अगस्त ,शनिवार,पूरनीमा पूजा, रिग उपकर्मा
२६ अगस्त - रविवार - यजुर उपकर्मा
२७ अगस्त - सोमवार - गायत्री जप
३,१०,१७,२४,३१ अगस्त ,शुक्रवार ,शुक्रवार
आनलाइन योगदान के लिये
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|| लोकाःसमस्ताःसुखिनोभवन्तु ||
जय जय शंकर हर हर शंकर काची शंकर कामकोटी शंकर
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव
श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उप्स्थिति मे अधिष्ठान मे पूर्नाहूती किया गया।शंरद्दाय स्वामीजी ने कलश तीर्थ से अभिषेक किया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव
श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने अधिष्ठान मे स्वर्ण पाद पूजा किया।
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श्रद्देय स्वामीजी का हिन्दी अनुग्रह भाषण (व्यास पूजा की विशेषता)
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने नासिक के पाठशाला को आशीर्वाद देते हुए अनुग्रह भाषण दिया।उसमें स्वामीजी ने व्यास पूजा की विशेषता बताया है (गुरु पूर्नीमा )
https://www.youtube.com/watch?v=JHrYQN__ysI&feature=youtu.be
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श्री अनंतनन्देन्द्र स्वामिगल द्वारा लिखित पुस्तिका मे चातुर्मास के विषय मे बताया गया है ।इसका अंग्रेज़ी अनुवाद श्री आर पी कन्नण द्वारा लिखा गया है एवं वेद धर्म परिपालन सभा ने प्रकाशित किया है।श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी ने इस पुस्तक को जारी किया । इस पुस्तक उप्लब्द है - http://kamakoti.org/kamakoti/books/Chathurmasyam.pdf.
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२९ जुलाई २०१८ को श्री देवी कामाक्षी मंदिर ,नई दिल्ली मे श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव मनाया जायेगा।
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२७ जुलाई २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा गुरु पूर्नीमा एवं व्यास पूजा किया जा रहा है।
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२७,२८ जुलाई २०१८ (गुरु पूर्नीमा एवं व्यास पूजा) का संभावित कार्यक्रम
२७ जुलाई
प्रात: ५ बजे: श्री चन्द्रँमौलीश्वर पूजा
प्रात: ९ बजे -व्यास पूजा
संध्या ६ बजे - पर्नीमा पूजा
रात्रि ११.४२ को चन्द्र ग्रहण प्रारंभ
२८ जुलाई
प्रात: ३.५० बजे - गेरहण विमोक स्नान ( चन्द्र ग्रहण की समाप्ति)
प्रात: ९ बजे - श्री चन्द्रँमौलीश्वर पूजा
दोपहर १ बजे व्यास पूजा का पुन: पूजा
मन्त्राक्शट प्रसाद
( सभी समय संभावित ही है)
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२९ एवं ३० जुलाई को श्री स्वामिनाथ स्वामी मंदिर ,स्वामीमलै मे श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती पर रिग वेद सम्हित पारायण का आयोजन किया गया है।
३१ जुलाई संकट हार चतुर्थी के दिन तिरुवलांचुली मंदिर मे रिग वेद संहित पारायण का आयोजन किया गया है।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती विश्व महाविद्यालय के नये छात्रों को २३ जुलाई को आयोजित कार्यक्रम मे आशीर्वाद दिया एवं अनुग्रह भाषण भी दिया।
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२५ जुलाई से २५ सितंबर तक काँचीपुरम मे व्यास पूजा एवं चातुर्मास
२५ जुलाई (अषड पूर्नीमा )से २५ सितंबर (भद्रपाद पूर्नीमा)तक काँचीपुरम मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी व्यास पूजा एवं चातुर्मास व्रत का पालन करेंगे।
विभिन्न सासंकृतिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। वार्षिक अग्निहोत्र सभा,अद्वैत वेदान्त सदा,वेद विद्वत सदा,नित्य वेद पारायण,प्रवचन एवं संगीत समारोह आयोजित किया जायेगा।
विशेष एवं महत्वपूर्ण तिथियाँ -
२७ जुलाई-शुक्रवार- व्यास पूजा,चातुर्मास व्रत का आरंभ
२९ जुलाई- रविवार- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी की जयंती महोत्सव मनायी जायेगी
१५-१६ सितंबर - अद्वैत सदा
१८-२० सितंबर- पँचाग सदा
२१-२३ सितंबर - अग्निहोत्र सदा
२५ सितंबर - मगंलवार - विश्वरूप यात्रा ,चातुर्मास व्रत की समाप्ति (भद्रपाद पूर्नीमा )
: http://kamakoti.org/kamakoti/news/2018/Vyasa-Puja-Chaturmasyam-Shankaracharya-Swamigal-2018.html
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भगवत गीता का सार-
kamakoti.org (Access at http://www.kamakoti.org/misc/articles.html)
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काची कामकोटी पीठम के जगत्गुरू शंकराचार्य स्वामिजी के आशीर्वाद से वेद धर्म शास्त्र परिपालन सभा ने चेन्नई के क्रोम्पेट मे ८ जुलाई को धर्म शास्त्र सदा का आयोजन किया है l
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७-८ जुलाई २०१८ को धर्म शास्त्र पुणे मे विशेष उपन्यास का आयोजन किया गया है-
काची कामकोटी पीठम के जगत्गुरू शंकराचार्य स्वामिजी के आशीर्वाद से ,पुणे स्थित वेद धर्म परिपालन सभा ने श्री काची कामकोटी पीटम अध्य शंकर मंदिर एवं अन्य स्थानों मे उपन्यास आयोजित किया है l
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२ जुलाई को अरसकात अम्मन मंदिर मे कुंबाभिषेक
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वीमीजी ,अरसकात अम्मन मंदिर के कुंबाभिषेक के लिये गये।यह मंदिर एकाम्बरेशवर मंदिर के रास्ते पर काँचीपुरम मे स्थित है।श्रद्देय पूज्यश्री महापेरियवा एवं श्रद्देय पूज्यश्री पेरियवा ने भी यहा कुंबाभिषेक किया है।
इस मंदिर की एक विशेषता है। देवी का वाहन सिंह ही होता है,परंतु यहा देवी का वाहन गंज है। कहा जाता है कि माता ने यहा के राजा की रक्षा की थी ,और माता के आशीर्वाद के पश्चात् ही एकाम्बरेशवर स्वामी के गोपुरम की समाप्ति हो सकी।
विशेष आरती एवं स्वामिजी को पारंपरिक रूप से सम्मानित किया गया।मंदिर के धर्मकर्ताओं को आशीर्वाद दिया गया।
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आज प्रात: ( १ जुलाई ) श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी के अधिष्ठान मे श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी ने तुलसी प्रतिष्ठा एवं पुण्य तीर्थ से अभिषेक किया गया।इसे पहले एकादश रुद्र हवन,चण्डी पारायण ,चतुर्वेद पारायण और पूर्नाहूती किया गया था।
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आज श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी के वृन्दावन मे तुलसी प्रतिष्ठा समारोह आज शंकरा टी वी मे सीधा प्रसारण किया जायेगा।
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श्रीमठम् मे जुलाई २०१८ को होने वाली पूजाएँ
१ जुलाई- रविवार- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी के अदिष्टान मे तुलसी की प्रतिष्ठा
१६ जुलाई- सोमवार- दक्षिनायन पुण्यकाल
२५ जुलाई - बुधवार- प्रदोष पूजा
२७ जुलाई - शुक्रवार - व्यास पूजा ,पूर्नीमा पूजा,चातुर्मास का प्रारंभ ,चन्द्र ग्रहण
२९ जुलाई - रविवार - श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी का जयंती महोत्सव
६,१३,२०,२७-शुक्रवार ,शुक्रवार पूजा
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें-
http://www.kanchimuttseva.org
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२९ जून २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी के वृन्दावन मे तुलसी स्थापना कार्यक्रम के अवसर पर एकादश रुद्र जप एवं चण्डी पारायण किया गया।तुलसी स्थापना १ जुलाई को की जायेगी
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१ जुलाई २०१८ को वृन्दावन मे तुलसी स्थापना १ जुलाई २०१८ को ,रविवार को पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के वृन्दावन मे तुलसी स्थापना पूजा किया जायेगा।२९,३० जून एवं १ जुलाई २०१८ को एकादशी रुद्र जप एवं हवन ,चण्डी पारायण एवं हवन ,अभिषेक और पूर्नाहूती किया जायेगा l
भक्तजनों से अनुग्रह है कि वे इस कार्यक्रम मे आकर स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त करें।
वृन्दावन स्थापना की सभी व्यवस्थाएँ की जा रही हैं। अभी कूर्म पीठ आधार तैयार है।
मानसरोवर से कन्याकुमारी तक ,वे सभी स्थान जहाँ श्रद्देय स्वामीजी गये थे, वहाँ से मृत्तिका (मिट्टी) लाया गया एवं स्वामीजी के वृन्दावन मे वैदिक जप के साथ डाला गया था। इसी प्रकार १ जुलाई २०१८ को सभी पुण्य नदियों से लाये गये तीर्थ को डाला जायेगा।
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२४/६/२०१८ को हिन्दू समय मन्रम ने दो दिन का शिक्षक प्रशिक्षण आयोजन किया।
२४ जून २०१८ को हिन्दू समय मन्रम ने एनत्तूर के शंकरा कालेज मे दो दिन का शैक्षिक सेमिनार का आयोजिन किया।समापन समारोह का आयोजन श्रीमठम मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी के उपस्थिति मे किया गया।
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२५ जून २०१८ को श्रीमठ मे प्रदोष पूजा किया गया।
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२२ जून २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति मे ,काँचीपुरम के निकट ओरिक्कै मे स्थित पूज्यश्री महास्वामिजी मणिमण्डप के नवनिर्मित नन्दी मण्डप एवं राज गोपुरम का महाकुंबाभिषेक किया गया।
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श्र्द्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से २३ एवं २४ जून २०१८ को हैदराबाद मे वेद धर्म परिपालन सभा द्वारा वेद पारायण का आयोजन किया गया
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श्र्द्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से २३ एवं २४ जून २०१८ को हैदराबाद मे वेद धर्म परिपालन सभा द्वारा वेद पारायण का आयोजन किया गया
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२५ जून २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना दिवस मनाया गया
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का मृत्तिका समर्पन
https://youtu.be/cXkOaGeX31w
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के समाधि मे मृत्तिका ,अर्पण किया। इस तीर्थ जल एवं मृत्तिका को भारत के विभिन्न क्षेत्रों से ,नेपाल से एवं कैलाश मानसरोवर से लाया गया है। इसे १७ एवं १८ संध्याकाल को वैदिक मन्त्रों एवं श्लोक के साथ अर्पित किया गया।
श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने अपने जीवन काल मे भारत वर्ष के विभिन्न क्षेत्र जैसे चार धाम,सप्त मोक्षापुरी ,सप्त नाड़ी ,द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं अन्य और क्षेत्रों की एक से अधिक बार पद यात्रा एवं अन्य रूप से यात्रा की थी।
Source - http://kamakoti.org/kamakoti/news/2018/Mruttika%20Samarpanam%20at%20Adhisthanam.html
श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के वृन्दावन के लिये ,मृत्तिका जहाँ से लाए गये उन स्थानों के नाम इस प्रकार हैं-
** क्षेत्र/देवता/मंदिर/नदी **
श्री पेरियवा अवतार स्थल
इरुलनीकी -हर्द्र नदी
इरुलनीकी -घर जहाँ उनका जन्म हुआ
श्री आदी आचार्य अवतार स्थल ,कालडी
कश्मीर- श्री शंकराचार्य हिल
कश्मीर - पाक अधिकृत कश्मीर श्री शारदा पीठम
कैलाश मानसरोवर
** श्रीमठम वृन्दावन**
नेरूर श्री सदाशिव ब्रह्मेन्द्र
नेरूर विश्वनादेश्वर
काँचीपुरम - श्री महास्वामीजी
कलवै - ६६ एवं ६७ आचार्य
इलयात्रानगुडी- ६५ वे श्री सुदर्शन महादेवेन्द्र सरस्वती
कुंबकोनम -६२,५३,एवं ६४ वे आचार्य
कील अम्बी
वडवाम्बलम
तिरुवोट्रियूर-५५ एवं ६१ वे
गोविन्दपुरम
एलुचूर
तिरुवेन्गाडु
**काची क्षेत्र**
कम्पा सरस( श्री एकाम्बरेशवर )
कच्चाबेश्वर मंदिर टैंक
सर्वतीर्थ पानी टैंक
काशी विश्वनाथ मंदिर - सर्व तीर्थ
मंगल तीर्थ
शिवस्थान मंदिर टैंक
यथोत्तकारी मंदिर टैंक
रंगसामी टैंक
तिरुमुक्कूडल
ओरिरुक्कै
**चार धाम **
बद्रीनाथ
पूरी जगन्नाथ
द्वारका
रामेश्वर
** सप्त मोक्षापुरी **
अयोध्या
मथुरा
माया(हरिद्वार)
काशी
काँची
अवंतिकापुरी(उज्जैन)
द्वारका
**सप्त पुन्य नदी**
गंगा
यमुना
गोदावरी
सरस्वती
नर्मदा
सिंधु
कावेरी
**द्वादश ज्योतिर्लिंग लिंग क्षेत्र **
सौराष्ट्र सोमनाथ
श्रीशैलम मल्लिकारजुन
उज्जैन महाकालेश्वर
ओंकारेश्वर अमरेश्वर
1. परली वैद्यनाथ- झारखण्ड
2. परली वैद्यनाथ- महाराष्ट्र
डाकिनी भीमशंकर
रामेश्वर रामनाथ
दारुकावन नागेश
वारनसी विश्वनाथ
त्रयम्बकेश्वर त्र्यम्बक
हिमालय केदारेश्वर
औरंगाबाद गृश्नेश्वर
**पँच भूत क्षेत्र**
पृथ्वी - काँचीपुरम
जल-जम्बूकेश्वर
वायु-श्री कालहस्ती
अग्नि - तिरुवन्नामलई
आकाश-चिदम्बरम
**आरु पडै वीडु**
तिरुपरनकुनरम
तिरुचेन्दूर
पलनी-शनमुगा नदी
स्वामीमलै
तिरुत्तनी
पलमुदिरचोलै
**नेपाल एवं उत्तर भारतीय क्षेत्र **
नेपाल - काठमांडू
नेपाल- गण्डकी नदी
नेपाल- बागमती नदी
नेपाल- नारायणी मंदी
प्रयाग- त्रिवेणी संगम
चित्रकूट मंदाकिनी नदी
जयंतीपुर (रुद्राक्ष नदी के नीचे)
पंडरपुर -चंद्रबाग
**तमिलनाडू के अन्य क्षेत्र **
रामेश्वर
श्री रामनाथस्वामी मंदिर के तीर्थ
श्री नम्बु नायकी अम्मन मंदिर- सर्व रोग निवारण तीर्थ
धनुशकोडी तीर्थ
देवी पटनम- नव पाशण
तिरुपुल्लणी -दर्ब शयन
**चेन्नई**
तिरुवालंकाडु
मयिलापूर , कपालीश्वर
तिरुवेलिकेणी - पार्थसारथी
कालिकाम्बाल
तिरुवोट्ट्रियूर ,त्यागराजस्वामी
मडम्बाक्कम ,तेनुबुरीश्वर
तिरुवानमियूर,मरुन्दीश्वर
बेसन्ट नगर, आरु पडै वीडु
बेसन्ट नगर,अष्ठलक्ष्मी मंदिर
तिरुवेरकाडु,करुमारी अम्मन
कच्चलीश्वर
कण्डकोटम,कन्दस्वामी
वेस्ट माम्बलम ,काशी विश्वनाथ
तिरुसूलम,तिरुसोलनादर
तिरुनीरमलै,रंगनाथ
परंगिमलै,गोदण्डराम
अभयारण्य,अनन्तपद्मनाभस्वामी
**तंजावूर ज़िला **
तिरुवैयारु,ऐयरप्पर
तिरुविडैमरुदूर,महालिंगस्वामी
पट्टीश्वर
उप्पुलिप्पन मंदिर
नाचियार मंदिर
धारासुरम
तिरुकोडिकावल कावेरी
सूरियनार मंदिर,सूरियान
श्वेतनारयणेश्वर ,तिरुवेन्गाडु
कंजानूर,शुक्रन
नल्लोर,पँचवरनेश्वर
तिरुवलन्चुली
तन्जावूर,बंगारू कामाक्षी
तन्जावूर,ब्रहदीश्वर मंदिर
पुन्नैनल्लूर,मारियम्मन
मयूरम,मयूरनादर
कुंबकोनम,श्री काशी विश्वनाथ
कुंबकोनम,श्री सारंगपानी
कुंबकोनम,श्री सक्करपानी
पूमपुहार ,कावेरी कावेरी पूम्पट्टिनम
ईचान्गुडी
कुंबकोनम ,श्री आदि कुंबेश्वर
श्री राम मंदिर,दक्षिन अयोधि,बास्केट क्षेत्र ,कुंबकोनम
तिरुवारूर
त्यागराजस्वामी मंदिर
मन्नारगुडी
कैलाशनादर मंदिर
राजगोपालस्वामी मंदिर
बानी नदी
वेदारनयम
मंदिर टैंक,( मनिकरनिका तीर्थ )
समुद्र तीर्थ
तिरुची
कावेरी
कोल्लिडम
श्रीरंगम,श्रीरंगस्वामी
मदुरै
वैगै नदी
मीनाक्षी मंदिर
तिरुनेलवेली
ताम्रपर्णी
नेल्लैयप्पर
पापनासम
तिरुमूरती पर्वत,श्री अमानलिंगेश्वर
अमरावती नदी
भवानी नदी
ऊन्जलूर-कावेरी
कोडुमूडी-कावेरी
नेरूर- कावेरी
करूर-श्री कल्यान पशुपतीश्वर
करूर-श्री कल्यान वेंकटरमनार,तन्तोन्रिमालै
सलेम,वशिष्ठ नदी
कलुग पर्वत
वांचियूर विश्वनाथ स्वामी
**केरल क्षेत्र **
गुरुवायूर
त्रिशूर
कडमपुला
चोट्टनकरई
वैकम
कडुंदुरुत्ती
एट्रुमनूर
सबरीमाला - पम्पा
आरियनकावु
वर्क्कलई
तिरुवनन्तपुरम
तिरुवट्टारु
कन्याकुमारी
नागरकोविल
तिरुपदिसारम
जटायुपुरम
महेन्द्रगिरी
वल्लीयूर
**आन्द्र क्षेत्र**
श्री कूर्म
विजयवाडा ,कनादुर्गा
मंगलगिरी ,पनगनरासी
भीमावरम् ,सोमेश्वर
बासर सरस्वती
द्रक्ष रामम
कृष्णा नदी
अरसवल्ली ,सूर्यनारायन
अमरावती,अमरेश्वर
पालकोल्लु,क्षेरराम
अन्नावरम्,सत्यनारायण
तिरुपती
श्री श्रीनिवास पेरुमाल,तिरुमला
श्री आदी वराह स्वामी
कपिल तीर्थ
श्री गोतन्डरामस्वामी
तिरुचानूर अलरमेल मंगापुरम
श्री गोविन्दराज स्वामी
श्री श्रीनिवास मंगापुरम
**कर्नाटक क्षेत्र **
कोल्लूर मूकाम्बिका
सौपारनिका नदी
कुकै सुब्रमन्य
उड़िप्पी कृष्ण
कुंडली - तुंगबद्र
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स्वामीमलै मे वेद पारायण किया गया-
पूज्यश्री आचार्य के आशीर्वाद से संकट हार चतुर्थी के दिन (२/६/२०१८) तिरुवलांचुली एवं कृतिका के जिन (१२/६/२०१८) को स्वामीनाथ मंदिर ,स्वामीमलै मे वेद पारायण का आयोजन किया गया . (http://www.kamakoti.org/kamakoti/notemplate/SVP/index.html)
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२९ मई २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का संयास स्वीकार दिवस है।सन् १९८३ मे इस दिन श्रद्देय स्वामीजी ने श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वतीका स्वामीजी से संयास स्वीकार किया था।
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२९ मई २०१८ को अनुष नक्षत्र होने के कारण श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का जयंती महोत्सव श्रीमठ मे मनाया जायेगाI
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की श्रद्धांजलि ,आज (२७ मई २०१८)संध्याकाल ४ बजे ,श्रीमठ,काँचीपुरम मे होगा।
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आज(२७ मई २०१८) को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की श्रद्धांजलि
मनाया जायेगा।श्रीमठ ,काँचीपुरम मे रिग वेद पारायण एवं भजन का आयोजन किया गया है।सभी भक्तजनों से इसमे सम्मिलित होने का निवेदन है।
1. तिरुचेम्बुर मुरुगन मंदिर,चेम्बूर
2. साउत इंडियन भजन समाज,मातुंगा
3. आस्तिक समाज,मातुंगा
4. मरुबाई गमदेवी मंदिर,मातुंगा
5. श्री काँची कयंकर्य सभा,गोरेगाँव
6. काँची कामकोटी कयंकर्य सभा,अनुशक्ती नगर,चेम्बूर
7. मुलुंद भजन समाज,विद्या मंदिर,मुलुंद ,पश्चिम
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श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का जयंती महोत्सव २७ से २९ मई २०१८ तक श्री काँची कामकोटी पीठ ,कुंबकोनम मे।
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श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का जयंती महोत्सव २७ से २९ मई २०१८ तक श्री काँची कामकोटी पीठ ,काँचीपुरम मे मनाया जायेगा।विभिन्न धार्मिक एवं सासंकृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।२९ मई २०१९ ,जयंती दिवस के अवसर पर श्री रुद्र पारायण जप ,प्रात: ७.३० को हवन का आयोजन किया गया है।दोपहर १२.३० को विशेष अभिषेक का भी आयोजन किया गया है।भक्तजनों से निवेदन है की वे आकर श्रद्देय स्वामिजी से आशीर्वाद प्राप्त करें।
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श्रीमठ मे मई २०१८ मे होने वाली पूजाएँ एवं कार्यक्रम
१३ मई- रविवार- प्रदोष पूजा
२६ मई - शनिवार- प्रदोष पूजा
२८ मई- सोमवार- पूर्णिमा पूजा
२९ मई- मंगलवार-श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिजी की जयंती
४,११,१८,२५ मई - शनिवार -शुक्रवार पूजा
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श्री शंकर जयंती महोत्सव- श्रद्देय पूज्यश्री आचार्य के उपस्तिथि मे नेरूर श्री रमण शर्माजी ने भज गोविन्दम पर प्रवचन दिया।उसके पश्चात् ,श्री आचार्य की उत्सव मूर्ती को राज वीदी मे पालकी मे ले जाया गया।
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श्री शंकर जयंती महोत्सव- श्रद्देय पूज्यश्री आचार्य के उपस्तिथि मे नेरूर श्री रमण शर्माजी ने भज गोविन्दम पर प्रवचन दिया।उसके पश्चात् ,श्री आचार्य की उत्सव मूर्ती को राज वीदी मे पालकी मे ले जाया गया।
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श्री शंकर जयंती महोत्सव- श्रद्देय पूज्यश्री आचार्य के उपस्तिथि मे श्री रामसुब्रमन्य शर्माजी ने भज गोविन्दम पर प्रवचन दिया।उसके पश्चात् ,श्री आचार्य की उत्सव मूर्ती को राज वीदी मे पालकी मे ले जाया गया।
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१७ अप्रेल २०१८ को माण्डूक्य उपनिषद पर उपन्यास
श्री शंकर जयंती के अवसर पर मुल्लइवासल श्री कृष्नमूर्ती शास्त्री ने पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथि मे १७ अप्रेल को श्रीमठ मे माण्डूक्य उपनिषद पर उपन्यास किया।
१८ अप्रेल को श्री सुब्रमन्य भुजंग पर उपन्यास होगा।
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१६ से २० अप्रेल २०१८ को कल्कत्ता के वेद भवन मे शंकर जयंती महोत्सव मनाया जायेगा।
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"त्योहारों मे अग्नि की उपासना" अब उपलब्ध है http://kamakoti.org/kamakoti/books/Agni-Upasana.html में।
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गणेश महिमा का सार - लेखक श्री वी डी एन राव, अब kamakoti.org मे उपलब्ध होगा। http://www.kamakoti.org/misc/articles.html
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श्रद्देय स्वामीजी द्वारा कामाक्षी एवं काँची के विशय मे तेलुगु मे अनुग्रह भाषण
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी ने तेलुगु भक्तों को अम्बाल के विशय मे ललिता सहस्रनाम से बताया।उन्होने पुरानों से एवं मुख पँचषटी से सुन्दर वर्नण दिया।
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ई- सेवा की एक साल की समाप्ति - पूज्यश्री आचार्य के आशीर्वाद से , www.kanchimuttseva.org, पिछले वर्ष १४ अप्रेल को प्रारंभ किया गया था। इसके द्वारा भक्तजन श्रीमठ के पाँच विशेष सेवाओं के लिये आनलाइन ही योगदान कर सकते हैं।यह सेवाएँ हैं-वेद पारायण,अन्न दान,गो संरक्षण ,वृद्धाश्रम एवं कन्निकै।अब से इसमे पे टिएम सुविधा भी प्राप्त होगी।अधिक जानकारी के लिये
https://kanchimuttseva.org/contributePaytm.php एवं kanchimuttseva@gmail.com देखे।
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तमिल नववर्ष के अवसर पर १४ अप्रेल २०१८ को श्रीमठ मे पंचरत्न क्रितियाँ गाया गया।
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१३ अप्रेल २०१८ को जम्मू और कश्मीर मे श्री काँची कामकोटी पीठ के श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री शंकर जयंती महोत्सव प्रारंभ हुआ।
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१६ से २० अप्रेल २०१८ को श्रीमठ ,काँचीपुरम मे श्री काँची कामकोटी पीठ के श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री शंकर जयंती महोत्सव मनाया जायेगा। अधिक जानकारी -
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2018/Shankara%20Jayanthi.html
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इलाहाबाद ,उत्तर प्रदेश के त्रिवेणी संगम मे स्थित आदि शंकर विमान मंडप का नवीकरण कार्य ,पूजा एवं अन्य परंपराओं के साथ प्रारंभ हुआ। अधिक जानकारी के लिये-
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2018/adi-shankar-viman-mandapam-allahabad.html
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१६ से २० अप्रेल २०१८ को कल्कत्ता के वेद भवन मे शंकर जयंती महोत्सव मनाया जायेगा।
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श्रविष्ठ नक्षत्र पारायण(५ ब्रह्मचारियों द्वारा रिग वेद मूल पारायण ,श्री स्वामीनाथ स्वामी ,स्वामीमलै ) अप्रेल ९ से ११ तक चलेगा।श्रविष्ठ श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का पूर्वाश्रम जन्म नक्षत्र है।
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आतुर पाठशाला के विद्यार्थियो को २ अप्रेल २०१९ को सर्टिफ़िकेट दिया गया
आतुर पाठशाला के विद्यार्थियो को २ अप्रेल २०१९ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी द्वारा वार्षिक सर्टिफ़िकेट , श्रीमठ मे दिया गया।विद्यार्थियों ने श्रद्देय स्वामिजी के समक्ष एक संस्कृत नाटक प्रस्तुत किया।अध्यापक, पाठशाला के कार्यकर्ता,विद्यार्थी एवं उनके माता पिता ने आशीर्वाद प्राप्त किया।
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श्री काँची कामकोटी पीठ ,३ से ५ अप्रेल तक श्री गोमन्टक तिरुपती बालाजी मंदिर,गोवा,वेदान्ती उत्सव मनाया जायेगा।
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अप्रेल २०१८ को श्रीमठ मे होने वाली विशेष पूजाएँ
१३ अप्रेल ,शुक्रवार, प्रदोश पूजा
१४ अप्रेल, शनिवार,(विलम्भ) तमिल नव वर्ष
२० अप्रेल,शुक्रवार, श्री शंकर जयंती
२७ अप्रेल,शुक्रवार,प्रदोश पूजा
२७ अप्रेल- शुक्रवार,श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामिजी का आराधना दिवस(शुक्ल त्रयोदशी)
२८ अप्रेल-शनिवार,नरसिम्ह जयंती
२९ अप्रेल-रविवार,पूर्नीमा पूजा
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कोलकत्ता मे आराधना - २९ मार्च २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी का पहला आराधना दिवस ,कोलकत्ता के वेद भवन मे मनाया गया। त्रयोदशी ,शुक्ल पक्ष मे अन्य स्थानों मे भी आराधना दिवस मनाया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी का आराधना दिवस शुक्ल पक्ष के त्रयोदशी को है। मुंबई मे विभिन्न स्थानों मे रिग वेद पारायण एवं भजन आयोजित किया गया है।इसमे सम्मिलित होने के लिये भक्तजनों से निवेदन है ।
श्री काँची कैंकर्य सभा ,गोरेगाँव वेस्ट
९०२, क्रिस्टीना ,श्रीनगर कालोनी रोड,सिद्धार्थ नगर
रिग वेद पारायण, श्री पादुका पूजा ए-सायंकाल ६.३० से ८ बजे तक
भजन समाज, माटुंगा
चतुर्वेद पारायण ,प्रात:काल ९ से १०.३० बजे तक
गोपालकृषण भागवत द्वारा भजन - संध्याकाल ६ बजे
हरिजन कृष्ण प्रेमी प्रवर द्वारा उपन्यास-संध्याकाल ७ बजे
तिरुचेन्दूर मुरुगन मंदिर ,चेड्डा नगर
रिग वेद पारायण -प्रात: काल ७.३० से १०.३० बजे
लता प्रासाद एवं साथी द्वारा अभंग-संद्याकाल ७.३० बजे
श्री आस्तिक समाज,माटुंगा
रिग वेद पारायण, सायंकाल ४.३० से ५.३० तक
विश्णु सहस्रनाम मंडली द्वारा भजन, कल्पाक सुब्रमनीयन - सायंकाल ७-८ बजे तक
श्रीसुक्त अभिषेक - प्रात: काल ८.३० बजे
ललिता सहस्रनाम मंडली द्वारा भजन-सायंकाल ४.१५ बजे
श्री शंकर मठ ,माटुंगा
रिग वेद पारायण - सायंकाल ४.३० बजे
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२६ मार्च २०१८ को श्रीमठ मे श्रीराम पट्टाभिषेक हुआ।पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी ने अभिषेक ,सेवाएँ एवं दीपाराधना किया।
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१८ मार्च २०१८ को स्वर्ण रथोत्सव का आयोजन किया गया।वायलिन वादक श्री कुमरेश द्वारा संगीत समर्पण किया गया।
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१८ मार्च २०१८, रविवार से २५ मार्च २०१८ ,रविवार तक श्री देवी कामाक्षी मंदिर मे वसंत नवरात्री मनाया जायेगा।इस समय प्रतिदिन प्रात:काल विशेष हवन किया जायेगा।तिरुविलक्कु पूजा किया जायेगा।सधंयाकाल को नववर्ण पूजा एवं विशेष अलंकार किया जायेगा।
रविवार २६ मार्च राम नवमी के दिन नव चण्डी हवन किया जायेगा
वसंत नवरात्री के समय मंदिर दोपहर १२ बजे तक खुला रहेगा।
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१८ मार्च २०१८ से श्रीमठ मे युगादि एवं बसंत नवरात्री पूजा प्रारंभ होगा। २५ तारिक को श्री राम नवमी एवं २६ तारिक को श्री राम पठ्ठाभिशेक किया जायेगा।
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१८ मार्च २०१८ से श्रीमठ मे युगादि एवं बसंत नवरात्री पूजा प्रारंभ होगा। २५ तारिक को श्री राम नवमी एवं २६ तारिक को श्री राम पठ्ठाभिशेक किया जायेगा।
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प्रदोश के अवसर पर ,श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के वृन्दावन को रुद्राक्ष के सजाया गया
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के श्रद्दांजलि के पश्चात् ,श्रीमठ मे १३ मार्च २०१८ को स्वर्ण रथोत्सव मनाया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना को श्रीमठ, काँचीपुरम ने १३ मार्च २०१८ को मनाया गया।
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१३ मार्च २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना आयोजन किया गया है- १३ मार्च २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना का आयोजन किया गया है-
प्रात:काल ९ बजे से श्रीमठ , काँचीपुरम मे है।
११ बजे- गोविन्दपुरम श्री विठ्ठलदासजी महाराज का भजन
दोपहर १.३० बजे- तीर्थनारायण पूजा
अक्षत प्रसाद
सायंकाल ४ बजे- श्रद्दांजलि
सायंकाल ६.३० बजे-विद्वान श्री अभिषेक रघुरामजी एवं साथी द्वारा संगीत समर्पण।
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१० मार्च २०१८ को जगत्गुरू श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के श्रद्दांजलि के लिये श्रीमठ मे श्री गोविन्दपुरम विठ्ठलदासजी महाराज ने भजन प्रस्तुत किया।
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९ मार्च २०१८ को कडयनल्लूर श्री तुकाराम महाराज द्वारा श्रद्दांजलि के लिये भजन प्रस्तुत किया गया।
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विभिन्न स्थानों मे (नईदिल्ली ,चेन्नई,पुणे , मुम्बई,भोपाल इत्यादि) श्रद्देय स्वामीजी के लिये श्रद्दांजलि आयोजित किया गया है।
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2018/Shraddanjali_Shankaracharya_Jayendra_Saraswathi.html
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४ मार्च २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री जगत्गुरू जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के श्रद्दांजलि हेतु श्री उडयलुर कलयानरामन ने श्रीमठ मे भजन की प्रस्तुति की।
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अफ़ग़ानिस्तान ,बांग्लादेश ,भूटान, नेपाल,इंडोनेशिया, पाकिस्तान , एवं श्रीलंका जैसे विभिन्न देशों से साधुजन ,श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के वृंदावन मे पुष्पांजलि के लिये काँची मठ पधारे l
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३ से १३ मार्च २०१८ तक श्रीमठ मे श्रद्दांजलि के लिये नामसंकीर्तन आयोजित किया गया है।
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३ से १३ मार्च २०१८ तक श्रीमठ मे श्रद्दांजलि के लिये नामसंकीर्तन आयोजित किया गया है।
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नई दिल्ली मे ११ मार्च २०१८ रविवार को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य सरस्वती की श्रद्दांजलि आयोजित की गयी है।
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श्रद्दय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का वृन्दावण प्रवेश कार्यक्रम , कल प्रात: ८ बजे (८ मार्च २०१८) को किया जायेगा।भक्तजन आज पूरे दिन एवं रात को दर्शन के लिये आ सकते हैं।
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श्रद्दय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का वृन्दावण प्रवेश कार्यक्रम , कल प्रात: ८ बजे (८ मार्च २०१८) को किया जायेगा।
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श्री काँची कामकोटी मठ के ६९ वे आचार्य जगत्गुरु श्रद्दय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने आज प्रात: ९ बजे सिद्दी को प्राप्त किया। शुक्ल त्रयोदशी - श्री काँची कामकोटी मठ- कांचीपुरम।
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काँची कामाक्षी अम्बाल ब्रह्मोत्सव ,१९ फरवरी से ३ मार्च २०१८ तक मनाया जायेगा।
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१६ फरवरी २०१८ को श्री काँची कामकोटी पीठ के ६७वे आचार्य श्रद्देय पूज्यश्री महादेवेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना दिवस श्रीमठ मे मनाया गया।
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१६ फरवरी २०१८ को श्री काँची कामकोटी पीठ के ६७वे आचार्य श्रद्देय पूज्यश्री महादेवेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना दिवस श्रीमठ मे मनाया गया।
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२० फरवरी से १ मार्च २०१८ तक पूर्व तिरुपती बालाजी मंदिर ,गुवाहाटी ,असम मे ब्रह्मोत्सव मनाया जाएगा।
श्री काँची कामकोटी पीठ के पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से पूर्व तिरुपती श्री बालाजी मंदिर,गुवाहाटी ,असम मे २० फरवरी २०१८ से १ मार्च २०१८ तक ब्रह्मोत्सव मनाया जायेगा।वेद पारायण एवं हवन किया जायेगा ।विशेष अलंकार भी किये जायेगा।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने ७ फरवरी २०१८ को हैदराबाद मे कुकटपल्ली श्री वेंकटेश्वर स्वामीजी मंदिर का कुंबाभिषेक किया।
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श्री काँची कामकोटी पीठ के ६६ वे आचार्य पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती Vl शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना दिवस ,७ फरवरी २०१८ को मे कृष्ण अष्टमी के अवसर पर मनाया गया।
६६ वे आचार्य का जन्म,तमिलनाडू के चेंगलपट्ट के उद्यमबाक्कम ग्राम मे हुआ । उन्होने अद्वैत वेदान्त शास्त्र के संरक्षण के लिये अद्वैत सभा स्थापित किया।सन् १९०७ मे आर्काट जिले के कलवै मे उन्होने मुक्ती प्राप्त किया।
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११-१६ जनवरी २०१८ को परशुराम कुण्ड यात्रा मनाया गया-
श्रद्देय पूज्यश्री काँची शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से ,अरुणाचल प्रदेश मे ११-१६ जनवरी २०१८ को मकर शंकरान्ती के साथ परशुराम कुण्ड यात्रा का आयोजन किया गया।
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2018/Parasuram-Kund-Yatra-Arunachal.html
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अरुणाचल प्रदेश मे पोंगल मनाया गया
११-१६ जनवरी २०१८ को परशुराम कुण्ड यात्रा के अवसर पर पोंगल भी पारंपरिक रूप मे मनाया गया।तमिल नाडू के सी आर पी एफ जवान एवं वहाँ के स्थानीय महिलाएँ इसमे शामिल हुए।
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फरवरी मे श्रीमठ मे होने वाली विशेष पूजाएँ ७ फरवरी- बुधवार- श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामीजी-कलवै परमेष्ठी गुरु (६६ वे आचार्य) की आराधना
१३ मंगलवार-प्रदोश पूजा
१४ बुधवार - महाशिवरात्री
१६- श्रद्देय पूज्यश्री महादेवेन्द्र सरस्वती स्वामीजी-कलवै परमेष्ठी गुरु (६७ वे आचार्य) की आराधना
२७-मंगलवार- प्रदोश पूजा
२,९,१६,२३- शुक्रवार पूजा
१९- सोमवार से ब्रह्मोत्सव -श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान
27th - Tue - Pradosha Puja
2,9,16,23 - Shukravara Puja
19th - Mon. onwards- Brahmotsavam - Sri Kamakshi Ambal Devasthanam
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२३ जनवरी २०१८(आज) श्रद्देय स्वामीजी ,चेन्नई मे तमिल - संस्कृत शब्दकोश विमोचन को अनुग्रहित करेंगे।
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आन्द्र प्रदेश मे वेद धर्म परिपालन सभा
२३,२४ जनवरी को ब्रह्मश्री चिर्र्रवुरी श्रीराम शर्मा जी द्वारा अमलापुरम शंकर मठ मे पँचदश संस्कार एवं रुद्रध्याय पर उपन्यास
२५ एवं २७ जनवरी २०१८ को विशाखापत्तनम् शंकर मठ ।
समय संध्या ६-७ बजे
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें- दत्तात्रेय मूर्ती ,काँचीपुरम ९५६६३८८८२१
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इस महीने के शुक्रवार को श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर मे प्रवचन का आयोजन इस महीने ,श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर ,काँचीपुरम मे प्रति शुक्रवार धार्मिक प्रवचन का आयोजन किया गया है।दिनांक -१९,२६ जनवरी एवं २,९ फरवरी २०१८ । विभिन्न तमिल विषयों मे प्रवचन दिया जायेगा जैसे कि आतिचुडी,विवेकचिन्तामणी,कोरकै वेन्दन इत्यादि । समय: संध्या ६.३० से ।
श्रद्देय स्वामीजी के आदेश से सन् १९८० से ,इस महीने ऐसे प्रवचन का आयोजन किया जा रहा है।
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१८ जनवरी २०१८ को श्रद्देय स्वामीजी विलुपुरम के शंकर मठ मे १८ जनवरी २०१८ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी विलुपुरम के शंकर मठ गये जो श्री महा स्वामीजी का अवतार स्थल है। वहाँ उनका स्वागत पूर्ण कुम्भ एवं आरती के साथ किया गया।
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देवत्तुल देवम- जनवरी १५-१९ तक संध्या काल ७ से ९ ,म्यूज़िक अकादमी मे श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी पर एक नाटक
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देवत्तुल देवम- जनवरी १५-१९ तक संध्या काल ७ से ९ ,म्यूज़िक अकादमी मे श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी पर एक नाटक
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८ से १० जनवरी २०१८ को नारायनीयम का पारायण ,श्रीमठ मे किया गया-
८-१० जनवरी के बीच, श्रीमठ मे श्रद्देय स्वामीजी के उपस्थिति मे नारायनीयम का पारायण किया गया।
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श्रद्देय स्वामीजी ८ जनवरी २०१८ को श्री वरदराजस्वामी मंदिर गये- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,७ जनवरी को श्री वरदराजस्वामी मंदिर गये।श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत ,मंदिर के पारंपरिक तरीक़ों से किया गया।
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हिन्दू समय मन्रम- ७ जनवरी को श्रीमठ मे बैठक आयोजित किया गया-
हिन्दू समय मन्रम की मंडली ( १९७२ मे स्थापित एक सांस्कृतिक एवं सामाजिक इकाई)की बैठक ,७ जनवरी २०१८ को श्रीमठ मे पूज्यश्री आचार्यों के आशीर्वाद एवं उपस्थिति मे हुआ।
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हिन्दू समय मन्रम- ७ जनवरी को श्रीमठ मे बैठक आयोजित किया गया-
हिन्दू समय मन्रम की मंडली ( १९७२ मे स्थापित एक सांस्कृतिक एवं सामाजिक इकाई)की बैठक ,७ जनवरी २०१८ को श्रीमठ मे पूज्यश्री आचार्यों के आशीर्वाद एवं उपस्थिति मे हुआ।
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१३-१४ जनवरी २०१८ को अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुण्ड मे विश्व शान्ती हवन का आयोजन किया गया है- श्री काँची कामकोटी पीठ के पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से ,१३-१४ जनवरी २०१८ को मकर शंकरान्त के शुभ अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुण्ड मे विश्व शान्ती हवन एवं वेद पारायण का आयोजन किया गया है।
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८ जनवरी २०१८ को परम् पज्यश्री महास्वामीजी को श्रद्धांजलि एवं उनपर एक पुस्तक विमोचित की जायेगी- भारतीय विद्या भवन ,मयिलापूर ,चेन्नई मे ८ जनवरी २०१८ को संध्या काल ५ बजे ,श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी अनुग्रह भाषण देगें।
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२ जनवरी २०१८ - आरुद्रा दर्शन
आरुद्रा दर्शन - २ जनवरी २०१८ को श्रीमठ मे एकादश रुद्रम मनाया गया।
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श्रीमठ मे जनवरी 2018 मे होने वाली पूजाएँ एवं कार्यक्रम १ जनवरी- सोमवार- पूर्नीमा पूजा
२ जनवरी- मंगलवार- आरुद्रा अभिषेक
१३ जनवरी- शनिवार - बोगी
१४ जनवरी- रविवार- मकर शंकरान्ती ,पोंगल, धनुर महीने की पूजा की समाप्ति,प्रदोष पूजा
२२ जनवरी - सोमवार,बसंत पंचमी
२४ जनवरी- बुधवार- रथ सप्तमी
२९ जनवरी- सोमवार- प्रदोष पूजा
३० जनवरी- मंगलवार- पूर्नीमा पूजा
५,१२,१९,२६-शुक्रवार- शुक्रवार पूजा
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मध्य प्रदेश के मुख्य मन्त्री श्री शिवराज सिंग चौहान ने श्री काँची कामकोटी पीठ कालडी मे स्थित श्री शंकराचार्य कीर्ती स्तम्ब पण्डप मे पूजा किया।
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2013/Shankara%20Jayanthi%20celebrated%20at%20Kalady.html
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,२९ दिसंबर २०१७ को वैकुण्ठ एकादशी के अवसर पर श्री अष्ठबुज पेरुमाल मंदिर ,काँचीपुरम गये।
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जगत्गुरू श्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी पर पुस्तक अब-
http://kamakoti.org/kamakoti/books/Jagadguru-Sri%20-ayendra-Saraswathi-Swamiji-%20An%20Offering.html
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२३ दिसंबर २०१७ को पूज्यश्री आचार्य नंगनल्लूर आयेंगे-
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,आज चेन्नई के नंगनल्लूर आयेंगे।
- पुस्तक विमोचन-रजंनी हाल ,नंगनल्लूर मे पुलवर रामचन्द्रन द्वारा रामानुजम के १००० कविताएँ
- नारायण प्रवचन मण्डप ,राम नगर के २३वे संगीत समारोह
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काशी विश्वनाथ मंदिर ,बनारस मे अति रुद्र यज्ञ किया गया- नवंबर २०१७ को श्री काँची कामकोटी पीठम के पूज्यश्री आचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से काशी विश्वनाथ मंदिर ,बनारस मे अति रुद्र यज्ञ किया गया।
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श्री जयेन्द्र विजयम - श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के पहले की यात्राएँ एवं जीवन पर लिखित पुस्तक अब उपलब्ध है
http://www.kamakoti.org/kamakoti/books/Sri%20Jayendra%20Vijayam%20Book.html
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काशी मे निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया- श्री काँची कामकोटी पीठ के पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से काशी विश्वनाथ स्वामी मंदिर मे निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
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तिरुविडैमरुदूर मे शंकर मठ- सत्य अद्वैत विभिन्न स्थानों से अद्वैत पर १०८ वाक्य
kamakoti.org/kamakoti/details/Tiruvidaimarudur_Sankara_Matam.pdf
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१६ दिसंबर २०१७ को पर्वत गिरिवलम्
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,१६ दिसंबर २०१७ को तिरुवन्नामलई के निकट स्थित पर्वतमलै गये।
काँची कामकोटी मठ के श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से यह गिरिवलम् प्रतिवर्ष ,मार्गली महीने के पहले दिन किया जाता है।
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१६ दिसंबर २०१७ से धनुर महीने के पूजाएँ प्रारंभ हुए- श्रीमठ ,काँचीपुरम मे १६ दिसंबर २०१७ से धनुर महीने के पूजाए प्रारंभ हुए।प्रतिदिन होने वाले चन्द्रँमौलीश्वर पूजा का प्रथम काल , उषा काल मे आरंभ हो जायेगा।पूरे महीने ,प्रात:काल विभिन्न मण्डलियों द्वारा भजन गाया जायेगा
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श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिजी का आराधना ,१४ दिसंबर २०१७ को श्रीमठ ,काँचीपुरम मे मनाया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,१२ दिसंबर २०१७ को तिरुमला के वेंकटेश्वरास्वामी मंदिर मे-
http://news.tirumala.org/kanchi-paramacharya-visit-to-sri-vari-temple-7/
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,१२ दिसंबर २०१७ को तिरुमला के वेंकटेश्वरास्वामी मंदिर मे-
http://news.tirumala.org/kanchi-paramacharya-visit-to-sri-vari-temple-7/
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श्रद्देयपूज्यश्री महास्वामीजी की आराधना -
श्र्द्देय पूज्यश्री महास्वामीजी चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आराधना दिवस के अवसर पर ,श्रीमठ, काँचीपुरम ने १२ दिसंबर से वेद विद्वत सदा,भजन, संगीत समर्पन,धार्मिक प्रवचन एवं वेद पारायण का आयोजन किया गया है।
आराधना दिवस १४ नवंबर को है।लोक कल्याण के लिये प्रात: काल ७ बजे एकादश रुद्र जप एवं विशेष जप किया जायेगा।दोपहर १२ से १ बजे तर वसोरदरा ,पूर्नाहूती,एवं महाभिषेक किया जायेगा।प्रात: काल ९ बजे से पचँरत्न कृतियाँ गाये जायेंगे। भक्तजनों से अनुरोध है कि वे इसमे सम्मिलित होके दोनो श्रद्देय स्वामीजी से आशीर्वाद प्राप्त करे।
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श्रीमठ मे १४ दिसंबर २०१७ ,गुरुवार को श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का आराधना दिवस मनाया जायेगा। १३ दिसंबर को महोत्सव प्रारंभ हुआ।
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श्री करपगंबाल समेत श्री कपालीश्वर स्वामी ,मईलापूर ,चेन्नई मे आज प्रात: काल (७ दिसंबर २०१७) को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के आशीर्वाद एवं उपस्तिथी मे नागाभरण समर्पित किया गया।
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जयपुर मे शंकरा अई अस्पताल का उद्घाटन -७ दिसंबर को श्रद्देय स्वामीजी ,वीडियो द्वारा आशीर्वाद प्रधान करेंगे-
काँची कामकोटी पीठम के पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से ,जयपुर के विद्याधर नगर मे ७ दिसंबर २०१७ को शंकरा अई अस्पताल का उद्घाटन किया जायेगा।श्रद्देय स्वामीजी वीडियो कान्फरन्स द्वारा अनुग्रह भाषण देंगे ।
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दिसंबर २०१७ को श्री काँची कामकोटी पीठम् मे होने वाली विशेष पूजाए एवं कार्यक्रम १ दिसंबर- प्रदोष पूजा
२ दिसंबर- तिरुवन्नामलई दीप
३ दिसंबर- सर्वालय दीप, पूर्नीमा पूजा
१४ दिसंबर- श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी
१५ दिसंबर- प्रदोष पूजा
१६ दिसंबर- धनुरमास पूजा का प्रारंभ
१८ दिसंबर- हनुमान जयंती
२१ दिसंबर- मकरायण पुन्यकालम
२९ दिसंबर - वैकुण्ठ एकादशी
३० दिसंबर- प्रदोष पूजा
१,८,१५,२२,२९- शुक्रवार पूजा
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श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से , श्री शंकर मठ ,तिरुवन्नामलई ,कल(,रविवार,३ दिसंबर २०१७)प्रात: ९ बजे से १२ बजे तक "वल्ली विवाह" का सीधा वेबकास्ट करेगा। यह कार्यक्रम श्री सेन्दिलनाद गनपाडीगल , अरुनाद्री वेद पोशाक सभा के लिये कर रहे है।
इसका वेब लिंक- http://srikanchimatamtiruvannamalai.in/
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स्वामीमलै मे वेद पारायण
२४-११-२०१७- शुक्ल शष्टि
श्री काँची कामकोटी पीठ के पूज्यश्री आचार्य के अाशिर्वाद एवं अनुग्रह से ,श्री स्वामीनाथ स्वामी मंदिर के श्री दक्षिनामूर्ती सन्निधि मे वेद पारायण का आयोजन किया गया।
रिग वेद-७ विद्वान
कृष्ण यजुर- ३ विद्वान
शुक्ल यजुर वेद-४ विद्वान
गौतम साम वेद-३ विद्वान
कुल मिलाकर १७ विद्वानों ने पारायण किया
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श्रद्देय स्वामीजी नई दिल्ली मे -
श्रद्देय पूज्य श्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी,नवंबर २० से २३ , २०१७ तक नई दिल्ली मे रहेंगे। स्थान: देवी कामाक्षी मंदिर, जे एन यू के सामने ,अरुणा आसिफ़ अली मार्ग l
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http://www.kamakoti.org/kamakoti/audio/Deivattin-Kural-Audio-Tamil/Deivattin-Kural-Tamil--Audio-Vol4.html
दैवत्तिन कुरल का चौथा पाठ
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने ४ नवंबर को जगत्गुरू पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी के वृन्दावन मे अभिषेक ,अर्चना एवं दीपाराधना किया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने ४ नवंबर को जगत्गुरू पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी के वृन्दावन मे अभिषेक ,अर्चना एवं दीपाराधना किया।
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श्री शंकरमठ ,तिरुवनन्तपुरम ,केरल के विशय मे अधिक जानकारी- http://www.kamakoti.org/kamakoti/details/Sri%20Sankara%20matam%20Trivandrum.html
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३ नवंबर २०१७ को श्रीमठ मे अन्नाभिषेक हुआ श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री महात्रिपुरसुंदरी श्री चन्द्रँमौलीश्वर स्वामी का श्रीमठ ,काँचीपुरम मे अन्नाभिषेक किया।श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी भी उपस्थित थे।प्रति वर्ष , इस तमिल मास मे पूर्नीमा के दिन अन्नाभिषेक किया जाता है।
कुंबकोनम के निकट स्थित गंगैकोंडचोलपुरम के ब्रहदीश्वर स्वामी का अन्नाभिषेक किया जाता है।यह महा अन्नाभिषेक , श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी द्वारा ३० वर्ष पूर्व स्थापित श्री काँची कामकोटी अन्नाभिषेक कमेटी द्वारा किया जाता है।
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अक्टूबर २०१७ को स्वामीमलै एवं तिरुवलन्चुली मे आयोजित वेद पारायण पर एक विशेष रिपोर्ट एवं नवंबर २०१७ का कार्यक्रम
http://kamakoti.org/kamakoti/news/2017/Swamimalai-Veda-Parayanam-held-Oct-2017.html
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श्रीमठ मे नवंबर २०१७ मे होने वाले विशेष कार्यक्रम एवं पूजाएँ १ नवंबर- बुधवार- वृन्दावन द्वादशी, तुलसी विवाह,प्रदोष पूजा
३ नवंबर- शुक्रवार- अन्नाभिषेक ,पूर्णिमा पूजा
६ नवंबर- सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
१३ नवंबर- सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
१५ पूजा- बुधवार- प्रदोष पूजा
३,१०,१७,२४-शुक्रवार - शुक्रवार पूजा
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श्रीमठ में २६ से ३० अक्टूबर तक एक विशेष वैदिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया-
श्री काँची कामकोटी पीठम् के श्रद्धेय पूज्यश्रीव स्वामीजी के आशीर्वाद से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें वरिष्ठ वैदिक पंडितों द्वारा रिग वेद मन्त्र बोला जायेगा जो साम वेद रिक के समान होगा। इसे साम वेद गान में भी बोला जायेगा। कर्नाटक गायक भी इसमें सम्मिलित होगें ।
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श्रद्धेय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने , २८ अक्टूबर को कोडैकानल कैंप में १०वी, ११वी एवं १२वी कक्षा हांके छात्रों को परीक्षा के लिये आशीर्वाद दिया।
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दीपावली संदेश
http://www.kamakoti.org/kamakoti/details/deepavali%202010%20message.html
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स्वामीमलै एवं तिरुवलन्चुली मे होने वाले वेद पारायण अनुश-२२-१०-२०१७- रविवार-रिग,यजुर,साम वेद पारायण
संकटहार चतुर्थी -८-१०-२०१७-रविवार-रिग वेद समित पारायण
कृतिका-८-१०-२०१७-रविवार -रिग वेद समित पारायण
स्कन्द शष्टि -२५-१०-२०१७-बुधवार- रिग,यजुर साम वेद पारायण
२३-१०-२०१७ से २६ १०-२०१७ तक वार्षिक अथर्व वेद पारायण,सौनक स्कैच अथर्व वेद पारायण
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श्रीमठ मे २ अक्टूबर २०१७ को स्वर्ण रथ श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का स्वर्ण रथ उत्सव २ अक्टूबर २०१७ को अविट्ट नक्षत्र को श्रीमठ मे हुआ। श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने रथ यात्रा का नेतृत्व किया एवं उसके पश्चात् दीपाराधना किया।
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अक्टूबर २०१७ को होने वाले विशेष पूजाए एवं कार्यक्रम ३ अक्टूबर २०१७- मंगलवार- प्रदोष पूजा
५ अक्टूबर-गुरुवार-पूर्णिमा पूजा
१७ अक्टूबर -मंगलवार- प्रदोष पूजा
१८ अक्टूबर-बुधवार-दीपावली
२३ अक्टूबर - सोमवार- कार्तिक सोमवार
२५ अक्टूबर-बुधवार-स्कन्द शष्टि
३० अक्टूबर - सोमवार- कार्तिक सोमवार पूजा
६,१३,२०,२७ अक्टूबर- शुक्रवार-शुक्रवार पूजा
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प्रत्यक्ष चन्द्र का सार श्री वी डी एन राव द्वारा चन्द्र के पौराणिक उपकथा, अब उपलब्ध है-
https://www.kamakoti.org/kamakoti/books/PRATYAKSHA%20CHANDRA.pdf
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सरस्वती पूजा अंग्रेज़ी
http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/SARASWATI%20POOJA.html
तमिल
http://www.kamakoti.org/kamakoti/old_tamil/Saraswathi%20Pujai1947.html
तेलुगु - https://www.kamakoti.org/telugu/articles/Saraswati%20Pooja.pdf
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यात्रा कार्यक्रम -२ अक्टूबर तक ३० सितंबर २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी मायावरम मे विजयदशमी एवं नवरात्री पूजा सम्पन्न करने के पश्चात् ,संध्याकाल को विलुपुरम के लिये निकलेंगे ।
१-२ अक्टूबर - विलुपुरम के श्री शंकर मठ मे पूजा
२ अक्टूबर संध्याकाल - काँचीपुरम के लिये रवाना होगें
३ अक्टूबर से श्रीमठ ,काँचीपुरम मे ।
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कोलकत्ता मे नवरात्री उत्सव शारदा नवरात्री ,वेद भवन मे मनाया जायेगा
सब से निवेदन है की ,इस कार्यक्रम मे सम्मिलित होके देवी कामाक्षी,श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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कावेरी पुष्करम् - गुरुवार अनुग्रह भाषण श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने कावेरी पुष्करम् के महत्त्वता के विशय मे बताया।श्रद्देय स्वामीजी ने मायावरम के लोगों की प्रयासों की प्रशंसा की एवं सबको आशीर्वाद दिया। उन्होने गुरु भक्ती एवं देव भक्ती को बरक़रार रखने को कहा एवं सबके हित की कामना की।उन्होने सबसे कामना की कि वे जिस प्रकार घर मे दीप जलाते है उसी प्रकार कावेरी देवी के समक्ष दीप जलाये ।
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श्री कावेरी अष्टोत्तर- आडियो-
- kamakoti.org/kamakoti/audio/Kaveri Pushkaram Kaveri Ashtotra.mp3
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श्री कावेरी अष्टोत्तर- आडियो-
- kamakoti.org/kamakoti/audio/Kaveri Pushkaram Kaveri Ashtotra.mp3
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मायावरम मे कावेरी पुष्कर के अवसर पर श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी द्वारा "कावेरी महात्म्यम् " नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।इस पुस्तक मे कावेरी नदी की विशेषता बतायी गयी है।यह पुस्तक तमिल पुलवर श्री महादेवन द्वारा लिखित है।यह कार्यक्रम मायावरम के श्री गुरुज्ञानसंबन्दर पाठशाला मे आयोजित किया है।
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मायावरम मे कावेरी पुष्कर के अवसर पर श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी द्वारा "कावेरी महात्म्यम् " नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।इस पुस्तक मे कावेरी नदी की विशेषता बतायी गयी है।यह पुस्तक तमिल पुलवर श्री महादेवन द्वारा लिखित है।यह कार्यक्रम मायावरम के श्री गुरुज्ञानसंबन्दर पाठशाला मे आयोजित किया है।
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नाट्यांजली - कावेरी पुष्कर १४ सितंबर २०१७
कावेरी पुष्कर के अवसर पर ,कावेरी नदी एवं वहाँ स्थित मंदिरों के लिये राज राजेश्वरी भरतनाट्य कला मंदिर,मुंबई द्वारा श्रद्देय स्वामीजी द्वारा नाट्यांजली प्रस्तुत किया गया।
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श्री गोमान्तक तिरुपती बालाजी मंदिर ,गोवा मे नवरात्री उत्सव श्री काँची कामकोटी पीठम् के पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री गोमान्तक तिरुपती बालाजी मंदिर,गोवा मे २१ से ३० सितंबर २०१७ को नवरात्री उत्सव मनाया जायेगा।
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श्री काँची कामकोटी पीठम् कल्चरल सेन्टर ,नई दिल्ली मे ३ सितंबर २०१७ को नींव पत्थर रखी गयी- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री काँची कामकोटी पीठम् कल्चरल सेन्टर ,आर के पुरम-सेक्टर १, नई दिल्ली मे ३ सितंबर २०१७ को प्रोफ़ेसर.डाँ.मुरली मनोहर जोशी द्वारा नींव पत्थर रखी गयी। इस कार्यक्रम के हाईलाइट को दूरदर्शन नेशनल मे ८ सितंबर को ५-५.३० के बीच दिखाया गया।
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विश्व रूप यात्रा का आयोजन ६ सितम्बर २०१७
पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा ६ सितंबर २०१७ को विश्व रूप यात्रा किया गया।
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६ सितंबर २०१७ - विश्वरूप यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा बोला गया भगवत गीता
Part 1 - kamakoti.org/kamakoti/audio/Bhagavad-Gita-audio1.mp3 and
Part 2 - kamakoti.org/kamakoti/audio/Bhagavad-Gita-audio2.mp3
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६ सितंबर से श्रद्देय स्वामीजी का यात्रा कार्यक्रम- ६ सितंबर- बुधवार- काँचीपुरम मे विश्व रूप यात्रा - उसके पश्चात् कैप चेन्नई जायेगा
७ , ८,९,१० सितंबर कोल पेरुमाल पाठशाला मे पूजा
न. ८१५, कोल पेरुमाल स्ट्रीट,ई वी आर सालई से होके( पूनमल्ली हाई रोड) ,फ़ोर्ड कम्पनी के बाद ,चेन्नई ।
फ़ोन ९८४१०४४६०८ ( Google Map- https://goo.gl/maps/516hanQe1xu)
१० संध्या - विलुपुरम
११ के दिन पूजा विलुपुरमशंकर मठ (https://goo.gl/maps/gtCVwzAaqBJ2)
११ संध्याकाल - मायावरम ( मयिलाडुदुरै )
१२ तारिक से मायावरम मे पूजा
तुला घट मे कैंप
कावेरी पुष्कर (१२ से २३ सितंबर २०१७)
वडक्कु रामलिंग तेरु,रेट्टई तेरु के निकट( शंकर मेट्रिकुलेशन स्कूल)
मायावरम
संपर्क करे- श्री शेखर -९४४४४७४०९९
मायावरम मे नवरात्री मनाया जायेगा
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श्री काँची कामकोटी पीठम् वेद शास्त्र पोषक सभा, तेनाली ने वेद शास्त्र जैसे की व्याकरण ,तरका इत्यादि मे वार्षिक परीक्षा का आयोजन किया।३ परीक्षकों के उपस्थिती मे छात्रों ने परीक्षा दिया।परीक्षा कठिन थे।जिन छात्रों ने इसे पूर्ण किया ,उन्हे श्रद्देय स्वामीजी का आशीर्वाद एवं विद्वान होने का श्रेय प्राप्त हुआ।
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श्रीमद् भागवत कथा संग,पंजाब के भक्तजनों को श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया- श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्रीमद् भागवत कथा संग,पंजाब के भक्तजनों को आशीर्वाद एवं अनुग्रह भाषण दिया।
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२६ अगस्त से १ सितम्बर २०१७ तक श्रीमठ मे शुक्ल यजुर वेद सप्ताह मनाया जायेगा
श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से २६ अगस्त से १ सितम्बर २०१७ तक , श्री काँची कामकोटी पीठम् ,काँचीपुरम मे शुक्ल यजुर वेद सप्ताह मनाया जायेगा।
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२६ अगस्त से १ सितम्बर २०१७ तक श्रीमठ मे शुक्ल यजुर वेद सप्ताह मनाया जायेगा
श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से २६ अगस्त से १ सितम्बर २०१७ तक , श्री काँची कामकोटी पीठम् ,काँचीपुरम मे शुक्ल यजुर वेद सप्ताह मनाया जायेगा।
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सिक्किम मे १० से १३ अगस्त २०१७ तक विश्व शान्ती महा यज्ञ किया गया- १० से १३ अगस्त २०१७ को श्री काँची कामकोटी पीठम् के पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामिजी के आशीर्वाद से श्री काचनेश्वर महादेव शिव पँचयतन मंदिर ,रानीपूल, गंगटोक ,सिक्किम मे विश्व शान्ती महा यज्ञ किया गया।
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पँच सन्धि नामक रिग वेद का विशेष मेल बोला जा रहालहै,जिसके आधे भाग को समाप्त होने मे ४५ दिन लगेंगे क्योंकि इसे बड़े ही अनोखे मेल मे बोला जा रहा है।यह पुराने दिनों मे प्रचलित था जिसे श्रद्देय स्वामीजी ने पहली बार पुन: प्रारंभ किया है।
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स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर महा स्वामीजी का विशेष संदेश
१५ अगस्त १९४७ को श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का स्वतन्त्रता दिवस पर दिया गया विशेष संदेश -
http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Mahaswami%20Independence%20Day%20Message.html
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श्री काँची कामकोटी पीठम् ,काँचीपुरम मे २०१७ का वार्षिक पुरोहित सम्मेलन मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा दिया गया अनुग्रह भाषण-
अपने अनुग्रह भाषण मे श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने सामाजिक धर्म की रक्षा मे पुरोहितों के विशेषता के विशय मे बोला।
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९-११ अगस्त २०१७ को श्रीमठम् मे महारुद्र का आयोजन किया गया-
श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के जयंती के अंतर्गत ९ से ११ अगस्त तक महारुद्र का आयोजन किया गया।स्वामीजी के उपस्तिथि मे पूर्नाहूती की गई।
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१० अगस्त २०१७ को वार्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया।
१० अगस्त २०१७ को श्रीमठम्, काँचीपुरम श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्तिथी मे वार्षिक पुरोहित सम्मेलन का आयोजन किया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने इस सम्मेलन मे अनुग्रह भाषण दिया । बड़ी संख्या मे पुरोहित इस सम्मेलन मे सम्मिलित हुए।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आचार्य जयंती महोत्सव (८अगस्त २०१७) के अवसर पर स्वर्ण पाद पूजा एवं पुष्पांजली किया।विद्वानों ने पुष्पांजली के समय वेद बोला एवं श्लोकों का उच्चारण किया । श्रद्देय स्वामीजी का विभिन्न पुष्पों से अभिषेक किया गया। श्रद्देय स्वामीजी को विभिन्न पुष्प मालाओं से अलंकृत किया गया एवं मुकुट पहनाया गया।श्रद्देय स्वामीजी का आरती किया गया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के ८३ जयंती महोत्सव के अवसर पर ,८ अगस्त के दोपहर को श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथि मे ६ अगस्त को प्रारंभ हुए विभिन्न हवन की पूर्नाहूती हुई।
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८ अगस्त २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी का जयंती महोत्सव है- श्रद्देय पूज्यश्री जयंती सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव प्रात:काल आरंभ हुआ।श्रद्देय स्वामीजी ने श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी के अधिष्ठान का पूजा एवं दीपाराधना किया ।
विभिन्न
मंदिरों के पंडितों ने श्रद्देय स्वामीजी को प्रसाद दिया।८३ नादस्वर विद्वानों ने संगीत समर्पन किया।विभिन्न हवन एवं वेद पारायण किया गया।
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८ अगस्त को श्रीमठ ,काँचीपुरम मे श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का ८३ वा जयंती महोत्सव है। प्रात:काल ५ बजे- विश्वरूप दर्शन
प्रात:काल ६ बजे- श्रद्देय स्वामीजी द्वारा श्री कामाक्षी अम्बाल का श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान मे अभिषेक
प्रात:काल ७ बजे- ८३ नादस्वर विद्वानों द्वारा श्रीमठ मे संगीतसमर्पन
प्रात:काल ८ बजे- श्रद्देय स्वामीजी द्वारा चन्द्रँमौलीश्वर पूजा
प्रात:काल ११ बजे- वटु पूजा,कन्या पूजा,सुवासिनी पूजा, दम्पत्ति पूजा
१२ बजे- पूर्नाहूती
१-३ बजे- श्रीमती पद्मा सीताराम द्वारा भजन
३ बजे- कवि अरंगम
४.३० -स्वर्ण पाद पूजा
५.३०- गुरुवन्दना नादसमर्पण
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अगस्त २०१७ को श्रीमठ मे होने वाली विशेष पूजाए ५- शनिवार- प्रदोश पूजा
७- सोमवार-पूर्नीमा पूजा, चन्द्र ग्रहण
८-मघलवार-श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की जयंती महोत्सव
८ - मंगलवार- गायत्री जप
१४- सोमवार- जन्माष्टमी
१९- शनिवार- प्रदोश पूजा
२५- शुक्रवार- विनायक चतुर्थी ,साम वेद उपकर्म
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रिशूर मे २४ जुलाई से ६ अगस्त २०१७ से जट पारायण का आयोजन किया गया है- श्री काँची कामकोटी मट के श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद एवं निर्देशानुसार ,अभी त्रिशूर मे (२४ जुलाई से ६ अगस्त) कृष्ण यजुर्वेद जट पारायण चल रहा है।
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१० अगस्त से १३ अगस्त २०१७ तक सिक्किम मे विश्व शान्ती महा यज्ञ का आयोजन किया गया है-
श्री काँची कामकोटी पीठम् के श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से श्री कचंनेश्वर महादेव शिव पंचायटनमंदिर ,रानीपूल , गंगटोक ,सिक्किम मे १० अगस्त से १३ अगस्त २०१७ तक शान्त चण्डी एवं एकादश रुद्र जप हवन का आयोजन किया गया है।
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२८ जुलाई २०१७ को रिग उपक्रम हुआ- २८ जुलाई २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से श्रीमठ मे रिग उपक्रम का आयोजन किया गया था।
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२० जुलाई २०१७ को श्री काँची कामकोटी पीठम् ,काँचीपुरम मे चातुर्मास के समय वेदिक भिक्षावन्दना के समय श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का अनुग्रह भाषण
https://www.youtube.com/watch?v=cZpgflkaGgs
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९ जुलाई २०१७- गुरूवन्दना नादसमर्पण चातुर्मास मे विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के अन्तर्गत , ९ जुलाई २०१७ को गुरुवन्दना नादसमर्पण प्रारंभ हुआ।प्रत्येक दिन श्रीमठम् मे सासंकृतिक संगीत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
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९ जुलाई से चातुर्मास व्रत - गुरूवन्दना नादसमर्पण कार्यक्रम
चातुर्मास व्रत के समय - गुरूवन्दना नादसमर्पण कार्यक्रम एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। अधिक जानकारी के लिये
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2017/Vyasa-Puja-Chaturmasyam-Nada-Samarpanam-2017.html
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व्यास पूजा- चातुर्मास व्रत संकल्प -९ जुलाई २०१७ ९ जुलाई २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,श्रीमठम्, काँचीपुरम मे व्यास पूजा करेंगे एवं चातुर्मास व्रत का संकल्प लेंगे।
प्रति वर्ष , आसाढ महीने के पूर्णमासी के दिन ,वेद व्यास से लेकर सभी गुरुओं के लिये पुन्य माना जाता है। महामुनि वेद व्यास ने (जिन्हें विश्णु भगवान का अवतार माना जाता है ), मनुष्य जाती के लिये बहुत से कार्य किये हैं जैसे की वेदों को वर्गीकृत करना,१८ पुरानों को लिखना,महाभारत एवं श्रीमद् भागवत् कथा का लिखना।
अानलाईन सेवा के लिये -
www.kanchimuttseva.org
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५ -७-२०१७ को स्वामीमलै मे अनुष पारायण श्री काँची कामकोटी पीठम् के श्रद्देय आचार्यों के अनुग्रह एवं आशीर्वाद से १० वेद विद्वानों द्वारा रिग वेद,कृष्ण यजुर ,शुक्ल यजुर ,गौतम समम् एवं जैमिनी समम् बोला जायेगा।
स्थान-श्री दक्षिणामूर्ती स्वामी सन्निधि
श्री स्वामीनाथ स्वामी मंदिर
स्वामीमलै
समय-२ घंटे(सायंकाल ४ से ६ तक)
कुंबकोनम के आस पास के लोगों , इस पारायण मे भाग ले सकते है।
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जुलाई २०१७ को श्रीमठम् मे होने वाली विशेष पूजाए एवं कार्यक्रमे- ६ - गुरुवार- प्रदोष पूजा
८- शनिवार- पूर्णिमा पूजा
९-रविवार-व्यास पूजा, चातुर्मास प्रारंभ
१६-रविवार-दक्षिनायन पुण्य काल
२१-शुक्रवार-प्रदोष पूजा
२८-शुक्रवाक-रिग उपकर्म
७,१४,२१,२८-शुक्रवार पूजा
श्रीमठम् कैप अभी श्री शंकर मठ ,वेस्ट माम्बलम ,चेन्नई मे हैं।दोनो पूज्यश्री आचार्य ,व्यास पूजा एवं चातुर्मास व्रत , ९ जुलाई से ६ सितंबर तक श्रीमठम् ,काँचीपुरम मे रहकर पालन करेंगे ।
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चातुर्मास व्रत - संस्कृत , तमिल एवं अंग्रेज़ी मे विस्तृत नोट
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2017/chaturmasya-invitation-2017.pdf
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९ जुलाई से ६ सितंबर २०१७ तक काँचीपुरम मे व्यास पूजा एवं चातुर्मास का व्रत श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ९ जुलाई से ६ सितंबर २०१७ तक काँचीपुरम मे श्रीमठ मे व्यास पूजा एवं चातुर्मास व्रत का पालन करेंगे।
मुख्य दिनांक
९ जुलाई- रविवार- व्यास पूजा, चातुर्मास व्रत प्रारंभ
८ अगस्त-मंगलवार- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का जयंती महोत्सव
६ सितंबर- शनिवार- विश्व रूप यात्रा , चातुर्मास व्रत की समाप्ति
चातुर्मास के समय ,विभिन्न सांस्कृतिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।वार्षिक अग्निहोत्र सदा, अद्वैत वेदान्त सदा, वेद विद्वत सदा, नित्य वेद पारायण , संगीत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2017/Vyasa-Puja-Chaturmasyam-Shankaracharya-Swamigal-2017.html
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२५ जून २०१७ को जयंतीपुर वेद पाठशाला ,पश्चिम बंगाल मे रथ यात्रा किया गया-
अधिक जानकारी के लिये देखें-
http://www.kamakoti.org/kamakoti/details/KanchiMatamJayantipur.html
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२९ जून २०१७ को स्वामीमलै मे शष्टि पारायण - २९ जून २०१७ को कुंबकोनम के निकट स्वामीमलै मे श्री स्वामीनाथ स्वामी मंदिर मे वेद पारायण किया जायेगा।विद्वानों द्वारा १० वेदों का पारायण किया जायेगा। रिग वेद,कृष्ण यजुर वेद ,शुक्ल यजुर वेद,गौतम साम वेद,एवं जैमिनी साम वेद का पारायण किया जायेगा।
समय- सायंकाल ४ से ६ तक
स्थान - श्री दक्षिणामूर्ती सन्निधि , श्री स्वामीनाथस्वामी मंदिर, स्वामीमलै
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https://www.youtube.com/watch?v=irKuiw2_zW0
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२० जून २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथी मे एकादशी भजन २० जून २०१७ ,एकादशी के दिन श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थित मे चेन्नई , आदमबाक्कम के पाडुरंगा भजन मंडली द्वारा किया गया एकादशी भजन-
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स्वामीमलै मे वेद पारायण-मई २०१७ स्वामीमलै मे वेद पारायण-मई २०१७
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2017/Swamimalai-Veda-Parayanam-May-2017.html
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१२ जून २०१७ को काँची के श्री वरदराजस्वामी का रथोत्सव श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने काँचीपुरम के श्री वरदराजस्वामी मंदिर के रथोत्सव के दर्शन किये।यह रथोत्सव बैसाख के महीने मे वार्षिक ब्रह्मोत्सव के अवसर पर होता ह
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२२ जून २०१७ से श्रीमठम् कैप चेन्नई , वेस्ट माम्बलम मे रहेगा- पूज्यश्री आचार्य ,श्री त्रिपुरसुन्दरी समेत श्री चन्द्रँमौलीश्वर स्वामी की पूजा ,२२ जून २०१७ से वेस्ट माम्बलम ,चेन्नई के श्री शंकर मठ मे करेंगे।
स्थान - श्री शंकर मठ , मेडले रोड ( मेडले सबवे के निकट) , वेस्ट माम्बलम, चेन्नई , तमिलनाडू-६०००३३
निकटतम उपनगरीय रेलवे स्टेशन - माम्बलम रेलवे स्टेशन। निकटतम बस टर्मिनल - टी नगर बस टर्मिनस
गूगल मेप- https://goo.gl/maps/f6DC52i2TkR2
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शंकरा नेत्र अस्पताल - ओड़िसा का पहला वार्षिक दिवस पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से शंकरा नेत्र अस्पताल ,ओड़िसा का पहला वार्षिक दिवस ७ जून २०१७ को मनाया गया। श्री अमिताभ ठाकुर ,आ पी एस,आ जी, दक्षिण रेंज, ब्रह्मपुर ,ओड़िसा ,मुख्य अतिथि थे।गंजम के कलेक्टर- श्री प्रेम चन्द्र चौधरी ,आ ए एस ,विशिष्ट अतिथि थे।
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विलुपुरम मे पूज्यश्री महास्वामीजी का जयंती मनाया गया- श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का जयंती महोत्सव विलुपुरम मे मनाया गया। विलुपुरम पूज्यश्री महास्वामीजी का जन्मस्थान है।
1. शंकर मठ विलुपुरम के विशय मे और जानकारी -
http://www.kamakoti.org/kamakoti/details/Villupuram%20Sankara%20Matam.html
2. विलुपुरम मे कामकोठी ओरियन्टल स्कूल - http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2016/Kamakoti-Oriental-School-Villupuram.html
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८ जून २०१७- श्री वरदराजस्वामी का गरुड़ सेवा ८ जून २०१७ को श्री वरदराजस्वामी का वार्षिक ब्रह्मोत्सव के अवसर पर गरुड़ सेवा किया गया।१२ जून को रथोत्सव मनाया जायेगा।
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८ जून २०१७- श्री वरदराजस्वामी का गरुड़ सेवा ८ जून २०१७ को श्री वरदराजस्वामी का वार्षिक ब्रह्मोत्सव के अवसर पर गरुड़ सेवा किया गया।१२ जून को रथोत्सव मनाया जायेगा।
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८ जून २०१७ को महास्वामीजी जयंती मनाया गया। श्रीमठम मे ८ जून २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का जयंती महोत्सव श्रद्धा भक्ती के साथ मनाया गया।प्रात: काल श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने अधिष्ठान मे दीपाराधना किया।श्रीमठम् एवं अन्य स्थानों मे विशेष पूजाएँ, वेद पारायण ,हवन,सांस्कृतिक कार्यक्रम किये गये।पूज्यश्री महास्वामीजी के चित्र को स्वर्ण रथ मे रख कर जुलूस ले जाया गया।मान्डोलिन श्री यू श्रीनिवास ने अधिष्ठान मे नादसमर्पन किया।
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८ जून २०१७ को महास्वामीजी जयंती मनाया गया। श्रीमठम मे ८ जून २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी का जयंती महोत्सव श्रद्धा भक्ती के साथ मनाया गया।प्रात: काल श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने अधिष्ठान मे दीपाराधना किया।श्रीमठम् एवं अन्य स्थानों मे विशेष पूजाएँ, वेद पारायण ,हवन,सांस्कृतिक कार्यक्रम किये गये।पूज्यश्री महास्वामीजी के चित्र को स्वर्ण रथ मे रख कर जुलूस ले जाया गया।मान्डोलिन श्री यू श्रीनिवास ने अधिष्ठान मे नादसमर्पन किया।
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महास्वामीजी जयंती - तिरुमला से प्रसाद श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामीजी के जयंती महोत्सव के अवसर पर श्री वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर ,तिरुमला के पंडितो एवं कार्यकारी अधिकारी ने प्रसाद का समर्पन किया।
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८ जून २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी कामाक्षी मंदिर गये- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर ,काँचीपुरम गये।
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१३ जून को २०१७ को श्री प्रणव मुखर्जी श्री कामकोटी पीठम पधारे- आज (१३ जून २०१७) को भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ,श्री काँची कामकोटी पीठम् पधारे। माननीय राष्ट्रपति का स्वागत श्री काँची मठ के मुख्य द्वार पर पारंपरिक पूर्णकुंभ एवं मंगल वाद्य के साथ किया गया। पूजा मण्डप मे नित्य पूजा के महत्ता के विशय मे श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने माननीय राष्ट्रपति को बताया।इसके पश्चात् राष्ट्रपति महोदय ने हाथी दातं से बने आदी शंकराचार्य के विग्रह के दर्शन किये।साम वेद पंडितो ने साम वेद जपा। माननीय राष्ट्रपति महोदय ने श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य महास्वामीजी के अधिष्ठान मे चम्पा पुष्प अर्पण किया जहाँ श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने आरती की थी।
माननीय राष्ट्रपति ने श्री आदी शंकराचार्य के दिव्य पादुकाओं का पाद पूजा ,पूज्यश्री आचार्यों के उपस्तिथी मे ,स्वर्ण बिल्व से किया।उसके पश्चात् उन्होने पूज्यश्री आचार्यों का आशीर्वाद प्राप्त किया।अंत मे उन्होने श्रद्देय पूज्यश्री महास्वामीजी के स्वर्ण रथ के दर्शन किये।
पहले माननीय राष्ट्रपति काँचीपुरम मे श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान मे श्री कामाक्षी अम्बाल के दर्शन किये।अम्बाल को सहस्रनाम माला , त्रिशति माला एवं अन्य आभूषणों से सुसज्जित किया गया।सभी भारतवर्ष्यो के उद्गार के लिये संकल्प किया गया।आदि शंकराचार्य के मंदिर मे स्वर्णाभिषेक किया गया।
राष्ट्रपति महोदय ने बेटरी वाले कार मे प्रदक्षिना की । पारंपरिक छतरी का भी उपयोग किया गया। आदि शंकराचार्य के सन्निधि के दर्शन के समय ,श्रद्देय स्वामीजी ने आचार्य गौडपाद का विशेष उल्लेख किया।आचार्य गौडपाद , पश्चिम बंगाल से थे और उनके समय के गुरु परंपरा प्रसिद्द हुआ।श्री गौडपाद ,गोविन्द भगवद्पाद के गुरु थे जो श्री आदि शंकराचार्य के गुरु थे।
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www.kamakoti.org - V2.0
श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिजी के जयंती महोत्सव के शुभ अवसर पर www.kamakoti.org को श्रद्देय आचार्य के आशीर्वाद से पुन: आरंभ किया गया है।
इस वेबसाईट को कई परिवर्तनों लाया गया है। अब इसे और भी सुलभ तरीक़े से पहुँचा जा सकता है क्योंकि यह देखने मे ज़्यादा आकर्षित हो गया है। इससे मोबाइल फ़ोन एवं टैबलेट से भी पहुँचा जा सकता है।
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आज (८ जून) को चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिजी का १२४ वाँ जयंती समारोह है।
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महास्वामी का दिव्य दर्शन - श्रीमठम् मे ई- फ़ोटो स्थान
http://kamakoti.org/kamakoti/images/gallerynew/index.html
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६ २०१७ को प्रदोष पूजा- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी श्रीमठम् कैप (सत्संगम,मडिपाक्कम ,चेन्नई ) मे प्रदोष पूजा करेंगे।
श्री रुद्र का अर्थ अंग्रेज़ी मे पढ़िये -
http://www.kamakoti.org/kamakoti/stotra/Sri%20Rudram%20Anuvakam1.html
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५ जून २०१७ को श्रीमठम् कैप मडिपाक्कम पहुँचा - ५ जून २०१७ को श्रीमठम् कैप तोरैपाक्कम से मडिपाक्कम पहुँचा।पूज्यश्री आचार्य श्रीसत्संगम् मडिपाक्कम मे नित्य पूजा करेंगे।
http://www.kamakoti.org/news/tour.html for detailed directions
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आगे के कार्यक्रम- ३ जून २०१७
श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , कालहस्ती के ब्रह्मगुडी का कुंबाभिषेक करेंगे ,उसके बाद श्रीमठम् कैप आयेंगे ।
श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी सायंकाल ६.३० बजे अरक्कोनम के निकट अरुम्बाक्कम ग्राम मे होने वाले कुंबाभिषेक के यागशाला पूजाओ को अनुग्रहित करेंगे। श्रद्देय स्वामीजी ४ बजे के क़रीब श्रीमठम् कैप से पधारेंगे।
४ जून २०१७
श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी नगरी के निकट एकाम्बरकुप्पम मे दो कुंबाभिषेक करेंगे एवं सायंकाल ४.३० तक श्रीमठम् कैप वापस आयेंगे।
५ जून २०१७
श्रीमठम् कैप , शंकरा मेट्रिकुलेशन स्कूल ,तोरैपाक्कम से निकलकर , मडिपाक्कम के सत्संगम पहुँचेगी।५ से १३ तारिक तक पूजा मडिपाक्कम के सत्संगम मे होगा।
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जून २०१७ को श्रीमठम मे होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम जून २०१७ को श्रीमठम मे होने वाली विशेष पूजाएँ एवं कार्यक्रम
६ - मंगलवार- प्रदोष पूजा
८- गुरुवार-श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की जयंती महोत्सव
८- गुरुवार- पूर्नीमा पूजा
२१- रविवार- प्रदोष पूजा
२,९,१६,२३,३०- शुक्रवार- शुक्रवार पूजा
श्रीमठम् कैप ४ जून २०१७ तक चेन्नई के तोरैपाक्कम मे रहेगा ,तत्पश्चात् मडिपाक्कम के सत्संगम मे रहेगा।
सत्संगम् का पता:
सत्संगम,सत्संगम स्ट्रीट,
मडिपाक्कम, चेन्नई ।
पोन्नियम्मन मंदिर या वासन अई केयर के निकट
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करे -चन्द्रमौली ९४४४८६९८५८
सत्संगम-०४४ २२५८३३३०
http://www.kamakoti.org/news/tour.html)
स्थान- https://goo.gl/maps/1Yrocujh8o82
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३० मई २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी तिरुचानूर गये- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी तिरुचानूर से श्री पद्मावती अम्मावारु मंदिर एवं कपिलतीर्थम मे श्री कपीलेश्वरस्वामीस्वामी मंदिर के दर्शन किये।
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कावेरी पुष्कर का वेब साईट
cauverypushkaram.info
श्रद्देय पूज्यश्री श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वीमीजी के आशीर्वाद से www.cauverypushkaram.info वेबसाईट प्रारंभ किया गया है । इसमे इस साल होने वाले कावेरी पुष्कर के विषय मे सभी जानकारी प्राप्त होगी।
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२९ मई २०१७ को तिरुपती मे करीरिष्ठी प्रारंभ हुआ- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से तिरुमला मे करीरिष्ठी एवं वरुण जप प्रारंभ हुआ।वर्षा के लिये इस प्रकार के विभिन्न जप एवं हवन किया जा रहा है । टी टी डी द्वारा यह पूजा पाँच दिनों के लिये किया जा रहा है।
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श्रद्देय स्वामीजी २९ मई २०१७ को तिरुमला मंदिर गये- २९ मई २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर ,तिरुमला के दर्शन किये।उसके पश्चात् ,श्रद्देय स्वामीजी ने करीरिष्ठी को अनुग्रहित किया।
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२९ मई २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी चेन्नई मे एक कार्यक्रम को अनुग्रहित करेंगे।
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,इन निम्नलिखित कार्यक्रमों को अनुग्रहित करेंगे -
६.३० प्रात: काल : नेमिलिचेरी वेदपाठशाला के विनायक मंदिर के कुंबाभिषेक को अनुग्रहित करेंगे। ८.३० बजे श्रद्देय स्वामीजी तोरैपाक्कम के श्रीमटम् कैप वापस आकर नित्य पूजाए करेंगे।
संध्याकाल ३.३० बजे श्रद्देय स्वामीजी बरनी क़ालोनी ,सालीग्राम ,चेन्नई के बाल विनायक मंदिर मे आयोजित वैदिक कार्यक्रम को अनुग्रहित करेंगे एवं ७.०० बजे श्रीमटम् कैप वापस आयेंगे।
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तिरुपती मे श्रद्देय स्वामीजी श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी करीरिष्ठी को अनुग्रहित करेंगे जो तिरुमला मे २९ मई से २ जून तक आयोजित पाँच दिवसीय वरुण यग्य का भाग है।
करीरिष्ठी के अतिरिक्त ,वरुण जप, रिश्यश्रंग श्लोक समूह पारायण,विराट पर्व पारायण एवं अमृत वर्षिनी राग संगीत प्रस्तुत किया जायेगा।
यह कार्यक्रम टी टी डी द्वारा पर्वत मण्डप के गोगर्भ तीर्थ मे किया जा रहा है।
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२९ मई को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का संयास स्वीकार दिवस है।आज ही के दिन सन् १९८३ मे श्रद्देय स्वामीजी को श्री काँची कामकोटी पीटम् के ७० वे संयास के रूप मे स्वीकारा गया था।
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२३ से ३० अप्रेल २०१७ श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से २३ से ३० अप्रेल तक श्री काँची कामकोटी पीटम् ,श्रीनगर कश्मीर मे शंकर जयंती महोत्सव मनाया गया एवं शंकराचार्य हिल,श्रीनगर मे वेद सम्मेलन हुआ।
कृष्ण यजुर वेद सम्हित पारायण ,रिगवेद सम्हित हवन,रिग एवं सामवेद पारायण, रिग वेद दश ग्रन्थ पारायण,चण्डी पारायण,विशेष हवन एवं राजा विवाह किया गया।३० अप्रेल २०१७ वैशाख शुक्ल पँचमी के दिन,अभिषेक, अर्चना,पारायण किया गया।आदि शंकरा अवतार घट्ट पारायण किया गया।वेद पारायण पूर्ती एवं पूर्नाहूती भी हुआ। यह जयंती समारोह ,श्रद्देय आचार्यों के आशीर्वाद से २०१२ से शंकराचार्य पहाड़ी मे प्रति वर्ष अलग अलग वेद शाखाओं के साथ अनोखे रूप से मनाया जाता है।
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चेन्नई मे श्रीमटम् कैप
४ जून तक तोरैपाक्कम ,
५ जून से मडिपाक्कम मे
श्रीमटम् कैप ४ जून तक तोरैपाक्कम के श्री शंकरा मेट्रिकुलेशन स्कूल मे रहेगा। पूज्यश्री आचार्य श्री तिरपूरसुन्दरी समेत श्री चन्द्रँमौलीश्वर स्वामी पूजा करेंगे एवं भक्तजनों को आशीर्वाद देंगे । स्थान : श्री शंकरा मेट्रिकुलेशन स्कूल,५/३५५, विवेकानन्द सालै,ओक्कियमपेट, चेन्नई-९७( नीलगिरिस के पीछे) ९३८१०४५६०१,९३८१३८३६०८
५ जून २०१७ से मडिपाक्कम
स्थान- सत्संग
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श्री काँची कामकोटी पीटम्
काँचीपुरम के निकट एक सासंकृतिक प्रदर्शनी एवं संग्रहालय
http://www.kamakoti.org/kamakoti/details/Shankaracharya%20Charitram.html
https://ta.wikipedia.org/s/65ka
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अन्ड्राइड के लिये श्री कामकोटी एप पुन: प्रारंभ किया गया।
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.kamakoti
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२३ मई २०१७ को स्वर्ण पाद पूजा किया गया- शंकरा स्कूल ,तोरैपाक्कम मे श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने प्रदोश पूजा के पश्चात् ,श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी का पाद पूजा किया।श्रीमठ पंडितो द्वारा अष्टोत्तर एवं वेज मन्त्र बोला गया।पुष्प अभिषेक एवं दीपाराधना किया गया।कुछ नौजवानों ने नाम संकीरतन भजन गाया।
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२० मई २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी ने गोदावरी स्नान किया- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी अतिरुद्र यज्ञ को अनुग्रहित करने के लिये राजमुन्दरी गये। इससे पहले श्रद्देय स्वामीजी ने कोव्वूर मे गोदावरी स्नान किया।
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२० मई २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी राजमुन्दरी मे अतिरुद्र - सहस्र चण्डी यज्ञ को अनुग्रहित किया- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने राजमुन्दरी , आन्द्र मे २० मई को अतिरुद्र -सहस्र चण्डी यज्ञ को अनुग्रहित किया।
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श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का अनुग्रह भाषण - गुरु समर्पन तिरुपुगल इसै विला -२२ अप्रेल २०१७(विडियो)
https://youtu.be/0psemPmKA-4
श्रीमती मालती जयराम ,कुंभकोणम द्वारा दिया गया वीडियो
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स्वामीमलै मे अप्रेल २०१७ को आयोजित वेद पारायण
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2017/Swamimalai-Veda-Parayanam-Apr-2017.html
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ७ मई ,६ बजे सायंकाल जी के शेट्टी, स्कूल अम्बत्तूर के वैदिक कार्यक्रम को अनुग्रहित करेंगे।श्रद्देय स्वामीजी ,श्रीमठ से सायंकाल ४.३० प्रस्थान करेंगे एवं ९.३० बजे वापस आयेंगे।
मंजपर मोहन एवं पार्टी ,श्रीमठ कैप मे सायंकाल ३ बजे से भजन प्रस्तुत करेंगे
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३० अप्रेल २०१७ को सासंकृतिक कार्यक्रम - ३० अप्रेल २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने वेल्स स्कूल मे आयोजित कुरै ओन्रुम इल्लई नामक सत्संग को अनुग्रहित किया।छात्रों ने इस कार्यक्रम मे नाम संकीरतन एवं संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया।श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया।
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३० अप्रेल २०१७ को शंकर जयंती पर मंदिरों के डेटा पर एक पुस्तक विमोचन - तिरुक्कोयिल वलिपाडू कूलू- मंदिरों के डेटा पर ८ भाग पुस्तक का विमोचन-
श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने आठ भाग पुस्तक शृंखला का विमोचन किया।इसमे काँचीपुरम जिले के काटांकुलत्तुर पट्टम के मंदिरों के विशय मे बताया गया है।श्री कन्नण , इस प्रोजेक्ट के मुख्य अधिकारी एवं श्री पम्मल विश्वनाथनजी तिरुक्कोयिल वलिपाडू कूलू के संयोजक ने श्रद्देय स्वामीजी से इस अवसर पर आशीर्वाद लिया।
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३० अप्रेल २०१७ को शंकर जयंती महोत्सव का जुलूस श्री आदी शंकर जयंती , तोरैपाक्कम के श्रीमठ कैप मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्तिथी मे धूम धाम से मनाया गया।श्री आदी शंकरा का दिव्य मूर्ती सज्जित रूप से पालकी मे रखा गया एवं जुलूस के लिये ले जाया गया।
श्रद्देय स्वामीजी के अध्यक्ष्ता मे नादस्वरम,वेद जाप,विश्णु सहस्रनाम पारायण, महा जगत्गुरू श्री आदी शंकरा पर भजन एवं नाम संकीरतन किया गया।यह जुलूस , श्री गंगा अम्मन मंदिर ओ एम आर से प्रारंभ होके श्री शंकरा मेट्रिकुलेशन स्कूल तोरैपाक्कम मे समाप्त हुआ।भक्तजनों ने उत्साह पूर्वक इसमे भाग लिया एवं श्री आदी शंकरा के अनेक योगदानों को याद किया।राहगीरों एवं दर्शकों ने भी इससे सम्मान के साथ देखा।
जुलूस के कैप पहुँचने के पश्चात , तोटकाष्टकम् बोला गया एवं आरती किया गया।
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३० अप्रेल २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का शंकर जयंती के अवसर पर दिया गया अनुग्रह भाषण एवं वार्षिक वी आर एन टी पूर्ती परीक्षा सर्टिफ़िकेट वितरण का आडियो।
www.kamakoti.org/kamakoti/audio/Anugraha-Bhashanam-Shankara-Jayanti-Poorthi-Pariksha.mp3
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२४ अप्रेल २०१७ को अयोध्या मण्डप मे शंकर जयंती श्रद्देय पूज्यश्री श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने वेस्ट माम्बलम के अयोध्या मण्डप मे आयोजित शंकर जयंती महोत्सव को अनुग्रहित किया।इसका आयोजन जगत्गुरू वेद पारायण ट्रस्ट ने किया था।
श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथि मे प्रतिष्ठित कल्वैट्ट वरम परीक्षा मे उत्तीर्ण किये हुए वैदिक विद्वानों को सम्मानित किया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने आदी शंकराचार्य विग्रहमूर्ती की अर्चना की एवं भक्तजनों को आशीर्वाद एवं अनुग्रह भाषण दिया।भाषण -
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2017/Anugraha-Bhashanam-Shankara-Jayanti.mp3
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१ मई को श्रद्देय स्वामीजी कोल्हापुर महालक्ष्मी मंदिर गये। श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , कोल्हापुर ,महाराष्ट्र के श्री महालक्ष्मी मंदिर गये । देवी को स्वर्ण पालकी दिया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने भ,गवाह की पूजा की।
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१ मई को श्रद्देय स्वामीजी शंकर जयंती महोत्सव के लिये भोपाल गये - श्रद्देय स्वामीजी ने भोपाल , मद्यप्रदेश मे आयोजित शंकर जयंती महोत्सव को अनुग्रहित किया। इस महोत्सव का आयोजन मद्य प्रदेश सरकार द्वारा श्री आदि शंकराचार्यजी के जयंती को मनाने के लिये रखा गया था।श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया।
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१ मई २०१७ को मीन्जूर एवं पुरसैवाक्कम के मंदिरों की यात्रा- १ मई २०१७ को सायंकाल ४ से ८ बजे तक श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी मीन्जूर के श्री कामाक्षी अम्बाल समेत श्री एकाम्बरनाथ स्वामी एवं पुरसैवाक्कम के श्री पादाल पोन्नियम्मन मंदिर गये।
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श्रीमठ कैप ,३० मई २०१७ तक तोरैपाक्कम मे रहेगी- दोनो पूज्यश्री आचार्य श्री शंकरा स्कूल ,तोरैपाक्कम , चेन्नई मे मई के अंत तक कैप करेंगे।
स्थान-https://goo.gl/maps/GiX3T2n5HqJ2
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सन् १९४९ का एक लेख - शंकर जयंती की महिमा पर- http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Veda%20Dharma%20Shastra%20Paripalana%20Sabha%20Sankara%20Jayanthi.html
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महास्वामिगल द्वारा श्री शंकर जयंती की विशेषता श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिगल - काँची कामकोटी पीठ के ६८ वे शंकराचार्य द्वारा श्री शंकर जयंती की महिमा पर अनुग्रह भाषण-
- http://www.kamakoti.org/souv/1-1.html
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आदी शंकरा के विशय मे पड़े - * ९ लिपियों मे स्तोत्र
* जीवन का इतिहास
* बच्चों के लिये चित्र आदि शंकरा
* शंकरा का दिग्विजय - नक़्शा
* भारतीय एवं विदेशी भाषाओं मे प्रश्नोत्तर रत्न मालिका
* शंकरा पर लेख
अधिक जानकारी के लिये -
http://www.kamakoti.org/kamakoti/details/Adi%20Sankara%20Focus.html
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भारत क्यू आर स्कान ,दान करने के लिये ,अब kanchimuttseva.org पर- भक्तजनों को मठ के विभिन्न सेवाओं के लिये आनलाइन रूप मे निर्बाध रूप से योगदान की सुविधा प्रदान करने के लिये , भारत क्यूँ आर कोड के माध्यम से स्कान करके दान करने का विकल्प डाला गया है - विवरण https://kanchimuttseva.org/contributebharatqr.php
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२९ अप्रेल २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी पालघाट केरल मे थे- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,पालघाट केरल गये। श्रद्देय स्वामीजी श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर कल्पाती ,पालघाट गये। इससे पहले नूरानी के भक्तों को आशीर्वाद दिया।
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श्री शंकर जयंती -३० अप्रेल २०१७
श्री शंकर जयंती कार्यक्रम के अंतर्गत श्रीमठ कैप ,चेन्नई मे प्रात: काल ७.३० बजे चतुर्वेद पारायण प्रारंभ होगा।
११.३० बजे पारायण पूर्ती ,श्री शंकराचार्य अवतार घट्ट पारायण किया जायेगा।
संध्याकाल को आचार्य का अभिषेक किया जायेगा। उसके पश्चात् जुलूस , विभिन्न श्लोक एवं तोटकाष्टकम् जैसे स्तोत्र बोला जायेगा।
पूज्यश्री आचार्य श्री शंकर पाठशाला ,तोरैपाक्कम ,चेन्नई मे मई २०१७ के अंत तक रहेंगे।
Location -
https://goo.gl/maps/GiX3T2n5HqJ2
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२२ अप्रेल २०१७ को संगीत मुम्मूर्ती विला - श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री काँची कामकोटी कर्नाटक मुम्मूर्तीगल ट्रस्ट एवं श्री काँची कामकोटी मुंमूरतिगल सेवा समिति द्वारा आयोजित संगीत मुम्मूर्ती विला को अनुग्रहित किया।
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तिरुपुगल गायन श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने तिरुपुगल अनबरगल कमेटी द्वारा आयोजित अखण्ड पारायण कार्यक्रम को अनुग्रहित किया।श्रद्देय स्वामीजी ने अपने अनुग्रह भाषण मे कहा की तिरुपुगल गायन से मनुष्य उत्तम रूप मे नाम, प्रसिद्धि प्राप्त करता है एवं कुमारस्वामी का भरपूर अनुग्रह प्राप्त करता है।
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२८ अप्रेल २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी तिरुचूर के वडकुनादर मंदिर गये २८ अप्रेल २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी तिरुचूर के वडकुनादर मंदिर गये।शिवगुरु - आर्यम्बा ने श्री वडकुनादर स्वामी की पूजा की एवं दिव्य बालक श्री आदी शंकराचार्य को प्राप्त किया।
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२८ अप्रेल २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी गुरुवायूर के वेंकिटाचलपती मंदिर गये २८ अप्रेल २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी गुरुवायूर के वेंकिटाचलपती मंदिर गये।
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२७ अप्रेल २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी गुरुवायूर के पार्थसारती मंदिर गये २७ अप्रेल २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी गुरुवायूर के पार्थसारती मंदिर गये।
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श्रद्देय स्वामीजी आदी शंकर जन्म क्षेत्र ,कालडी गये श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी श्री आदी शंकर जन्म क्षेत्र , कालडी ,केरल गये।श्रद्देय स्वामीजी ,आदी शंकर कीर्ती स्तंभ मण्डप गये एवं श्री आदी शंकराचार्य स्वामी की पूजा की।
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२८ अप्रेल २०१७ को अक्षय त्रितिय समर्पन श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने २८ अप्रेल २०१७ को अक्षय त्रितिय के अवसर पर गुरुवायुरप्पन स्वामी को स्वर्ण बाँसुरी एवं स्वर्ण मोर पंख ,समर्पन किया।
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२७ अप्रेल २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी २७ अप्रेल को गुरुवायूर मंदिर गये।
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नई दिल्ली मे ३० अप्रेल २०१७ को देवी कामाक्षी मंदिर मे शंकर जयंती महोत्सव मनाया जायेगा ।
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२ मई से २७ अप्रेल २०१७ तक आचार्य की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , २७ अप्रेल २०१७ को कोचिन पहुँचे , तत्पश्चात् गुरुवायूर पधारेंगे।
२८ अप्रेल कार्यक्रम - गुरुवायुरप्पन स्वामी को स्वर्ण बाँसुरी एवं स्वर्ण मोर पंख ,समर्पन किया जायेगा।
अप्रेल २९ - रामनाथपुरम वेद पाठ शाला ,पालक्काड
अप्रेल ३०-कलपाटी ,केरल मे कुंबाभिषेक
दोपहर- शंकर जयंती के अवसर पर कालडी स्तूपी से जुलूस का उद्घाटन
अप्रेल ३० -५ बजे भोपाल के लिये रवाना
मई १- प्रात: ११ बजे- श्रद्देय स्वामीजी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित आदी शंकर जयंती समारोह को अनुग्रहित करेंगे ।
मई १- संध्या काल - कोलापुर ( महाराष्ट्र )
५ बजे - श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से कोलापुर के भक्तों द्वारा महालक्ष्मी माता को स्वर्ण पालकी दान करेंगे ।
मई २ - मंदिर मे प्रात: काल अभिषेक
संध्याकाल - श्रद्देय स्वामीजी चेन्नई मे तोरैपाक्कम के श्रीमठ कैप पधारेगे ।
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श्रीमठ कैप अभी चेन्नई के शंकर पाठशाला ,विवेकानन्दर स्ट्रीट, ओक्कियमपेट, तोरैपाक्कम मे है।
बस का रास्ता-
स्टांप -ओक्कियमपेट ,तोरैपाक्कम
कोयमपेड-५७०-सी एम बी टी- केलम्बाक्कम
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श्री काँची कामकोटी पीठ ,वेंकटेश्वर स्वामी देवस्थान ,लब्बिपेट ,विजयवाडा मे २ से ३ मई २०१७ तक श्री शंकर जयंती शास्त्र सभा का आयोजन किया गया है।
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पुरी मे २८ से ३० अप्रेल २०१७ को काँची मठ मे श्री शंकर जयंती पुरी के श्री काँची कामकोटी पीठ शंकर मठ मे २८ से ३० अप्रेल २०१७ तक श्री शंकर जयंती मनाया जायेगा।
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भक्तजनों को मठ के विभिन्न सेवाओं मे आनलाइन रूप से योगदान करने हेतु अवसर प्रधान करने के लिये , श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से https://kanchimuttseva.org/ प्रारंभ किया गया है। सेवाओं का विवरण , दान के तरीक़े इसमे उपलब्ध हैं।भक्तजन लाग इन करके अपने योगदान को रिकार्ड कर सकते हैं। अभी केवल ५ सेवाओं के लिये योगदान लिया जायेगा, भविष्य मे इसे बढ़ाया जायेगा।
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पूज्यश्री आचार्य ,२२ अप्रेल २०१७ को चेन्नई मे कार्यक्रम को अनुग्रहित करेंगे - श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी तिरुपुगल अनबरगल द्वारा आयोजित अखण्ड तिरुपुगल कार्यक्रम को अनुग्रहित करेंगे। यह २२ अप्रेल २०१७ को हेमामालिनी कल्याण मन्डप मे सायंकाल ४ बजे आयोजित किया गया है।
उसके बाद सायंकाल ६ बजे ,श्रद्देय पूज्यश्री शंकर जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी टी नगर के वानी महल मे संगीत मुम्मूर्ती तिरुविला को अनुग्रहित करेंगे।
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स्वामीमलै श्री स्वामीनाथ स्वामी मंदिर मे ४ मार्च २०१७ से १ अप्रेल २०१७ तक आयोजित वेद पारायण-
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2017/Swamimalai-Veda-Parayanam-Mar-2017.html
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का नेरकुन्ड्रम ,चेन्नई मे १९ अप्रेल २०१७ को दिया गया अनुग्रह भाषण -
www.kamakoti.org/kamakoti/news/2017/HH@Nerkundram-Anugraha-Bhashanam.mp3
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तिरुवन्नामलई मे जयंती महोत्सव श्री शंकर मठ ,तिरुवन्नामलई मे श्री आदी शंकर जयंती महोत्सव २४ से ३० अप्रेल २०१७ तक मनाया जायेगा।वेद पारायण, विभिन्न हवन,उपन्यास एवं धार्मिक और सासंकृतिक कार्यक्रम किया जायेगा।
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२४ अप्रेल २०१७ से श्रीमठ कैप चेन्नई मे रहेगा- २४ अप्रेल २०१७ से श्रीमठ कैप ,तोरैपाक्कम के श्री शंकरा मेट्रिकुलेशन स्कूल मे श्री शंकर जयंती तक रहेगा।दोनो पूज्यश्री आचार्य श्री तिरपूरसुन्दरी समेत चन्द्रँमौलीश्वर पूजा करेंगे एवं भक्तजनों को आशीर्वाद देंगे ।
https://goo.gl/maps/GiX3T2n5HqJ2
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तिरुवन्नामलई मे जयंती महोत्सव
श्री शंकर मठ ,तिरुवन्नामलई मे श्री आदी शंकर जयंती महोत्सव २४ से ३० अप्रेल २०१७ तक मनाया जायेगा।वेद पारायण, विभिन्न हवन,उपन्यास एवं धार्मिक और सासंकृतिक कार्यक्रम किया जायेगा।
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२४ अप्रेल २०१७ से श्रीमठ कैप चेन्नई मे रहेगा- २४ अप्रेल २०१७ से श्रीमठ कैप ,तोरैपाक्कम के श्री शंकरा मेट्रिकुलेशन स्कूल मे श्री शंकर जयंती तक रहेगा।दोनो पूज्यश्री आचार्य श्री तिरपूरसुन्दरी समेत चन्द्रँमौलीश्वर पूजा करेंगे एवं भक्तजनों को आशीर्वाद देंगे ।
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श्रद्देय स्वामीजी १४ अप्रेल २०१७ को कामाक्षी अम्मन मंदिर गये- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,१४ अप्रेल २०१७ नववर्ष(हेविलम्बी) के दिन श्री कामाक्षी अम्मन मंदिर गये।
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काँची के श्री एकाम्बरनाथ स्वामी का रथोत्सव - काँची के श्री एकाम्बरनाथ स्वामी का रथोत्सव ५ अप्रेल २०१७ को ब्रह्मोत्सव के अवसर पर किया गया।दोनो आचार्यों ने इस इस रथोत्सव को श्रीमठ के पास देखा और प्रार्थना भी किया।इस विशाल रथ को असंख्य भक्तों ने चारों राज वीदी मे से खींचा।
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श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर मे अप्रेल २०१७ को तेप्पोत्सवम श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर ,काँचीपुरम मे ७ अप्रेल को तेप्पोत्सवम था।यह कार्यक्रम श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति मे किया गया।असंख्य भक्तजनों ने इसमे भाग लिये।
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कामाक्षी मंदिर, नई दिल्ली मे वसंत नवरात्री- श्री महा गणपति ,श्री देवी कामाक्षी के अनुग्रह एवं दोनो आचार्यों के आशीर्वाद से श्री देवी कामाक्षी मंदिर मे २८ मार्च २०१७ ,मंगलवार से ४ अप्रेल २०१७ ,मंगलवार तक वसंत नवरात्री मनाया गया।
वसंत नवरात्री के समय विशेष हवन, एवं तिरुविलक्कु पूजा किया गया।सन्ध्याकाल को नववर्ण पूजा एवं विशेष अलंकार किया गया।
४ अप्रेल २०१७ ,श्री राम नवमी के दिन नव चण्डी हवन किया गया।
वसंत नवरात्री के समय ,मंदिर दोपहर १२ बजे तक खुला था।
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१३९ वाँ विशेष उपन्यास का आयोजन वेद धर्म शास्त्र परिपालन सभा द्वारा १ अप्रेल २०१७ को श्री गणेश अय्यर के निवास स्थान पर संध्या ४ से ६ बजे तक किया गया।
९८८४५६२२०४-स्थान:३२/७१,ईस्ट कोस्ट फ्लाट्स ,बी ९-तीसरी मंज़िल ,गांधी नगर,सेकन्ड मेइन रोड,अभयारण्य,चेन्नई-६०००२०
उपन्यास का विशय था-विवाह धर्म, उपन्यासकार थे -ब्रह्मश्री डाँ के वी शेशाद्रीनाथ शास्त्रीगल,चेन्नई संस्कृत कालेज के पूर्व प्रधानध्यापक थे।
यह कार्यक्रम फ़ेसबुक मे "वेद धर्म शास्त्र परिपालन" एवं यूट्यूब पर "वेद धर्म शास्त्र परिपालन सभा" नाम से देखा जा सकता है।
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४ अप्रेल २०१७ को श्री राम नवमी के अवसर पर श्रीमठ मे पूजाएँ किये जायेंगे।५ अप्रैल को राम पट्टाभिषेक होगा।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का श्री कालहस्ती के महा कुंबाभिषेक के अवसर पर दिया गया अनुग्रह भाषण
https://youtu.be/QTpqpR_7bq4
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श्री एकाम्बरनाथ मंदिर ,काँचीपुरम मे ब्रह्मोत्सव - काँचीपुरम के श्री एकाम्बरनाथ स्वामी मंदिर मे ३१ मार्च २०१७ को वार्षिक ब्रह्मोत्सव प्रारंभ हुआ।यह प्रतिवर्ष ,तमिल के पंगुनी मास मे मनाया जाता है।
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श्रीमठ मे अप्रेल २०१७ की विशेष पूजाएँ - १-३ वसंत नवरात्री पूजा
४ मंगलवार-श्री राम नवमी
५ बुधवार-श्री राम पट्टाभिषेक
८ शनिवार-प्रदोष पूजा
१० सोमवार-पूर्णिमा पूजा
१४ शुक्रवार-तमिल नववर्ष प्रारंभ
२४ सोमवार-प्रदोष पूजा
३० रविवार-श्री शंकर जयंती
७,१४,२१,२८-शुक्रवार पूजा
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३० मार्च २०१७ को श्री कामाक्षी अम्बाल को स्वर्ण सिंह वाहन मे ले जाया गया- श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर का मण्डलाभिषेक ३० मार्च को हुआ था।संध्याकाल को श्री कामाक्षी अम्बाल को स्वर्ण सिंह मे चारों वीधीयों मे ले जाया गया।
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३० मार्च २०१७ को श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर मे मण्डलाभिषेक होगा श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्थिति मे ,३० मार्च २०१७ को श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर मे मण्डलाभिषेक होगा।प्रात: काल ५.३० को पूजा प्रारंभ होगा।
संध्याकाल मे सहस्रकलशाभिषेक होगा,तत्पश्चात् राज वीधी के चारों ओर स्वर्ण सिंह वाहन उत्सव होगा।
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२८ मार्च २०१७ से वसंत नवरात्री प्रारंभ हुआ- २८ मार्च २०१७ से श्रीमठ वसंत नवरात्री प्रारंभ हुआ।दोनो पूज्यश्री आचार्य विशेष नवरात्री पूजा करेंगे । श्रीविध्या हवन,आवरान पूजा हवन,श्री राम शडाक्शरी हवन,श्रीमद् वाल्मिकी रामायण मूल पारायण ,दमनकोत्सव एवं अन्य हवन किये जायेंगे । नवमी एवं दशमी के दिन श्री राम नवमी एवं श्री राम पट्टाभिषेक किया जायेगा।
इससे पहले, श्रद्देय स्वामीजी के दिव्य उपस्थिति मे युगादि ,पंचांग पादन एवं पंचांग पूजा किया गया।
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१४ से १९ अप्रेल २०१७ को गोवा के गोमान्तक तिरुपती बालाजी मंदिर का वार्षिक ब्रह्मोत्सव होगा-
पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से १४ से १९ अप्रेल २०१७ तक गोवा के गोमान्तक तिरुपती बालाजी मंदिर का वार्षिक ब्रह्मोत्सव होगा।विभिन्न हवन,पूजाएँ एवं उत्सव होंगे।
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२३३ मार्च २०१७ को दोनो पूज्यश्री आचार्य का पारंपरिक रूप से स्वागत किया गया
श्री बंगारू कामाक्षी अम्बाल मंदिर,तन्जावूर के कुंबाभिषेक के पश्चात् श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी काँचीपुरम वापस पधारे।परंपरा के अनुसार श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत किया गया।श्रद्देय पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी ,श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर गये।
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१९३० मे विजय यात्रा पर श्री महा पेरियवा ने श्री सिद्दीष्वर ( श्री सिद्दीष्वर मंदिर प्रयाग के देवता) की प्रशंसा मे अष्टकम् बनाया था।
https://youtu.be/I06zAxgC5ks
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तन्जावूर के बंगारू कामाक्षी अम्मन मंदिर का २३ मार्च २०१७ को कुंबाभिषेक किया गया- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा २३ मार्च २०१७ प्रात:काल को तन्जावूर के बंगारू कामाक्षी अम्मन मंदिर का कुंबाभिषेक किया गया।
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वरुण होम सम्पन्न हुआ- श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने कावेरी नदी के तट पर वरुण होम को आरंभ करने का आशीर्वाद दिया।
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२२ मार्च २०१७ ,पीटारोहन जयंती के अवसर पर स्वर्ण पाद पूजा किया गया- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के पीटारोहन जयंती के शुभ अवसर पर श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने आचार्य का स्वर्ण पाद पूजा किया।कुंबाभिषेक के अवसर पर बंगारू कामाक्षी अम्मन पर एक पुस्तक का विमोचन किया गया।
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२२ मार्च १९५४ पीटारोहन जयंती २२ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का पीटारोहन जयंती है।आज ही के दिन सन् १९५४ मे श्रद्देय परमाचार्य पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिजी ने श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का सन्यासकाल मे प्रारंभ करवाया था।
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२० मार्च २०१७ को तन्जावूर मे पूर्णकुंभ एवं पारंपरिक रूप से श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का स्वागत किया गया।
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बंगारू कामाक्षी मंदिर ,तन्जावूर मे २० मार्च २०१७ को यागशाला पूजा प्रारंभ हुआ श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्थिति मे बंगारू कामाक्षी अम्मन मंदिर मे २० मार्च को प्रात: काल ,९ बजे यागशाला मे प्रथम काल पूजा प्रारंभ हुआ।
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१९ मार्च २०१७ को श्रीमठ कैप तंजावूर पहुँचा - श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,संध्याकाल को दिन्डीवनम से निकलकर ८ बजे तक तन्जावूर पहुँचे । तन्जावूर पहुँचने से पहले रस्ते मे विलुपुरम,तिरुची एवं तिरुमलैसमुद्रम के भक्तजनों ने श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत किया।कामाक्षी ओरियन्टल स्कूल से बंगारू कामाक्षी अम्मन मंदिर तक हाथी,मंगल वाद्य एवं वेद पारायण के साथ जुलूस निकला।
श्रद्देय स्वामीजी ने बंगारू कामाक्षी अम्मन एवं यागशाला को अनुग्रहित किया।मंदिर के श्रीकार्यकर्ता श्री कुंचितपादम ने श्रद्देय स्वामीजी को मंदिर मे कुंबाभिषेक के लिये किये गये विभिन्न निर्माण कार्यों को दिखाया।यागशाला आरती किया गया एवं श्रद्देय स्वामीजी ने मंदिर द्वार पर दर्शन दिया।
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२२ मार्च १९५४ पीटारोहन जयंती २२ मार्च को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का पीटारोहन जयंती है।आज ही के दिन सन् १९५४ मे श्रद्देय परमाचार्य पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिजी ने श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का सन्यासकाल मे प्रारंभ करवाया था।
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२० मार्च २०१७ को तन्जावूर मे पूर्णकुंभ एवं पारंपरिक रूप से श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का स्वागत किया गया।
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बंगारू कामाक्षी मंदिर ,तन्जावूर मे २० मार्च २०१७ को यागशाला पूजा प्रारंभ हुआ श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्थिति मे बंगारू कामाक्षी अम्मन मंदिर मे २० मार्च को प्रात: ९ बजे यागशाला मे प्रथम काल पूजा प्रारंभ हुआ।
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पूज्यश्री आचार्र्य ,बंगारू कामाक्षी मंदिर ,तन्जावूर मे हैं। २३ मार्च को कुंबाभिषेक होगा।
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१९ मार्च २०१७ को श्रीमठ कैप तंजावूर पहुँचा - श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,संध्याकाल को दिन्डीवनम से निकलकर ८ बजे तक तन्जावूर पहुँचे । तन्जावूर पहुँचने से पहले रस्ते मे विलुपुरम,तिरुची एवं तिरुमलैसमुद्रम के भक्तजनों ने श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत किया।कामाक्षी ओरियन्टल स्कूल से बंगारू कामाक्षी अम्मन मंदिर तक हाथी,मंगल वाद्य एवं वेद पारायण के साथ जुलूस निकला।
श्रद्देय स्वामीजी ने बंगारू कामाक्षी अम्मन एवं यागशाला को अनुग्रहित किया।मंदिर के श्रीकार्यकर्ता श्री कुंचितपादम ने श्रद्देय स्वामीजी को मंदिर मे कुंबाभिषेक के लिये किये गये विभिन्न निर्माण कार्यों को दिखाया।यागशाला आरती किया गया एवं श्रद्देय स्वामीजी ने मंदिर द्वार पर दर्शन दिया।
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श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का १८ मार्च २०१७ को दिन्डीवनम मे दिया गया अनुग्रह भाषण-
http://kamakoti.org/kamakoti/audio/HH@%20Tindivanam.mp3
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१८ मार्च २०१७ को श्रीमठ कैप दिन्डीवनम पहुँचा - १८ मार्च को श्रीमठ कैप दिन्डीवनम पहुँचा।श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत पूर्णकुंभ के साथ शिव मंदिर मे किया गया जहाँ नित्य पूजा किया जायेगा।
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नई दिल्ली मे समस्ती उपनयन- श्री काँची कामकोटी पीठ के जगत्गुरू श्री शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से नई दिल्ली मे श्री शंकर जयंती के अवसर पर ,सन् १९७५ से प्रति वर्ष समस्ती उपनयन का आयोजन किया जाता रहा है।यह दिन श्री काँची आचार्य द्वारा निश्चित किया जाता है।इस वर्ष शंकर जयंती ३० अप्रेल को है एवं श्री पेरियवा के आदेशानुसार ,समस्ती उपनयन ,शंकर जयंती के शुभावसर पर ३० अप्रेल २०१७ ,रविवार को किया जायेगा।
इसलिये ,यह ४३ वाँ समस्ती उपनयन ,३० अप्रेल २०१७ ,रविवार को "काँची कामकोटी भवन-दिल्ली ", श्री देवी कामाक्षी मंदिर,जे एन यू के सामने ,ईस्ट गेट,ए-११, अरुना असफ अलि मार्ग ,नई दिल्ली ११० ०६७ मे किया जायेगा।
अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करे-
२५७४२६०७/९८७१७६५७२७/४१८०२५०७/२६८९०५०८/२२७२०७९७/२२७७०८१५/२६८६५५१३
कृपया २५ अप्रेल से पहले रेजिस्टर करें
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३० मार्च २०१७ को श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर मे मन्डलाभिषेक पूर्ती किया गया।
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श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर ,काँचीपुरम मे २४-२६ मार्च २०१७ को अखण्ड ललिता सहस्रनाम पारायण किया जायेगा।
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श्री बंगारू कामाक्षी अम्बाल मंदिर ,तंजावूर का २३ मार्च २०१७ को महाकुंबाभिषेक तंजावूर के श्री बंगारू कामाक्षी अम्बाल मंदिर का पुनरावर्तन जीर्नोद्दारन महाकुंबाभिषेक ,२३ मार्च २०१७ को काँची कामकोटी पीठ के जगत्गुरू पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा मीन लग्न मे किया जायेगा( पंगुनी महीने के दसवीं दिन ,गुरुवार,उत्तराड नक्षत्र ,प्रात: ९.२० से ११ बजे तक)
कुंबाभिषेक ,१७ मार्च ,शुक्रवार ,श्री विगणेश्वर पूजा एवं यागशाला पूजा के साथ प्रारंभ होगा।२० से २३ मार्च २०१७ को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम होगें।
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८ मार्च २०१७ को मद्दूर मे कुंबाभिषेक किया गया- ८ मार्च २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी के उपस्तिथी मे तमिलनाडू के तिरुत्तनी के निकट स्थित मद्दूर ग्राम के मद्दूर अम्मन मंदिर का कुंबाभिषेक किया गया।
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४ मार्च २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी काँची के पास के प्राचीन मंदिर गये- श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एकानमपेट्टई के निकट,काँचीपुरम से १० कि मी के दूरी पर स्थित नवस्पेट मे स्थित श्री सेल्वनायकी अम्बाल समेत नवनिधीश्वर मंदिर गये।
यह मंदिर प्रकृति के विनाश के कारण नष्ट हो रहा है।श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से मंदिर के तिरुकोविल वलीपाट्टू कूलू ने मंदिर को साफ़ किया एवं भक्तजनों के आने जाने लिये सुलभ व्यवस्था की।
श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण मे कहा की "तोन्डैमन्डलम"( काँचीपुरम ज़िला) को "तोन्डू मण्डलम" (सेवा क्षेत्र)बनना चाहिये।जैसे विशेष आर्थिक क्षेत्र बनाया गया है ,उसी प्रकार मंदिरों के नवनिर्मान के लिये विशेष विशेष सेवा क्षेत्र होना चाहिये।आधुनिक तकनीक एवं सुविधाओं से मंदिरों एवं परंपराओं को मदद मिलनी चाहिये।
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श्रीमठ मे मार्च २०१७ मे होने वाली विशेष पूजाएँ १० मार्च-शुक्रवार-प्रदोष पूजा
११ मार्च-शनिवार- पूर्नीमा पूजा
२७ मार्च-सोमवार- श्रद्देय पूज्यश्री सुदर्शन महादेवेन्द्र सरस्वती स्वामीजी-इल्लयतांगुडी परात्पर गुरु आराधना
२८ मार्च-मंगलवार-उगादी
३,१०,१७२४,३१ मार्च -शुक्रवार-शुक्रवार पूजा
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२७ फरवरी २०१७ को ६७ वे आचार्य का आराधना दिवस मनाया गया- २७ फरवरी २०१७ को श्री काँची कामकोटी पीठ के ६७ वे आचार्य श्रद्देय पूज्यश्री महादेवेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी का आराधना दिवस श्रीमठ मे मनाया गया।श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी कलवै मे स्थित ६७ वे आचार्य के अधिष्ठान गये एवं पूजा किया।
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२० फरवरी २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी तिरुमला मे थे श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर ,तिरुमला मे प्रार्थना किया
तत्पश्चात ,श्रद्देय स्वामीजी धार्मिक सदा को अनुग्रहित किया।
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२० फरवरी को दोनो पूज्यश्री आचार्य धार्मिक सदा को अनुग्रहित करेंगे - श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने २० फरवरी २०१७ को धार्मिक सदा को अनुग्रहित किया। इसका आयोजन तिरुमला के अस्थान मण्डप मे आन्द्र प्रदेश एन्डोव्मेट डिपार्टमेट के हिन्दू परिरक्षण ट्रस्ट द्वारा टीटीडी के साथ किया गया है।
यह सदा दो सत्र मे होगा। पहला ,सोमवार को प्रात: ९.३० बजे तिरुमला के अस्थान मण्डप मे प्रारंभ होगा।
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१९ फरवरी २०१७ - अनुषम - स्वर्ण रथोत्सव अनुषम नक्षत्र के अवसर पर ,१९ फरवरी २०१७ को श्रीमठ मे स्वर्ण रथोत्सव मनाया गया।
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१८ फरवरी २०१७ को नाद समर्पन श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर के मण्डलाभिषेक के अवसर पर १० फरवरी से ३० मार्च २०१७ तक पहले श्रीमठ मे तत्पश्चात् श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर मे नाद समर्पन किया जायेगा।१८ फरवरी २०१७ को विद्वान श्री नेइवेली सन्दानगोपाल एवं उनके साथ आए कलाकारों ने शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
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श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती VII : श्री काँची कामकोटी पीठ के ६६ वे स्वामी थे।श्री आचार्य का पूर्व नाम स्वामीनाथ था।वे उदयमबाक्कम के रहने वाले थे।उनकी मुक्ती ,सन् १९०७ मे कृष्णाष्ठमी के दिन मघा मास मे हुई थी। पूज्यश्री आचार्य का आराधना दिवस १८ फरवरी को श्रीमठ मे मनाया गया।
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१८ फरवरी २०१७ को पूज्यश्री आचार्य कलवै गये- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शङ्कराचार्य स्वामीजी कलवै गये एवं माघकृष्णा अष्टमी के दिन काँची कामकोटी पीठ के ६६ वे आचार्य श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामीजी -VII के अधिष्ठान पर पूजा किये।
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१८ फरवरी २०१७ को ६६ वे आचार्य का आराधना मनाया गया- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शङ्कराचार्य स्वामिजी एवं पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शङ्कराचार्य स्वामिजी के दिव्य उपस्तिथी मे काञ्चीपुरम के श्रीमठ मे श्री काञ्ची कामकोटी पीठ के ६६ वे आचार्य श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामिजी VII का आराधना उत्सव मनाया गया ।
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१३ फरवरी १३-१५ तक श्रद्देय स्वामीजी स्नर्णवल्ली ,कर्नाटक मे थे- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी श्री सोन्द स्वर्णवल्ली महासंस्थान , स्वर्ण वल्ली ,कर्नाटक गये एवं रजत महोत्सव को अनुग्रहित किया।श्रद्देय स्वामीजी के उपस्तिथी मे अति रुद्र पूर्नाहूती हुआ।
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श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर मे १० फरवरी से ३० मार्च २०१७ को मण्डलाभिषेक किया जायेगा- श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर मे महा कुंबाभिषेक के पश्चात् १० फरवरी से ३० मार्च २०१७ तक मण्डलाभिषेक किया जायेगा।
प्रात:काल
८ से १२ तक-महान्यसपूर्वक एकादश रुद्रम
संध्या काल
७ से ८.३० बजे - संगीत कार्यक्रम(नाद समर्पन)
३० मार्च - सहस्रकलशाभिषेक
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१० फरवरी २०१७ को नई दिल्ली मे चण्डी हवन- श्रीगुरुभ्योनमः
।। श्रीचन्द्रमौलीश्वरायनमः ।।
श्री काँची कामकोटी पीठ
जगत्गुरू श्री शंकराचार्य स्वामीजी श्रीमठ संस्थान
विश्वशान्तिमहायज्ञ - चण्डीहवन
स्थान
श्री काँची कामकोटी पीठ कल्चरल सेन्टर
सेक्टर १, राम कृष्ण पुरम,नई दिल्ली
श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से ,हर पूर्नीमा के दिन श्री काँची कामकोटी पीठ कल्चरल सेन्टर ,सेक्टर १, रामकृष्णपुरम ,नई दिल्ली मे चण्डी हवन किया जात।इस माह १० फरवरी को प्रात: काल १० से १ बजे तक हवन किया गया। अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें-९८४०४-१४७४२
|| लोकाःसमस्ताःसुखिनोभवन्तु ||
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९ फरवरी २०१७ को कामाक्षी अम्बाल का रजत रथोत्सव हुआ श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्तिथी मे ९ फरवरी २०१७ को कामाक्षी अम्बाल का रजत रथोत्सव हुआ ।श्री कामाक्षी अम्बाल को चारों राज वीदियों मे रजत रथ मे ले जाया गया।
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९ फरवरी २०१७ को श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर का कुंबाभिषेक सम्पन्न हुआ-
काँची कामकोटी पीठाधिपति जगत्गुरू पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर ,काँचीपुरम का महाकुंबाभिषेक किया।
प्रात:काल ,यागशाला पूजा के पश्चात् कलशों को सभी गोपुरम तक ले जाया गया एवं अभिषेक किया गया।
इसके पश्चात् पूज्यश्री आचार्यों ने कामाक्षी अम्बाल,आदी शंकराचार्य एवं अन्य सन्निधियों का अभिषेक किया।
कुंबाभिषेक कमेटी के सदस्यों, कार्यकर्ताओं एवं स्वयंसेवकों को वसंत मण्डप मे आयोजित कार्यक्रम मे श्रद्देय स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त किया।इस अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया।
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काँची कामकोटी पीठाधिपति पूज्यश्री शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा किया गया श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर का कुंबाभिषेक का वीडियो देखिये-
https://www.youtube.com/watch?v=WaehWOeveCg&feature=share
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श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर का महाकुंबाभिषेक , ९ फरवरी २०१७ को श्री काँची कामकोटी पीठाधिपति जगत्गुरू पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं जगत्गुरू पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा किया गया।
यागशाला मे पूजा की समाप्ति के पश्चात् ,शुद्ध जल वाला कलश , विभिन्न गोपुरम तक ले जाया गया और साथ ही मे कुंबाभिषेक भी किया गया।
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८ फरवरी २०१७ को कालहस्तीश्वर स्वामी का कुंबाभिषेक हुआ- श्री कालहस्तीश्वर स्वामी मंदिर का कुंबाभिषेक ,श्री कालहस्ती मे श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्तिथी मे हुआ।
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जयेन्द्रवैभव - श्रीमठ मे चित्रप्रदर्शनी - ७ से ९ फरवरी २०१७ तक ७ से ९ फरवरी २०१७ को काँचीपुरम मे श्रीमठ मे श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामिजी सम्बद्धित मुख्य कार्यक्रमों पर चित्रप्रदर्शनी थी।
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अनुग्रह भाषण श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी की श्री कामाक्षी अम्बाल कुंबाभिषेक पर अनुग्रह भाषण।
https://www.youtube.com/watch?v=L3jV2ogvOD0&feature=youtu.be
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९ मार्च २०१७ को श्रीमठ मे समस्ती उपनयन श्री काँची कामकोटी पीठ ,काँचीपुरम मे ९ मार्च २०१७ को समस्ती उपनयन का आयोजन किया गया है।अधिक जानकारी के लिये सम्पर्क करें-९००३५४६१८८
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श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर का कुंबाभिषेक महोत्सव ६ फरवरी २०१७ का कार्यक्रम
प्रात: काल
९ बजे प्रधान देवता कलाकर्षण , यागशाला पूजा-प्रथम काल
११.३० बजे- पूर्नाहुति, दीपाराधना , चतुर्वेद समर्पन
संध्या काल
६ बजे- यागशाला पूजा- द्वितीय काल
८ बजे- पूर्नाहुति , दीपाराधना , चतुर्वेद समर्पन
६.३०-८.००-सांस्कृतिक कार्यक्रम - श्री गणेश एवं श्री कुमरेश ( श्री काँची कामकोटी पीठ के आस्थान विद्वान) द्वारा वायलिन कार्यक्रम
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श्री कामाक्षी अम्बाल देवस्थान के कुंबाभिषेक के विशय मे ताज़ा ख़बर की जानकारी प्राप्त करने के लिये जाइए http://www.kanchikamakshi.org पर।
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४ फरवरी २०१७ को श्री काँची कामाक्षी अम्बाल मंदिर मे वास्तुहवन,रक्षाबन्धन,मृतसंग्रहन एवं अंकुरार्पण किया गया। श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति मे पूर्नाहुति किया गया।५ फरवरी २०१७ को यागशाला प्रतिष्ठा किया जायेगा।
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३ फरवरी २०१७ को कामाक्षी अम्बाल के कुंबाभिषेक के अवसर पर पारंपरिक करिकोला यात्रा किया गया कुंबाभिषेक के अवसर पर , करिकोला यात्रा किया गया।जो कलश गोपुरम एवं चाँदी के रथ पर रखा जायेगा ,उन्हे मंदिर के चारों ओर स्थित राज वीदी पर ले जाया गया।
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३ फरवरी २०१७ को काँची कामाक्षी मंदिर के कुंबाभिषेक के लिये संकल्प किया गया
३ फरवरी २०१७ को श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर के कुंबाभिषेक महोत्सव के अवसर पर श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति मे अनुज्ञा,श्री विश्वेश्वर पूजा,यजमान संकल्प,श्री गणपति हवन एवं श्री नवग्रह हवन किया गया।
इस हवन का पूर्नाहूती दोपहर को श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति मे हुआ।
मंदिर के श्रीकार्य ,स्थानिकाओं एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने भिक्षा वन्दना किया।
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२ फरवरी २०१७ को कालहस्ती मंदिर के गोपुरम का कुंबाभिषेक २ फरवरी २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्थिति मे श्री कालहस्ती मंदिर के गोपुरम का कुंबाभिषेक किया गया।इससे पहले यज्ञशाला पूजा एवं कलश पूजा किया गया था।
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श्री कामाक्षी मंदिर की मरम्मत श्री कामाक्षी मंदिर की मरम्मत पर द हिन्दू पत्रिका मे एक लेख।
http://www.thehindu.com/society/history-and-culture/Grand-Restoration/article17141639.ece
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३ फरवरी २०१७ को काँची के एतिहासिक मंदिरों का कुंबाभिषेक किया गया- श्री लक्ष्मनेश्वर स्वामी मंदिर एवं श्री सीतेश्वर स्वामी मंदिर का कुंबाभिषेक , श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्तिथी मे काँचीपुरम मे किया गया।यह दोनो मंदिरें सर्वतीर्थ तालाब के तट पर स्थित हैं।
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२२ जनवरी २०१७ को श्री कालहस्ती मे वृद्धाश्रम की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,२२ जनवरी २०१७ को कालहस्ती मे श्री शंकर मठ द्वारा चलाए जाने वाले वृद्धाश्रम गये।
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२२ जनवरी २०१७ को दोनो पूज्यश्री आचार्य श्री कालहस्तीश्वर मंदिर गये २२ जनवरी २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी श्री कालहस्तीश्वर स्वामी मंदिर गये।दोनो पूज्यश्री आचार्य पाँच दिनों तक इस शहर मे थे,उसके पश्चात् २३ जनवरी को वे काँचीपुरम वापस पधारे।
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२२ जनवरी २०१७ को वेंकटगिरी के शिव-विश्णु मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने वेंकटगिरी की यात्रा की।भक्तजनों ने पारंपरिक एवं उत्साहपूर्वक रूप से उनका स्वागत किया।श्रद्देय स्वामीजी वहाँ शिव -विश्णु मंदिर गये।
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फरवरी २०१७ मे श्रीमठम् मे होने वाली विशेष पूजाए एवं कार्यक्रम - १ फरवरी- बुधवार- बसंत पँचमी
३ फरवरी- शुक्रवार-रत सप्तमी
८ फरवरी- बुधवार-प्रदोष पूजा
९ फरवरी- गुरुवार-श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर, काँचीपुरम मे कुंबाभिषेक
१० फरवरी-शुक्रवार- पूर्नीमा पूजा
१८ फरवरी-शनिवार-श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामीजी ( कलवै परमेष्ठी गुरु) आराधना
२३ फरवरी-गुरुवार-श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी जयंती महोत्सव
२४ फरवरी -शुक्रवार- प्रदोष पूजा
२४ फरवरी- शुक्रवार-महाशिवरात्री
२७ फरवरी-सोमवार-श्रद्देय पूज्यश्री महादेवेन्द्र सरस्वती स्वामीजी ( कलवै परमगुरू ) आराधना
३,१०,१७,२४ फरवरी- शुक्रवार-शुक्रवार पूजा
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१ फरवरी २०१७ को श्री कालहस्ती के श्री कालहस्तीश्वर स्वामी मंदिर के राज गोपुरम का प्रतिष्ठापन- श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने १ फरवरी २०१७ को श्री कालहस्ती ,आन्द्र प्रदेश के श्री कालहस्तीश्वर स्वामी मंदिर के राज गोपुरम के प्रतिष्ठापन को अनुग्रहित किया।
८ फरवरी को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के उपस्थिति मे यहा कुंबाभिषेक किया जायेगा।
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२१ जनवरी २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी कालहस्ती पहुँचे - २१ जनवरी २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी श्री कालहस्ती क्षेत्र पहुँचे । भक्तजनों एवं मंदिर के अधिकारियों द्वारा उनका स्वागत पारंपरिक रूप से किया गया।
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२२ जनवरी २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी वेंकटगिरी के शंकर मठ गये- २२ जनवरी २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी वेंकटगिरी के श्री शंकर मठ गये।श्रद्देय स्वामीजी ने भक्तजनों को अनुग्रह भाषण दिया।
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२२ जनवरी २०१७ को वेंकटगिरी मे शंकर मठ एवं कन्निका परमेश्वरी की यात्रा २२ जनवरी २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी वेंकटगिरी के श्री शंकर मठ एवं श्री कन्निका परमेश्वरी मंदिर गये।
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२१ जनवरी २०१७ श्रद्देय स्वामीजी के हाल ही मे सम्पन्न यात्रा के समय कालहस्ती मे गिरिवलम् किया गया।यह परिक्रमा २३ कि मी का था।यह परिक्रमा २३ कि मी की है।शंकरान्ती एवं शिवरात्रि उत्सव के समय इस राह से श्री कालहस्तीश्वर को ले जाया जाता है।इस राह को साफ़ रखने की प्रयास की जा रही है ताकी भक्तजन यहा से सरलता पूर्वक जा सके।यहा दो ऐतिहासिक मण्डपें हैं।एक मण्डप मे बावड़ी हैं।श्रद्देय स्वामीजी ने इस प्रयास को सराहा।श्री कालहस्तीश्वर स्वामी देवस्थान के चेयरमेन एवं ई ओ भी श्रद्देय स्वामीजी के साथ गिरीवलम के लिये आये।श्रद्देय स्वामीजी ने गिरिवलम् के रास्ते के ग्राम वासियों को आशीर्वाद दिया।श्रद्देय स्वामीजी ,रास्ते मे स्थित सहस्र लिंग कुण्ड काली अम्मावारी मंदिर गये।
श्रद्देय स्वामीजी ने उन महिलाओं को आशीर्वाद दिया जिन्होंने कलमकारी एवं वस्त्रों मे दशावतार चित्र का प्रदर्शन किया । यह प्रदक्षिना प्रात: काल प्रारंभ हुआ, इसलिये श्रद्देय स्वामीजी ने खेतों मे काम कर रहे किसानों को भी आशीर्वाद दिया।प्रदक्षिना के पश्चात् ,श्रद्देय स्वामीजी श्रीमठ कैंप वापस आ गये एवं नित्य पूजा किया।
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९ फरवरी २०१७ को श्री काँची कामाक्षी अम्बाल मंदिर का कुंबाभिषेक
श्री काँची कामाक्षी अम्बाल की जीर्नोद्दारन अष्टबन्धन महाकुम्भाभिषेक स्वस्तिश्री दुर्मुख-मकर माह की सत्ताईसवी तिथि ( गुरुवार,९ फरवरी ) को श्री काँची कामकोटि पीठाधिपति जगत्गुरू पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं जगत्गुरू पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के हाथो से किया जायेगा।
कुंबाभिषेक के कार्यक्रम ३ फरवरी २०१७ को अनुज्ञा, श्री गणपति पूजा,संकल्प,गणपति हवन एवं नवग्रह हवन से प्रारंभ होगे ।
९ तारिक को महा कुंबाभिषेक , प्रात:काल ९ से १० बजे के बीच होगा। कुंबाभिषेक के सभी दिनों को विशेष धार्मिक एवं सासंकृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है।
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२० जनवरी को श्रद्देय स्वामीजी ने राष्ट्रीय एमिनेन्स अवार्ड कार्यक्रम को अनुग्रहित किया २० जनवरी को मुम्बई मे श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने १६वाँ एन ई एस जगत्गुरू शंकराचार्य श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी राष्ट्रीय एमिनेन्स अवार्ड कार्यक्रम को अनुग्रहित किया।इस पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं को श्रद्देय स्वामीजी ने आशीर्वाद दिया।यह पुरस्कार को विभिन्न क्षेत्रों के प्रख्यात लोगों को दिया गया।
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२० जनवरी २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी मुम्बई के महालक्ष्मी मंदिर गये २० जनवरी २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी मुम्बई के महालक्ष्मी मंदिर गये।
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यात्रा सम्पन्न हुआ- दोनो पूज्यश्री आचार्य २३ जनवरी २०१७ को काँचीपुरम पहुँचे - श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,अपने आन्द्र प्रदेश एवं तेलंगाना की विभिन्न शेत्रों ,ग्रामों एवं शहरों की यात्रा के पश्चात् ,२३ जनवरी को काँचीपुरम पहुँचे । पूज्यश्री आचार्य ,अपने नित्य पूजा के पश्चात् ,श्री कालहस्ती से निकलेंगे ।परंपराओं के अनुसार ,पूज्यश्री आचार्य स्वामीजी को काँचीपुरम शहर के द्वार पर स्वागत किया जायेगा।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी २० जनवरी २०१७ को एस आई ई एस कालेज ,मुम्बई के हनुमान मंदिर गये।
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२० जनवरी २०१७ को भूमी पूजा किया गया श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने श्री सुब्रमनीयन सेवा समाज, सम्पदा,नवी मुम्बई मे २० जनवरी २०१७ के प्रात:काल ६ बजे किये गये भूमी पूजा को आशीर्वाद दिया।
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२० जनवरी २०१७ को माटुंगा शंकर मठ मे पूर्नाहूती श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्थिति मे ,मातुंगा के शंकर मठ मे पूर्नाहूती की गयी।
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१९ जनवरी २०१७ को पूज्यश्री स्वामीजी मारुबाई गाँवदेवी गये १९ जनवरी २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी मारुबाई गाँवदेवी गये । इस मंदिर का कुंभाभिषेक एवं कलश स्थापना श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी द्वारा ११ फरवरी वर्ष २००० को किया गया था।
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१९ जनवरी २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी अास्तीक समाज गये- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,१९ जनवरी २०१७ को मुंबई के अास्तीक समाज गये । वहाँ अन्होने भक्तजनों को आशीर्वाद दिया।
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श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने एन ई एस संस्थानों ( सरस्वती विद्या भवन, फ़ार्मेसी कालेज ,डोंबिवली ,मुंबई) को १९ जनवरी २०१७ को आशीर्वाद दिया।
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१२-१२-२०१६ से १३-०१-२०१७ को स्वामीमलै मे हुए वेद पारायण
http://www.kamakoti.org/kamakoti/news/2017/Swamimalai-Veda-Parayanam-Jan-2017.html
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श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती विश्व महाविद्यालय ,काँचीपुरम मे हुए त्यागराज आराधना का सीधा प्रसारण देखिए
https://youtu.be/mMQu2YyjIJw
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१८ जनवरी २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी ,मुम्बई मे स्टार्ट टॉप फ़ेस्ट को अाशिर्वाद दिया श्रद्दा पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , १८ जनवरी २०१७ को रत्नम् कालेज आफ आर्ट,साइंस एण्ड कामर्स मे हुए राष्ट्रीय लेवल स्टार्ट अप फ़ेस्ट को अनुग्रहित किया। यह कार्यक्रम इन्डियन मरचेन्ट चेम्बर,एन ई एस काम्प्लक्स, बान्द्रा के उद्योगपतियों के सहयोग द्वारा किया गया।
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श्रद्देय स्वामीजी १८ जनवरी २०१७ को मुम्बई के भजन समाज गये १८ जनवरी २०१७ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , मुम्बई के भजन समाज गये।श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत पारंपरिक पूर्ण कुंभ के साथ किया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने भक्त जनों को आशीर्वाद दिया।
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१८ जनवरी २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी चेम्बूर मुरुगन मंदिर गये- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,१८ जनवरी २०१७ को चेम्बूर , मुम्बई के श्री मुरुगन मंदिर गये।
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१८ जनवरी २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी ,मुम्बई मे स्टार्ट टॉप फ़ेस्ट को अाशिर्वाद देंगे श्रद्दा पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , १८ जनवरी २०१७ को रत्नम् कालेज आफ आर्ट,साइंस एण्ड कामर्स मे होने वाले राष्ट्रीय लेवल स्टार्ट अप फ़ेस्ट को अनुग्रहित करेंगे। यह कार्यक्रम इन्डियन मरचेन्ट चेम्बर,एन ई एस काम्प्लक्स, बान्द्रा के उद्योगपतियों के सहयोग द्वारा किया जा रहा है।
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श्रद्देय स्वामीजी ,मुम्बई मे हैं- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,मुम्बई मे है। श्रद्देय स्वामीजी ,शंकर मठम् एवं सिद्दी विनायक मंदिर ,दादर गये।
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१८ जनवरी से २३ जनवरी २०१७ तक श्रीमटम् कैंप कालहस्ती मे रहेगा- श्रीमटम् कैंप ,जो अभी अलिपिरी ,तिरुपती मे स्थित है ,१८ से २३ जनवरी २०१७ को श्री कालहस्ती क्षेत्र मे रहेगा।दोनो पूज्यश्री आचार्य कालहस्ती मे रहेंगे एवं कालहस्ती मन्दिर के निकट स्थित पूजा मण्डप मे नित्य पूजा करेंगे। उसके पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी २३ जनवरी २०१७ को श्रीमटम् ,काँचीपुरम वापस आयेंगे ।
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गो रक्षा श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिगल द्वारा गो रक्षा पर १२ जनवरी १९३३ को दी गयी उपदेश
http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Go-Samrakshana-Cow-Protection-Discourse.html
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पोंगल त्योहार http://www.kamakoti.org/tamil/KKPradeep17.htm
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८ जनवरी २०१७ ,वैकुण्ठ एकादशी के दिन पैलर- राम मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने पैलर शहर के अन्दर स्थित श्री राम मंदिर के नवीकरण को आशीर्वाद दिया।यह मंदिर सरकारी स्कूल / डिग्री कालेज के निकट स्थित है और यही पर पूज्यश्री आचार्य १९८३/८४ मे ठहरे थे।
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१४ जनवरी २०१७ को श्रद्देय स्वामीजी तिरुचानूर मंदिर गये श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , १४ जनवरी ,प्रात:काल को तिरुचानूर के श्री पद्मावती अम्मावारु मंदिर गये एवं पूजा किये।
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१४ जनवरी २०१७, मकर शंकरान्ती को श्रद्देय स्वामीजी तिरुपती के कपीलेश्वरस्वामी मंदिर गये- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी तिरुपती के कपिलतीर्थम मे स्थित श्री कपीलेश्वरस्वामी मंदिर गये।वहाँ उन्होने मकर शंकरान्ती के शुभ अवसर पर श्री कामाक्षी अम्बाल समेत श्री कपीलेश्वरस्वामी की प्रार्थना की।
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८ जनवरी २०१७ को वैकुण्ठ एकादशी के अवसर पर वेंकटेश्वरस्वामी की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री स्वामीजी वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर स्वामीजी के मंदिर की यात्रा की।यह मंदिर पैलर के बाहर,पैलर - कड़प्पा हाईवे मे एक छोटे से पहाड़ी पर स्थित है।विशेष आरती किया गया।काँची आचार्य के आशीर्वाद से कुछ वक़्त पूर्व इस मंदिर का कुंभाभिषेक किया गया था।यह वही रास्ता है जिसमे १९८३-८४ को काँची परमाचार्या ,श्री पेरियवा एवं श्री बाल पेरियवा काँची से करनूल गये थे।
श्रद्देय स्वामीजी ने मंदिर के सामने स्थित ,एक कल्यान मन्डप का उद्घाटन किया। उन्होने सबको आशीर्वाद दिया एवं अनुग्रह भाषण दिया।
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१४ जनवरी २०१६ को मकर शंकरान्ती की पूजा मकर शंकरान्ती के शुभ अवसर पर तिरुपती मे श्रीमटम् कैंप मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने आज पूजा किया।आज धनुर मास का पूजा समाप्त हुआ।आज ही उत्तरायण प्रारंभ हुआ है
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६ जनवरी २०१७ को दोनो पूज्यश्री आचार्य तिरुमला मंदिर गये- श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,तिरुमला श्री वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर गये।मंदिर के पुजारी एवं प्राधिकारियो ने श्रद्देय स्वामीजी का पारंपरिक रूप से स्वागत किया।
मंदिर तक का जुलूस मंगलवाद्य एवं हाथी के साथ गया।मंदिर के द्वार के निकट स्थित आंजनेय सन्निधि मे प्रार्थना करने के पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी ने मुख्य मंदिर मे प्रार्थना किया।श्रद्देय स्वामीजी ने श्री वेंकटेश्वरस्वामी का चमर सेवा पूजा किया।श्रद्देय स्वामीजी को मंदिर की ओर से सम्मानित किया गया।श्रद्देय स्वामीजी के साथ भक्तजनों ने भी श्री वेंकटेश्वरस्वामी का दर्शन किया।
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श्रद्देय स्वामीजी ने अम्बाल एवं गुरू के प्रवचन को आशीर्वाद दिया- श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने तिरुपती के श्री सामवेद शनमुग शर्मा के प्रवचन को आशीर्वाद दिया।यह प्रवचन मुख पँचाष्टी , कामाक्षी वैभव एवं जगत्गुरू कटाक्षम् पर था।
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श्रद्देय स्वामीजी ने तिरुमला ३१ दिसंबर २०१६ को नाद नीरांजनम् कार्यक्रम को आशीर्वाद दिया- श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने तिरुमला मे नाद नीरांजनम् कार्यक्रम को आशीर्वाद दिया। श्री शंकर विद्यालय ,ईस्ट ताम्बरम् के छात्रों द्वारा श्री जयेन्द्र विजयम् नामक नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने प्रतिभागियों एवं दर्शकों को आशीर्वाद दिया। इससे पहले श्रद्देय स्वामीजी ने तिरुमला के श्री वेंकटेश्वर स्वामी के उत्सव मे भाग लिया।
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४ जनवरी २०१७ को श्री काँची अंबाल मंदिर ,कुम्भाभिषेक - आशीर्वाद की प्रार्थना श्रीकार्यम ,स्तानीकों एवं अन्य भक्तजनों ने श्री कामाक्षी अम्बाल मंदिर ,काँचीपुरम मे ९ फरवरी को होने वाली कुम्भाभिषेक के पत्रिका को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद के लिये प्रस्तुत किया।श्रीमटम् कैंप ,अभी पादुका मण्डप ,तिरुपती मे है।
श्रद्देय स्वामीजी को मंदिर का प्रदान प्रदान किया गया।
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श्रीमठम् मे २०१७ जनवरी महीने मे होने वाली विशेष पूजाएँ ८ जनवरी- रविवार- वैकुण्ठ एकादशी
१० जनवरी - मंगलवार- प्रदोष पूजा
११ जनवरी - बुधवार - आरुद्रा अभिषेक ,पूर्णिमा पूजा
१३ जनवरी - शुक्रवार- भोगी
१४ जनवरी - शनिवार - मकर शंकरान्ती ,पोंगल,दनुर्मास पूजा की समाप्ति
२५ जनवरी - बुधवार - प्रदोष पूजा
६,१३,२०,२७ जनवरी - शुक्रवार पूजा
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श्री कामाक्षी मंदिर पर पुस्तक - तस्वीरों के लिये अनुरोध श्री कामाक्षी मंदिर पर एक पुस्तक प्रकाशित करने की योजना है।इस विशय मे ,सभी भक्तजनों से मंदिर के विशय मे उप्लब्द तस्वीरें एवं प्रासंगिक सामग्रियों को एकत्रित किया जा रहा है।भक्तजन जिनके पास एसी तस्वीरें एवं अन्य सामग्री है , उनसे अनुरोध है कि kamakshidevasthanam@gmail.com मे योगदान करें।
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८ दिसंबर २०१६ को बोप्पाडु ग्राम की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,प्रात: काल ८ बजे बोप्पाडु ग्राम पहुँचे और उसके पश्चात् चेन्ना केशवा स्वामी मंदिर को अनुग्रहित किया।यह ग्राम विजयवाडा-ओंगोल के नेशनल हाईवे से २ कि मी की दूरी पर स्थित है और विजयवाडा से १०० कि मी पर है।इस ग्राम मे प्रसिद्द श्री वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर है।
श्रद्देय स्वामीजी श्री चेन्ना केशव मंदिर गये । अनुग्रह भाषण के पश्चात् ,श्रद्देय स्वामीजी बोप्पाडु से ७५ कि मी पर स्थित ओंगोल के लिये निकल पड़े।
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२५ दिसंबर २०१६ को आराधना महोत्सव श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य उपस्तिथी मे श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिगल का आराधना महोत्सव ,२५ दिसंबर को मनाया गया।
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८ दिसंबर २०१६ को श्रद्देय स्वामीजी ने ललिता पीठम् को अनुग्रहित किया श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने विजयवाडा - गुन्टूर हाइवे मे स्थित ललिता पीठम् को अनुग्रहित किया।विशेष आरती किया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया एवं ओंगोल के रास्ते मे स्थित बोपाडु ग्राम गये।
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२३ दिसंबर २०१६ को तिरुमला की यात्रा २३ दिसंबर २०१६ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,तिरुमला मे वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर गये।श्रीमटम् कैंप ,अभी श्री काँची कामकोटी पादुका मण्डप ,रामकृष्ण मार्ग, अलिपिरी, तिरुपती मे है।
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८ दिसंबर २०१६ को तेनाली की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी विजयवाडा से तेनाली शहर गये।श्रद्देय स्वामीजी शिवालयम् गये एवं भक्तजनों को अनुग्रह भाषण दिया। उसके पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी विजयवाडा - गुन्टूर नेशनल हाईवे मे स्थित लीला पीठम् गये।
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श्रद्देय स्वामीजी का ८ दिसंबर २०१६ को कृष्ण समुद्र संगम की यात्रा प्रात:काल को श्रद्देय स्वामीजी ,हँसलादीवी मे श्री वेनुगोपालस्वामी मंदिर गये।भक्तजन एवं अर्चकाओं ने पूर्णकुंभ से श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत किया।नैवैद्य एवं आरती के साथ श्री वेनुगोपालस्वामी अष्टोत्तरम् किया गया।यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है जिसका उल्लेख श्री कृष्ण महात्म्य मे है।श्रद्देय स्वामीजी ,वहाँ के विभिन्न मूर्तियों को देखा।
उसके पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी शिवालयम् गये जो एक और प्राचीन मंदिर है जिसका उल्लेख श्री कृष्ण महात्म्यम् मे किया गया है।
मंदिर यात्रा के पश्चात् ,श्रद्देय स्वामीजी ,हँसलादीवी से १० कि मी पर स्थित संगम गये । यह बहुत ही सुन्दर रास्ता था जिसके दोनो ओर दलदली भूमी थी।४ कि मी तक कोइ रोड नहीं है और बंगाल की खाड़ी के रेतीला तट पर ही जाना पड़ता है।स्थानीय लोगों का कहना है श्री मंडली बुद्ध प्रसादजी के प्रयास से ही यहा रोड एवं कुछ बिल्डिंगों बन पाई हैं।
सूर्योदय के समय सब कृष्ण समुद्र संगम पहुँचे । वह स्थान बहुत ही शांत एवं सुन्दर था।यहाँ हाल ही मे कृष्ण पुष्कर के समय यात्रीगनों के लिये निर्मित कुछ बिल्डिंगे हैं।विभिन्न सूचना बोर्ड भक्तजनों को संगम की गहराई के विशय मे सूचित करता है।शुरुवाती ३ फ़ीट उथला क्षेत्र है ,उसके पश्चात् गहराई ३० से ५० फ़ीट तक पहुँच जाता है।
श्रद्देय स्वामीजी ने स्नान से पहले कृष्ण नदी की विशेष पूजा की।वस्त्र ,स्वर्ण ,दक्षिना दान एवं अनुष्ठान किया।श्रद्देय स्वामीजी ने अनुष्ठान तीर्थ को कृष्ण नदी माता (जो संगम के तट पर हैं)पर छिड़का और विजयवाडा के लिये निकल पड़े।इन सब के वक़्त आन्द्र प्रदेश के डेप्यूटी स्पीकर श्री मण्डली बुद्ध प्रसाद साथ मे थे।
इस दिन एक पूर्ति की भावना थी क्योंकि श्रद्देय स्वामीजी ने विजयवाडा मे चातुर्मास के समय कृष्ण नदी महात्म्यम् पर प्रवचन दिया था।कृष्न महात्म्यम् मे बताये गये कुछ स्थान देखे एवं संगम मे शास्त्रों के अनुसार सब किया गया।श्रद्देय स्वामीजी के प्रयास एवं अनुग्रह से ही कनक दुर्गा अम्मावारी देवस्थान मे कृष्ण पुष्कर के अवसर पर कृष्ण नदी महात्म्यम् को दुबारा प्रकाशित किया गया।कृष्ण नदी के विषय मे विभिन्न कहावतें एवं कलाकृतियों को श्रद्देय स्वामीजी के कहने पर प्रकाशित किया गया है।श्रद्देय स्वामीदी ने आन्द्र प्रदेश की यात्रा चातुर्मास मे कृष्ण पुष्कर के लिये प्रारंभ किया था, तब से लेकर अब तक श्रद्देय स्वामीजी ने कृष्ण ,गोदावरी ,विजयनगर जिले एवं एकादशी के दिन संगम मे स्नान किया है।
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७ दिसंबर २०१६ को अवनीगदा मे गायत्री मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,स्थानीय ब्राह्मण संगम द्वारा निर्मित श्री गायत्री मंदिर गये।विशेष आरती किया गये एवं श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण भी दिया।
उसके पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी कोडुरू से होते हुए हँसलादेवी गये। आन्द्र प्रदेश के डेप्टी स्पीकर श्री मण्डली बुद्ध प्रसाद भी साथ मे गये।
हँसलादेवी ,कृष्ण - समुद्र स्नान से ८ से १० कि मी से पहले स्थित ,एक छोटा ग्राम है। इस ग्राम मे श्री वेनुगोपालस्वामी मंदिर एवं एक शिवालयम् है।इस ग्राम एवं इन मंदिरों का उल्लेख श्री कृष्ण महात्म्यम् मे है । श्री कृष्ण महात्म्यम् मे ,कृष्ण नदी की महाराष्ट्र के सह्याद्रि पर्वत से आरंभ होके हँसलादेवी के निकट बंगाल की खाड़ी से मेल का वर्णन है।
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७ दिसंबर २०१६ को दोनो श्रद्देय स्वामीजी की अवनीगदा की यात्रा ७ दिसंबर २०१६ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी अवनीगदा शहर गये।
श्रद्देय स्वामीजी ,दोपहर को मछिलीपट्टनम् से निकले एवं चेल्लपल्ली शहर से ४० किमी पर स्थित अवनीगदा पहुँचे।श्री मन्डली बुद्ध प्रसाद ( आन्द्र प्रदेश के डिप्टी स्पीकर) के नेतृत्व मे भक्तजनों ने श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत किया।वे पहले कृष्ण घाट पहुँचे जहाँ उन्होने एक पट्टिका का उद्घाटन किया जो काँची परमाचार्य एवं पूज्य श्री पेरियवा के साठ के दशक के अंत मे यात्रा के स्मरण मे रखा गया था।
तत्पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी गाँधी टाउन हाल गये एवं श्री मण्डली बुद्ध प्रसाद के निवेदन पर वहाँ के स्थानीय लोगों द्वारा आयोजित कार्यक्रम को अनुग्रहित किया।श्रद्देय पेरियवा ने सबको आशीर्वाद दिया एवं श्री बाल पेरियवा ने अनुग्रह भाषण दिया।
उसके बाद श्रद्देय स्वामीजी ने लंकम्मा मंदिर काम्प्लक्स के अन्दर स्थित मण्डप का उद्घाटन किया।श्रद्देय पेरियवा उसके बाद विजयवाडा मे कैंप की ओर प्रस्थान कर गये और श्री बाल पेरियवा अवनीगदा यात्रा के लिये निकल पड़े।
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१६ दिसंबर २०१६ को पर्वतमलै गिरिवलम् १६ दिसंबर २०१६ को पर्वतमलै गिरिवलम्
https://www.youtube.com/watch?v=kLwRvMTyMVM
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सर्पवारम् मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,सर्पवारम् मे श्री भावनारायण स्वामी मंदिर गये जो काकीनाड़ा शहर के बाहर स्थित है।यह मंदिर एक प्राचीन क्षेत्र है । भगवान विष्णू ने श्री नारद महरिशी को यही पर आशीर्वाद दिया था जब उन्हें शाप से विमोचन मिला था।नारद महरिशी के अनुरोध पर भगवान श्री महा विश्णु ने भक्तजनों को आशीर्वाद देने के लिये वहीं आश्रय ले लिया । वहाँ मंदिर के सामने एक प्राचीन तालाब है जहाँ श्री नारद महरिशी ने स्नान किया था।
इस मंदिर की विशेषता पटल नारायण स्वामी का मंदिर है जो मुख्य मंदिर के पीछे स्थित है।
श्रद्देय स्वामीजी ,मंदिर के गोशाला भी गये।
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२ दिसंबर २०१६ को गोलिंगेश्वर स्वामी मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,ओलपल्ली ग्राम से ४ कि मी की दूरी पर स्थित बिक्कवोलू ग्राम के श्री गोलिंगेश्वर स्वामी मंदिर गये।यह बहुत ही प्राचीन मंदिर है जिसमें अति सुन्दर शिल्प एवं गोपुरम् है।यहाँ श्री गोलिंगेश्वर स्वामी ,पार्वती अम्मावारु एवं सुब्रमन्य स्वामी का मंदिर है।यह मंदिर सुब्रमन्य स्वामी क्षेत्र के लिये प्रसिद्द है।
श्रद्देय स्वामीजी ने यहाँ पूजा एवं आरती किया।
तत्पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी काकीनाड़ा जाके पूजा किये।
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काकीनाड़ा मे शिवा मंदिर एवं इरगवरम् मे वेद पाठशाला की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,काकीनाड़ा मे शिव मंदिर गये एवं वहाँ से ९० कि मी की दूरी पर स्थित तानुकु के लिये निकल पड़े।
श्रद्देय स्वामीजी संध्याकाल ६.४५ को तानुकु पहुँचे।
तत्पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी ,इरगवरम् गये जो ८ कि मी पर स्थित एक प्राचीन अग्रहार है । श्रद्देय स्वामीजी ने एक नयी भवन के उद्घाटन को अनुग्रहित किया ,इस भवन को श्री काँची परमाचार्य का नाम दिया गया है जो श्री पेरियवा साथ आन्द्रा यात्रा के समय यहा आये थे । श्रद्देय स्वामीजी ने नये भवन को आशीर्वाद दिया। अद्यापक ,विद्यार्थी एवं दान कर्ताओ को इस अवसर पर सम्मानित किया गया।इसके पश्चात् श्रद्देय स्वामीजी यहा के प्राचीन शिव मंदिर गये और रात्रि तानुकु वापस आ गये।
दिसंबर ४ तारिक को श्रद्देय स्वामीजी अई भीमावरम् के लिये निकल पड़े।
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१५ दिसंबर से श्रीमटम् कैंप तिरुपती शंकर मटम् मे रहेगा- अभी श्रीमटम् कैंप तिरुपती मे है।१४ संध्याकाल को दोनो पूज्यश्री आचार्य तिरुपती पहुँचे । श्रद्देय स्वामीजी नित्य चन्द्रँमौलीश्वर पूजा श्री काँची कामकोटी पीटम् पादुका मन्डप ,रामकृष्ण आश्रम रोड,अलिपिरी के निकट,तिरुपती मे करेंगे।
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२ दिसंबर २०१६ को ओलपल्ली मे कम्यूनिटी हाल का उद्घाटन ओलपल्ली ग्रास मे श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने एक कम्यूनिटी हाल के उद्घाटन समारोह को अनुग्रहित किया।इस हाल के मुख्य दानकर्ता श्री शंकरम दम्पतुल्लू ने श्रद्देय स्वीमीजी का पाद पूजा किया एवं श्रद्देय स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त किया।
http://in.kamakoti.org/kamakoti/news/2016/Shankaracharya-Community-Hall-Inauguration.html
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२ दिसंबर २०१६ को ओलपल्ली मे प्राचीन शिव मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजीस,२ दिसंबर २०१६ को ओलपल्ली ग्राम को अनुग्रहित किया।यह एक पुराना अग्रहार है जहाँ पर प्राचीन शिव मंदिरसगये।यह ग्राम काकीनाड़ा से २० कि मी की दूरी पर स्थित है। श्रद्देय स्वामीजी शिव मंदिर गये एवं वहाँ आरती किये।
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१ दिसंबर २०१६ को पुरोहित संगम की भेंट श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के आशीर्वाद से काकीनाड़ा शहर मे १ दिसंबर २०१६ को पुरोहितों का एक भेंट आयोजित किया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया एवं धर्म एवं सनातन धर्म के लिये उनके सेवाओं को सराहा।लगभग ६० पुरोहितों के परिवार ने इसमे भाग लिया।श्रद्देय स्वामीजी ने सबको आशीर्वाद दिया एवं वेद सार संग्रहम् जैसी पुस्तकें वितरित की।
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१ दिसंबर २०१६ को श्रद्देय स्वामीजी की गोशाला की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,काकीनाड़ा के गोशाला गये।इस गोशाला का निर्माण श्री चन्गती कोटीश्वर राव ने शांत वातावरण एवं नवीनतम् और प्राचीन तकनीकों के मेल से किया है।भक्तजनों के सहूलियत के लिये प्रदक्षिना मार्ग एवं घास प्रदान स्थान बनाया गया है।काँची परमाचार्या के लिये गोशाला मे पूजा मण्डप एवं ध्यान मन्दिर भी है।बछड़े के जन्म के लिये प्रसुतिक गृह ,इस गोशाला की विशेषता है।श्रद्देय स्वामीजी ने गायों को घास खिलाया।
श्रद्देय स्वामीजी गोशाला के चारों ओर गये एवं उन्होने भक्तजनों को अनुग्रह भाषण भी दिया।श्रद्देय स्वामीजी ने श्री चगन्ती कोटीश्वर राव जी को सराहा और कहा की गो रक्षण के माद्यम् से वे काँची परमाचार्य को विशेष समर्पन प्रदान कर रहे है ।
http://www.kamakoti.org/kamakoti/articles/Go-Samrakshana-Cow-Protection-Discourse.html
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१ दिसंबर २०१६ को श्रद्देय स्वामीजी ने डाक्टरों की बैठक को अनुग्रहित किया श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने काकीनाड़ा मे विशेष डाँक्टरो की बैठक को बाल अस्पताल मे अनुग्रहित किया।अपने ४० मिनट के अनुग्रह भाषण मे श्रद्देय स्वामीजी ने आरोग्य भारत एवं समस्त भारतीय नागरिकों के लिये उच्चतम् चिकित्सा की प्राप्ति के विषय पर ज़ोर दिया।
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३० नवंबर २०१६ को विनायक मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने काकीनाड़ा मे श्रीमटम् कैंप के निकट स्थित श्री विनायक मंदिर को अनुग्रहित किया।इस मंदिर का निर्माण कई वर्ष पहले श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी के दिव्य आशीर्वाद से बनाया गया था।
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३० नवंबर २०१६ को काकीनाड़ा श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,३० नवंबर २०१६ को समालकोट से काकीनाड़ा पहुँचे । भक्तजनों ने श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत छतरम्, छमारम् एवं अन्य परंपराओं से की।काकीनाड़ा कैंप के समय श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी का स्वर्ण पाद पूजा किया गया था।
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२९ नवंबर २०१६ को कुमाररामम् मे पँचराम क्षेत्र की यात्रा २८ नवंबर २०१६ ,संध्याकाल को श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,कुमाररामम् -भीमेश्वर स्वामी मंदिर स्वामी मंदिर गये।यह स्थान एक प्रसिद्द पँचराम क्षेत्र है।श्रद्देय स्वामीजी ने भीमेश्वर स्वामी एवं बाल त्रिपुर सुन्दरी अम्मावारी मंदिरों मे विशेष पूजा किया। मंदिर के मुख्य अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों ने श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत किया।
इससे पहले श्रद्देय स्वामीजी ने श्रीमटम् कैंप मे पाँचवे काल के कार्तिक सोमवार पूजा एवं एकादष रुद्र अभिषेक पूजा किया।
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२९ नवंबर २०१६ को हनुमान एवं अम्मावारी मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,२९ नवंबर २०१६ संध्याकाल को समालकोट मे आंजनेय स्वामी एवं अम्मावारी मंदिर गये।
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२९ नवंबर २०१६ को कोलंका ग्राम की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वीमीजी ,अपने ,अमावस्य के दिन गोदावरी-समुद्र संगम स्नान के समय यानम के यात्रा के समय,कोलंक ग्राम गये।यह ग्राम यानम से ५ कि मी की दूरी पर स्थित है। वहाँ श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत बड़े ही उत्साह से अनेक ग्राम वासियों ने श्री पुलुगुरता व्यग्रेश्वरशर्मा जी ने साथ शिव मंदिर मे स्वागत किया।गाँव के बुज़ुर्गों ने सन् १९३० के उन दिनों के विषय मे बताया जब काँची परमाचार्या वहाँ पधारे थे।
श्रद्देय पूज्यश्री स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया एवं वहाँ के वासियों को आशीर्वाद दिया तत्पश्चात् समालकोट मे श्रीमठम् कैंप की ओर प्रस्थान किया।
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२९ नवंबर २०१६ को समालकोट मे आगमन श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,श्रीमटम् कैंप के साथ समालकोट मे श्री गणपति शास्त्री के निवास स्थान पर २९ नवंबर २०१६ ,प्रात:काल पहुँचे।श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत पूर्णकुंभ ,कोलाट्टम्,मंगल वाद्यम् इत्यादि के साथ पारंपरिक रूप से किया गया।
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२६ नवंबर २०१६ को राजमुन्दरी मे शिव-पार्वती कल्यान उत्सव श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने राजमुन्दरी मे शिव पार्वती कल्यानोत्सवम् कार्यक्रम को आशीर्वाद दिया।
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दीपोत्सव मे अनुग्रह भाषण श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने राजमुन्दरी मे दीपोत्सव कार्यक्रम को आशीर्वाद दिया। श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने भक्तजनों को अनुग्रह भाषण दिया।
https://www.youtube.com/watch?v=B_PCBHvTuPY&feature=youtu.be
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राजमुन्दरी मे दीपोत्सव श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने राजमुन्दरी मे दीपोत्सव कार्यक्रम को आशीर्वाद दिया। यह कार्यक्रम टी वी ५ द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
https://youtu.be/yg8gvM4kvyU?t=52s
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२६ नवंबर २०१६ को अग्निहोत्र शाला की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने राजमुन्दरी के अग्नि गोत्र शाला को अनुग्रहित किया एवं अग्निहोत्री परिवार को आशीर्वाद दिया।
श्री आदी शंकरा भगवद्पादाचार्य ने अपने श्लोक " सोपान पंचकम्" मे जन कल्यान के लिये ४० उपदेश दिये हैं जिसमें से प्रथम दो वेदों नित्यमदीयताम् तदुदितम् कर्म स्वनुष्तीयतम् मे है। इसका अर्थ है की मनुष्यों को प्रतिदिन वैदिक कार्य करना चाहिये । आज के काल मे श्री शंकरा के इस उपदेश का पालन अग्निहोत्रियों द्वारा किया जाता है।
श्रद्देय स्वामीजी का विशेष रूप से मानना है की अग्निहोत्रियों द्वारा किये गये यग्यों का लाभ सभी के लिये है। इसलिये प्रतिवर्ष चातुर्मास मे अग्निहोत्र सदा का आयोजन किया जाता है।
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२६ नवंबर २०१६ को शिवा विष्णू मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने राजमुन्दरी के दीवान चेरुवु मे स्थित श्री शिवा विष्णू मंदिर की यात्रा की।श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत ,पारंपरिक पूर्णकुंभ से किया गया।सभी सन्निधियों मे दीपाराधना किया गया।
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२६ नवंबर २०१६ को वल्लभ गणपति मंदिर की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने राजमुन्दरी के श्री वल्लभ गणपति मंदिर की यात्रा की।श्री सामवेद शनमुग शर्मा ने श्रद्देय स्वामीजी की मंदिर मे स्वागत की।
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२६ नवंबर २०१६ को वेद पाठशाला की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने राजमुन्दरी के वेद पाठशाला को अनुग्रहित किया।श्रद्देय स्वामीजी ने विद्यार्थियो, भक्तों ,अद्यापको को अनुग्रह भाषण एवं आशीर्वाद दिया।
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२५-२७ नवंबर २०१६ को राजमुन्दरी मे श्रीमठम् कैंप श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , २५ से २७ नवंबर २०१६ तक रहे थे।
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२५ दिसंबर २०१६ को सिकन्दराबाद मे आराधना महोत्सव श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिगल - श्री काँची कामकोटी पीठम् के ६८ वे आचार्य का आराधना महोत्सव २५ दिसंबर २०१६ को श्री काँची कामकोटी शंकर मंदिर हनुमान मंदिर ,स्कन्दगिरी ,सिकन्दराबाद मे मनाया जायेगा।
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१७-२९ दिसंबर २०१६ को सिकन्दराबाद मे हनुमत्जयंती श्री काँची कामकोटी शंकर मंदिर हनुमान मंदिर ,स्कन्दगिरी ,सिकन्दराबाद मे १७ से २९ दिसंबर २०१६ तक हनुमत् जयंती मनाया जायेगा।
उत्सव का आरंभ ,१७ दिसंबर २०१६ को श्री गणपति लक्षारचना के साथ किया जायेगा एवं २९ दिसंबर को हनुमत् जयंती के दिन विशेष पूजाओं के साथ समाप्ति किया जायेगा।
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२३-२५ दिसंबर २०१६ को श्रद्देय पूज्यश्री महास्वामीगल का २३वाँ आराधना महोत्सव २५ दिसंबर २०१६ को श्रद्देय पूज्यश्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती महास्वामिगल- श्री काँची कामकोटी पीटम् के ६८ वे स्वामीजी ,का २३ वाँ आराधना महोत्सव ,श्रीमटम् के पवित्र वृन्दावन मे मनाया जायेगा।
२३ दिसंबर २०१६ ,शुक्रवार को आराधना महोत्सव पेरारंभ होगा । इन सभी दिनों को वेद पारायण ,वेद विद्वत सदा,भजन एवं धार्मिक प्रवचनों का आयोजन किया गया है।
आराधना के दिन(२५/१२/२०१६) को प्रात:काल ७ बजे से जन कल्याण के लिये एकादश रुद्र जाप एवं विशेष होम का आयोजन किया गया है। वृन्दावन मे दोपहर १२ से १ तक वसोरदरा,पूर्नाहूती एवं महाभिषेक किया जायेगा।सुबह ९ बजे पँचरत्न क्रिती प्रारंभ होगा।
भक्तजनों से निवेदन है की इसमे भाग लेकर श्रद्देय स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त करे।
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दैवत्तिन कुरल श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से दैवत्तिन कुरल अब भक्तजनों द्वारा अंग्रेज़ी एवं तमिल के आडियो मे उप्लब्द है। http://www.kamakoti.org/kamakoti/audio/DeivattinKural/Deivattin-Kural-Tamil-English-Audio.htmld
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५ दिसंबर २०१६ को भीमावरम् मे सुब्रमन्य शष्टि ५ दिसंबर २०१६ को श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने पाठशाला के विद्यार्थियों को आन्द्र प्रदेश मे सुब्रमन्य शष्टि के अवसर पर आशीर्वाद दिया।अद्यापको को भी श्रद्देय स्वामीजी ने आशीर्वाद दिया।
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६ दिसंबर २०१६ , मछिलीपट्टनम् मे श्रीमटम् कैंप श्रद्देय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , ६ दिसंबर २०१६ को मछिलीपट्टनम् के शंकर मटम् पहुँचे।
वेद विद्यार्थियों ने प्रात:काल पूज्यश्री आचार्यों के उपस्थिति मे वेद मंत्र जापा।
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श्री देवी कामाक्षी मंदिर, दिल्ली में वार्षिक लक्षारचना श्री देवी कामाक्षी मंदिर, दिल्ली में वार्षिक लक्षारचना, सोमवार २८ नवंबर २०१६ को प्रारंभ हुआ एवं शनिवार १० दिसंबर २०१६ को समाप्त होगा।
लक्षारचना के अवसर पर सुबह शाम,सहस्रनाम अर्चना किया जायेगा।
प्रातःकाल को शोदस तिथि नित्य होम किया जाएगा।
पिछले वर्ष के ही समान ,संध्याकालीन समय श्री देवी कामाक्षी की विशेष अलंकार की जाएगी। इसका विवरण नीचे दिया गया है।
कार्तिक मास पूर्णिमा(१३ दिसम्बर २०१६)
प्रातःकाल, दस कलश एकवार रूद्र जप अभिषेक, तत्पश्चहात् दीपराधना एवं नववर्ण पूजा किया जाएगा।
११ दिसंबर २०१६ को लक्षारचना के समाप्ति के पश्चात् कार्तिक मास चण्डी होम किया जायेगा।
१३ दिसंबर २०१६ ,मंगलवार को सर्वालय दीप है।
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२९ नवंबर को यानम की यात्रा श्रद्धेय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकरचार्या स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकरचार्या स्वामीजी ने कार्तिक मास्य अमावास्या स्नान , यानम में किया जहाँ गोदावरी नदी एवं बंगाल की खाड़ी मिलते हैं।यानम , पुदुच्चेरी का हिस्सा है।श्रद्देय स्वामीजी समर्लकोटा से प्रात:काल निकले एवं ७.३० बजे तक यानम पहुँचे। श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत पुरोहित एवं भक्तजनों ने किया।अक्षय निधी डिपार्टमेट ने स्नान की व्यवस्था की थी। भक्तजनों ने भी स्वामीजी के साथ इस पुण्य स्नान मे भाग लिया।
तत्पश्चात ,श्रद्देय स्वामीजी ने नदी तट पर शिवलिंग पूजा किया एवं उस लिंग को "चन्द्रँमौलीश्वर " नाम दिया। वहाँ के स्थानीय लोगों ने उस लिंग को श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से प्रतिष्ठित करके यानम मे एक मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा है।
श्रद्देय स्वामीजी उसके पश्चात् समरकोट मे श्रीमटम् कैंप वापस आए एवं पूजा किये।
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२९ नवंबर को यानम की यात्रा श्रद्धेय पूज्यश्री जयेन्द्र सरस्वती शंकरचार्या स्वामीजी एवं श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेंद्र सरस्वती शंकरचार्या स्वामीजी ने कार्तिक मास्य अमावास्या स्नान , यानम में किया जहाँ गोदावरी नदी एवं बंगाल की खाड़ी मिलते हैं।यानम , पुदुच्चेरी का हिस्सा है।श्रद्देय स्वामीजी समर्लकोटा से प्रात:काल निकले एवं ७.३० बजे तक यानम पहुँचे। श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत पुरोहित एवं भक्तजनों ने किया।अक्षय निधी डिपार्टमेट ने स्नान की व्यवस्था की थी। भक्तजनों ने भी स्वामीजी के साथ इस पुण्य स्नान मे भाग लिया।
तत्पश्चात ,श्रद्देय स्वामीजी ने नदी तट पर शिवलिंग पूजा किया एवं उस लिंग को "चन्द्रँमौलीश्वर " नाम दिया। वहाँ के स्थानीय लोगों ने उस लिंग को श्रद्देय स्वामीजी के आशीर्वाद से प्रतिष्ठित करके यानम मे एक मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा है।
श्रद्देय स्वामीजी उसके पश्चात् समरकोट मे श्रीमटम् कैंप वापस आए एवं पूजा किये।
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२५ नवंबर २०१६ को अन्नावरम् पाठशाला की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , ने विशाखापत्तनम् से राजमुन्दरी जाते समय अन्नावरम् देवस्थान के "सीता सदन" मे रात्रि पड़ाव डाला।वहाँ श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत ,मंदिर के अर्चकों,पंडितों,चैरमेन एवं ई ओ ने किया।
२५ तारिक को प्रात: काल, श्रद्देय स्वामीजी को पाठशाला बिल्डिंग बनाने के लिये निर्धारित स्थान दिखाया गया।चैरमेन,ई ओ एवं वास्तुकार ने ,श्रद्देय स्वामीजी को योजना का विवरण दिया एवं श्रद्देय स्वामीजी से आशीर्वाद लिया।श्रद्देय स्वामीजी तत्पश्चात् ,राजमुन्दरी के लिये निकल पड़े।
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२४ नवंबर २०१६ को युनी की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती स्वामीजी , तुनी स्वामी के आश्रम गये।यह आश्रम ताण्डव नदी के तट पर तुनी शहर मे स्थित है।
तुनी स्वामी ने श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत किया एवं आश्रम दिखाने ले गये।श्रद्देय स्वामीजी के दिव्य पादुकाओं का पाद पूजा किया गया।श्रद्देय स्वामीजी ने अनुग्रह भाषण दिया ।
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२५ नवंबर २०१६ को अन्नावरम् पाठशाला की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी , ने विशाखापत्तनम् से राजमुन्दरी जाते समय अन्नावरम् देवस्थान के "सीता सदन" मे रात्रि पड़ाव डाला।वहाँ श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत ,मंदिर के अर्चकों,पंडितों,चैरमेन एवं ई ओ ने किया।
२५ तारिक को प्रात: काल, श्रद्देय स्वामीजी को पाठशाला बिल्डिंग बनाने के लिये निर्धारित स्थान दिखाया गया।चैरमेन,ई ओ एवं वास्तुकार ने ,श्रद्देय स्वामीजी को योजना का विवरण दिया एवं श्रद्देय स्वामीजी से आशीर्वाद लिया।श्रद्देय स्वामीजी तत्पश्चात् ,राजमुन्दरी के लिये निकल पड़े।
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२४ नवंबर २०१६ को श्रद्देय स्वामीजी की वैजाक स्टील प्लान्ट मे शिवालयम् की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ,ने वैजाक स्टील प्लान्ट के अन्दर स्थित शिवालयम् को अनुग्रहित किया।श्रद्देय स्वामीजी का स्वागत कारपरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया गया।उनके साथ सी एम डी श्री मधुसूदन भी थे।भक्तजनों ने कोलाट्टम् एवं भजन प्रस्तुत किया।श्रद्देय स्वामीजी ने मंदिर की प्रदक्षिना की एवं विशेष रूप से वहाँ मंदिर मे बनाया गये विभिन्न पौराणिक घटनाओं पर आधारित चित्रों को देखा।सभी स्थानों पर विशेष आरती की गयी। श्रद्देय स्वामीजी ने भक्तजनों को अनुग्रह भाषण एवं आशीर्वाद दिया।
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२४ नवंबर २०१६ को पद्मशाली कम्यूनिटी हाल की यात्रा श्रद्देय पूज्यश्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामीजी ने नवनिर्मित पद्मशाली कम्यूनिटी हाल को अनुग्रहित किया।यह स्थान ,विशाखापत्तनम् मे शंकर मटम् के सामने ही स्थित है।श्रद्देय स्वामीजी ने भक्तजनों को अनुग्रह भाषण दिया।
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श्रीमटम् कैंप का आन्द्र प्रदेश मे कार्यक्रम १-३ दिसंबर- काकीनाड़ा
४-५ दिसंबर-अईभीमावरम्
६-७ दिसंबर-मछिलीपट्टनम्
८ दिसंबर-विजयवाडा
९-१० दिसंबर-ओंगोल
११-१४ दिसंबर-नेल्लूर
१५ दिसंबर से तिरुपती
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